निवेशकों के लिए असली परीक्षा

Shark Tank India क्या है? इसमें Registration कैसे करे? | What is Shark tank India Show? | How to Register shark Tank India season 2 2022
shark Tank India show 2022 : ` भारत में आजकल युवा Job से ज्यादा खुद के बिजनेस को अहमियत दे रहे हैं, फिर चाहे वह देखना छोटा हो या बड़ा और यह काफी उपलब्धियां भी हासिल कर रहा निवेशकों के लिए असली परीक्षा है. देश के उभरते E ntrepreneur को बढ़ावा देने के लिए Sony Entertainment TV Channel पर 20 दिसंबर को इंडिया शो की शुरुआत हुई है, आइए जानते हैं क्या है यहां S hark Tank India Show .
S hark Tank India Show : शायद आपको यह लग रहा होगा की क्या है shark tank india (What is shark tank india ? ) जी हां यह सो बहरत के लिया अभी नया है लेकी दुनिया में यह शो 2001 से अब तक कुल 40 देशो में आ चूका निवेशकों के लिए असली परीक्षा है, आज हम shark tank india full details in hindi, what is shark tank india in hindi के बारे में आपको पूरी जानकारी देने वाले है-
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Shark tank india 2022 |
S hark Tank India Show क्या है?
S hark Tank India Show B usiness Reality TV Series है, जो SET India पर प्रसारित होता है यह शो A merican show Shark Tank Indian franchise है जिसमें Indian B usinessmen अपने बिजनेस मॉडल को निवेशकों के लिए पैनल के सामने प्रस्तुत करते हैं व उन्हें उनके बिजनेस आइडिया में इन्वेस्ट करने के लिए राज़ी करते हैं.
S hark Tank India Show में 7 judges हैं S hark Tank India Show 20 दिसम्बर से Sony Entertainment TV Channel पर सोमवार से शुक्रवार 9:00 से आता है, S hark Tank India Shark Tank India Anchor रोडीज जैसे फेमस शो में अहम भूमिका और जज की भूमिका निभा चके रणविजय सिंघा है.
S hark Tank India Show judges :
शार्क टैंक इंडिया शो पर जो जजेस है जिन्हें सार्क के नाम से बुलाया जाता निवेशकों के लिए असली परीक्षा है, यह सभी अपने अपने बिजनेस क्षेत्र में महारथी है-
- Anupam Mittal (Shaddi.com CEO)
- Namita Thappar (Emcure Pharmaceutical Executive Director)
- Aman Gupta (Boat Co-Founder)
- Piyush Bansal (Lenskart.com CEO)
- Ashneer Grover (Managing Director of Bharta Pe)
- Vineeta Singh (CEO of Sugar Cosmetics)
- Ghazal Alagh (Co-founder of Mamaearth)
Shark Tank India official website :
शार्क टैंक इंडिया में रजिस्ट्रेशन कैसे करें? ( How to register in Shark Tank India)
यदि आपके पास बिजनेस का ऐसा आईडिया है या आप कोई आइडिया से किसी बिजनेस को काफी अच्छा चला सकते हैं तो आप S hark Tank India के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं, निवेशकों के लिए असली परीक्षा जिसके लिए आप S hark Tank India official website पर जाकर आसानी से रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं, आइये जानते है-
इंदौर-भोपाल | प्रॉपर्टी निवेश से बाहर निकलने का लास्ट चांस
यदि आपने इंदौर भोपाल जैसे शहरों में प्रॉपर्टी में निवेश किया है तो यह निवेश से बाहर निकलने का लास्ट चांस है। इसके बाद प्रॉपर्टी के वो दाम अगले 2 साल तक नहीं मिलेंगे, जिसकी आप उम्मीद करते हैं। इन शहरों में प्रॉपर्टी में चमत्कार होना तो बंद ही हो गया है। 3 साल क्या 6 साल में भी दोगुना होते नहीं दिखाई दे रहा है। आने वाला समय थोड़ा और संकट भरा हो सकता है।
वर्ष 2008 के ग्लोबल वित्तीय संकट अथवा मंदी से पहले रीयल एस्टेट निवेशकों को उन संपत्तियों पर भी भारी मुनाफा हुआ था, जो उन्होंने निवेशकों के लिए असली परीक्षा कुछ महीने पहले ही खरीद थीं लेकिन मंदी के दौरान प्रॉपर्टी बाजार में भी गिरावट आ गई और रीयल एस्टेट का कोई खरीदार नहीं रह रह गया। यह एक अस्वाभाविक स्थिति थी।
विशेषज्ञों का मानना है कि सामान्य बाजार स्थितियों में, प्रॉपर्टी की दरें ठोस और स्थिर ढंग से बढ़ती हैं। उनमें अचानक धुआंधार बढ़ोतरी या भयंकर गिरावट नहीं होती, लेकिन जिन बाजारों में पिछले 5 सालों में अच्छी बढ़त दर्ज की गई है, या चमत्कारिक परिणाम आए थे, वहां अब ग्राफ तेजी से नीचे निवेशकों के लिए असली परीक्षा जाएगा और मार्केट सेट करेगा।
प्रॉपर्टी के निवेशक दो प्रकार के होते हैं। एक वे जिन्हें नियमित किराया आय चाहिए और जो निवेशकों के लिए असली परीक्षा प्रॉपर्टी को बेचना नहीं चाहते। दूसरे निवेशक वे होते हैं जिन्हें पूंजी वृद्धि चाहिए। इन दूसरे किस्म के निवेशकों को अच्छे निवेशकों के लिए असली परीक्षा मुनाफे के लिए प्रॉपर्टी बेचने के सही समय का इंतजार करना होता है। क्योंकि प्रॉपर्टी को बेचने का असली मजा तब है, जब बाजार में उसके अच्छे दाम मिल रहे हों। सवाल है कि यह अच्छा समय कब आता है? और किस समय को सबसे अच्छा माना जाना चाहिए?
इस विषय पर लगातार बहस होती रहती है। इसे लेकर विशेषज्ञों के अलग-अलग मत हैं, मगर इस पर लगभग सभी सहमत हैं कि सामान्य बाजार दशाओं में रीयल एस्टेट मार्केट में दीर्घकालिक निवेश करना बेहतर रहता है। रीयल एस्टेट क्षेत्र की भाषा और शब्दावली में इसका मतलब लगभग तीन वर्ष की अवधि के निवेश से है। हालांकि आदर्श अवधि 3-5 वर्ष की मानी जाती है। मगर देखने में आया है कि 5-7 वर्ष के निवेश से सबसे अच्छा रिटर्न प्राप्त होता है। इसलिए जहां तक संभव हो रुकना चाहिए और इंतजार करते हुए बेहतर से बेहतर रिटर्न हासिल करने की कोशिश करनी चाहिए। प्रॉपर्टी से बेहतर रिटर्न प्राप्त करने के लिए जल्दबाजी ठीक नहीं।
रीयल एस्टेट निवेश से बाहर निकलने का एकदम उचित समय असल में बाजार के हालत की बजाय निवेशक की उम्मीदों पर निर्भर करता है। जहां तीन वर्ष बाद निवेश से बाहर निकलने से अच्छा रिटर्न सुनिश्चित होता है, वहीं उच्चतम रिटर्न के लिए निवेशक को और ज्यादा अवधि तक रुकना चाहिए। अधिक समय तक निवेश से अधिक फायदे का नियम प्रापर्टी बाजार पर भी लागू होता है।
अधिकतम पूंजी लाभ के लिए निवेशकों को पूरी हो चुकी परियोजनाओं के बजाय निर्माणाधीन आवासीय परियोजनाओं में निवेश करना चाहिए। ऐसी प्रॉपर्टी में निवेश का सबसे उपयुक्त समय परियोजना के लांच का होता है। इसके बाद जहां कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि निवेशकों को उस वक्त बाहर निकलना चाहिए, जब परियोजना पूर्ण होने के करीब होती है, या कम सब से कम तब, जब डेवलपर फ्लैट मालिकों को कब्जा देना शुरू करते हैं। जबकि कुछ अन्य विशेषज्ञ कब्जे के एक साल बाद निवेश से बाहर निकलने की सलाह देते हैं।
यह स्थानीय हालात जैसे कि मांग, आपूर्ति तथा क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की स्थिति वगैरह पर निर्भर करता है। इसलिए प्रॉपर्टी खरीदने अथवा बेचने का निर्णय लेने से पहले स्थानीय बाजार के मौजूदा हालात का विस्तृत अध्ययन कर लेना चाहिए। ऐसा करने से निवेश में नुकसान की संभावनाएं कम होती हैं। साथ ही, निवेश से अधिकतम रिटर्न प्राप्त होने के आसार बढ़ जाते हैं।
भा गए शिवराज. छा गए शिवराज. बड़े-बड़े हुए खड़े
इंदौर। इन्वेस्टर्स समिट के अंतिम दिन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने अपने उद्बोधन से सबका दिल जीत लिया। उनकी बात खत्म होते ही मंच पर मौजूद सभी अतिथियों (दाएं से) बिड़ला ग्रुप के एमडी कुमारमंगलम बिड़ला, वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, सहारा ग्रुप के चेअरमैन सुब्रत रॉय, जी ग्रुप के चेअरमैन सुभाष चंद्रा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष प्रभात झा और सांसद सुमित्रा महाजन ने खड़े होकर ताली बजाई।
कागज का टुकड़ा नहीं वचनबद्धता है एमओयू
रिकॉर्ड तोड़ करार होने से उत्साहित मुख्यमंत्री ने कहा वह करार करने वाले उद्योगपतियों व निवेशकों को छोड़ेंगे नहीं। एमओयू हमारे लिए कागज का टुकड़ा नहीं, वचनबद्धता है। करार होने के बाद असली परीक्षा अब शुरू होती है। समय सीमा में हम काम करेंगे और इसके लिए पहले सोमवार को मैं बैठता था लेकिन करारों की संख्या काफी अधिक होने पर अब हर बुधवार को उद्योग मंत्री भी समीक्षा करेंगे। जिला स्तर पर कलेक्टर भी सप्ताह में एक दिन उद्योगपतियों की समस्याएं दूर करेंगे। हम रिटेल को छोड़कर शेष सेक्टरों में एफडीआई के पक्ष में हैं और इसके लिए केंद्र सरकार को विदेशी निवेशकों की हर समस्या दूर करना चाहिए।
अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए नियम होंगे सरल
उधर, शाम को मेयर हाउस पर हुए आयोजन में बोले अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए नियम सरल किए जाएंगे। जल्द ही कैबिनेट में इस पर बात करेंगे।
वेलडन ऑफिसर्स- तीनों बैंक डकैतियों का खुलासा करने वाली क्राइम ब्रांच को सीएम ने बधाई दी। अफसरों के साथ जवानों से सीएम ने हाथ मिलाया तो वे गद्गद हो गए। वे बोले टीम को पुरस्कृत करेंगे।
राहुल यादव : क्या आप जानते हैं 24 साल के इस सीइओ की असली और पूरी कहानी?
इस्तीफा विवाद के कारण हाउसिंग डॉट कॉम के 24 वर्षीय सीइओ भारतीय मीडिया की पिछले दो-तीन दिनों से सुर्खी में बने हुए हैं. बिजनेस चैनलों, बिजनेस अखबारों व वेबसाइटों के लिए राहुल का इस्तीफा और फिर नाटकीय ढंग से उसे वापस ले लेना अहम खबर है. हर किसी ने इसे प्रमुखता से कवर किया और उसका फॉलोअप भी कर रहे हैं.
दरअसल, राहुल ने कुछ दिन पहले खुद की स्थापित कंपनी के सीइओ पद से इस्तीफा के लिए बोर्ड मेंबर्स व निवेशकों को मेल लिखा था. इस मेल में उनके द्वारा प्रयोग किये गये कडे और आपत्तिजनक शब्दों पर ही विवाद गहराया था. दरअसल, ऐसी स्थिति महज दो साल में 1500 करोड रुपये बाजार वाली कंपनी बन जाने वाली हाउसिंग डॉट कॉम के निवेशकों से उनका रिश्ता बिगडने के कारण हुआ. इस कंपनी में जापान की सॉफ्ट बैंक सहित कई बडी वेंचर कैपिटल कंपनियों ने निवेश कर रखा है.
सूत्रों की मानें तो राहुल यादव का विवाद सिक्योआ कैपिटल के एमडी शैलेंद्र सिंह से हुआ था. राहुल के स्ट्रेटजी प्लान से असंतुष्ट निवेशक व बोर्ड मेंबर उन्हें पद से हटाने पर विचार कर रहे थे. ज्यादातर इन्वेस्टर चाहते थे कि कंपनी के को फाउंडर आदित्य शर्मा को यह जगह अब दी जानी चाहिए. बहरहाल, विवादों के कारण चर्चा में आये राहुल यादव व उनके खास सहयोगी आदित्य शर्मा, जो उनकी ही उम्र के हैं कि शून्य से शिखर छूने की कहानी जानना बहुत दिलचस्प है. आइए जानते हैं इस 24 वर्षीय उद्यमी की पूरी कहानी.
राहुल यादव राजस्थान के अलवर के रहने वाले हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, जब वे दसवीं कक्षा में पढते थे, तो 20वें नंबर पर अपनी कक्षा में आये थे, जबकि इस कक्षा में मात्र 30 ही छात्र थे. पर, जब वे 12वीं की कक्षा में थे तो 75 प्रतिशत अंक लाया था और राजस्थान में वे फिजिक्स, केमेस्ट्री एवं मैथ्स स्ट्रीम में वे टॉपर हुए थे, जिसके बाद उन्हें आइआइटी प्रवेश परीक्षा के लिए स्कॉलरशिप मिली थी. बाद में उनका चयन भी आइआइटी, मुंबई के लिए हो गया.
राहुल यादव जब आइआइटी में पढ रहे थे तो वे सेंकेड इयर में अपनी कक्षा के छात्रों के प्रतिनिधि चुने गये और सीनियर कक्षा में पहुंचने के बाद छात्र संघ के सचिव बने. दिलचस्प बात यह कि आइआइटी के दिनों में चुनाव जीतने के लिए उन्होंने जो टेक्नोक्रेटिक आइडिया इस्तेमाल किया, वहीं बाद के दिनों में उनके स्टार्टअप का आधार बना. उन्होंने छात्रों से अपनी चुनावी घोषणा में वादा किया कि वे उनके लिए पिछले सालों की परीक्षाओं का एक कोश्चन बैंक बनायेंगे. उन्होंने ऑनलाइन बैंक बनाया भी, जिसका नाम था एक्जामबाबा डॉट कॉम.
आइआइटी में पढाई के बाद राहुल यादव व उनके दोस्त आदित्य शर्मा ने देखा कि उनके पहचान वालों व मित्रों को मुंबई में घर खोजने में काफी दिक्कत हो रही है. इस परेशानी से इन्हें भी दो चार होना पडा. ऐसे में घर खोजने के लिए एक ऑनलाइन स्टॉर्टअप का आइडिया आया, जिन्हें इन्होंने हाउसिंग डॉट कॉम नाम दिया. यह जल्द ही लोकप्रिय हो गया और इसकी सफलता देख कई बडे देशी विदेशी इन्वेस्टर ने इसमें निवेश किया. 2012 में आइआइटी से निकलने के साथ ही उन्होंने कंपनी की स्थापना की थी.
भले ही फौरी तौर पर राहुल यादव विवादों में आये हों, पर उनकी क्षमता व प्रतिभा के बहुत सारे लोग कायल हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, अभी इस कंपनी की पकड मुंबई के ही सिर्फ दस प्रतिशत बाजार पर है, ऐसे में विस्तार के लिए अपार संभावना है. राहुल यादव की इस कंपनी में फिलहाल 2500 लोग काम करते हैं, जिनकी संख्या जल्द ही 4000 हो जायेगी. राहुल यादव व उनके साथी आदित्य शर्मा कंपनी को ग्लोबल ब्रांड बनाने की कोशिश में जुटे हैं. इसके लिए कंपनी का कार्यालय सन फ्रांसिस्को निवेशकों के लिए असली परीक्षा निवेशकों के लिए असली परीक्षा सहित अन्य जगहों पर खोलने की योजना है. फिलहाल इस कंपनी की वेबसाइट पर 11 मीलियन विजिटिर हर महीने आते हैं.
एक रिपोर्ट के अनुसार, इस कंपनी में निवेश करने वाले एक बडे निवेशक ने कहा कि मेरे पास राहुल यादव का मेल पांच बजे सुबह आया, जिससे उनकी काम के प्रति तत्परता का पता चलता है. उस निवेशक का कहना है कि हो सकता है कि मैं उनसे अतिप्रभावित हूं, लेकिन वे नये बनते भारत के प्रतीक हैं. राहुल के दोस्त व कंपनी के सह संस्थापक आदित्य शर्मा जम्मू के रहने वाले हैं, वे कंपनी के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर भी हैं. इन्होंने मुंबई के पवई इलाके में ही अपना कार्यालय खोल रखा है.अपना इस्तीफा वापस लेने पर अपनी कंपनी के लोगों को उन्होंने सोशल मीडिया पर दिलचस्प संदेश दिया : आइ एम स्टिल योन सीइओ. हेव फन!
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