निवेश करते समय ध्यान रखने योग्य बातें

5. अटल पेंशन योजना
अटल पेंशन योजना 60 साल के बाद नियमित पेंशन प्रदान करती है. आप अपने डोमेस्टिक हेल्पर को इस योजना को चुनने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं. यदि डोमेस्टिक हेल्पर की उम्र 18 से 40 वर्ष के बीच है तो वह इस योजना को बचत बैंक/डाकघर बचत बैंक से ले सकता है. यह सरकारी योजना ग्राहकों को 1,000 से 5,000 निवेश करते समय ध्यान रखने योग्य बातें रुपये की न्यूनतम मासिक पेंशन की गारंटी देता है और उसकी मौत के बाद यह मासिक पेंशन उसकी पत्नी को दी जाती है.
फैमिली कोर्ट और पालक देखभाल में बच्चे
हम न्यूयॉर्क शहर के फ़ैमिली कोर्ट में बच्चों और पालक देखभाल में युवाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। वकीलों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, पैरालीगल और जांचकर्ताओं की हमारी समग्र टीम ग्राहकों को उपेक्षा, दुर्व्यवहार, हिरासत, गोद लेने, शिक्षा, किशोर अपराध और पिन्स मामलों में प्रत्यक्ष कानूनी प्रतिनिधित्व प्रदान करती है। हमारे ग्राहकों के हितों और जरूरतों का पूरी तरह से समर्थन करने के लिए हमारी वकालत कोर्टहाउस से परे पहुंचती है।
यदि आपके मामले के बारे में आपके कोई प्रश्न हैं या सहायता की आवश्यकता है, तो अपने से संपर्क करें वकील या सामाजिक कार्यकर्ता या आप अपने नगर में किशोर अधिकार परीक्षण कार्यालय को कॉल कर सकते हैं:
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बैंक की निवेश निवेश करते समय ध्यान रखने योग्य बातें नीति , सिद्धांत - Bank's Investment Policy Principles
विभिन्न साधनों से प्राप्त पूँजी बैंक के पास बेकार नहीं पड़ी रहती, बल्कि उसके निवेश द्वारा बैंक लाभ कमाता है। बैंक द्वारा किए गए कुछ निवेश अलाभप्रद भी होते हैं, परंतु बैंक की स्थापना का प्रधान उद्देश्य तो पूँजी के निवेश द्वारा लाभ कमाना ही होता है। विभिन्न देशों में आर्थिक परिस्थितियाँ तथा बाजार की दशाएँ अलग-अलग होने के कारण वहाँ बैंकों के निवेश की नीतियाँ भी अलग-अलग होती है। बैंको की निवेश नीति क्या हो, इस संबंध में कोई निश्चित नियम नहीं बनाए जा सकते। फिर भी बैंक को निवेश नीति निश्चित करते समय बडी सावधानी से काम लेना चाहिए।
निवेश नीति का सिद्धांत
सामान्यतः निम्नलिखित सिद्धांतों के आधार पर पूँजी का निवेश करने से बैंक सुरक्षित रूप से लाभ कमाने में समर्थ को सकते हैं:
(1) निधि की सुरक्षा - निवेश करने समय बैंक का उद्देश्य सुरक्षा सर्वप्रथम होना चाहिए, क्योंकि निवेश के सुरक्षित न रहने पर स्वयं बैंक का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है। निवेश की सुरक्षा के लिए कुछ बातों को ध्यान में रखना आवश्यक है जैसे- (1) बैंक को अपना समस्त धन किसी एक ही व्यक्ति अथवा व्यवसाय को ऋण के रूप में नहीं देना चाहिए। (2) बैंक को निवेश करते समय ध्यान रखने योग्य बातें यथासंभव दीर्घकालीन ऋण नही देने चाहिए। (3) ऋणी द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली जमानत की भली-भाँति जांच कर लेनी चाहिए और यह देख लेना चाहिए कि जमानत का बाजार मूल्य ऋण के मूल्य से अधिक है अथवा नहीं, (4) ऋणी के व्यक्तिगत आचरण तथा चरित्र के विषय में सूचना प्राप्त कर लेनी चाहिए तथा (5) बैंकों को चाहिए कि वे सस्ती साख नीति न अपनाए ताकि ऋणियों में अपव्यय की भावना उत्पन्न न होने पाए।
सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान(SIP)क्या है ?
ये आपको एक बार में भारी पैसा निवेश करने की जगह म्यूचुअल फंड में कम अवधि का (मासिक या त्रैमासिक) निवेश करने की आजादी देता है। SIP आपको एक म्युचुअल फंड में एकसाथ 5,000 रूपये के निवेश की बजाय 500 रूपये के 10 बंटे हुये निवेश की सुविधा देता है ।
इससे आप अपनी अन्य वित्तीय जिम्मेदारियों को प्रभावित किये बिना म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। SIP कैसे काम करता है ये बेहतर समझने के लिये आपको Rupee cost averaging और धन के जुङते रहने की शक्ति (power of compounding) को समझना जरूरी है।
SIP एक औसत आदमी की पहुंच के भीतर म्यूचुअल फंड निवेश को ले आया है क्योंकि यह उन तंग बजट लोगों को भी निवेश करने योग्य बनाता है जो एक बार में बङा निवेश करने के बजाय 500 या 1,000 रूपये नियमित रूप से निवेश कर सकते हैं।
SIP के माध्यम से छोटी छोटी बचत करना शायद पहली बार में आकर्षक न लगे लेकिन ये निवेशकों को बचत की आदत डालता है और बढते वर्षों में ये आपको सुंदर प्रतिलाभ (रिटर्न) देते हैं। 1,000 रूपये महिने का एक SIP का धन 9% की दर से 10 वर्षों में बढकर 6.69 लाख रूपये, 30 साल में 17.38 लाख रूपये और 40 साल में 44.20 लाख तक हो सकता है।
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निवेश गुरू सुझाव देते हैं कि एक व्यक्ति को हमेशा जल्दी निवेश शुरू करना चाहिये इसका एक मुख्य कारण है चक्रवृद्धि ब्याज मिलने का लाभ। चलिये इसे एक उदाहरण से जानें। प्रसून(अ) 30 साल की उम्र से 1,000 निवेश करते समय ध्यान रखने योग्य बातें रूपये हर साल बचाना शुरू करता है,वहीं प्रसूव (ब) भी इतना ही धन बचाता है लेकिन 35 साल की आयु से। जब 60 साल की उम्र में दोनों अपना निवेश किया हुआ पैसा प्राप्त करते हैं तो (अ) का फंड 12.23 लाख होता है और (ब) का केवल 7.89 लाख। इस उदाहरण में हम 8% की दर से रिटर्न मिलना मान सकते हैं। तो ये साफ है कि शुरू में 50,000 रूपये निवेश का फर्क आखिरी फंड पर 4 लाख से ज्यादा का प्रभाव डालता है। ये रूपये के जुङते निवेश करते समय ध्यान रखने योग्य बातें निवेश करते समय ध्यान रखने योग्य बातें रहने की शक्ति (Power of compounding) के कारण होता है। जितना लंबा समय आप निवेश करेंगे उतना ज्यादा आपको रिटर्न मिलेगा।
अब मान लीजिये कि (अ) हर साल 10,000 निवेश करने की बजाय 35 वर्ष की उम्र से हर 5 साल बाद 50,000 निवेश करता है इस स्थिति में उसकी निवेश किया धन उतना ही रहेगा (जो कि 3 लाख है) लेकिन उसे 60 साल की उम्र में 10.43 लाख का फंड (कोष) मिलता है। इससे पता चलता है कि देर से निवेश करने में समान धन डालने पर भी व्यक्ति शुरू में मिलने वाले चक्रवृद्धि ब्याज के फायदे को खो देता है।
MoneyControl News
First Published: Apr 10, 2010 1:31 PM
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काम की बात: इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय सही फॉर्म चुनने सहित इन 9 बातों का रखें ध्यान, नहीं तो बाद में होना पड़ सकता है परेशान
आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2020-2021 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की डेडलाइन को 3 सितंबर तक बढ़ाया है। लेकिन एक्सपर्ट का मानना है कि रिटर्न फाइल करने के लिए आखिरी तारीख का इंतजार नहीं करना चाहिए। जितनी जल्दी हो सके आपको रिटर्न फाइल कर देना चाहिए। ITR भरते समय आपको कुछ जरूरी सावधानी रखनी चाहिए। क्योंकि गलती होने पर आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
सही ITR फॉर्म चुनें
आयकर विभाग ने कई ITR फॉर्म निर्धारित किए हैं। आपको अपनी आय के साधन के आधार पर सावधानी से अपना ITR फॉर्म चुनना होगा, वरना आयकर विभाग इसे रिजेक्ट कर देगा और आपको इनकम टैक्स के सेक्शन 139(5) के तहत संशोधित विवरणी (रिवाइज्ड रिटर्न) दाखिल करने के लिए कहा जाएगा। उदाहरण के लिए जिनकी वेतन, प्रॉपर्टी के किराए और अन्य सोर्स से आय 50 लाख तक सालाना आय है वही ITR-1 सहज फॉर्म भर सकते हैं। वहीं इससे अधिक आय वाले को ITR-2 फॉर्म भरना होता है।
5 ऐसी सरकारी स्कीम्स, जो Domestic Helpers को आर्थिक रूप से करती हैं सुरक्षित
by बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो ।।
Published - Thursday, 24 November, 2022
नई दिल्ली: भारत में डोमेस्टिक हेल्पर्स की डिमांड बहुत ज्यादा है. बड़े-बड़े शहरों में शायद ही कोई ऐसा घर हो, जिसमें कोई डोमेस्टिक हेल्पर ना हो. ये वे लोग होते हैं जो हमारे डेली के घरेलू काम में मदद करते हैं. चाहे साफ-सफाई की बात हो, बर्तन धुलने का बात हो, खाना बनाने की बात हो, गाड़ी साफ करने की बात या फिर आपकी कार चलाने की बात हो. इन सभी कामों में डोमेस्टिक हेल्पर्स ही हमारी मदद करते हैं. लेकिन ये एक ऐसा वर्ग होता है, जो आर्थिक रूप से काफी कमजोर होता है. इनकी आर्थिक स्थिति न तो बहुत मजबूत होती है और ना ही कोई सिक्योरिटी होती है. ऐसे में हम आपको 5 ऐसी सरकारी स्कीम्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में आप अपने डोमेस्टिक हेल्पर्स को बता सकते हैं और उसका लाभ लेने में उनकी मदद कर सकते हैं.