विदेशी मुद्रा भंडार कमी का कारण

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देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2.23 अरब डॉलर गिरकर 550.9 अरब डॉलर पर आया
- स्वर्ण विदेशी मुद्रा भंडार कमी का कारण विदेशी मुद्रा भंडार कमी का कारण विदेशी मुद्रा भंडार कमी का कारण भंडार में 34 करोड़ डॉलर का इजाफा हुआ
- स्वर्ण भंडार बढ़कर 38.64 अरब डॉलर पर पहुंच गया
- विशेष आहरण अधिकार में 6.3 करोड़ डॉलर की कमी हुई
विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति और विशेष आहरण अधिकार (SDR) में कमी आने से देश का विदेशी मुद्रा भंडार नौ सितंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार कमी का कारण 2.23 अरब डॉलर कम होकर लगातार छठे सप्ताह गिरता हुआ 550.9 अरब डॉलर रह गया जबकि इसके पिछले सप्ताह यह 7.9 अरब डॉलर उतरकर 553.1 अरब डॉलर रहा था.
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रिजर्व बैंक की ओर से जारी साप्ताहिक आंकड़े के अनुसार, नौ सितंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार के सबसे बड़े घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति 2.52 अरब डॉलर की गिरावट लेकर 489.6 अरब डॉलर रह गई. हालांकि इस अवधि में स्वर्ण भंडार में 34 करोड़ डॉलर का इजाफा हुआ और यह बढ़कर 38.64 अरब डॉलर पर पहुंच गया.
वहीं, आलोच्य सप्ताह में विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) में 6.3 करोड़ डॉलर की कमी हुई और यह घटकर 17.72 अरब डॉलर रह गया. इस अवधि में विश्व मुद्रा कोष (IMF) के पास आरक्षित निधि 80 लाख डॉलर बढ़कर 4.91 अरब डॉलर पर पहुंच गई.
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार 5वें सप्ताह आई गिरावट, इस हफ्ते 2.471 अरब डॉलर की आई कमी
नई दिल्ली।
देश के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार 5वें हफ्ते गिरावट दर्ज की गई है। भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से शुक्रवार को जारी किए गए आंकड़ों से ये जानकारी सामने आई है। आंकड़ों के अनुसार 8 अप्रैल, 2022 को समाप्त हुए सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2.471 अरब डॉलर घटकर 604.004 अरब डॉलर रह गया है। पिछले 5 हफ्तों में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 28.5 अरब डॉलर की कमी आई है।
1 अप्रैल 2022 को समाप्त हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में रिकॉर्ड 11.173 अरब डॉलर की गिरावट दर्ज की गई थी और यह घटकर 606.475 अरब डॉलर रह गया था। इससे पहले 25 मार्च, 2022 को समाप्त हुए सप्ताह में मुद्रा भंडार 2.03 अरब डॉलर घटकर 617.648 अरब डॉलर रह गया था। जबकि 18 मार्च, 2022 को इसमें 2.597 अरब डॉलर और 11 मार्च को समाप्त हुए सप्ताह में इसमें 9.646 अरब डॉलर की कमी दर्ज विदेशी मुद्रा भंडार कमी का कारण विदेशी मुद्रा भंडार कमी का कारण की गई थी।
हिं.दै.आज का मतदाता
रुपया गिरने से भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 5 अरब अमेरिकी डॉलर की गिरावट, ऐसे विश्वगुरु बनेगा भारत?
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार कमी आ रही है. अगस्त में भी देश के विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी. अब सातवें सप्ताह गिरकर 16 सितंबर को ये 545.652 बिलियन डॉलर तक गिर गया है.
भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार में 5.219 अरब अमेरिकी डॉलर की घटोतरी हुई है. 2 अक्टूबर, 2020 के बाद से ये इसका सबसे निचला स्तर है. पिछले सप्ताह के अंत में विदेशी मुद्रा भंडार 550.871 अरब डॉलर था.
विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ी कमी
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार अब भी रिकॉर्ड ऊंचाई पर है। लेकिन इसमें पिछले छह महीने में बड़ी कमी आई है। पिछले साल सितंबर में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 642 अरब डॉलर से ऊपर पहुंच गया था। लेकिन अब यह छह सौ अरब डॉलर से नीचे आ गया है। एक तरफ भारत का विदेशी मुद्रा भंडार घट रहा है और दूसरी ओर डॉलर के मुकाबले रुपए की कीमत ऐतिहासिक गिरावट पर है। पिछले महीने 29 अप्रैल को खत्म हुए कारोबारी हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 597 अरब डॉलर पर आ गया था और छह मई को खत्म हुए कारोबारी हफ्ते में डॉलर की कीमत 76 रुपए से ऊपर पहुंच गई थी।
बहरहाल, पिछले छह-सात महीने में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 44.73 अरब डॉलर कम हुआ है। सांस्थायिक विदेशी निवेशकों विदेशी मुद्रा भंडार कमी का कारण के पैसा निकालने की वजह से विदेशी मुद्रा कम हो विदेशी मुद्रा भंडार कमी का कारण रहा है। पिछले छह महीने में संस्थागत विदेशी निवेशकों ने 21.43 अरब डॉलर निकाल लिया है। यानी कम हुई विदेशी मुद्रा में आधा हिस्सा संस्थागत विदेशी निवेशकों का है। इसका प्रत्यक्ष कारण तो यह दिख रहा है कि अमेरिका में फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी का फैसला किया है। अमेरिका में मौद्रिक नीति में बदलाव से विदेशी निवेशक लौट रहे हैं। अकेले मार्च के महीने में विदेशी निवेशकों ने छह अरब डॉलर से ज्यादा निकाले। इसके अलावा रूस और यूक्रेन की जगह की वजह से तेल की कीमतें बढ़ी हैं, जिनके डॉलर में भुगतान की वजह से भारत के विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव बढ़ रहा है। हालांकि भारत के लिए अब भी चिंता की कोई खास बात नहीं विदेशी मुद्रा भंडार कमी का कारण है लेकिन शेयर बाजार का उतार-चढ़ाव लंबे समय में मुश्किल का कारण बन सकता है। इसका असर हाल में लांच हुए एलआईसी के शेयरों पर भी पड़ सकता है।
Ampere Reo Elite: बहुत सस्ता है ये ई-स्कूटर दिलाएगा, एक चार्ज में विदेशी मुद्रा भंडार कमी का कारण दौड़ता है 65km
Ampere Reo Elite
नई दिल्ली: पेट्रोल डीजल के बढ़ते दामों में आम भारतीय की कमर तोड़ कर रख विदेशी मुद्रा भंडार कमी का कारण दी है। इस परेशानी से निजात पाने के लिए आम भारतीय तेजी से इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ रुझान कर रहे हैं। लेकिन इलेक्ट्रिक वाहनों के मामले में सबसे बड़ी चुनौती ये है कि ये पारपंरिक ईंधन वाले वाहनों की तुलना में अच्छे-खासे महंगे होते हैं।
नतीजतन कोई भी व्यक्ति इनकी कीमत देखते ही बिदक जाता है। ऐसे में हम लाए हैं आपके लिए एक खास स्कूटर जो ना सिर्फ़ दौड़ने में किफायती है, बल्कि इसकी कीमत भी अपने राइवल्स की तुलना में बहुत कम है। ये स्कूटर है Ampere Reo Elite। जो भी ग्राहक इस स्कूटर को खरीदने का मन बना रहे हैं, वे इसे 45,099 रुपए में अपने घर ला सकते हैं।