व्यापारियों को जीएसटी से लाभ

3. शुरूआत में जीएसटी व्यापारियों को लाभ दे सकती है जिसका फायदा व्यापारी इनपुट टैक्स क्रेडिट के जरिए उठा सकते हैं.
व्यापारियों को नहीं होनें दी जायेगी परेशानी-एसपी, एसपी संग व्यापारियों की हुई बैठक
व्यापारियों ने दीपावली,गंगास्नान आदि महत्वपूर्ण पर्वो पर अच्छी पुलिस व्यवस्था के लिए अधिकारियों और उनकी पूरी टीम को धन्यवाद दिया। साथ ही विभिन्न व्यापारिक समस्याओं पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई ।सभी समस्याओं पर गंभीरतापूर्वक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया गया। जिला अध्यक्ष प्रदीप गर्ग हाइड्रो वालों ने कहा कि जो किसान अपना गुड़ व अन्य समान लेकर नई मंडी आते है उन्हें ततारपुर बाईपर पास पुलिस द्वारा ना रोका जाय।
इस मौकें पर एएसपी मुकेश मिश्रा , उ.प्र. उघोग व्यापार प्रतिनिधि म़डल के जिला अध्यक्ष प्रदीप गर्ग , संयुक्त उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष ललित कुमार छावनी वाले,अरविंद शर्मा, राजीव गर्ग दतियाना वाले, संजय अग्रवाल, अशोक बबली, विजेंद्र गर्ग, सुमित कंसल, विपिन पंसारी, राजीव अग्रवाल ,विपिन अग्रवाल ऋषभ गर्ग ,दीपक बंसल , प्रमोद गुप्ता आदि उपस्थित रहे ।
GST ग्राहकों के लिए फायदे का नहीं, घाटे का सौदा है
जीएसटी की चिंता में कई लोगों के रातों की नींद खो गई है लेकिन व्यापारियों को जीएसटी से लाभ कम से कम उपभोक्ताओं के लिए 'परिवर्तनकारी' जीएसटी अगले दो से तीन सालों तक किसी तरह की परेशानी पैदा नहीं करने वाला. 1 जुलाई की सुबह जीएसटी लागू होने के बाद हद से हद सिर्फ इसलिए याद रखा जाएगा कि बजट के इस दिन कुछ सेवाओं की कीमतें बढ़ी और कुछ उत्पाद सस्ते हो गए.
असलियत ये है कि जीएसटी के नफा-नुकसान सब अभी अनुमान पर ही आधारित हैं. जीएसटी एक कट्टर व्यापार सुधार प्रक्रिया है, जिसका लाखों भारतीय व्यवसायों पर एक निर्णायक असर पड़ेगा. जीएसटी के लाभ का सफर अभी बहुत लंबा है जिसके आम आदमी के पॉकेट तक पहुंचने में समय लगेगा.
चलिए पता करते हैं कि जीएसटी की व्यापारियों को जीएसटी से लाभ भूलभुलैया में आम उपभोक्ता कहां ठहरता है:
जीएसटी के पहले और सबसे महत्वपूर्ण हिस्सेदार देश के लाखों व्यवसाय हैं और ये आर्थिक सुधार उन पर ही केंद्रित है. इनके लिए सबसे पहला पड़ाव है सुविधाजनक रूप से जीएसटी को अपना लेना और फिर इसकी जटिलताओं को समझना. इसके बाद जीएसटी के जो सबसे बड़े हितधारक व्यापारियों को जीएसटी से लाभ हैं वो हैं सरकारें (केंद्र और राज्य दोनों).
भारत में अप्रत्यक्ष कर ने करों की बहुलता और लागतों में कमी के कारण अपनी आपूर्ति श्रृंखला प्रणाली के पुनर्गठन और मॉडलिंग में व्यवसायों को प्रेरित किया है। उम्मीद के साथ, यह ‘ कर आतंकवाद व्यापारियों को जीएसटी से लाभ ‘ को समाप्त करेगा
122 nd संविधान संशोधन विधेयक 3 अगस्त 2016 को राज्यसभा में आया था, जिसे विपक्षी कांग्रेस की अच्छी हार्दिक व्यापारियों को जीएसटी से लाभ व्यापारियों को जीएसटी से लाभ शुभकामनाएं भी मिलीं, जो कि पारित होने के महत्वपूर्ण कार्ड हैं। यहां बताया गया है कि वर्तमान शासन से जीएसटी क्या अलग है, यह कैसे काम करेगा, और क्या होगा यदि संसद बिल को साफ करे
जीएसटी की पूरी व्यवस्था कैसे काम करेगी?
यह एक अस्पष्टता है कि कर दाताओं की कर देयता को जीएसटी प्रभाव कैसे दे सकता है ‘ क्या यह फायदे हैं या नहीं’ आपके प्रश्नों को हल करने के लिए नीचे दिया गया एक उदाहरण है।
कारोबारी और व्यापारी ध्यान दें : जीएसटी आवेदन की जांच अब ऑनलाइन संभव, यह है तरीका
व्यापारी और कारोबारी अपने जीएसटी आवेदन की जांच अब ऑनलाइन कर सकते हैं. सूत्रों ने यह जानकारी देते व्यापारियों को जीएसटी से लाभ हुए बताया कि इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए कारोबारियों को उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक बार इस्तेमाल होने वाला पासवर्ड (ओटीपी) भेजा जाएगा.
यह सुविधा उन्हें बैंकों के जरिए पुष्टि की सुविधा से अलग दी जाएगी. नयी पहल कुछ व्यापारियों की शिकायत के बाद शुरू की गई है जिसमें उन्होंने कहा था कि डिजिटल हस्ताक्षर के जरिए कंपनी के पंजीकरण और आधार के जरिए व्यापारी के पंजीकरण की पुष्टि में उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
एक अधिकारी ने कहा कि जीएसटी परिषद व्यापारियों को जीएसटी से लाभ ने पुष्टि के लिए अधिकारियों को कोई भी अन्य प्रकार का तरीका अधिसूचित करने का अधिकार दिया है. यदि कोई डिजिटल हस्ताक्षर या बैंकों के माध्यम से पुष्टि करा पा रहा है तो उसे उसके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर ओटीपी भेजकर पुष्टि की सुविधा दी जा रही है. जीएसटी पंजीकरण के लिए व्यक्ति को अपनी पैन संख्या, मोबाइल नंबर और ईमेल पता देना होता है.
2019 में क्या हुए है GST में बदलाव! जानिए
एक देश एक कर’ व्यवस्था के तहत टैक्स व्यवस्था में बदलाव कर GST यानी गुड्स एंड सर्विस टैक्स (वस्तु एवं सेवा कर) कर दिया गया। यह व्यवस्था 1 जुलाई 2017 को लागू हुई। इससे पहले जहां देश में कई तरह से टैक्स देने की व्यवस्था थी, वहीँ इस व्यवस्था के आने के बाद सभी टैक्सों को मिलकर एक जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विस टैक्स बना दिया गया। नई व्यवस्था से देश भर में चीजों के दाम यानी मूल्य एक सामान हो गए यानी अगर किसी सामान का मूल्य अगर दिल्ली में 60 रूपये है तो वही सामान पटना में भी 60 रूपये में ही व्यापारियों को जीएसटी से लाभ बिकेगी। इससे पहले राज्यों के अपने नियम के अनुसार टैक्स लगते थे तो चीजों मूल्यों में भी अंतर हुआ करता था।
अधिक पारदर्शिता
बदलाव के तहत अब करदाता को रिटर्न में नगद बहीखाता, इनपुट टैक्स क्लेम (ITC) के डिटेल्स भी रिटर्न जमा करते समय दिखाई देगा। करदाता चाहे तो पोर्टल में माध्यम से अपने कर (टैक्स) संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकता है। इससे पहले यह प्रक्रिया काफी काफी जटिल थी। इस नई व्यवस्था से नए रिटर्न व्यापारियों को काफी सहूलियत होगी। रिटर्न 3 B में हुए बदलाव से, व्यापारी जैसे – जैसे टर्नओवर का विवरण भरता जाता है, वैसे – वैसे पोर्टल खुद से CGST, IGST की गणना करने लगता है।
लघु एवं मध्यम व्यापारियों को सहूलियत
सालाना 40 लाख तक टर्नओवर वाले व्यापारियों को GST रजिस्ट्रेशन से मुक्ति दिया गया है। इस फैसले से व्यापारियों को जीएसटी से लाभ उन तमाम व्यापारियों को सीधे लाभ होगा जिनके सालाना टर्नओवर 40 लाख रूपये से कम है। पहले यह सीमा 20 लाख रूपये तक ही थी। पुरोत्तर के राज्यों में यह छूट की सीमा क्रमशः 10 लाख से बढ़कर 20 लाख तक हो गई है। छूट की सीमा के साथ ही अगर कारोबारी 40 लाख से ऊपर तक के व्यवसाय को शुरू करना चाहता है तो उसे अपना व्यवसाय शुरू करने की अनुमति होगी, इसके साथ ही उसे 1 महीने के अंदर जीएसटी रजिस्ट्रेशन करा लेने की व्यवस्था की गई है।
व्यापरियों के हर महीने रिटर्न भरने से बचाने के लिए सरकार कंपोजिशन स्कीम लेकर आई है। कंपोजिशन स्कीम में रजिस्टर्ड व्यक्ति को उसके बिजनेस के टर्नओवर के आधार पर एक फिक्स्ड रेट से टैक्स देना होता है। कंपोजिशन स्कीम का सबसे बड़ा फायदा यह है की कारोबारी हर महीने टैक्स फाइल करने से बच जायेंगे, हर महीने के जगह पर तिमाही के रूप में व्यापारियों को जीएसटी से लाभ टैक्स जमा कर सकते है। कंपोजिशन स्कीम का लाभ वह कारोबारी उठा सकते है, जिनके कारोबार का सालाना टर्नओवर 1 करोड़ से कम हो।