अस्थिरता आधारित दृष्टिकोण का उपयोग करना

दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से महिला सशक्तिकरण | Original Article Jayshree Gautam*, Dr. Binay Kumar, in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education | Multidisciplinary Academic Research
क्वाड सकारात्मक और रचनात्मक एजेंडे को लागू करने के लिए काम कर रहा: भारत
नयी दिल्ली, 21 मई (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और क्वाड के अन्य नेताओं के 24 मई को तोक्यो में होने वाले शिखर सम्मेलन में हिंद-प्रशांत क्षेत्र की चुनौतियों और अवसरों के साथ-साथ अन्य वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श करने की उम्मीद है।
शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए मोदी 23 और 24 मई को जापान का दौरा करेंगे। विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने शनिवार को कहा कि आगामी शिखर सम्मेलन नेताओं को क्वाड ढांचे के तहत अब तक हुई प्रगति का जायजा लेने और भविष्य के लिए मार्गदर्शन करने का अवसर प्रदान करेगा।
क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लेने के अलावा, मोदी बाइडन, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। मोदी जापानी कारोबारी समुदाय और प्रवासी भारतीयों से भी वार्ता करेंगे।
क्वात्रा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘क्वाड सहयोग साझा मूल्यों और लोकतंत्र के सिद्धांतों, अंतरराष्ट्रीय कानून, नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के साथ-साथ स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पहले शिखर सम्मेलन के बाद से क्वाड हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, समृद्धि और स्थिरता को बनाने पर एक मजबूत फोकस के साथ सकारात्मक और रचनात्मक एजेंडे को लागू करने के लिए काम कर रहा है।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या क्वाड शिखर सम्मेलन में भारत के साथ लगी सीमा सहित क्षेत्र में चीन के आक्रामक रुख पर भी चर्चा होगी, क्वात्रा ने कहा कि नेताओं के विचार-विमर्श के एजेंडे के अनुसार हिंद-प्रशांत क्षेत्र में ‘‘चुनौतियों और अवसरों’’ पर चर्चा करने की उम्मीद है।
यूक्रेन विवाद पर भारत के रुख के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह ‘‘बिल्कुल स्पष्ट’’ है और इसे कई बार दोहराया जा चुका है। अस्थिरता आधारित दृष्टिकोण का उपयोग करना क्वात्रा ने कहा कि जिस समय से अस्थिरता शुरू हुई, भारत ने अस्थिरता को तत्काल समाप्त करने का आह्वान किया और यह सुनिश्चित करता रहा है कि इसे हल करने के लिए बातचीत सबसे अच्छी नीति है।
क्वाड के एजेंडे का जिक्र करते हुए विदेश सचिव ने कहा कि क्वाड के तहत सहयोग प्रयासों में जलवायु कार्रवाई पर मिलकर काम करना भी शामिल है। उन्होंने कहा कि इसमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक ‘डीकार्बोनाइज्ड ग्रीन शिपिंग नेटवर्क’ बनाना, स्वच्छ हाइड्रोजन का उपयोग करना तथा इसे और अधिक सुलभ बनाना, इसके अलावा हिंद-प्रशांत के देशों को जलवायु निगरानी एवं सूचना-साझा करने में सहयोग शामिल है।
क्वात्रा ने कहा कि क्वाड का आधारभूत ढांचा समूह इस क्षेत्र में टिकाऊ और मांग-संचालित बुनियादी ढांचे का समर्थन करने पर विचार-विमर्श कर रहा है, जिससे क्षेत्र के देशों पर ऋण का बोझ न पड़े।
एक सवाल के जवाब में क्वात्रा ने कहा कि क्वाड के और विस्तार पर कोई बातचीत नहीं हो रही है। बाइडन के साथ मोदी की द्विपक्षीय बैठक पर, विदेश सचिव ने कहा कि भारत-अमेरिका संबंध बहुआयामी हैं और इसने गति प्राप्त कर ली है तथा इसमें गहराई एवं विविधता है।
विदेश सचिव अस्थिरता आधारित दृष्टिकोण का उपयोग करना ने कहा कि मोदी किशिदा से भी मुलाकात करेंगे। क्वात्रा ने कहा, ‘‘जापान हमारे सबसे महत्वपूर्ण साझेदारों में से एक है। मोदी ने भारत-जापान संबंधों को इस क्षेत्र में सबसे स्वाभाविक रिश्तों में से एक के रूप में संदर्भित किया है। पिछले कुछ वर्षों में, भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी ने बड़ी गति देखी है।’’
अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष के साथ मोदी की प्रस्तावित द्विपक्षीय बैठक पर क्वात्रा ने ऑस्ट्रेलिया में आम चुनावों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ‘‘हम समझते हैं कि अगले ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री के क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लेने की संभावना है। उम्मीद है कि प्रधानमंत्री तोक्यो में नए ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री से मिलेंगे।’’
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.
अस्थिरता आधारित दृष्टिकोण का उपयोग करना
Year: Jan, 2022
Volume: 19 / Issue: 1
Pages: 310 - 314 (5)
Publisher: Ignited Minds Journals
Source:
E-ISSN: 2230-7540
DOI:
Published URL: http://ignited.in/I/a/305920
Published On: Jan, 2022
Article Details
दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से महिला सशक्तिकरण | Original Article
Jayshree Gautam*, Dr. Binay Kumar, in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education | Multidisciplinary Academic Research
घर एक बार टिकाऊ दृष्टिकोण नहीं है: सोनाली रास्तोगी
सोनाली रास्तोगी भारत के अग्रणी पुरस्कार विजेता वास्तुकला और शहरी डिजाइन प्रथाओं में से एक, मॉर्फोजेनेसिस के संस्थापक साथी हैं। WA100 2017 में यूके बिल्डिंग डिजाइन मैगज़ीन द्वारा दुनिया भर में शीर्ष 100 आर्किटेक्चरल डिज़ाइन फर्मों में, छठी बार दौड़ने के लिए मॉर्फोजेनेसिस को रैंकिंग किया अस्थिरता आधारित दृष्टिकोण का उपयोग करना गया है।
द स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, दिल्ली में अपने आर्किटेक्चर स्टडीज पूरा करने के बाद, रास्तोगी ने आर्किटेक्चरल एसोसिएशन, लंदन में एक लंबा कार्यकाल किया जहां उन्होंने आवास का अध्ययन कियाऔर जॉर्ज फियोरी के साथ शहरीकरण और जेफ किपनिस के साथ “डिजाइन रिसर्च लैब” में।
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अस्थिरता आधारित दृष्टिकोण का उपयोग करना

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