क्या बिटकॉइन में निवेश करने का एक कानूनी और वैध तरीका है

जिस तरह से स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, वैसे ही क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर एक निश्चित प्राइस पर क्रिप्टोकरेंसी खरीद सकते हैं और जब मुनाफा मिले तो इसे बेच सकते हैं. (Representative Image)
क्रिप्टोकरेंसी सरकारों के लिए सिरदर्द तो डिजिटल कैश की लोकप्रियता भी समस्या
राज एक्सप्रेस। साल 2021 में बिटकॉइन (Bitcoin) के बेतहाशा उतार-चढ़ाव ने एक बात सुनिश्चित की है कि; पैसे का भविष्य इलेक्ट्रॉनिक होगा। पिछले दो हफ्तों में डिजिटल मुद्रा (Digital currencies) में उतार-चढ़ाव आया है, रविवार को बिटकॉइन की कीमतों में 18% की गिरावट आई।
प्रतिद्वंद्वियों का आकर्षण बढ़ा -
उन्माद और दहशत ने विकेंद्रीकृत क्रिप्टोकरेंसी को जकड़ लिया है। यह उसके आने वाले प्रतिद्वंद्वियों का आकर्षण बढ़ा रहे हैं। केंद्रीय बैंकों द्वारा जारी डिजिटल कैश उनमें से एक है। ये टोकन स्थिर, केंद्रीकृत और राज्य-नियंत्रित होंगे।
इंटरनेट ऑफ थिंग्स की दुनिया में उपयोगकर्ता ठीक यही चाहते हैं, जहां मशीनों को क्या बिटकॉइन में निवेश करने का एक कानूनी और वैध तरीका है हर समय एक दूसरे के साथ दावों को तुरंत निपटाने की आवश्यकता होती है, लेकिन ग्लोबल वार्मिंग में योगदान किए बिना।
Bitcoin के भविष्य को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दिया बड़ा बयान
केंद्र की तरफ से मंगलवार को कहा गया कि बिटकॉइन (Bitcoin) जैसी क्रिप्टो करेंसी (गुप्त लेन-देन में इस्तेमाल होने वाली मुद्राएं) भारत में वैध मुद्रा (लीगल टेंडर) नहीं हैं. साथ ही कहा गया कि इनके विनिमयन की मांग पर सरकार की ओर से गठित एक विशेषज्ञ समिति जांच कर रही है.
- वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्य सभा में दिया बयान
- देश में 11 % व्यापार वैश्विक क्रिप्टो करेंसी में होता है
- फिलहाल करीब 785 आभासी मुद्राएं चल रही हैं
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जिस बिल का नाम सुनते ही क्रिप्टो धड़ाम,उसमें क्या है?बैन के पक्ष-विपक्ष में तर्क
Cryptocurrency Bill In India: क्रिप्टो करेंसी पर लंबे समय से भारत सरकार और आरबीआई (RBI) की चिंताओं के बीच आखिरकार सरकार ने इस पर बिल लाने की घोषणा कर दी है. केंद्र सरकार 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान कई बिल पेश करने वाली है जिसमें से एक क्रिप्टोकरेंसी पर भी विधेयक पेश हो सकता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रिप्टो पर समीक्षा बैठक भी बुलाई थी. पीटीआई के मुताबिक बैठक में क्रिप्टो के फायदे-नुकसान और रेगुलेशन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई है.
Articles about क्रिप्टोकरेंसी
केंद्र सरकार प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने के लिए संसद के शीतकालीन सत्र में विधेयक लेकर आएगी। मंगलवार को सरकार ने लोकसभा में पेश किए जाने वाले विधेयकों की सूची जारी कि जिनमें क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित विधेयक भी शामिल है।
क्रिप्टोकरेंसी को इंटरनेट की दुनिया और मेटावर्स का भविष्य माना जा रहा है और अब एक अमेरिकी देश अल साल्वाडोर दुनिया की पहली 'बिटकॉइन सिटी' बनाने जा रही है।
Crypto Currency में निवेश का है इरादा, तो जान लें इनकी ट्रेडिंग पर लगती है कौन-कौन सी फीस
जिस तरह से स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, वैसे ही क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर एक निश्चित प्राइस पर क्रिप्टोकरेंसी खरीद सकते हैं और जब मुनाफा मिले तो इसे बेच सकते हैं. (Representative Image)
Trading in Crypto Currencies: दुनिया भर में निवेशकों के बीच क्रिप्टो करेंसी में निवेश को लेकर आकर्षण बढ़ रहा है. इसमें क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज के जरिए ट्रेडिंग होती है. इस एक्सचेंज पर मौजूदा मार्केट वैल्यू के आधार पर क्रिप्टो करेंसीज को खरीदा-बेचा जाता है. जहां इनकी कीमत मांग और आपूर्ति के हिसाब से तय होती है. जिस तरह से स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, वैसे ही क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज पर एक निश्चित प्राइस पर क्रिप्टो करेंसी खरीद सकते हैं और जब मुनाफा मिले तो बेच सकते हैं. स्टॉक एक्सचेंज की तरह ही क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज पर भी ट्रेडिंग के लिए फीस चुकानी होती है. इसलिए अगर आपने क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो पहले इनकी ट्रेडिंग पर लगने वाली तीन तरह की ट्रांजैक्शन फीस के बारे में जरूर जान लें.
एक्सचेंज फीस
- क्रिप्टो खरीद या बिक्री ऑर्डर को पूरा करने के लिए एक्सचेंज फीस चुकानी होती है. भारत में अधिकतर क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज का फिक्स्ड फीस मॉडल है, लेकिन ट्रांजैक्शन की फाइनल कॉस्ट उस प्लेटफॉर्म पर निर्भर होती है जिस पर ट्रांजैक्शन पूरा हुआ है. ऐसे में इसे लेकर बेहतर रिसर्च करनी चाहिए कि कौन सा क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज सबसे कम ट्रांजैक्शन फीस ले रहा है.
- फिक्स्ड फीस मॉडल के अलावा क्रिप्टो एक्सचेंज में मेकर-टेकर फी मॉडल भी है. क्रिप्टो करेंसी बेचने वाले को मेकर कहते हैं और इसे खरीदने वाले को टेकर कहते हैं. इस मॉडल के तहत ट्रेडिंग एक्टिविटी के हिसाब से फीस चुकानी होती है.
- क्रिप्टोकरेंसी माइन करने वालों को नेटवर्क फीस चुकाई जाती है. ये माइनर्स शक्तिशाली कंप्यूटर्स के जरिए किसी ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करते हैं और ब्लॉकचेन में जोड़ते हैं. एक तरह से कह सकते हैं कि कोई ट्रांजैक्शंन सही है या गलत, यह सुनिश्चित करना इन माइनर्स का काम है. एक्सचेंज का नेटवर्क फीस पर सीधा नियंत्रण नहीं होता है. अगर नेटवर्क पर भीड़ बढ़ती है यानी अधिक ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करना होता है तो फीस बढ़ जाती है.
- आमतौर पर यूजर्स को थर्ड पार्टी वॉलेट का प्रयोग करते समय ट्रांजैक्शन फीस को पहले से ही सेट करने की छूट होती है. लेकिन एक्सचेंज पर इसे ऑटोमैटिक एक्सचेंज द्वारा ही सेट किया जाता है ताकि ट्रांसफर में कोई देरी न हो. जो यूजर्स अधिक फीस चुकाने के लिए तैयार हैं, उनका ट्रांजैक्शन जल्द पूरा हो जाता है और जिन्होंने फीस की लिमिट कम रखी है, उनके ट्रांजैक्शन पूरा होने में कुछ समय लग सकता है. माइनर्स को इलेक्ट्रिसिटी कॉस्ट और प्रोसेसिंग पॉवर के लिए फीस दी जाती है.
वॉलेट फीस
- क्रिप्टो करेंसी को एक डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है. यह वॉलेट एक तरह से ऑनलाइन बैंक खाते के समान होता है जिसमें क्रिप्टो करेंसी को सुरक्षित रखा जाता है. अधिकतर वॉलेट में क्रिप्टो करेंसी के डिपॉजिट और स्टोरेज पर कोई फीस क्या बिटकॉइन में निवेश करने का एक कानूनी और वैध तरीका है नहीं ली जाती है, लेकिन इसे निकालने या कहीं भेजने पर फीस चुकानी होती है. यह मूल रूप से नेटवर्क फीस है. अधिकतर एक्सचेंज इन-बिल्ट वॉलेट की सुविधा देते हैं. क्या बिटकॉइन में निवेश करने का एक कानूनी और वैध तरीका है
- क्रिप्टो वॉलेट्स सिस्टमैटिक क्रिप्टो करेंसी खरीदने का विकल्प देते हैं और इसके इंटीग्रेटेड मर्चेंट गेटवे के जरिए स्मार्टफोन व डीटीएस सर्विसेज को रिचार्ज कराया जा सकता है.
(Article: Shivam Thakral, CEO, BuyUcoin)
(स्टोरी में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दिए गए सुझाव लेखक के हैं. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन इनकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. निवेश से पहले अपने सलाहकार से जरूर परामर्श कर लें.)