प्रवृत्ति पर व्यापार

पोर्टफोलियो मैनेजमेंट क्या है

पोर्टफोलियो मैनेजमेंट क्या है
5.PMS के लिए फीस आपस में तय नियम एवं शर्त के हिसाब से होती है. इसमें एक निश्चित रकम के अलावा रिटर्न पर आधारित कमीशन फीस भी हो सकती है. इसके अलावा इन दोनों के मिले-जुले रूप में भी फंड मैनेजर फीस ले सकता है.

Zerodha

पोर्टफोलियो मैनेजमेंट क्या होता है? Portfolio Management in Hindi?

निवेश का ज्यादा से ज्यादा फायदा तभी मिल सकता है, जबकि उसके लिए स्मार्ट तरीके से पोर्टफोलियो प्रबंधन किया जाए। ये काम पूरी समझ-बूझ के साथ, बेहतर तरीके से निपटाने का जिम्मा पोर्टफोलियो मैनेजर का होता है। इस लेख में हम जानेंगे कि पोर्टफोलियो मैनेजमेंट क्या होता है? What is Portfolio Management in Hindi? कितने प्रकार का होता है? किसी बिजनेस या निवेश की योजना में पोर्टफोलियो मैनेजर क्यों महत्वपूर्ण होता है?

कारोबार की भाषा में पोर्टफोलियो मैनेजमेंट, का मतलब ऐसे प्रोग्रामों और प्रोजेक्टों की सूची तैयार करने से है, जिससे उस संस्थान को ज्यादा से ज्यादा फायदे (returns की संभावना बने और कम से कम नुकसान की गुंजाइश (risks) बचे। ऐसे प्रोग्रामों और प्रोजेक्टों का चयन करना, प्राथमिकताएं तय करना और उनका नियंत्रण वगैरह भी पोर्टफोलियो मैनेजमेंट का हिस्सा होते हैं। जिस व्यक्ति या संस्था को या जिम्मेदारी सौंपी जाती है, उसे पोर्टफोलियो मैनेजर कहते हैं।

पोर्टफोलियो मैनेजर क्या होता है?
Who is a Portfolio Manager?

पोर्टफोलियो मैनेजर वह व्यक्ति होता है जोकि किसी निवेशक (व्यक्ति/संस्थान) की वित्तीय आवश्यकताओं को समझते हुए, और उसकी क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए, ज्यादा से ज्यादा लाभ कमाने वाली निवेश रणनीति तैयार करने की जिम्मेदारी निभाता है। पोर्टफोलियो पोर्टफोलियो मैनेजमेंट क्या है मैनेजर के पास ही अपने क्लाइंट की ओर से निवेश रणनीति तैयार करने और उस पर पैसा लगाने की जिम्मेदारी होती है। पोर्टफोलियो मैनेजर अपने क्लाइंट को सलाह देता है, संबंधित चीजों को समझाता है ताकि सर्वश्रेष्ठ निवेश योजना पर अमल किया जा सके और अधिकतम लाभ प्राप्त किया जा सके।

पोर्टफोलियो मैनेजमेंट मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं-

  • सक्रिय पोर्टफोलियो प्रबंधन | Active portfolio management
  • निष्क्रिय पोर्टफोलियो प्रबंधन | Passive portfolio management
  • विवेकाधीन पोर्टफोलियो प्रबंधन | Discretionary portfolio management
  • गैर-विवेकाधीन पोर्टफोलियो प्रबंधन Non-discretionary portfolio management

PORTFOLIO MANAGEMENT क्या होता है?

Portfolio Management को समझने से पहले हमें इन दोनों शब्दों के अर्थ पर एक बार अलग अलग ध्यान देते है,

निवेश के सम्बन्ध में पोर्टफोलियो का अर्थ, निवेश की विविधता (Different types of इन्वेस्टमेंट) और निवेश का कुल योग (Total investment) होता है,

अलग अलग फाइनेंसियल asset class में निवेश के कुल योग को मिलाकर एक पोर्टफोलियो बन जाता है,

जैसे – किशोर अपने निवेश को अलग अलग asset class , जहा fixed deposit में 30 %, Mutual fund में 30 % और stock market में 40 % निवेश करता है,

इस तरह अलग अलग asset class में निवेश किये गए कुल योग को हम किशोर का Investment Porftolio कह सकते है,

ये भी कहा जा सकता है कि –

निवेश पोर्टफोलियो का अर्थ, एक Planned technique है, जिसका इस्तेमाल करके निवेशक अपने निवेश को अलग अलग Asset class में निवेश करता है, और अपने निवेश में होने वाले Risk को control करके निवेश से मनचाहा लाभ उठाना चाहता है,

मैनेजमेंट क्या होता है?

बिल्कुल आसान शब्दों में कहा जाये तो ,

मैनेजमेंट का अर्थ, किसी निश्चित लक्ष्य को पूरा करने के लिए उपलब्ध साधनों का इस तरीके से इस्तेमाल करना है, जिस से कि पहले से निश्चित लक्ष्य को पूरा किया जा सके,

आइये अब देखते है –

PORTFOLIO MANAGEMENT क्या होता है?

पोफोलियो मैनेजमेंट वह तकनीक है, जो एक निवेशक को, उसके द्वारा पहले से निश्चित उद्देश्यों के लिए, निवेश के अलग अलग उपलब्ध विकल्पों में से, कुछ बेहतर तरीके से निवेश करने में मदद करता है,

जिस से की निवेशक को मनचाहा लाभ (Rate of Return) भी प्राप्त हो, और वो निवेश को जोखिमो को कण्ट्रोल (RISK CONTROL) किया जा सके,

पोर्टफोलियो मैनेजमेंट का मकसद/उद्देश्य,

पोर्टफोलियो मैनेजमेंट करने के पीछे प्रमुख उद्देश्य या मकसद की बात की जाये तो वो कुछ इस प्रकार है-

  1. निवेश की पूंजी सुरक्षा – पोर्टफोलियो मैनेजमेंट का मुख्य मकसद निवेश की गई पूंजी की सुरक्षा होती है, ताकि पूंजी सुरक्षित रहे,
  2. निवेश से लाभ की निरंतरता-पोर्टफोलियो मैनेजमेंट का दूसरा मुख्य मकसद ये है, निवेश से निरंतर (Consistent) लाभ मिलता रहे,
  3. तरलता(Liquidity) – पोर्टफोलियो मैनेजमेंट का तीसरा और प्रमुख मकसद ये भी है कि, हम अपने निवेश को कम से कम समय में cash में बदल सके, यानी जब भी अपने निवेश को बेचना चाहे, तो उसको खरीदने वाले ग्राहक तुरंत मिल सके, और अपने निवेश को cash में बदल सके,,
  4. Power of compounding का लाभ – पोर्टफोलियो मैनेजमेंट का चौथा और प्रमुख मकसद ये भी है कि, हम अपने निवेश को पॉवर of compounding का इस्तेमाल करके, अपने धन को बहुत अधिक बढ़ा सके, और लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट का बेहतर लाभ ले सके,
  5. निवेश की विविधता का लाभ (diversify)– निवेश के सभी क्षेत्र हमेशा लाभकारी नहीं होते है, आज जो लाभ में है, कल नुकसान में जा सकता है, और आज निवेश का जो क्षेत्र नुकसान में है, वो भी कभी भी लाभकारी हो सकता है,

5 मिनट में जानें क्या है पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज

5 मिनट में जानें क्या है पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज

2. पोर्टफोलियो का कस्टमाइजेशन किसी एक स्टॉक में निवेश करने, किसी सेक्टर/स्टॉक में निवेश से बचने आदि के किसी भी स्तर तक जा सकता है. इसमें निवेशक के धर्म या रूचि के हिसाब से नकारात्मक सेक्टर/शेयर में निवेश नहीं किया जाता.

3. निवेशक को इस सेवा के लिए एक बैंक अकाउंट खुलवाने के साथ ही डीमैट अकाउंट भी खुलवाना पड़ता है. साथ ही फंड को मैनेज करने के लिए एक पावर ऑफ एटॉर्नी PMS के नाम देनी पड़ती है, जिससे वह फंड का प्रबंधन बेहतर तरीके से कर सके.

4.अपने विवेक से फैसले लेने वाले पोर्टफोलियो में मैनेजर हर क्लाइंट की जरूरत के हिसाब से निवेश करने और उसे भुनाने जैसे काम करता है. अगर सेवा क्लाइंट के हिसाब से संचालित हो रही है तो उसमें क्लाइंट के निर्देश का पालन कर फंड मैनेजर फंड की खरीद-बिक्री करते हैं.

ख़ुद से Portfolio Management करने के तरीक़े

  • Well research करके stock selection करे।
  • अपने आसपास branded कंपनियों में ही निवेश करे। याद रखें उन stocks में निवेश करे, जिनमें volume ज़्यादा हो।
  • Long Term Investment सोचें और अपने portfolio को diversified करे कम से कम 20 stock को अपने portfolio में शामिल करें।
  • कुछ पैसा Stocks, SIP, Lumpsum, Mutual Fund, Sovereign Gold Bond, FD, PPF, Jewellery, Land Property में investment करें।

कुल मिला के आपको अपने पैसे को manage कैसे करें आना चाहिए कि – आपको कितना पैसा कब और कहाँ ख़र्च कर सकें अर्थात आप अपने पैसे को पूरी तरह से Investment के रूप में बिखरा दें।

यानि अलग़-अलग़ जगहों में invest कर दे और एक दिन आपका यही पोर्टफोलियो बहुत पोर्टफोलियो मैनेजमेंट क्या है पोर्टफोलियो मैनेजमेंट क्या है ज़्यादा बड़ा होगा, जिससे आप अच्छा return कमा पाएँगे।आख़िर में –

तो आशा है कि – आप भी पोर्टफोलियो मैनेजमेंट क्या है अपना पोर्टफोलियो manage करना सीख गए होंगे और आप भी ख़ुद से अपना पोर्टफोलियो मैनेज कर पायेंगे।

यदि आप stock market के बारे में नयी-नयी जानकारी सीखना चाहते हैं तो आप हमारे telegram channel Allhindime को ज्वाइन करें। जिससे आपको नयी-नयी जानकारी मिलती रहेगी।

अगर आपको यह Portfolio Management क्या है और Portfolio Management कैसे करें ? लेख पसंद आया हो तो कृपया इसे अपने friends के साथ जरूर पोर्टफोलियो मैनेजमेंट क्या है साझा करें। ताकि उन्हें भी stock market में अपना पोर्टफोलियो मैनेजमेंट करना आ सके वो भी अपनी मातृभाषा हिंदी में।

PORTFOLIO MANAGEMENT क्या होता है?

Portfolio Management को समझने से पहले हमें इन दोनों शब्दों के अर्थ पर एक बार अलग अलग ध्यान देते है,

निवेश के सम्बन्ध में पोर्टफोलियो का अर्थ, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट क्या है निवेश की विविधता (Different types of इन्वेस्टमेंट) और निवेश का कुल योग (Total investment) होता है,

अलग अलग फाइनेंसियल asset class में निवेश के कुल योग को मिलाकर एक पोर्टफोलियो बन जाता है,

जैसे – किशोर अपने निवेश को अलग अलग asset class , जहा fixed deposit में 30 %, Mutual fund में 30 % और stock market में 40 % निवेश करता है,

इस तरह अलग अलग asset class में निवेश किये गए कुल योग को हम किशोर का Investment Porftolio कह सकते है,पोर्टफोलियो मैनेजमेंट क्या है

ये भी कहा जा सकता है कि –

निवेश पोर्टफोलियो का अर्थ, एक Planned technique है, जिसका इस्तेमाल करके निवेशक अपने निवेश को अलग अलग Asset class में निवेश करता है, और अपने निवेश में होने वाले Risk को control करके निवेश से मनचाहा लाभ उठाना चाहता है,

मैनेजमेंट क्या होता है?

बिल्कुल आसान शब्दों में कहा जाये तो ,

मैनेजमेंट का अर्थ, किसी निश्चित लक्ष्य को पूरा करने के लिए उपलब्ध साधनों का इस तरीके से इस्तेमाल करना है, जिस से कि पहले से निश्चित लक्ष्य को पूरा किया जा सके,

आइये अब देखते है –

PORTFOLIO MANAGEMENT क्या होता है?

पोफोलियो मैनेजमेंट वह तकनीक है, जो एक निवेशक को, उसके द्वारा पहले से निश्चित उद्देश्यों के लिए, निवेश के अलग अलग उपलब्ध विकल्पों में से, कुछ बेहतर तरीके से निवेश करने में मदद करता है,

जिस से की निवेशक को मनचाहा लाभ (Rate of Return) भी प्राप्त हो, और वो निवेश को जोखिमो को कण्ट्रोल (RISK CONTROL) किया जा सके,

पोर्टफोलियो मैनेजमेंट का मकसद/उद्देश्य,

पोर्टफोलियो मैनेजमेंट करने के पीछे प्रमुख उद्देश्य या मकसद की बात की जाये तो वो कुछ इस प्रकार पोर्टफोलियो मैनेजमेंट क्या है है-

  1. निवेश की पूंजी सुरक्षा – पोर्टफोलियो मैनेजमेंट का मुख्य मकसद निवेश की गई पूंजी की पोर्टफोलियो मैनेजमेंट क्या है सुरक्षा होती है, ताकि पूंजी सुरक्षित रहे,
  2. निवेश से लाभ की निरंतरता-पोर्टफोलियो मैनेजमेंट का दूसरा मुख्य मकसद ये है, निवेश से निरंतर (Consistent) लाभ मिलता रहे,
  3. तरलता(Liquidity) – पोर्टफोलियो मैनेजमेंट पोर्टफोलियो मैनेजमेंट क्या है का तीसरा और प्रमुख मकसद ये भी है कि, हम अपने निवेश को कम से कम समय में cash में बदल सके, यानी जब भी अपने निवेश को बेचना चाहे, तो उसको खरीदने वाले ग्राहक तुरंत मिल सके, और अपने निवेश को cash में बदल सके,,
  4. Power of compounding का लाभ – पोर्टफोलियो मैनेजमेंट का चौथा और प्रमुख मकसद ये भी है कि, हम अपने निवेश पोर्टफोलियो मैनेजमेंट क्या है को पॉवर of compounding का इस्तेमाल करके, अपने धन को बहुत अधिक बढ़ा सके, और लॉन्ग टर्म पोर्टफोलियो मैनेजमेंट क्या है इन्वेस्टमेंट का बेहतर लाभ ले सके,
  5. निवेश की विविधता का लाभ (diversify)– निवेश के सभी क्षेत्र हमेशा लाभकारी नहीं होते है, आज जो लाभ में है, कल नुकसान में जा सकता है, और आज निवेश का जो क्षेत्र नुकसान में है, वो भी कभी भी लाभकारी हो सकता है,
रेटिंग: 4.66
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 227
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *