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मुद्रा दरें

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जून की शुरुआत से यूएसडीटी आपूर्ति में वृद्धि नहीं होने का कारण

विदेशी मुद्रा जमा आकर्षित करने को रिजर्व बैंक ने बढ़ाईं ब्याज दरें

रिजर्व बैंक की इस घोषणा के बाद बैंक अब विदेशी मुद्रा में एनआरआई जमा पर ज्यादा ब्याज दर की पेशकश कर सकेंगे। एक अन्य अधिसूचना में रिजर्व बैंक ने निर्यात वित्त पर ब्याज दरों को नियंत्रणमुक्त कर दिया। इससे निर्यातक विदेशी मुद्रा में धन आसानी से जुटा सकेंगे और ब्याज पर किसी तरह की सीमा का बंधन नहीं होगा।

केंद्रीय बैंक ने यह कदम रुपये में आ रही गिरावट को थामने के लिए उठाया। रुपया आज 53.47 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

इस संबंध में जारी सूचना में रिजर्व बैंक ने कहा, ‘विदेशी मुद्रा प्रवासी भारतीय खाता यानी एफसीएनआर (बी) जमा खाते में ब्याज दर की अधिकतम सीमा को 1.25 प्रतिशत से बढ़ाकर दो प्रतिशत किया गया है। यह ब्याज दर लंदन इंटरबैंक दर (लिबर) अथवा स्वैप दर के उपर एक से तीन साल की जमा पर और तीन से पांच साल की जमा पर तीन प्रतिशत होगी।’

5 लाख रुपये तक का मुद्रा लोन केवल 2 प्रतिशत ब्याज पर, ऐसा कोई मैसेज आए तो हो जाएं सावधान, ये हैं शिशु, किशोर और तरुण मुद्रा लोन की ब्याज दरें

5 लाख रुपये तक का मुद्रा लोन केवल 2 प्रतिशत ब्याज पर, ऐसा कोई मैसेज आए तो हो जाएं सावधान, ये हैं शिशु, किशोर और तरुण मुद्रा लोन की ब्याज दरें

2 प्रतिशत ब्याज पर 1 से 5 लाख रुपये तक का मुद्रा लोन देने का मैसेज अगर आपके मोबाइल फोन पर आए तो सावधान हो जाएं। यह फर्जी मैसेज है और अगर आपने इसमें दिए हुए लिंक को खोला या बैंक खाता, आधार, पैन जैसी कोई जानकारी साझा की तो आप धोखाधड़ी के शिकार हो सकते हैं। आजकल धोखाधड़ी के उद्देश्य से भेजे गए एक सन्देश में यह दावा किया जा रहा है कि मुद्रा योजना के तहत 2% ब्याज पर 1 से 5 लाख रुपए तक का लोन मिल रहा है। पीआईबी फैक्ट चेक ने इसे फर्जी बतर या है।

एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने 2022-23 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान में की कटौती

एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने 2022-23 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान में की कटौती

भारत की जीडीपी वृद्धि दर वर्ष 2021 में 8.5 प्रतिशत रही थी.

ग्लोबल एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने सोमवार को भारत की आर्थिक वृद्धि दर अनुमान को घटाकर सात प्रतिशत कर दिया है. हालांकि, एजेंसी ने यह भी कहा कि घरेलू मांग की वजह से अर्थव्यवस्था पर वैश्विक सुस्ती का प्रभाव कम होगा. इससे पहले एजेंसी ने सितंबर महीने में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि दर 2022-23 में 7.3 प्रतिशत और 2023-24 में 6.5 प्रतिशत रहने की संभावना जताई मुद्रा दरें थी. एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के एशिया प्रशांत क्षेत्र के मुख्य अर्थशास्त्री लुइस कुइज्स ने कहा, वैश्विक नरमी का भारत जैसी घरेलू मांग आधारित अर्थव्यवस्थाओं पर कम मुद्रा दरें प्रभाव पड़ेगा.

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वित्त वर्ष 2022-2023 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर सात प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष में छह प्रतिशत रहने का अनुमान है. वहीं, भारत की जीडीपी वृद्धि दर वर्ष 2021 में 8.5 प्रतिशत रही थी.

एसएंडपी ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिए इस तिमाही आर्थिक रिपोर्ट में कहा कि कुछ देशों में कोविड के बाद मांग में जो सुधार हो रहा है, उसमें और तेजी की उम्मीद है. इससे भारत में अगले साल आर्थिक वृद्धि को समर्थन मिलेगा. रेटिंग एजेंसी ने मुद्रास्फीति के बारे में कहा कि यह चालू वित्त वर्ष में औसतन 6.8 प्रतिशत रहेगी और भारतीय रिजर्व बैंक की मानक ब्याज दर मार्च 2023 में बढ़कर 6.25 प्रतिशत होने की संभावना है.

आरबीआई महंगाई को काबू में मुद्रा दरें लाने के लिये पहले ही नीतिगत दर 1.9 प्रतिशत बढ़ा चुका है. इससे प्रमुख नीतिगत दर रेपो तीन साल के उच्च स्तर 5.9 प्रतिशत पर पहुंच गई है. देश की मुद्रा दरें थोक और खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर महीने में घटी है. रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण आपूर्ति संबंधी बाधाओं से यह लगभग पूरे साल संतोषजनक स्तर से ऊपर रही है. पिछले महीने उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर तीन महीने के निचले स्तर 6.7 प्रतिशत रही जबकि थोक मुद्रास्फीति 19 महीने के निम्न स्तर 8.39 प्रतिशत पर आ गई है.

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