विदेशी मुद्रा संकेत

शुरूआती गिरावट के बाद रुपया डॉलर के मुकाबले चढ़ा
मुंबई: मुंबई के मुद्रा बाजार में आज रुपये के मुकाबले डॉलर की कीमत में एकतरफा उछाल देखने को मिला. रुपये के मुकाबले शुरुआती तेजी के बाद डॉलर में फिर गिरावट आई है। डॉलर की कीमत 81.83 रुपये से गिरकर 81.84 रुपये और अंत में 81.67 रुपये तक गिरने के बाद 81.68 रुपये के उच्च स्तर पर विदेशी मुद्रा संकेत पहुंच गई।
वैश्विक बाजार में डॉलर के मुकाबले चीन की युआन मुद्रा की अपतटीय कीमत दो सप्ताह के निचले स्तर तक गिर जाने के कारण, आज मुंबई के बाजार में रुपया भी डॉलर के मुकाबले टूट गया। हालांकि, बाजार सूत्रों ने कहा कि शेयर बाजार में रिकॉर्ड तेजी और विश्व बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से दोपहर बाद डॉलर के मुकाबले रुपये में फिर तेजी आई।
खबर थी कि डॉलर का ग्लोबल इंडेक्स 106.25 से बढ़कर 106.30 पर पहुंच गया। यह वैश्विक सूचकांक हाल ही में 105.30 तक गिर गया था।
हालांकि, इस वैश्विक सूचकांक में इस महीने कुल मिलाकर 5 फीसदी की गिरावट आई है, बाजार सूत्रों ने बताया कि डॉलर के वैश्विक सूचकांक में मासिक गिरावट का 12 साल का रिकॉर्ड टूट गया है. जहां वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों के 10 महीने के निचले स्तर पर गिरने के संकेत मिल रहे थे, वहीं चीन में कोविड के बढ़ते प्रकोप से चीनी मुद्रा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने के संकेत मिल रहे थे।
इस बीच, मुंबई के बाजार में ब्रिटिश पाउंड आज के भाव 98.55 रुपये से 23 पैसे गिरकर 98.56 रुपये पर आ गया। वहीं यूरोप की मुद्रा यूरो का भाव आज रुपये के मुकाबले 53 पैसे बढ़कर 85.44 रुपये से 85.45 रुपये हो गया. रुपये के मुकाबले जापानी मुद्रा 0.82 प्रतिशत अधिक रही।
Stock Market Opening: घरेलू शेयर बाजार में गिरावट के साथ शुरुआत, लाल निशान पर Sensex और Nifty
Share Market Update: ग्लोबल और एशियाई मार्केट विदेशी मुद्रा संकेत से मिल रहे मिले जुले संकेतों के बीच भारतीय घरेलू शेयर में आज नरमी देखी जा रही है। शेयर बाजार में आज गिरावट के साथ कारोबार की शुरुआत हुई है। सेंसेक्स 277 तो निफ्टी 82 अंक चढ़कर खुला। फिलहाल बाजार में तेजी का रूख कायम है।
इस कारोबारी हफ्ते के पहले दिन आज सोमवार (28 November) को भी भारतीय घरेलू शेयर बाजार (Share Market) में तेजी के साथ लाल निशान पर कारोबार की शुरुआत हुई है। सेंसेक्स (Sensex) 277 अंकों की बढ़त के साथ 62,016 के स्तर पर खुला, जबिक (Nifty) 82 अंक बढ़कर 18,430 के स्तर पर खुला। फिलहाल बाजार में तेजी का रूख कायम है।
बाजार का आज का हाल
बीएसई (BSE) में आज सुबह शुरुआत में शेयर बाजार में कुल आज बीएसई में शुरुआत में कुल 2,780 कंपनियों में कारोबार की शुरुआत हुई। जिसमें से करीब 1,824 शेयर तेजी तो 807 गिरावट के साथ खुलीं। जबकि 149 कंपनियों के शेयर के भाव स्थिर रहे। वहीं 77 शेयर 52 हफ्ते के ऊपरी तो 12 शेयर 52 हफ्ते के निचले स्तर पर कारोबार कर रहे हैं।
आज के चढ़ने-गिरने वाले शेयर्स
– आज के चढ़ने वाले शेयर्स की बात करें तो बीपीसीएल, हीरो मोटोकार्प, मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स, अल्ट्राटेक सीमेंट समेत कई कंपनियों के शेयर्स में तेजी देखी जा रही है।
– वहीं गिरने वाले शेयर्स पर नजर डालें तो हिन्डाल्को, एचडीएफसी, एचडीएफसी, अपोलो हास्पिटल, इनफोसिस समेत कई कंपनियों शेयर में गिरावट देखी जा रही है।
डॉलर के मुकाबले 12 पैसे कमजोरी के साथ खुला रुपया
विदेशी मुद्रा बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया आज मजबूती के साथ खुला। शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले विदेशी मुद्रा संकेत रुपया आज 12 पैसे की कमजोरी के साथ 81.80 रुपये के स्तर पर खुला। इससे पहले पिछले कारोबारी दिनशुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 6 पैसे की कमजोरी के साथ 81.68 रुपये के स्तर पर बंद हुआ
पिछले दिनों बाजार का ये रहा था हाल
शुक्रवार (25 November): सेंसेक्स 20 अंकों की तेजी के साथ 62,293 प्वाइंट पर बंद हुआ था। जबकि निफ्टी 28 अंकों की उछाल के विदेशी मुद्रा संकेत साथ 18,512 अंक पर बंद हुआ था।
गुरुवार (24 November): सेंसेक्स 762 अंकों की तेजी के साथ 62,272 प्वाइंट पर बंद हुआ था। जबकि निफ्टी 216 अंकों की उछाल के साथ 18,484 अंक पर बंद हुआ था।
बुधवार (23 November): सेंसेक्स 91 अंकों की बढ़त के साथ 61,510 प्वाइंट पर बंद हुआ था। जबकि निफ्टी 23 अंकों की बढ़त के साथ 18,267 अंक पर बंद हुआ था।
मंगलवार (22 November): सेंसेक्स 274 अंकों की तेजी के साथ 61,418 प्वाइंट पर बंद हुआ था। जबकि निफ्टी 85 अंक उछलकर 18,244 अंक पर बंद हुआ था।
सोमवार (21 November): सेंसेक्स 518 अंकों की गिरावट के साथ 61,144 प्वाइंट पर बंद हुआ था। जबकि निफ्टी 147 अंक लुढ़ककर 18,159 अंक पर बंद हुआ था।
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सेंसेक्स 762 अंक की छलांग के साथ रिकॉर्ड स्तर पर बंद, निफ्टी 18,400 पार
स्थानीय शेयर बाजारों (stock market) में गुरुवार को लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में तेजी का सिलसिला जारी रहा और बीएसई (BSE) का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक सेंसेक्स (Sensex) 62,272.68 अंक के सर्वकालिक उच्चस्तर (all- time high) पर पहुंच गया.
बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 762.10 अंक यानी विदेशी मुद्रा संकेत 1.24 प्रतिशत उछलकर 62,272.68 अंक के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान एक समय यह 62,412.33 अंक के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया था.
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी (Nifty) भी 216.85 अंक यानी 1.19 प्रतिशत की बढ़त के साथ 18,484.10 अंक पर बंद हुआ. कारोबार में दौरान यह अपने 52 सप्ताह के उच्चस्तर 18,529.70 तक गया था. शेयर बाजार में तीन दिन से जारी तेजी से निफ्टी में दो प्रतिशत या 324 अंक तथा सेंसेक्स में 1,167 अंक या दो प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
बाजार में बीएसई का मिडकैप 0.52 प्रतिशत और स्मॉलकैप 0.42 प्रतिशत चढ़ गया.
अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की बैठक विदेशी मुद्रा संकेत के ब्यौरे में ब्याज दरों में वृद्धि के नरम रुख से निवेशकों की धारणा को समर्थन मिला विदेशी मुद्रा संकेत जिससे वैश्विक और स्थानीय बाजार में तेजी आई.
सेंसेक्स के शेयरों में एचसीएल टेक्नोलॉजीज, इन्फोसिस, विप्रो, पावर ग्रिड, टेक महिंद्रा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एचडीएफसी, एचडीएफसी बैंक और महिंद्रा एंड महिंद्रा लाभ में रहे. इन्फोसिस के शेयर में सबसे अधिक 2.93 प्रतिशत की तेजी आई.
वहीं, बजाज फिनसर्व, टाटा स्टील, बजाज फाइनेंस और कोटक महिंद्रा बैंक के शेयर गिरावट में रहे.
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की और हांगकांग का हैंगसेंग लाभ में रहा जबकि चीन के शंघाई कम्पोजिट में नुकसान रहा. यूरोप के बाजारों में दोपहर के कारोबार में तेजी थी. अमेरिकी बाजार वॉल स्ट्रीट में बुधवार को तेजी दर्ज की गई. इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.46 प्रतिशत की गिरावट लेकर 85.02 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया.
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने बुधवार को 789.86 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे.
विदेशी बाजारों में डॉलर के कमजोर होने तथा घरेलू शेयर बाजार में तेजी के बीच निवेशकों की कारोबारी धारणा मजबूत हुई जिसके चलते अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में गुरुवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 30 पैसे की तेजी के साथ विदेशी मुद्रा संकेत 81.63 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ.
बाजार सूत्रों ने कहा कि अमेरिका के कमजोर आर्थिक आंकड़े और फेडरल रिजर्व के आक्रामक रवैये में नरमी के संकेत के बाद अंतरराष्ट्रीय कारोबार में डॉलर कमजोर हो गया.
अब सोने-चांदी की कीमतों पर नज़र डालें, तो HDFC Securities के मुताबिक, वैश्विक बाजारों में बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में तेजी के बीच दिल्ली सर्राफा बाजार में गुरुवार को सोना 323 रुपये बढ़कर 53,039 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया. अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना बढ़कर 1,755.75 डॉलर प्रति औंस तथा चांदी तेजी के साथ 21.55 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी.
RBI: मुद्रास्फीति में कमी के कोई संकेत नहीं, विशेषज्ञों ने की दरों में वृद्धि की भविष्यवाणी
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 30 सितंबर को अपनी मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की पिछली बैठक के दौरान मई के बाद से लगातार चौथी बार रेपो दरों में 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी की थी. इसका उद्देश्य तरलता और मुद्रास्फीति को कम करना था.
नई दिल्ली, 27 नवंबर : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 30 सितंबर को अपनी मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की पिछली बैठक के दौरान मई के बाद से लगातार चौथी बार रेपो दरों में 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी की थी. इसका उद्देश्य तरलता और मुद्रास्फीति को कम करना था. हालांकि, मुद्रास्फीति अभी भी 6 प्रतिशत से नीचे नहीं आ पाई है. पिछले 10 महीनों से भारत में खुदरा मुद्रास्फीति आरबीआई के कंफर्ट जोन से ऊपर बनी हुई है, ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में और बढ़ोतरी की उम्मीद है. इस प्रकार, सभी की निगाहें अब एमपीसी की अगली बैठक पर टिकी हैं, जो दिसंबर में होने की उम्मीद है. चार बढ़ोतरी के बाद, आरबीआई ने मई में अपनी पहली अनिर्धारित मध्य-बैठक वृद्धि के बाद से अब कुल 190 आधार अंकों की वृद्धि की है.
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 30 सितंबर को एमपीसी के फैसले के बाद अपने संबोधन में कहा था, भू-राजनीतिक तनाव और वैश्विक वित्तीय बाजार की भावनाओं को जारी रखने से उत्पन्न अनिश्चितताओं के साथ मुद्रास्फीति की गति बनी हुई है. दास ने कहा था, इस पृष्ठभूमि में, एमपीसी का विचार था कि उच्च मुद्रास्फीति की निरंतरता, मूल्य दबावों को व्यापक रूप से रोकने, मुद्रास्फीति की उम्मीदों को स्थिर करने और दूसरे दौर के प्रभावों को रोकने के लिए मौद्रिक समायोजन की आवश्यकता है. यह भी पढ़े : दिल्ली: भागीरथ पैलेस में लगी आग बुझाने का अभियान चौथे दिन भी जारी
इस परि²श्य में, अर्थशास्त्रियों को केंद्रीय बैंक द्वारा और बढ़ोतरी की उम्मीद है. एक बाजार विश्लेषक ने कहा कि आरबीआई को मुद्रास्फीति के प्रबंधन और आर्थिक विकास की गति को बनाए रखने के बीच कड़ा कदम उठाना होगा. एक अन्य विश्लेषक ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा आक्रामक दर वृद्धि को प्रभावित करने के साथ, दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों को इसका पालन करना होगा और यह आरबीआई पर भी लागू होगा.
अर्थशास्त्रियों ने कहा कि आरबीआई को यह सुनिश्चित करना होगा कि बढ़ोतरी को इस तरह से संयमित किया जाए कि आर्थिक विकास ²ष्टिकोण और मूल्य वृद्धि दोनों एक समान हों. साथ ही वे इस बात पर सहमत हुए कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा बढ़ाई गई दर उभरती अर्थव्यवस्थाओं को पालन करने के लिए मजबूर कर सकती विदेशी मुद्रा संकेत है, यानी उच्च दर वृद्धि को लागू करने के लिए, जो जरूरी नहीं कि उनके लिए उपयुक्त हो.