अपसारी त्रिभुज

Ans- (d)
CTET 31 Jan 2021 Paper 2nd ( Mathematics And Science ) Answer Key
52 यदि 15x 2 -26r+8 = (Ax + B) (Cx + D) है, जहाँ, A और C धनात्मक पूर्णांक हैं, तो (2A + B-C-2D) का मान क्या है ?
53. ABC और DEF में यदि AB = EF , BC = DE तथा CA = FD हैं, तो
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54. निम्न में से कौन सी एक समकोण त्रिभुज की भुजाएं हो सकती हैं ?
(1) 15 cm, 32 cm और 57 cm
(2) 65 cm, 72 cm और 97 cm
(3) 20 cm, 21 cm और 31 cm
(4) 35 cm, 77 cm और 88 cm
55. किसी बहुफलक के 7 फलक और 10 शीर्ष हैं । इस बहुफलक के किनारों की संख्या है
(1) 15
(2) 17
(3) 13
(4) 14
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56. ABC में, भुजा AB को E तक और भुजा CA को D तक बढ़ाया जाता है। यदि BAD = 125° और EBC = 100° हैं, तो निम्न में से कौन सा सत्य है ?
(1) ABC और ACB का अंतर 35° है ।
(2) BAC और ACB का अंतर 20° है ।
(3) ABC समद्विबाहु त्रिभुज है।
(4) AB> BC हैं।
57. समलंब PQRs में, PQ || SR है और PQ तथा SR का अनुपात 3:2 है । यदि समलंब का क्षेत्रफल 480 cm2 है और PQ तथा SR के बीच की दूरी 12 cm है, तो SR की लंबाई है
(1) 36 cm
(2) 48 cm
(3) 24 cm
(4) 32 cm
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58. 88 cm x 10 cm माप वाले एक आयताकार कागज़ के टुकड़े को बिना अतिव्यापन किए, मोड़कर एक 10 cm ऊंचाई का बेलन बनाया जाता है । बेलन की धारिता (लीटर में) क्या है ? (Pai – 22/7 लीजिए)
(1) 7.392
(2) 8.624
(3) 5.54
(4) 6.16
59. किसी घन का आयतन 2197 cm3 है । इसका . पार्श्व पृष्ठीय क्षेत्रफल (cm2 में) क्या है ?
(1) 845
(2) 1014
(3) 676
(4) 576
Bharti Bhawan Physics Class-10:Chapter-1:Very Short Type Question Answer:Short Type Question Answer:Long Answer Type Question Answer:भौतिकी:कक्षा-10:अध्याय-1:अति लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर:लघु उत्तरीय प्रश्न:दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
एक गोलीय दर्पण, जिसका वक्रता केन्द्र C है पर एक किरण ACB आपतित होती है तब वह उसी दिशा में लौट जाती है क्योंकि वक्रता त्रिज्या दर्पण पर स्थित किसी बिंदु पर अभिलंब होती है, इसलिए जो किरण दर्पण के वक्रता केन्द्रC पर पड़़़ है तो अपसारी त्रिभुज वह दर्पण ती लंबवत होती है| अतः परावर्तन के बाद वह उसी पथ पर लौट जाती है|
ऐसे किरणपुंज में प्रकाश की किरणें एक दूसरे के समांतर होती है बहुत अधिक दूरी पर स्थित प्रकाश स्रोत (जैसे- सूर्य) से आते किरणपुंज को समांतर किरणपुंज माना जाता है|
गणितज्ञो का परिचय देते हुए उनके योगदान | famous mathematician | GNITYGO KE PRICHAY DETE HUVE UNKE YOGDAN | Course - 7 (Teaching of mathematics)
1. पाइथागोरस (pythagorous) :-
पाइथागोरस का जन्म ग्रीस के निकट एशियन सागर के मध्यम सामोस नामक स्थान पर 580 ईसवी पूर्व हुआ था ! इनके गुरु का नाम थेल्स था जो कि यूनान के महान विद्वान थे ! इन्होंने एक प्रमेय की रचना की जिसे 'पाइथागोरस प्रमेय ' के नाम से जाना जाता है ! इस प्रमेय से यह स्पष्ट किया गया है कि किसी समकोण त्रिभुज में कर्ण पर बना वर्ग शेष दो भुजाओं अथार्त लम्ब और आधार आधार पर बने वर्गों के योग के बराबर होता है ! पाइथागोरस ने समस्त संख्याओं को सम और विषम भागों में बदलने का कार्य संपन्न किया ! पाइथागोरस ने कुछ संख्याओं को त्रिभुज संख्या का नाम दिया है ! 1,3,6 और 10 आदि त्रिभुज संख्याएं थी ! पहली दो संख्याओं का योग 1➕2=3 प्रथम त्रिभुज संख्या, पहली तीन संख्याओं का योग 1➕ 2➕ 3 =6 द्वितीय त्रिभुज संख्या तथा प्रथम चार संख्याओं का योग 1➕ अपसारी त्रिभुज 2➕3➕4= 10 तीसरी भुजा संख्या कहलाती थी !
पाइथागोरस स्कूल जो कि उनके समर्थकों द्वारा स्थापित किया गया था ! इस स्कूल के गणितज्ञो ने अनेक गणितीय शब्दों जैसे- मैथमेटिक्स, परवलय (parabola), इलिप्स अपरवलय (hyperbola) आदि की खोज की ! इस प्रकार गणित इतिहास में पाइथागोरस का योगदान विशेष महत्व रखता है !
2. यूक्लिड (Euclid) :-
यूक्लिड का जन्म अलक्जेनड्रिया (alexanderia) में 300 ईसवी पूर्व के लगभग हुआ था ! इनकी प्रारंभिक शिक्षा एथेंस में हुई थी ! यूक्लिड का सबसे प्रसिद्ध ग्रंथ एलिमेंट्स (elements) है जिसके अब तक 1000 से अधिक संस्करण हो चुके हैं ! इस ग्रंथ में उन्होंने स्वर्गसमता, समानता, बीजगणितीय सर्वसमिकाएं, क्षेत्रफल, वृत्त, समानुपात, ठोस, ज्यामिति आदि विषयों का उल्लेख किया है ! इसके अलावा यूक्लिड ने डेटा (data) अपसारी त्रिभुज आकृतियों का विभाजन,स्यूडेरिया, (pseuderia), शाक्व (conic),पोरिज्मस(porism) तथा तल बिंदु(surface loci) महत्वपूर्ण ग्रंथों की रचना करके गणित के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया !
3. श्रीनिवास रामानुजनम (Shriniwas Ramanujam) :-
अपसारी त्रिभुज
श्रीनिवास रामानुजम का जन्म तमिलनाडु राज्य की इमोद नामक गांव में 22 दिसंबर, 1887 ईसवी में हुआ था ! इनकी जाति ब्राह्मण थी तथा आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं थी ! बचपन से ही ये गणित में विशेष रूचि लेते थे ! वे अपने दोस्तों तथा साथियों का मनोरंजन गणितीय पहेलियो एवं सूत्रो के द्वारा ही करते करते थे तथा साथियों और अध्यापकों से गणित के बहुत से सवाल पूछा अपसारी त्रिभुज करते थे ! इस प्रकार वे गणित में अत्यधिक रुचि रखते थे ! जब तीसरी कक्षा में पढ़ते थे एक दिन उनके गणित के अध्यापक यह पढ़ा रहे थे कि किसी संख्या को उसी संख्या से भाग दिया जाए तो भजनफल हमेशा एक आता है ! कक्षा के सभी छात्र अध्यापक की बात को चुपचाप सुन रहे थे परंतु रामानुजम ने तुरंत खड़े होकर अपने अध्यापक से पूछा कि साहब क्या यह नियम शून्य के लिए भी लागू होगा ? इस प्रकार के गूढ़ प्रश्न पूछ कर प्रारंभ से ही वे अपने अध्यापकों को आश्चर्यचकित किया करते थे !
आर्थिक स्थिति सही अच्छी न होने के कारण ये अधिक शिक्षा न ग्रहण कर सके तथा मद्रास ट्रस्ट में बहुत ही कम वेतन पर नौकरी कर ली ! इस दौरान उनकी मुलाकात डॉ बाकर से हुई जो कि उनसे बहुत प्रभावित हुए ! डॉ बाकर के प्रयासों से इनको मद्रास विश्वविद्यालय में 2 वर्ष के लिए छात्रवृत्ति मिल गई जिससे उनकी आर्थिक परेशानी कम हो गई तथा अपना अधिकांश समय गणित के अध्ययन में ही व्यस्त करने लगे ! रामानुजम ने अपने कुछ लेख डॉक्टर हाड्डी के पास भेजे ! डॉक्टर हड्डी तथा उनके सहयोगी इस लेखों से बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने रामानुजम को कैंब्रिज बुलाने का निर्णय लिया ! इस प्रकार उनको इंग्लैंड जाने की अनुमति मिल गई जहां पर उन्होंने गणित के क्षेत्र में महत्वपूर्ण शोध किए !
15 वर्ष की आयु में ही रामानुजम ने जादू के वर्गो की रचना के नियमों को प्रतिपादित किया ! ज्यामिति में उन्होंने वृत्त वर्ग के रूप में व्यक्त करने का विचार किया तथा पृथ्वी की भूमध्य रेखीय परिधि का माप इनकी शुद्धता से ज्ञात की कि सही माप से में बहुत कम अंतर ही रह गया ! थॉमस हार्डी को भेजे गए 120 प्रमेयो (theorems) में से हार्डी ने 15 प्रमेय ऐसे छाटा जिनके विषय में वे स्वयं भी आश्चर्य चकित रह गए ! इन प्रमेयो में हाइपर ज्यामिति, अपसारी त्रिभुज इलिप्टिक, इंटीग्रल तथा अपसारी (divergent) श्रेणी पर भी उदाहरण सम्मिलित किये गये ! पूर्ण संख्याओं के प्रति उनकी बहुत रुचि थी ! इनके अतिरिक्त अपरीमित श्रेणी के रूपांतर तथा बीजीय सूत्र आदि में श्रीनिवासजी की अंतर्दृष्टि तथा गणित के प्रति लगन आश्चर्य चकित करने वाली थी !
रामानुजम ने आगमन विधि द्वारा गणित के सभी क्षेत्रों में कार्य किया जिसके द्वारा वे उदाहरण से शुरू करके व्यापक परिणामों पर पहुंच जाते थे ! उनकी सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि वे हमेशा काम में लगे रहते थे ! यहा तक की mock Theta functions' पर उनका सम्पूर्ण कार्य मृत्यु शय्या पर ही हुआ ! इस प्रकार रामानुजन ने गणित संसार में अपनी विशेष छाप छोड़ी है जिसके कारण उनको बुलाया भूलाना बहुत ही मुश्किल है ! गणित के क्षेत्र में उनका बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहा !
श्रीनिवास अयंगर रामानुजन (Srinivasa Iyengar Ramanujan)अपसारी त्रिभुज
National Mathematics’ Day in Hindi
उनका जन्म 22 दिसंबर 1887 को इरोड (तमिलनाडु), भारत में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था और मृत्यु 26 अप्रैल 1920 को कुंभनम में हुई थी। वे एक अत्यंत गरीब परिवार से थे, उनके पास किताब खरीदने के पैसे भी नहीं हुआ करते थे वे अपने दोस्तों की किताब उदार मांग कर अपनी शिक्षा पूरी करते थे। कहा जाता है कि उन्होंने मैट्रिक कक्षा में 3 बार फेल हुए थे लेकिन गणित में उनका अंक 100/100 रहता था।
12 साल की उम्र में उन्होंने त्रिकोणमिति का ज्ञान प्राप्त किया था और बिना किसी की मदद के अपने विचारों को विकसित किया था। वे केवल 15 वर्ष की आयु में ही उन्होंने जॉर्ज शोब्रिज कैर के सिनॉप्सिस ऑफ एलीमेंट्री रिजल्ट्स इन प्योर एंड एप्लाइड मैथमेटिक्स की एक प्रति प्राप्त की।
श्रीनिवास अयंगर रामानुजन का योगदान
उनके शोधपत्र 1911 में जर्नल ऑफ द इंडियन मैथमैटिकल सोसाइटी में प्रकाशित हुए थे। उन्होंने बिना किसी मदद के मुख्य रूप से पहचान और समीकरणों के साथ लगभग 3900 परिणाम संकलित किए थे। उनमें से कई परिणाम मूल और उपन्यास हैं जैसे रामानुजन प्राइम, रामानुजन थीटा फ़ंक्शन, विभाजन सूत्र और नकली थीटा फ़ंक्शन। इन परिणामों ने कई और शोधों को प्रेरित किया। उन्होंने अपसारी श्रृंखला के अपने सिद्धांत की खोज की, रीमैन श्रृंखला के कार्यात्मक समीकरणों, अण्डाकार अभिन्न, हाइपर ज्यामितीय श्रृंखला और जीटा कार्यों पर काम किया। आपको बता दें कि 1729 नंबर को हार्डी-रामानुजन नंबर के नाम से जाना जाता है।
Q. राष्ट्रीय गणित दिवस कब मनाया जाता है?
Ans : राष्ट्रीय गणित दिवस 22 दिसम्बर को मनाया जाता है।
Q. श्रीनिवास अयंगर रामानुजन का जन्म कब हुआ था?
सीटेट परीक्षा में पूछे जाते हैं बाल विकास शिक्षा शास्त्र के कुछ ऐसे सवाल- CDP PYQs for CTET Exam 2022
Q. निम्नलिखित में से कौनसी पोर्टफोलियो की विशेषता नहीं है ?/1.Which of the following is NOT a feature of the अपसारी त्रिभुज portfolio?
(a) पोर्टफोलियो समय विशेष के दौरान किए गए कार्यों को संकलित करता है और विकासात्मक परिवर्तनों पर प्रकाश डालते हैं।Portfolios collect work samples over time, reflecting development changes.
(b) पोर्टफोलियो विद्यार्थी को अभिकल्प करने, संग्रह करने और मूल्यांकन में संलग्न करते हैं।Portfolios involve students in design, collection and evaluation.
(c) पोर्टफोलियो विद्यार्थी को स्वयं की अधिगम गति के आकलन में संलग्न करके स्वनियामितत को समुन्नत करते हैं।Portfolios promote self regulation by involving students in the assessment of their own learning progress.