बिटकॉइन निवेश

बिटकॉइन निवेश
देश में क्रिप्टोकरेंसी (विशेषकर बिटकॉइन) में निवेश करने की इच्छा तेजी से बढ़ रही है। इसका कारण इससे होने वाला भारी मुनाफा है। इसने निवेशकों को अच्छा खासा पैसा कमाने का मौका दिया है. हालांकि इसकी कीमत इस साल की रिकॉर्ड ऊंचाई से काफी नीचे आ गई है। फिर भी निवेशक इसमें पैसा इसलिए लगा रहे हैं क्योंकि उन्हें अब इसमें सस्ते दाम में निवेश करने का मौका नजर आ रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में भारत में क्रिप्टोकरेंसी के एक करोड़ से ज्यादा नए निवेशक हैं। अगर आप भी इसमें निवेश करना चाहते हैं तो हम आपको रास्ता बता रहे हैं।
बिटकॉइन की कीमत में उतार-चढ़ावइस साल बिटकॉइन की कीमत में काफी उतार-चढ़ाव आया है।
क्रिप्टो करेंसी में आई भारी गिरावट, बिटकॉइन, इथीरियम धड़ाम, अमेरिका में बढ़ती महंगाई बनी वजह
Cryptocurrency: अमेरिका में बढ़ती महंगाई और रिटेल इंफ्लेशन की रिपोर्ट के बाद क्रिप्टोकरेंसी में तेज गिरावट देखने को मिली. गुरुवार को सुबह शुरुआती कारोबार में क्रिप्टो 4-6 फीसदी नीचे रहा.
Cryptocurrency: महंगाई पर उम्मीद से बदतर आई रिपोर्ट के बाद अमेरिकी शेयर बाजार पर इसका बिटकॉइन निवेश असर देखने को मिल रहा है और शेयर लगभग 2 साल के अपने सबसे कमजोर स्तर तक जा रहे हैं. अमेरिका में रिटेल इंफ्लेशन की रिपोर्ट आने के बाद गुरुवार की सुबह S&P 500 कारोबार में 1.4 फीसदी नीचे था. रिपोर्ट में महंगाई दर अधिक व्यापक रूप से फैल रही है और यह अपने 40 साल में सबसे ऊपरी स्तर पर जा रही है. इसे देखते बिटकॉइन निवेश हुए फेड को ब्याज दरों में और बढ़ोतरी करनी पड़ सकती है और मंदी की भी आशंका की जा सकती है. वहीं क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में भी 4-6 फीसदी तक गिरावट देखने को मिली.
क्रिप्टो में आई 4 फीसदी की गिरावट
गुरुवार को क्रिप्टोकरेंसी में 4 से 6 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली. BITCOIN 3.5 फीसदी की गिरावट पर ट्रेड कर रहा था और ETHEREUM भी 3.13 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे. टेक कंपनियों ने वॉल स्ट्रीट पर शेयरों की गिरावट का नेतृत्व किया. वहीं सोना भी 1.5 फीसदी की गिराट पर था.
एक चौथाई टूटे शेयर
सुबह 10 बजे के करीब Dow Jones Industrial Average 287 अंक या 1 फीसदी तक गिरकर 28,923 पर आ गई. वहीं नैस्डैक (Nasdaq) कंपोजिट 2.2% कम था. गुरुवार सुबह ट्रेडिंग की शुरुआत में तीनों इंडेक्स नीचे थे, जिसमें एसएंडपी 500 2.4% और डॉव 549 अंक नीचे था. चार दशकों में सबसे खराब मुद्रास्फीति की चिंता और फेडरल रिजर्व के कठोर उपायों के बीच स्टॉक्स में इस उनके वैल्यू के एक चौथाई की गिरावट आ चुकी है.
फेड के इन उपायों ने न केवल कर्ज को अधिक महंगा और विकास दरों की धीमा किया है, बल्कि ये स्टॉक, क्रिप्टोकरेंसी और लगभग हर दूसरे निवेश की कीमतों को भी गिराते है, क्योंकि उनका मतलब है कि बॉन्ड ब्याज में अधिक भुगतान कर रहे हैं, जो डॉलर को अन्य निवेश से दूर खींचता है.
Gold vs Crypto: फेस्टिव सीजन गोल्ड या क्रिप्टो में से किसमें निवेश करना है बेहतर? जानें कहां मिलेगा निवेशकों को ज्यादा रिटर्न
Investment Tips: पिछले कुछ सालों में बिटकॉइन ने अपने निवेशकों को सोने से ज्यादा रिटर्न दिया है. आंकड़ों के मुताबिक 2017 के दिवाली में बिटकॉइन में 312.5% की बढ़त दर्ज की गई थी.
By: ABP Live | Updated at : 24 Oct 2022 01:49 PM (IST)
गोल्ड vs क्रिप्टोकरेंसी
Gold vs Cryptocurrency: भारत समेत पूरी दुनिया में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. इसमें कुछ सालों में कुछ निवेशकों को तगड़ा रिटर्न दिया है. ऐसे में आजकल इन्वेस्टर्स इसमें निवेश करना बहुत पसंद कर रहे हैं. वहीं गोल्ड भारतीयों का सबसे पुराना और पसंदीदा कमोडिटी रहा है.
गोल्ड ने लगभग हर साल अपने निवेशकों को अच्छा रिटर्न दिया है, लेकिन ज्यादा रिटर्न क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency Investment) ने ही दिया है. ऐसे में अक्सर निवेशकों के मन में यह सवाल उठता है कि अखिर वह गोल्ड या क्रिप्टोकरेंसी (Gold vs Cryptocurrency) में से किस ऑप्शन में निवेश करें, जहां उन्हें ज्यादा के साथ-साथ सुरक्षित रिटर्न की गारंटी मिलती है.
भारत में आजकल लोग फेस्टिव सीजन में डिजिटल गोल्ड (Digital Gold) खरीदना बहुत पसंद कर रहे हैं. इसमें निवेश करने वालों की संख्या में इजाफे का सबसे बड़ा कारण यह है कि इसकी वैल्यू फिजिकल गोल्ड की तरह ही होती है और इसे सुरक्षित जगह पर रखने का कोई झंझट भी नहीं होता है. वहीं क्रिप्टोकरेंसी आप डिजिटल माध्यम से ही निवेश करते हैं. ऐसे में हम आपको बताते हैं कि आपको कहां निवेश करने पर ज्यादा रिटर्न मिलेगा.
बिटकॉइन vs सोना
पिछले कुछ सालों में बिटकॉइन ने अपने निवेशकों को सोने से ज्यादा रिटर्न दिया है. आंकड़ों के मुताबिक 2017 के दिवाली में बिटकॉइन में 312.5% की बढ़त दर्ज की गई थी. साल 2018 में यह बढ़त 196.3% दर्ज की गई थी. साल 2019 में इसके प्राइस में 96.4% की बढ़त दर्ज की गई है.
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इसके अलावा कोरोना काल में भी इसमें निवेशों को लाभ हुआ है. बात करें सोने की तो साल 2017 में इसके प्राइस में 29.5% की बढ़त दर्ज की गई है. साल 2018 में 36.1% और साल 2019 में निवेशकों को 25.1% तक का रिटर्न गोल्ड पर मिला है. ऐसे में गोल्ड ने भी निवेशकों को अच्छा रिटर्न दिया है, लेकिन यह बिटकॉइन की तुलना में बेहद कम है.
गोल्ड में निवेश करना ज्यादा सुरक्षित
आपको बता दें कि भले ही सोने में निवेश करने पर आपको बिटकॉइन (Bitcoin) की तुलना में कम रिटर्न हासिल हो रहा है, लेकिन यह निवेश और सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है. दोनों ही मार्केट रिस्क पर निर्भर करता है, लेकिन गोल्ड में उठापटक क्रिप्टोकरेंसी की तुलना में बेहद कम होता है. आज भी निवेशकों के बीच में गोल्ड एक बेहद विश्वसनीय कमोडिटी है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी पर अभी तक निवेशकों के बीच वैसा विश्वास नहीं बन पाया है.
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Published at : 24 Oct 2022 01:49 PM (IST) Tags: Gold Bitcoin Gold vs Cryptocurrency Gold vs Crypto हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
Cryptocurrency Prices: बिटकॉइन में निवेश करने वालों के लिए खुशखबरी, 21,000 डॉलर के पार पहुंची करेंसी
क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में शनिवार को तेजी देखी गई है. क्रिप्टो बिटकॉइन निवेश मार्केट कैप 1 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर गया है.
TV9 Bharatvarsh | Edited By: राघव वाधवा
Updated on: Sep 10, 2022 | 2:43 PM
क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में शनिवार को तेजी देखी गई है. क्रिप्टो मार्केट कैप 1 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर गया है. Shiba Inu (SHIB) आज सबसे ज्यादा ट्रेंडिंग क्रिप्टो है. वहीं, सबसे ज्यादा फायदा आज Terra (LUNA) को हुआ है. जबकि, सबसे ज्यादा नुकसान में Terra Classic (LUNC) रही है. ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट 6.2 फीसदी बढ़कर 1.05 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच गया है. वहीं, ट्रेडिंग वॉल्यूम 43.64 फीसदी के उछाल के साथ 104.21 अरब डॉलर हो गया बिटकॉइन निवेश है.
डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस कॉइन्स सेक्शन में ट्रेडिंग वॉल्यूम करीब 8.06 अरब डॉलर या कुल क्रिप्टो मार्केट के 24 घंटों के वॉल्यूम का 7.74 फीसदी है. जबकि, सभी स्टेबलकॉइन्स का वॉल्यूम 97.91 अरब डॉलर या पिछले 24 घंटों में कुल क्रिप्टो मार्केट वॉल्यूम का करीब 93.95 फीसदी है.
इस क्रिप्टोकरेंसी में सबसे बड़ा उछाल
सबसे ज्यादा तेजी Terra (LUNA) में आई है. यह 169.32 फीसदी के उछाल के साथ 5.24 डॉलर पर पहुंच गई है. वहीं, सबसे ज्यादा नुकसान Terra Classic (LUNC) में आया है. यह 18.33 फीसदी गिरकर 0.0004359 डॉलर पर आ गया है.
मार्केट कैपिटलाइजेशन के हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी और लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन 9.74 फीसदी की तेजी के साथ 21,287.56 डॉलर पर पहुंच गया है. 9 सितंबर को, बिटकॉइन 20,000 डॉलर के स्तर पर पार कर गया था. और दोपहर साढ़े 3 बजे तक यह 21,000 डॉलर के करीब ट्रेड कर रहा था.
पूरे दिन में, बिटकॉइन की कीमतें हर घंटे के साथ नई ऊंचाई पर पहुंच रही थीं. और करीब 7.49 बजे यह 21,000 डॉलर के स्तर को पार करके आगे निकल गया. अब यह क्रिप्टोकरेंसी दिन के सबसे ज्यादा स्तर पर ट्रेड कर रही है. इसकी सबसे कम इंट्रा डे ट्रेडिंग कीमत 19,884.43 डॉलर रही. जबकि, इसका वॉल्यूम 51.37 फीसदी बढ़कर 49,798,039,577 डॉलर पर पहुंच गया है.
वहीं, Ethereum की कीमत पिछले 24 घंटों में 5.7 फीसदी बढ़कर 1,734.89 डॉलर पर पहुंच गई है.
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क्रिप्टोकरेंसी की हैकिंग में बड़ा उछाल
इसके अलावा आपको बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी की हैकिंग में बड़ा उछाल देखा जा रहा है. हैकिंग की घटना में 60 परसेंट तक बढ़ोतरी हुई है. यह आंकड़ा इस साल के शुरुआती 7 महीने के हैं. हैकिंग में 1.9 बिलियन डॉलर (लगभग 16000 करोड़ रुपये) की चपत लगी है. डी-सेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (DeFi) प्रोटोकॉल के फंड से चोरी की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि देखने को मिली है. यह रिपोर्ट ब्लॉकचेन एनालिसिस फर्म चेनलिसिस ने मंगलवार को जारी की है. पिछले साल इसी अवधि में हैकरों ने 1.2 बिलियन डॉलर की क्रिप्टोकरेंसी की चोरी की थी. यानी एक साल में ऐसी वारदातों में लगभग दोगुने की बढ़ोतरी देखी गई है.
कज़ाख़स्तान में हिंसा से बिटकॉइन क्यों पिट गया?
क्रिप्टो-करेंसी का मूल्य प्रति डिज़िटल कॉइन 47 हज़ार डॉलर से गिरकर इस हफ़्ते 42 हज़ार डॉलर से भी कम पर पहुँच गया. इस हफ़्ते भी क़ीमत 42 हज़ार डॉलर के आसपास ही है.
यह फ़ेडरल रिज़र्व की बैठक की जानकारी सामने आने के बाद हुआ. इस बैठक में ब्याज दर बढ़ाने की बात हुई है.
कज़ाख़स्तान में राजनीतिक अस्थिरता का असर भी इस पर पड़ा है क्योंकि नेटवर्ट क्षमता प्रभावित होने की आशंका गहरा गई है.
बिटकॉइन के कमज़ोर और मज़बूत होने में एक छोटा कारण भी अहम होता है. वैश्विक और विकेंद्रीकृत प्रकृति के कारण बिटकॉइन का गिरना और चढ़ना आम बात है.
बिटकॉइन क्या है और कैसे बनता है?
बिटकॉइन माइनिंग
लेकिन कई विशेषज्ञों का मानना है कि फ़ेडरल रिज़र्व की दिसंबर में हुई बैठक के नोट जारी होने का असर भी ख़ासा पड़ा है.
अमेरिका के केंद्रीय बैंक से ब्याज दरें बढ़ाने की बात निकलकर आई है. कहा जा रहा है कि ब्याज दरें बढ़ाने की बात वक़्त से पहले आ गई है.
ब्याज दरें बढ़ाई जाती हैं तो बिटकॉइन में निवेश करने वाले सीधे प्रभावित होंगे क्योंकि वे फिर कम जोखिम वाले निवेश की तरफ़ रुख़ करेंगे.
दूसरी तरफ़ कज़ाख़स्तान में बड़े स्तर पर बिटकॉइन माइनिंग की प्रक्रिया होती है.
बिटकॉइन माइनिंग का मतलब उस प्रक्रिया से है, जिसके तहत लेन-देन को प्रमाणित किया जाता है और नए कॉइन बनाए जाते हैं.
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मध्य-एशिया के देश कज़ाख़स्तान में पिछले हफ़्ते राजनीतिक अस्थिरता की शुरुआत हुई थी.
वहां के नागरिक ईंधन की क़ीमत बढ़ाने के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने सड़कों पर उतर गए. प्रदर्शन हिंसक हो गया और कई लोगों की जान भी गई.
प्रदर्शनकारियों को दंगाई की तरह देखा गया. सबसे बड़े शहर अलमाती में कई इमारतों को प्रदर्शनकारियों ने अपने नियंत्रण में ले लिया था.
कज़ाख़स्तान के बारे में कहा जाता है कि सस्ती बिजली के कारण यहाँ क़रीब 20 फ़ीसदी बिटकॉइन माइनिंग होती है.
पिछले हफ़्ते की शुरुआत में यहाँ इंटरनेट बंद कर दिया गया था और इससे पूरे बिटकॉइन नेटवर्क पर असर पड़ा.
कज़ाख़स्तान: बिना चेतावनी दिए गोली मारने का आदेश
क्या हुआ?
- प्रति कॉइन मूल्य 47,000 डॉलर से ऊपर था लेकिन गिरावट शुरू हो गई
- पिछले हफ़्ते 46,000 डॉलर से गिरावट शुरू हुई
- बुधवार को फ़ेडरल रिज़र्व बैठक के नोट्स जारी हुए
- गुरुवार को बिटकॉइन की क़ीमत गिरकर 42 हज़ार डॉलर तक पहुँच गई
- गुरुवार को बिटकॉइन की क़ीमत एक समय रिरवरी से पहले 41 हज़ार डॉलर के न्यूनतम स्तर पर भी पहुँची
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बिटकॉइन में यह गिरावट सितंबर 2021 के बाद से सबसे बड़ी थी. नवंबर में बिटकॉइन 60 हज़ार डॉलर तक पहुँच गया था.
अन्य क्रिप्टो करेंसी में भी गिरावट दर्ज की गई है. इथेरम की क़ीमत बुधवार को 3,800 डॉलर के क़रीब थी जो शुक्रवार को 3,200 बिटकॉइन निवेश बिटकॉइन निवेश डॉलर से भी कम पर पहुँच गई.
सिंगापुर स्थित क्रिप्टोकंपनी स्टैक फंड्स के मैथ्यु डिब ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा, "हम अभी बाज़ार में अनिश्चितता देख रहे हैं. लोगों में निवेश को लेकर डर है. ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका के कारण लोग डरे हुए हैं."
मैथ्यु ने कहा छोटी अवधि वाली मिड-30 की क्रिप्टो करेंसी से भी लोग अपना निवेश खींच सकते हैं.
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क्रिप्टोकरेंसी और ख़ासकर बिटकॉइन को लेकर लगातार विवाद बना रहा है.
फ़ायरफॉक्स वेब ब्राउजर बनाने वाला ग्रुप मोज़िला फाउंडेशन ने भी कहा है कि वो अब क्रिप्टो करेंसी में डोनेशन स्वीकार नहीं करेगा.
ऐसा उसने यूज़र्स के पीछे हटने के बाद फ़ैसला लिया है.
कई सालों से मोज़िला फाउंडेशन क्रिप्टो करेंसी स्वीकार कर रहा था लेकिन हालिया ट्वीट से फिर से क्रिप्टो करेंसी की अनियमित प्रकृति को लेकर बहस शुरू हो गई. मोज़िला के इस ट्वीट से लोग नाराज़ भी दिखे.
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