नौसिखिया निवेशक के लिए एक गाइड

एक विकल्प का न्यूनतम मूल्य क्या है

एक विकल्प का न्यूनतम मूल्य क्या है
  • 14 वर्ष की पॉलिसी – 10वीं और 12वीं वर्ष प्रत्येक बीमित राशि का 30%
  • 16 साल की पॉलिसी – 12वें और 14वें साल सम एश्योर्ड का 35%-35%
  • 18 साल की पॉलिसी – 14वां और 16वां साल 40 – सम एश्योर्ड का 40 प्रतिशत
  • 20 साल की पॉलिसी – 16वें और 18वें साल सम एश्योर्ड का 45-45%। Photo By Google

यूनियन मोर्टगेज

1.1 व्यक्तिगत आवश्यकताओं यथा विवाह, उच्च शिक्षा, व्यवसाय यात्रा, चिकित्सा आपात या अन्य कोई अप्रत्याशित व्यय.

1.2 जमानती ओवरड्राफ्ट को चलनिधि वित्त के रूप में अनुमति दी जा सकती है.

1.3 कम ब्याज दर का लाभ लेने के लिए, ग्राहक अन्य बैंकों / वित्तीय संस्थानो से मौजूदा ऋणों के टेकओवर के लिए आवेदन कर सकते हैं.

2. मोर्टगेज ऋण पात्रता

2.1 भारतीय नागरिक (निवासी और अनिवासी दोनों) जिनकी नियमित आय हों और उसके पास गैर कृषि (आवासीय/व्यापारिक/औद्ध्योगिक) संपत्ति हो.

2.2 न्यूनतम आयु- 18 वर्ष और अधिकतम आयु - 75 वर्ष.

2.3 व्यक्ति अकेले या अन्य पात्र व्यक्तियों के साथ संयुक्त रूप से आवेदन कर सकते हैं.

3. ऋण की प्रमात्रा

3.1 न्यूनतम - रु.5 लाख

3.2 अधिकतम- भारतीय निवासी- - रु.10 करोड़ और अनिवासी भारतीय – रु.5 करोड़

4. मोर्टगेज ऋण मार्जिन

4.1 नवीनतम मूल्यांकन रिपोर्ट के अनुसार गिरवी रखी गई संपत्ति के उचित बाज़ार मूल्य का 50% .

5. सुविधा का स्वरूप

6. पुनर्भुगतान
मियादी ऋण:

6.1 अधिकतम पुनर्भुगतान अवधि निम्नलिखिततीन में से न्यूनतम होगी:

6.1.1 15 वर्ष (180 महीने)

6.1.2 शेष अवधि जब तक उधारकर्ता 75 वर्ष की आयु प्राप्त नहीं कर लेता

6.1.3 संपत्ति के शेष जीवन से 5 वर्ष पहले

ओवरड्राफ्ट:

6.2 15 वर्ष की अधिकतम अवधि(180 महीने)

6.3 निर्धारित राशि के साथ प्रत्येक महीने से सीमा कम हो जाएगी ताकि ऋण की अवधि में कुल मूलधन चुकाया जा सके.

6.4 ऋण सीमा के वास्तविक उपयोग के आधार पर ब्याज की गणना की जाएगी और एक विकल्प का न्यूनतम मूल्य क्या है प्रत्येक महीने कटौती की जाएगी और इसका मासिक आधार भुगतान किया जाएगा.

6.5 संपत्ति के शेष जीवन से 5 वर्ष पहले खाते को समायोजित किया जाना है.

7. अधिस्थगन

7.1 योजना के अंतर्गत कोई अधिस्थगन अवधि की अनुमति नहीं है.

8. बंधक ऋण की ब्याज दर

8.1 नवीनतम ब्याज दरों के लिए कृपया यहाँ Please click here क्लिक करें.

8.2 मूल्यांकन / विधिक / स्टांप शुल्क/ सरसाई / वास्तविक के अनुसार पंजीकरण शुल्क.

9. पूर्वभुगतान दंड

9.1 कोई पूर्वभुगतान दंड नहीं.

10. प्रतिभूति

10.1 आवासीय/ वाणिज्यिक संपत्ति जो उधारकर्ता(ओं) के नाम पर हो.

10.2 केवल नगरपालिका सीमा के अंदर आने वाले मेट्रो/शहरी/अर्धशहरी क्षेत्रों में स्थित संपत्ति होनी चाहिए.

10.3 संपत्ति के सभी सह-स्वामी(यों) को सह-आवेदक(कों) होना आवश्यक है.

10.4 खुला भूभाग /भूमि स्वीकार्य नहीं है.

11. गारंटी

11.1 निवासी भारतीय के लिए तृतीय पक्ष गारंटी अनिवार्य नहीं.

11.2 एनआरआई आवेदक द्वारा एक स्थानीय निवासी भारतीय की गारंटी जो ऋण राशि के बराबर हो, प्रदान की जानी चाहिए.

12. बीमा

12.1 संपत्ति का बीमा किया जाना चाहिए जो जिसका मूल्य संपत्ति के मूल्य (भूमि की लागत ) से कम न हो और बैंक खंड के अनुसार सभी जोखिम शामिल हों.

**अधिक जानकारी के लिए हमारी नजदीकी शाखा से संपर्क करें**

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफ़एक्यू) : यूनियन मोर्टगेज

  1. यूनियन मोर्टगेज ऋण के संवितरण हेतु आवश्यक सामान्य समयसीमा क्या है?

उत्तर: . आवश्यक दस्तावेज़ और कागजात जमा करने के बाद यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से मोर्टगेज ऋण स्वीकृत होने में केवल 7 कार्य दिवस लगते हैं.

उत्तर: ईबीएलआर का पूर्ण रूप एक्सटर्नल बेंचमार्क लैंडिंग रेट है. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने रेपो दर अपनाया है क्योंकि 01.10.2019 से अपने फ्लोटिंग रेट होम लोन को एक्सटर्नल बेंचमार्क से लिंक किया है.

उत्तर: एक्सटर्नल बेंचमार्क को तीन महीने में कम से कम एक बार बैंक/ आरबीआई द्वारा निर्धारित किसी अन्य आवृति पर रीसेट किया जाएगा.

  1. मैं यूनियन मोर्टगेज ऋण के लिए आवेदन कैसे कर सकते हूँ?

उत्तर:- आप अपनी नजदीकी शाखा से आवेदन पत्र प्राप्त कर सकते हैं या इसे हमारी वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं और इसे दस्तावेजों और प्रसंस्करण शुल्क चेक के साथ किसी भी यूनियन बैंक ऑफ इंडिया शाखा में जमा कर सकते हैं. इसके अलावा, आपके पास हमारी वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करने का विकल्प है.

  1. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया उस ऋण राशि का निर्धारण कैसे करेगी जिसके लिए मैं पात्र हूँ?

उत्तर- हम प्रमुख रूप से आपकी आय और पुनर्भुगतान क्षमता के आधार पर मोर्टगेज ऋण पात्रता का निर्धारण करेंगे. अन्य महत्वपूर्ण कारकों में आपकी आयु, सह -आवेदक की आय, आपके की ओर से मार्जिन, व्यवसाय की निरंतरता और क्रेडिट सूचना ब्यूरो (सिबिल/एक्सपेरियन) आदि ट्रैक रिकॉर्ड शामिल हैं.

उत्तर: एक उधारकर्ता के लिए इसे बेहतर ढंग से समझने के लिए ,होम लोन के लिए दो प्रकार के बीमा कवर उपलब्ध हैं:

  • संपत्ति बीमा: अप्रत्याशित क्षति और प्राकृतिक एक विकल्प का न्यूनतम मूल्य क्या है आपदाओं के कारण संपत्ति को किसी भी नुकसान के प्रति बैंक के हितों की रक्षा के लिए, बीमा कवर अनिवार्य है. संपत्ति बीमा पॉलिसी को संरचना के साथ -साथ इसकी सामाग्री या संपत्ति को भी कवर करना चाहिए.
  • देयता बीमा या जीवन बीमा: यह वैकल्पिक है और पूरी तरह से उधारकर्ता के विवेक पर निर्भर करता है हालांकि हमेशा देयता/जीवन बीमा कवर लेने की सलाह दी जाती है ताकि किसी भी दुर्भाग्यपूर्ण घटना के मामले में परिवार के सदस्यों को नुकसान न हो. इसके अलावा, बैंक नें विभिन्न बीमा प्रदाताओं के साथ भी करार किया है ताकि उसके ग्राहकों को उचित प्रीमियम के साथ उपयुक्त उत्पाद उपलब्ध हो सके.
  1. संपत्ति के बाजार मूल्य का क्या तात्पर्य है?

उत्तर- बाजार मूल्य का तात्पर्य उस अनुमानित राशि से है जो बैंक स्वीकृत स्वतंत्र मूल्यांकर्ता द्वारा अनुमानित प्रचलित बाजार स्थितियों के अनुसार संपत्ति पर प्राप्त होने की उम्मीद होती है.

उत्तर - एक संपत्ति पर ऋण- भार का अर्थ देयताओं जैसे अदेय ऋण एवं बिलों के कारण संपत्ति पर दावों या शुल्क है. यह महत्वपूर्ण है कि आपके घर की खोज के दौरान आप उन सम्पत्तियों पर विचार करें जो किसी भी प्रकार के ऋण- भार से मुक्त है.

  1. क्या मेरे द्वारा किसी अन्य बैंक/हाउसिंग फ़ाइनेंस कंपनी से लिए गए होम लोन के अधिग्रहण/पुनर्भुगतान के लिए यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से ऋण के लिए आवेदन किया जा सकता है?

उत्तर- हाँ, आप किसी अन्य बैंक/हाउसिंग फ़ाइनेंस से आपके द्वारा लिए गए होम लोन को चुकाने के लिए हमें ऋण के लिए आवेदन कर सकते हैं. अधिक जानकारी के लिए हमारी निकटतम शाखा/कार्यालय से संपर्क करें

निर्णयन का अर्थ, परिभाषा, प्रकार, महत्व एवं प्रक्रिया

निर्णयन का शाब्दिक अर्थ, किसी निष्कर्ष पर पहुचने से लगाया जाता है। व्यवसाय में प्रवर्तन से समापन तक निर्णय ही लेने पड़ते हैं। प्रबन्धकों को उपलब्ध विभिन्न विकल्पों में से श्रेष्ठतम विकल्प का चयन करना पड़ता है जिससे न्यूनतम लागत पर, कम समय में, कुशलतापूर्वक कार्यों को सम्पन्न किया जा सके। पीटर एफ. ड्रकर के शब्दों में, ‘‘एक प्रबन्धक जो भी क्रिया करता है वह निर्णय पर आधारित होती है।उसे निर्णय लेकर ही अपने कर्तव्यों का निष्पादन करना पड़ता है। कब व्यवसाय प्रारम्भ करें? कितने लोगों को काम पर लगायें? किस वस्तु का उत्पादन करें? कच्चा माल कहॉं से क्रय करें? निर्मित माल की बिक्री कहाँ करें? आदि निर्णयन ही तो है।

निर्णयन परिभाषा

  1. आर.एस.डाबर के शब्दों में ‘‘निर्णयन को दो या अधिक विकल्पों में से एक आचरण विकल्प का किसी सिद्धान्त के आधार पर चुनाव करने के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।निर्णय लेने का आशय काम समाप्त करना या व्यावहारिक भाषा में किसी निष्कर्ष पर पहुँचना ।
  2. कून्टज एवं ओडोनेल के अनुसार, ‘‘शब्दों एक क्रिया को करने के विभिन्न विकल्पों में से किसी एक का वास्तविक चयन है। यह नियोजन की आत्मा है।’’
  3. जी.एल.एस. शेकैल के अनुसार, ‘‘निणर्य लेना रचनात्मक मानसिक क्रिया का वह केन्द्र बिन्दु होता है जहॉं ज्ञान विचार भावना एक विकल्प का न्यूनतम मूल्य क्या है तथा कल्पना कार्यपूर्ति के लिए एकत्र किये जाते हैं।
  4. अर्नेस्ट डेल - ‘‘प्रबधंकीय निर्णयों से आशय उन निर्णयों से है जो प्रबंध संबंधी प्रत्येक क्रिया नियोजन, संगठन, स्टाकिंग, नियंत्रण, नव प्रवर्तन तथा प्रतिनिधित्व करना आदि के निश्पादन के लिए आवश्यक होते हैं।’’
  5. जार्ज टैटी - ‘‘निर्णयन मापदण्डों पर आधारित दो या दो से अधिक संभावित विकल्पों में से किसी एक विकल्प का चयन है।’’
  6. हर्बर्ट साइमन - ‘‘निर्णयन के अन्तर्गत तीन प्रमुख अवस्थायें समाहित होती हैं - कार्य करने के अवसरों का पता लगाना, कार्य के सम्भावित क्रमों का पता लगाना तथा कार्य के सम्भावित क्रमों में से चयन करना।
  7. हाज एवं जॉनसन -’’उपलब्ध विभिन्न विकल्पों में से एक विशेष विकल्प का चयन करना ही निर्णयन कहलाता है।’’

निर्णयन के प्रकार

  1. प्रमुख व गौण निर्णय
  2. अनियोजित एवं नियोजित निर्णय
  3. संगठनात्मक एवं व्यक्तिगत निर्णय
  4. नैतिक एवं व्यूह रचना संबंधी निर्णय
  5. व्यक्तिगत एवं सामूहिक निर्णय
  6. नीति विषयक निर्णय एवं संचालन संबंधी निर्णय

प्रमुख व गौण निर्णय -

जब किसी महत्वपूर्ण विष्ज्ञय पर निणर्य लिये जाते हैं तो इसे प्रमुख निर्णय कहते हैं। इसे आधारभूत निर्णय या महत्वपूर्ण निर्णय भी कहते हैं। भूमि क्रय करना, संयंत्र क्रय करना, वस्तु का मूल्य निर्धारित करना आदि निर्णय इस वर्ग में आते हैं। ऐसे निर्णयों के लिये अत्यधिक सावधानी एक विकल्प का न्यूनतम मूल्य क्या है की आवश्यकता होती है। जब सामान्य मामलों के संबंध में निर्णय लिये जाते हैं जिसके लिए अधिक सोच विचार करने की आवश्यकता नहीं होती है तो ऐसे निर्णयों को गौण निर्णय कहते हैं। इनमें स्टेशनरी क्रय करना, फोन के बिलों का भुगतान करना आदि आते हैं।

अनियोजित एवं नियोजित निर्णय -

ऐसे निर्णय जो किसी परिस्थिति विशेष पर अकस्मात लेने पड़ते हैं जिसके लिए कोई पूर्व योजना नहीं होती है अनियोजित निर्णय कहलाते हैं। इसके विपरीत ऐसे निर्णय जो किसी पूर्व येाजना पर आधारित होते हैं, नियोजित निर्णय कहलाते हैं। नियोजित निर्णय ठोस तथ्यों पर आधारित होते हैं क्योंकि यह पूर्व निर्धारित योजना पर आधारित होते हैं।

संगठनात्मक एवं व्यक्तिगत निर्णय -

ऎसे निणर्य जो संगठन को प्रत्यक्षत: प्रभावित करते हैं। यह संगठन के पदाधिकारी के रूप में लिये गये होते हैं तो ऐसे निर्णय को संगठनात्मक निर्णय कहते हैं। दूसरे शब्दों में किसी संगठन में कार्यरत व्यक्ति द्वारा अपने पद के कारण जो निर्णय लेने पड़ते हैं जिससे संगठन प्रभावित होता है संगठनात्मक निर्णय कहलाते हैं। इसके विपरीत व्यक्ति द्वारा लिये गये ऐसे निर्णय जिससे व्यक्ति का व्यक्तिगत जीवन प्रभावित होता है व्यक्तिगत निर्णय कहलाते हैं। माल कब क्रय करना है? कितना क्रय करना है? आदि संगठनात्मक निर्णय है। आज कहॉं जाना है किस मित्र से मिलना है? आदि व्यक्तिगत निर्णय है।

नैतिक एवं व्यूह रचना संबंधी निर्णय -

ऐसे निर्णय जो दिन प्रतिदिन के कार्यों से सम्बन्धित होते हैं नैतिक निर्णय कहलाते हैं। इन्हें सामान्य निर्णय भी कहते हैं। जैसे दिहाड़ी मजदूर को किया जाने वाला मजदूरी भुगतान। व्यूह रचना संबंधी निर्णय लेना व्यवसाय के लिए कठिन होता है। यह व्यवसाय के भविष्य को प्रभावित करते हैं तथा सम्पूर्ण संगठन को प्रभावित करता है। ऐसे निर्णय प्रतिद्वन्दियों को पराजित करने तथा व्यावसाय विषम परिस्थितियों में भी सफलता से संचालित करने हेतु किये जाते हैं।

व्यक्तिगत एवं सामूहिक निर्णय -

ऐसे निर्णय जो केवल एक व्यक्ति द्वारा लिये जाते हैं व्यक्तिगत निर्णय कहलाते हैं। एकल स्वामित्व व्यवसाय में लिये जाने वाले निर्णय व्यक्तिगत निर्णय कहलाते हैं। ऐसे निर्णय जो एक समूह द्वारा जैसे अधिकारियों एवं कर्मचारियों के समूह, द्वारा लिये जाते हैं, सामूहिक निर्णय कहलाते हैं।

नीति विषयक निर्णय एवं संचालन संबंधी निर्णय -

नीति विषयक निर्णय संगठन के शीर्ष प्रबंध द्वारा लिये जाते हैं । यह संगठन की आधारभूत नीतियों से संबंधित होते हैं। लाभाशं की दर निर्धारित करना? कर्मचारियों को प्रशिक्षण देना आदि नीति विषयक निर्णयों की श्रेणी में आते हैं। संचालन संबंधी निर्णय निम्नस्तरीय प्रबंधकों द्वारा लिये जाते हैं। किस व्यक्ति को कौन सा काम करना है? कितना काम आज हो जाना चाहिए? आदि संचालन संबंधी निर्णय ही हैं।

निर्णयन का महत्व

सभी क्षेत्रों में निर्णयन की आवश्यकता पड़ती है। प्रत्येक परिस्थिति में प्रबंधकों द्वारा लिये गये निर्णय सही होने चाहिए तथा जिस उद्देश्य की पूर्ति हेतु निर्णय लिये गये हैं उनकी पूर्ति होनी चाहिए। एक गलत निर्णय जीवन को संकट में ला सकता है। सही निर्णयन क्षमता ही व्यावसायिक सफलता का आधार होती है। लिये गये सटीक निर्णय प्रगति के पथ पर ले जाते हैं ।

निर्णयन प्रक्रिया

  1. समस्या को परिभाषित करना
  2. समस्या का विश्लेषण करना
  3. वैकल्पिक हलों पर विचार करना
  4. सर्वश्रेष्ठ विकल्प का चयन करना

समस्या को परिभाषित करना -

निर्णयन का प्रथम चरण समस्या को परिभाषित करना है। समस्या की प्रकृति कैसी है? इसका स्वरूप कैसा है? यह कितनी मात्रा में संगठन को प्रभावित करती है? आदि प्रमुख बिन्दु पर विचार किया जाता है। समस्या को परिभाषित करना ठीक उसी प्रकार है जिस प्रकार किसी बीमारी को पता लगाने हेतु चिकित्सकीय परीक्षण किये जाते हैं और बीमारी का सही सही पता लगाया जाता है। इसके पश्चात ही बीमारी के उपचार हेतु औषधि दी जाती है। इसी प्रकार निर्णयन के प्रथम चरण में समस्या को सुपरिभाषित किया जाता है जिससे समस्या के सम्बन्ध में सही सही निर्णय लिये जा सकें।

LIC Policy: करोड़पति बनना चाहते हैं? केवल 4 वर्षों के लिए प्रीमियम का भुगतान करके 1 करोड़ रुपये प्राप्त करें

LIC Policy: अधिकांश लोग एक गुणवत्तापूर्ण जीवन बिताना चाहते हैं। हालांकि, गुणवत्तापूर्ण जीवन आमतौर पर एक महंगा प्रयास है जिसके लिए सावधानीपूर्वक वित्तीय नियोजन की आवश्यकता होती है। केवल पॉश शहरों में ही नहीं, बल्कि बदहाली वाले शहरों में भी आर्थिक संतुलन बनाए रखना एक सबसे जरूरी विकल्प हो गया है।

शेयर बाजार लाभ के लिए कई संभावनाएं प्रदान करता है, लेकिन जीवन शिरोमणि योजना एक बेहतर विकल्प है यदि आप ऐसी जगह निवेश करना चाहते हैं जहां आपका पैसा सुरक्षित हो और आपका रिटर्न अधिक मिले। आप केवल एक रुपये का निवेश करते हैं तो भी आप इस योजना से बहुत लाभ प्राप्त कर सकते हैं। ‘जीवन शिरोमणि योजना’ के रूप में जानी जाने वाली यह योजना सुरक्षा और बचत दोनों प्रदान करती है।

एलआईसी द्वारा दी जाने वाली जीवन शिरोमणि योजना लाभ एक गैर-लिंक्ड योजना है। ऐसे में आपको कम से कम 1 करोड़ रुपये की गारंटी दी जाएगी। कार्यक्रम के तहत न्यूनतम रिटर्न वास्तव में 1 करोड़ रुपये है। पिछले उदाहरण में, अगर आपने 14 साल के लिए बैंक में एक रुपये की बचत की, तो आपको कुल एक करोड़ रुपये तक का रिटर्न मिल सकता है।

एलआईसी की जीवन शिरोमणि तालिका संख्या 847 को 19 दिसंबर, 2017 को पेश किया गया था। यह बाजार आधारित घटक के साथ एक लाभ कार्यक्रम है। यह कार्यक्रम उच्च निवल मूल्य वाले व्यक्तियों को ध्यान में रखकर बनाया गया था। गंभीर बीमारी की स्थिति में भी आप इस योजना से सुरक्षित रहते हैं। तीन अन्य वैकल्पिक दिशाएं शामिल हैं।

जीवन शिरोमणि योजना पॉलिसीधारक के परिवार को आर्थिक रूप से मदद करने के लिए पॉलिसी अवधि के अंत में मृत्यु लाभ का भुगतान करती है। यदि पॉलिसीधारक पूर्व निर्धारित समय के लिए जीते हैं, तो पॉलिसी भुगतान का विकल्प प्रदान करती है। इसके अतिरिक्त, परिपक्वता पर एकमुश्त एक विकल्प का न्यूनतम मूल्य क्या है भुगतान किया जाता है।

उत्तरजीविता लाभ

  • 14 साल की पॉलिसी -10वीं और 12वीं साल सम एश्योर्ड का 30-30 फीसदी
  • 16 साल की पॉलिसी -12वें और 14वें साल सम एश्योर्ड का 35-35 फीसदी
  • 18 साल की पॉलिसी -14वां और 16वां साल बीमित राशि का 40- 40 फीसदी
  • 20 साल की पॉलिसी -16वां और 18वां साल सम एश्योर्ड का 45-45 फीसदी।

दिशा-निर्देश

  • न्यूनतम सम एश्योर्ड – रु 1 करोड़
  • अधिकतम बीमा राशि: कोई सीमा नहीं (मूल बीमा राशि 5 लाख के गुणकों में होगी।)
  • पॉलिसी अवधि: 14, 16, 18 और 20 वर्ष
  • भुगतान किया जाने वाला प्रीमियम: 4 वर्ष

आयु सीमा

  • प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु: 18 वर्ष
  • प्रवेश के लिए अधिकतम आयु: 14 वर्ष की पॉलिसियों के लिए 55 वर्ष
  • 16 साल की पॉलिसी के लिए 51 साल।
  • 18 साल की पॉलिसी के लिए 48 साल।
  • 20 साल की पॉलिसी के लिए 45 साल।

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LIC Policy: केवल 4 साल दीजिए प्रीमियम और पाइए 1 करोड़ रुपए का भुगतान, जानिए कहां करना है निवेश

LIC Policy: केवल 4 साल दीजिए प्रीमियम और पाइए 1 करोड़ रुपए का भुगतान, जानिए कहां करना है निवेश

LIC Policy: अगर आप सिर्फ एक रुपये का निवेश करते हैं तो भी आपको इस योजना से कई फायदे मिल सकते हैं। ज्यादातर लोग क्वालिटी (Quality) लाइफ जीना चाहते हैं। हालांकि, गुणवत्तापूर्ण जीवन आमतौर पर एक महंगा प्रयास है जिसके लिए सावधानीपूर्वक वित्तीय नियोजन की आवश्यकता होती है। न केवल अमीर शहरों में बल्कि गरीब शहरों में भी आर्थिक संतुलन बनाए रखना सबसे महत्वपूर्ण विकल्पों में से एक बन गया है। शेयर बाजार (Share Market) लाभ के कई अवसर प्रदान करता है, लेकिन जीवन शिरोमणि योजना एक अच्छा विकल्प है यदि आप ऐसी जगह निवेश करना चाहते हैं जहां आपका पैसा सुरक्षित हो और आपका रिटर्न अधिक हो। ‘जीवन शिरोमणि योजना’ के नाम से जानी जाने वाली यह योजना सुरक्षा और बचत दोनों प्रदान करती है।

LIC Policy: एलआईसी (LIC) की जीवन शिरोमणि तालिका संख्या 847 को 19 दिसंबर, 2017 को लॉन्च किया गया था। यह बाजार आधारित घटकों के साथ एक लाभ कार्यक्रम है। यह कार्यक्रम उच्च निवल मूल्य वाले व्यक्तियों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया था। गंभीर बीमारी की स्थिति में भी, आप इस योजना से सुरक्षित हैं। तीन अन्य वैकल्पिक पहलुओं को शामिल किया गया है।

LIC Policy: एलआईसी द्वारा दी जाने वाली जीवन शिरोमणि योजना सुविधा एक गैर-लिंक्ड योजना है। ऐसे में आपको कम से कम 1 करोड़ रुपये की गारंटी दी जाएगी। कार्यक्रम के तहत न्यूनतम रिटर्न वास्तव में 1 करोड़ रुपये है। पिछले उदाहरण में, अगर आप 14 साल के लिए बैंक में 1 रुपये बचाते हैं, तो आपको कुल 1 करोड़ रुपये तक का रिटर्न मिल सकता है।

जीवन शिरोमणि योजना पॉलिसी अवधि के अंत में पॉलिसीधारक के परिवार को आर्थिक रूप से मदद करने के लिए मृत्यु लाभ प्रदान करती है। यदि पॉलिसीधारक पूर्व निर्धारित अवधि के लिए जीवित रहता है, तो पॉलिसी भुगतान विकल्प प्रदान करती है। साथ ही, मैच्योरिटी पर एकमुश्त भुगतान किया जाता है।

LIC Policy: दिशा निर्देशों

  • न्यूनतम सम एश्योर्ड – रु 1 करोड़
  • अधिकतम बीमा राशि: कोई सीमा नहीं (5 लाख के मूल बीमा राशि के गुणकों में।)
  • पॉलिसी अवधि: 14, 16, 18 और 20 वर्ष
  • देय प्रीमियम: 4 वर्ष की Photo By Google

LIC Policy: आयु सीमा

  • प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु: 18 वर्ष
  • प्रवेश के लिए अधिकतम आयु: 14 वर्ष की पॉलिसी के लिए 55 वर्ष
  • 16 साल की पॉलिसी के लिए 51 साल।
  • 18 साल की पॉलिसी के लिए 48 साल।
  • 20 साल की पॉलिसी के लिए 45 साल।

LIC Policy: उत्तरजीविता लाभ

  • 14 वर्ष की पॉलिसी – 10वीं और 12वीं वर्ष प्रत्येक बीमित राशि का 30%
  • 16 साल की पॉलिसी – 12वें और 14वें साल सम एश्योर्ड का 35%-35%
  • 18 साल की पॉलिसी – 14वां और 16वां साल 40 – सम एश्योर्ड का 40 प्रतिशत
  • 20 साल की पॉलिसी – 16वें और 18वें साल सम एश्योर्ड का 45-45%। Photo By Google

यूपी गन्ना पर्ची कलेंडर कैसे देखे | caneup.in 2022-23

उत्तर प्रदेश योगी सरकार के गन्ना विभाग ने गन्ना किसानों की सुविधा व पारदर्शिता के लिये E-Ganna caneup App और www.caneup.in Ganna Kisan net Portal शुरू किया है.यूपी गन्ना किसान पर्ची कलेंडर caneup.in या e-ganna app से देखे.upcane.gov.in ganna payment Status,cane up.in 2022-23

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UP Ganna Kisan Parchi Calendar status check 2022-23,caneup in or e Ganna app,cane up.in 2022 23

जाने किस वजह से कैंसिल हो सकती है गन्ना एसएमएस पर्ची

गन्ने का पेमेंट कैसे देखें?

यूपी गन्ना किसान पर्ची कलेंडर व अपने सट्टे से जुड़ी सारी जानकारी caneup.in web portal या e-Ganna App Download करके मोबाइल के जरिए पता कर सकता है।​ मोबाइल पर किसान पर्चियों के अलावा पिछले सालों के गन्ना सप्लाई की जानकारी भी ले सकते है।इससे किसानों को कोई काम होने पर गन्ना विभाग या शुगर फैक्टरी के चक्कर नहीं काटने होंगे। गन्ना भुगतान 2022

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PM Kisan Yojana पैसा कैसे चेक करें?

यूपी किसान रजिस्ट्रेशन कैसे करें?

PM Kisan 12th installment not received: पीएम किसान का पैसा नहीं आया तो क्या करें ?

PM Kisan Samman Nidhi Yojana पूरी तरह से केंद्र सरकार की योजना है. इसमें 100 फीसदी फंडिंग केंद्र सरकार देती है. यह योजना एक दिसंबर 2018 से प्रभावी है pm kisan samman nidhi yojana online check status.know more about PM Kisan Registration Correction and Apply

PM Awas Yojana (PMAY-G) को Indra Awas Yojana(IAY) कहा जाता था . हालांकि मार्च 2016 में इसका नाम बदल दिया गया. इसका लक्ष्य दिल्ली और चंडीगढ़ को छोड़कर पूरे ग्रामीण भारत के लिए किफायती और सुगम हाउसिंग को बढ़ावा देना है. ! और जानकारी

UP Agriculture : Caneup Ganna Portal

गन्ने का मूल स्थान भारतवर्ष है। पौराणिक कथाओं तथा भारत के प्राचीन ग्रन्थों में गन्ना व इससे तैयार की जाने वाली वस्तुओं का उल्लेख पाया जाता है। विश्व के मध्य पूर्वी देशों सहित अनेक स्थानों में भारत से ही इस उपयोगी पौधे को ले जाया गया। प्राचीन काल से गन्ना भारत में गुड़ तथा राब बनाने के काम आता था।

उन्नीसवीं सदी के प्रारंभ में जावा, हवाई, आस्ट्रेलिया आदि देशों में जब सफ़ेद दानेदार चीनी का उद्योग सफलतापूर्वक चल रहा था, भारतवर्ष में नील का व्यवसाय उन्नति पर था जो जर्मनी में रंग बनाने की नई तकनीक विकसित होने पर मन्द पड़ गया।

इस परिस्थिति का लाभ भारत में चीनी उद्योग की स्थापना को मिला। सन् 1920 में भारत के तत्कालीन गर्वनर जनरल ने चीनी व्यवसाय की उज्जवल भविष्य की कल्पना करते हुए इण्डियन शुगर कमेटी की स्थापना की थी। वर्ष 1930 में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की गन्ना उप समिति की सिफारिश पर एक ’ टैरिफ बोर्ड ’ की स्थापना की गयी जिसने भारत सरकार से चीनी उद्योग को आरम्भ में 15 वर्षों के लिये संरक्षण देने की सिफारिश की, फलत: भारत में सन् 1931 में चीनी उद्योग को संरक्षण प्रदान किया गया।

उत्तर प्रदेश में यद्यपि देवरिया के प्रतापपुर नामक स्थान पर 1903 में ही भारत की प्रथम प्राचीनत् चीनी मिल स्थापित एक विकल्प का न्यूनतम मूल्य क्या है हो चुकी थी परन्तु गन्ना क्रय-विक्रय की कोई संस्थापित पद्धति के अभाव में गन्ना किसानों को अनेकों कठिनाईयॉं होती थीं। भारत सरकार द्वारा पारित शुगर केन एक्ट 1934 द्वारा प्रदेशीय सरकारों को किसी क्षेत्र को नियंत्रित करते हुये वैक्यूम पैन चीनी मिलों द्वारा प्रयुक्त होने वाले गन्ने के न्यूनतम मूल्य निर्धारित करने के लिये अधिकृत किया गया।

उत्तर प्रदेश में सन् 1935 में गन्ना विकास विभाग विभाग स्थापित हुआ। सरकार ने गन्ना कृषकों की मदद की दृष्टि से ’ शुगर फैक्ट्रीज़ कन्ट्रोल एक्ट 1938 ’ लागू किया। वर्ष 1953-54 में इसके स्थान पर ’ उ0प्र0 गन्ना पूर्ति एवं खरीद विनियमन अधिनियम 1953 ’ लागू हुआ।

​गन्ना पर्ची कलेंडर वैबसाइट फैक्टरी खोजे

गन्ना विभाग की वैबसाइट upcane.gov.in​​/caneup.in व e-Ganna App के अलावा भी किसान भाई गन्ना कलेंडर पर्ची 2022-23 के आकडे देख पाएंगे ।

चीनी मिल्स की वैबसाइट लिस्ट :
1-www.kisaan.net
2-www.upsugarfed.org
3-www.krishakmitra.com
4-www.dsclsugar.com
5-www.bhlcane.com
6-www.bcmlcane.in
7-www.bcmlcane.com
8-www.एक विकल्प का न्यूनतम मूल्य क्या है bcmlcane.in/kisaansuvidha
9-www.gannakrishak.in
10-kisaansoochna.dwarikesh.com
11-krishakmitra.com
जनपद व चीनी मिल के हिसाब से पूरी लिस्ट देखे

PM Awas Yojana List 2022:प्रधानमंत्री आवास योजना की लिस्ट कैसे देखें

ई-गन्ना एप पर देखें सर्वे का प्रदर्शन, दर्ज करें मोबाइल नंबर

ई-गन्ना एप पर देखें सर्वे का रिकॉर्ड (Ganna Survey 2022-23)

गन्ना विभाग ने किसानों से एप पर मोबाइल नंबर दर्ज करने की अपील की
मोबाइल नंबर दर्ज न होने पर इस बार पर्ची मिलने में आएगी समस्या
गन्ना विभाग ने किसानों द्वारा किए जाने वाले फसल की बुआई के लिए सर्वे पूरा करा लिया है। सर्वे पूरा होने के उपरांत विभाग ने उसका ब्योरा एप पर भी अपलोड करते हुए किसानों से उसे देखने को कहा है। यह भी कहा है कि यदि कहीं से भी कोई समस्या हो तो उसे विभाग से संपर्क कर ठीक करा लिया जाए। एसएमएस पर्ची की व्यवस्था को देखते हुए किसान अपने एप के माध्यम से मोबाइल नंबर भी दर्ज कर दें।

गन्ना विभाग ने हाल में पूरा कराए गए सर्वे के उपरांत उसमें आने वाली किसी प्रकार की समस्या को जानने व उसे ठीक कराने के लिए E-Ganna App के माध्यम से सर्वे का प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। किसानों से कहा गया है कि वे ई-गन्ना एप पर विभाग द्वारा जारी कोड डालकर अपने गन्ने की फसल की बुआई का क्षेत्रफल देख कमी होने की दशा में विभाग को जानकारी दें। यह भी कहा गया है कि इस बार गन्ने की आपूर्ति के लिए एसएमएस पर्ची को ही पंजीकृत मोबाइल नंबर पर भेजा जाएगा। ऐसे में सभी किसान एप पर दिए गए विकल्प पर अपने मोबाइल का पंजीकरण सुनिश्चित करें। इसमें लापरवाही न की जाए, क्योंकि वह किसानों को भारी पड़ जाएगी।

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