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Cryptocurrency क्या है ये कैसे काम करती है

Cryptocurrency क्या है ये कैसे काम करती है
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Bitcoin क्या है, बिटकॉइन की कीमत, यह कैसे काम करता है जानें यहां पर

Bitcoin kya Hai: साल 2009 में, एक गुमनाम डेवलपर ने खुद को सातोशी नाकामोटो के रूप में पेश किया और बिटकॉइन के विचार का सुझाव दिया। जबकि नाकामोटो ने 2010 में इस परियोजना को छोड़ दिया, उसके बाद यह समूह तेजी से बढ़ा। बिटकॉइन के मालिक उत्पादों को बेचने और खरीदने के साथ-साथ अन्य भौतिक मुद्राओं के लिए बिटकॉइन को स्वैप करने के लिए विभिन्न वेबसाइटों का उपयोग करते हैं। आगे आपको बताएंगे बिटकॉइन क्या है, इसकी कीमत क्या है और कैसे तय होती है साथ ही बताएंगे यह कैसे काम करता है?

बिटकॉइन क्या है बिटकॉइन का मतलब (What is Bitcoin? Bitcoin Meaning?)

बिटकॉइन एक Virtual Currency (भौतिक मुद्रा) है। जो की रुपए और डॉलर की तरह ही है लेकिन यह इनसे बिल्कुल ही अलग है क्योंकि बिटकॉइन को ना तो पैसे की तरह छू सकते हैं और ना ही देख सकते हैं बिटकॉइन का आविष्कार सतोशी नाकामोटो (Satoshi Nakamoto) ने 2009 में किया था। Bitcoin एक Cryptocurrency है। 1 बिटकॉइन के कीमत लाखों रुपए होती है। यह एक Decentralized Currency है, जिसका मतलब यह है की इसे कंट्रोल करने के लिए कोई भी बैंक या अथॉरिटी या सरकार नहीं है यानि के इसका कोई मालिक नहीं है।

बिटकॉइन की कीमत (Bitcoin Price Today)

आज 1 बिटकॉइन की कीमत 28,23,404.94 रुपए है। तो वहीं अन्य Cryptocurrency जैसे कि Ethereum(ETH) की कीमत 1,95,563 रुपए है और Tether(USDT) की कीमत 73.40 रुपए है। आपको बात दें की इन सभी मुद्राओं की कीमत हर रोज बदलती है। इसका पूरा कारोबार ऑनलाइन यानि की इंटरनेट पर होता है।

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Bitcoin

बिटकॉइन कैसे काम करती है? (How Does Bitcoin Work?)

पीयर-टू-पीयर तकनीक के कारण बिटकॉइन बिना किसी अथॉरिटी या बैंकों के बिना संचालित होता है। इसमे डिजिटल माध्यम से पेमेंट का मैसेज भेजना पड़ता है, जिसे दुनियभार में फैले विकेंद्रीकृत नेटवर्क के जरिए सत्यापित किया जाता है। बिटकॉइन ओपन-सोर्स है, जिसका अर्थ है कि इसका स्वामित्व किसी के पास नहीं है या इसका प्रबंधन नहीं करता है, और कोई भी भाग ले सकता है।

बिटकॉइन के कई अनूठे गुण इसे उन तरीकों से उपयोग करने की अनुमति देते हैं जो कोई अन्य भुगतान तंत्र नहीं कर पाया है।

बिटकॉइन वॉलेट क्या है? (What is Bitcoin Wallet?)

एक बिटकॉइन वॉलेट में दो चाबियां होती हैं: एक सार्वजनिक कुंजी और एक निजी कुंजी। ये चाबियां एक साथ काम करती हैं ताकि मालिक को लेनदेन शुरू करने और डिजिटल रूप से हस्ताक्षर करने की अनुमति मिल सके, जिससे authorization साबित हो Cryptocurrency क्या है ये कैसे काम करती है सके।

भारत में बिटकॉइन कैसे निवेश करें? (How To Invest Bitcoins in India?)

आप क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज के साथ खाता खोलकर, फंड ट्रांसफर करके और उस पूंजी से बिटकॉइन खरीदकर बिटकॉइन में निवेश शुरू कर सकते हैं। बता दें की कई क्रिप्टो एक्सचेंज यह सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।

आइए हम वज़ीरएक्स (WazirX) एक्सचेंज पर विचार करें, जिसमें एक त्वरित और आसान खाता खोलने की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है, यह वेबसाइट उपयोग और लेनदेन में काफी आसान है, जिससे खाता खोलना और बिटकॉइन खरीदना आसान हो जाता है। वज़ीरएक्स की दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज, बिनेंस के साथ भी साझेदारी है।

चरण 1: WazirX पर साइन अप करें
चरण 2: विवरण दर्ज करें
चरण 3: ईमेल सत्यापन और खाता सुरक्षा सेटअप
चरण 4: देश का चयन करें और खाता चुनें
चरण 5: अपने खाते से पैसे ट्रांसफर करें
चरण 6: एक्सचेंज पर बिटकॉइन खरीदें और स्टोर करें प्रत्येक क्रिप्टोकरेंसी का अपना unique address है जिसका उपयोग केवल उस क्रिप्टोकरेंसी को प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है।

इसके अलावा आप Unocoin और Zebpay पर भी बिटकॉइन खरीद सकते हैं। हालाँकि, आप दूसरे एक्सचेंज वेबसाईट का भी उपयोग कर सकते हैं, ज्यादातर सभी मामलों में प्रक्रिया समान होगी।

निवेश करने से पहले बिटकॉइन के बारे में जानने योग्य बातें (Things to Know About Bitcoin Before Investing)

  1. बिटकॉइन श्वेत पत्र पढ़ें: एक श्वेतपत्र एक ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) का एक डिजिटल संस्करण है जो प्रोजेक्ट के हर एक पहलू का विवरण देता है। श्वेतपत्र एक तकनीकी दस्तावेज है जिसे संभावित निवेशकों को पूरी जानकारी प्रदान करने के लिए प्रत्येक प्रोजेक्ट के अनुसार अपनी वेबसाइट पर पोस्ट करता है।

2. अस्थिरता को समझना: लंबे समय से, आलोचकों ने इस बात पर जोर दिया है कि क्रिप्टोकरेंसी कितनी अप्रत्याशित हैं। यह किसी भी अन्य निवेश की तुलना में अधिक जोखिम भरा है, इसलिए आपको पता होना चाहिए कि यह एक उच्च जोखिम के साथ भी आता है।

3. कोई शासन नहीं: वर्तमान में, बिटकॉइन क्षेत्र को नियंत्रित करने वाले कोई बड़े नियम नहीं हैं। सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी पर कड़ा रुख नहीं अपनाया है क्योंकि यह अभी भी अपेक्षाकृत नवीन क्षेत्र है। हालांकि, अगर बिटकॉइन सरकारी मुद्रा के लिए एक प्रतियोगी बन जाता है, तो टैक्स की कमी की समस्या को पैदा कर सकती है।

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Cryptocuurency और Bitcoin क्या है | और कैसे काम करती हैं जाने पूरी जानकारी 2022 में ?

एक वक्त होता था जब किसी भी वस्तु को खरीदने के लिए हम आपस में वस्तुओं का लेनदेन करते थे Cryptocurrency क्या है ये कैसे काम करती है और फिर धीरे-धीरे नोटों और सिक्के अस्तित्व में आए । और इससे लेनदेन के तरीके में पूरी तरह से बदलाव देखने को मिला । और उसी बीच एक डिजिटल मुद्रा पैदा हुई जोकि Cryptocuurency क्रिप्टो करेंसी के नाम से जाने जाती है । यह पूरी तरह से डिजिटल करंसी होती है और इसका निर्माण भी डिजिटल तरीके से ही किया जाता है हम आगे विस्तार में आपको बताएंगे कि क्रिप्टो करेंसी क्या है और यह कैसे काम करती है दोस्तों अगर आप इस लेख में पढ़ने में इंटरेस्टेड हो तो इस लेख को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें।

Table of Contents

Cryptocuurency क्या है ?

क्रिप्टो करेंसी एक ऐसी मुद्रा होती है जो डिजिटल करेंसी के नाम से जानी जाती है और इसे ब्लाकचैन टेक्नोलॉजी पर आधारित होती है । और इसका निर्माण डिजिटल तरीके से ही किया जाता है वैसे तो क्रिप्टोकरंसी पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हो चुकी है और आज हर कोई इनके बारे में जानना चाहता है और इनमें इन्वेस्ट करना चाहता है ।

बिटकॉइन क्या है ?

बिटकॉइन Cryptocuurency क्रिप्टोकरंसी ग्लोबल की पहली विकेंद्रित करेंसी है जो पूरी दुनिया के लिए बनाई गई है इसका उपयोग 2009 से करते आ रहे हैं यह एक डिजिटल करेंसी है और इसका उपयोग करना भी बहुत आसान है इसकी सहायता से एक व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को कहीं भी बिना किसी थर्ड पार्टी और बैंक की मदद से पैसे भेजने में बहुत आसानी होती है और इस का उपयोग बहुत अधिक मात्रा में लोग कर रहे हैं क्योंकि यह एक अच्छा रिटर्न भी दे रही है क्रिप्टो करेंसी से लोगों ने बहुत पैसा कमाया है ।

बिटकॉइन की शुरुआत ?

जैसा कि आप लोग जानते हैं बिटकॉइन एक प्रसिद्ध Cryptocuurency क्रिप्टोकरंसी है इसे जनवरी वर्ष 2009 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में पहली बार सतोशी नाकामोत्तो द्वारा जारी किया गया था। उस टाइम पर इस क्रिप्टो करेंसी के बारे में बहुत कम लोगों को पता था लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया यह क्रिप्टोकरंसी प्रसिद्ध होने लगी और पूरी दुनिया में क्रिप्टोकरंसी के नाम पर बिटकॉइन सबसे प्रसिद्ध क्रिप्टोकरंसी में से जानी जाती है|

और आज इसका उपयोग लगभग लोग कर रहे हैं क्योंकि यह दुनिया की प्रसिद्ध क्रिप्टो करेंसी है 22 मई 2010 में पहली बार एक पिज्जा के बदले 10000 बिटकॉइन की पेशकश की गई थी । उस टाइम पर बिटकॉइन की कीमत 10 सेंड या उससे भी कम बताई गई है लेकिन इसकी कीमत देखा जाए तो हजारों गुना बढ़ चुकी है ।

बिटकॉइन की वैल्यू ?

जैसा कि आप लोग जानते होंगे बिटकॉइन की कीमत आज के टाइम पर 17 लाख है । 5 साल पहले एक बिटकॉइन की कीमत ₹6 थी इसकी कीमतों में बहुत तेजी से इजाफा हुआ किंतु भारत में 2015 में एक बिटकॉइन की कीमत ₹14000 थी और वर्ष 2016 में है बढ़कर 30 से 35000 के बीच हो गई थी ।

क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार ?

पहली ब्लैकचैन आधारित Cryptocuurency क्रिप्टोकरंसी बिटकॉइन थी जो सबसे लोकप्रिय मानी जाती थी और आज के समय में देखा जाए तो बिटकॉइन की क्लोन बन चुके हैं जो दूसरी नई करेंसी है आप लोगों को पता होगा कि बिटकॉइन 2009 में सतोशी नाकामोत्तो दोबारा किसी व्यक्ति द्वारा ही लांच किया गया था |

क्रिप्टो स्कैम से कैसे बचें ?

क्रिप्टोकरंसी Cryptocuurency स्कैम से कैसे बचें जैसा कि आपको पता है बाजार में हर दिन सैकड़ों सिक्के बनाए जाते हैं वैसे ज्यादातर सीखें सोशल मीडिया ट्रेंड पर आधारित होते हैं। उन क्रिप्टो करेंसी से बच्चे आपको किसी भी तरह से नकली दिख रही हो उनमें निवेश ना करें आपके साथ स्कैम भी हो सकता है ।

जब भी आप किसी भी क्रिप्टोकरंसी Cryptocuurency में निवेश कर रहे हैं तो उस कंपनी का बैकग्राउंड एक बार जरूर चेक करें या जो भी निर्माताओं से आप सीखे खरीद रहे हो उनका बैकग्राउंड एक बार अवश्य चेक कर ले अगर आपको लगता है कि बैकग्राउंड में कुछ कमी है तो कृपया करके उन सिक्कों को ना खरीदें।

आज आपने क्या सीखा

अगर आपने यह आर्टिकल यहां तक पढ़ा है तो Cryptocuurency और Bitcoin के बारे में पता चल गया होगा कि क्रिप्टो करेंसी क्या है और यह कैसे वर्क करती है आशा करता हूं मेरे द्वारा दी गई जानकारी आपको अच्छे से समझ आई होगी।

मेरे द्वारा बताई गई जानकारी आपको पसंद आई हो तो इस आर्टिकल को अपने दोस्तों और अपने पड़ोस अपने रिश्तेदारों के और अपने मित्रों के साथ शेयर जरूर करें ?

क्रिप्टो करेंसी क्या है

प्रत्येक देश की अपनी एक करेंसी अर्थात मुद्रा होती हैं और उसका एक निश्चित नाम भी होता है, जैसे कि भारत में रूपया, अमेरिका में डालर, अरब का रियाल आदि | किसी भी देश की करेंसी के माध्यम से उस देश की अर्थव्यवस्था संचालित होती है |

इन सभी करेंसी को आप देख सकते है, अपनें पास एकत्र कर सकते है परन्तु आज की इस डिजिटल दुनिया में एक नई तरह की करेंसी आ गयी है, जिसे न ही हम देख सकते है और ना ही हम छू सकते है, क्योंकि यह डिजिटल फॉर्म में होती हैं | इस डिजिटल करेंसी का नाम क्रिप्टोकरेंसी है | क्रिप्टो करेंसी क्या है, क्रिप्टो करेंसी के प्रकार व नाम के बारें में आपको यहाँ पूरी जानकारी विधिवत रूप से दे रहे है |

क्रिप्टो करेंसी का क्या मतलब होता है ?

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क्रिप्टो करेंसी एक ऐसी मुद्रा है, जो कंप्यूटर एल्गोरिथ्म पर बनी होती है | यह एक ऐसी मुद्रा है, जिसे किसी भी देश की सरकार लागू नहीं करती है | इस मुद्रा पर किसी देश, राज्य या किसी अथॉरिटी का नियंत्रण नहीं होता है अर्थात यह एक स्वतंत्र मुद्रा है, जो डिजिटल रूप में होती है इसके लिए क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग किया जाता है। क्रिप्टो करेंसी द्वारा आप किसी भी तरह की वस्तु या सेवाएं खरीद या बेच सकते हैं।

क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत सबसे पहले जापान के सतोषी नाकमोतो नामक इंजीनियर नें वर्ष 2009 में की थी और पहली क्रिप्टो करेंसी का नाम बिटकॉइन है | हालाँकि शुरुआत में इसे कोई खास सफलता नहीं मिली परन्तु कुछ समय बाद यह काफी प्रचलित हुई और इसकी कीमत आसमान छूने लगी और धीरे-धीरे यह पूरी दुनिया में फ़ैल गयी |

क्रिप्टो करेंसी के प्रकार (Types Of Crypto Currency)

वर्तमान समय में लगभग 1 हजार से अधिक क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में उपलब्ध हैं, परन्तु इनमें से कुछ क्रिप्टो करेंसी ऐसी है, जिनका उपयोग सबसे अधिक किया जा रहा है, इनके नाम इस प्रकार है-

बिटकाइन (Bitcoin)

बिटकॉइन दुनिया की सबसे महंगी क्रिप्टोकरेंसी है, मुख्य रूप से इसका उपयोग बड़े-बड़े सौदो में किया जाता है|

सिया कॉइन (Sia Coin)

सिया कॉइन को एससी के नाम से भी जाना जाता है, ग्रोथ करने के मामले में बिटकॉइन के बाद सियाकॉइन का नंबर आता है |

लाइटकॉइन (Lite Coin)

लाइटकॉइन का अविष्कार वर्ष 2011 में चार्ल्स ली द्वारा किया गया था, यह क्रिप्टोकरेंसी भी बिटकॉइन की तरह ही हैं, जोकि डीसेंट्रलाइज्ड भी हैं और साथ ही पीर टू पीर टेक्नोलॉजी के तहत कार्य करती हैं |

डैश (Dash)

यह दो शब्दों डिजिटल और कैश को मिलकर बनाया गया है | इस क्रिप्टोकरेंसी को बिटकॉइन की तुलना में अधिक विशेषताओं के साथ शुरू किया गया है | अन्य क्रिप्टोकरेंसी की अपेक्षा इसमें सुरक्षा को अधिक महत्व दिया जाता है | इसमें एक विशेष प्रकार की एल्गोरिथम और टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाता है |

रेड कॉइन (Red Coin)

रेड कॉइन एक ऐसी क्रिप्टो करेंसी हैं, जिसका उपयोग विशेष अवसरों पर लोगों को टिप देने के लिए किया जाता है।

एसवाईएस कॉइन (SYS Coin)

एसवाईएस कॉइन एक ऐसी क्रिप्टो करेंसी हैं, जो अन्य क्रिप्टो करेंसी की अपेक्षा बहुत ही तेज गति से कार्य करती है | मुख्य रूप से इसका प्रयोग पैसों के लेनदेन में जैसे संपत्ति को खरीदने या बेचने आदि में किया जाता है | एसवाईएस कॉइन, बिटकॉइन का एक भाग है जो डीप वेब में कार्य करता है।

ईथर और ईथरम (Ether Or Etherm)

इस करेंसी का प्रयोग इंटरचेंज करेंसी के रूप में किया जाता है | यह प्रकार का टोकन होता है, जिसका प्रयोग ईथरम ब्लाक चैन के अंतर्गत लेन-देन के लिए किया जाता है |

मोनेरो (Monero)

मोनेरो एक अलग तरह की क्रिप्टोकरेंसी है, जिसमें एक विशेष प्रकार की सिक्यूरिटी का प्रयोग किया जाता है, जिसे रिंग सिग्नेचर का नाम दिया गया है | इसका सबसे अधिक प्रयोग डार्क वेब और ब्लॉक मार्केट में किया जाता है | इस करेंसी की सहायता से स्मगलिंग, ब्लैक मार्केटिंग आदि की जाती है |

क्रिप्टोकरेंसी क्या हैं और उनके प्रकार – What is Cryptocurrency in Hindi

आखिर क्रिप्टोकरेंसी क्या हैं (what is cryptocurrency in hindi) ? आज हर कोई cryptocurrency की बातें कर रहा हैं. crypto currency ने बहुत ही कम समय में फाइनेंसियल मार्केट में अपना सत्ता मजबूत जाहिर कर दिया हैं | चूँकि cryptocurrency को digital money भी कहा जाता हैं क्योंकि ये केवल और केवल online ही मौजूद हैं और क्रिप्टोकरेंसी को हम physically लेन – देन नहीँ कर सकते | तो चलिए क्रिप्टोकरेंसी के वृत्तांत जानकारी को सिरे से समझते हैं |

cryptocurrency kya hai

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क्या हमारे, आप के दादा – परदादा जी कभी सोचे होंगे कि हमारे बाल बच्चों को भविष्य में सामान खरीदने के लिए पॉकेट में रुपया लेकर चलने की जरूरत नहीं होगी. और अब से सामान को खरीदने के लिए यह जरूरी नहीं कि आपके जेब में कितने रुपए हैं क्योंकि अब तो बस स्कैन करना होता है. यदि हम और पुराने जमाने की बात करें तो जब रुपए का प्रचलन भी कम हुई करती थी . आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जीवन निर्वहन के लिए सामानों का परस्पर अदला बदली किया जाता था जिसे हम आमतौर पर वस्तु विनिमय प्रणाली के नाम से जानते हैं. उस समय एक समान के बदले लगभग उसी मूल्य के दूसरे सामान को खरीद लिया जाता था. जैसे गेहूं देकर चावल लेना , धान अथवा चावल देकर चूड़ा खरीदना इत्यादि वस्तु विनिमय प्रणाली में शामिल थे. वस्तुओं के आदान-प्रदान में काफी समस्याओं का सामना किया गया होगा तभी रुपया का प्रचलन हुआ होगा. वैसे भी कहते हैं ना की आवश्यकता आविष्कार की जननी होती है बिल्कुल वही हुआ होगा. आजकल तो रुपए की जगह बहुत हद तक डेबिट कार्ड , क्रेडिट कार्ड बगैरा ने ले रखी है. शुरुआती समय में इन सभी का कुछ ना कुछ लिमिटेशन हुआ करता था. जैसे नेट बैंकिंग अपने कार्यालय समय सीमा में ही सर्विस उपलब्ध किया करती थी किंतु जब से ऑनलाइन ट्रांजैक्शन कि लोकप्रियता बढी है तब से तो मानो इस क्षेत्र में क्रांति ही आ चुकी है . जैसे पेटीएम, गूगल पे, अमेजॉन पे इत्यादि पर ट्रांजैक्शन के विकल्प उपलब्ध हो गए हैं. जिससे अब बैंक जाने की जरूरत ही कम होने लगी है। इन सभी प्लेटफॉर्म की खास बात यह है की इसमें वॉलेट की सुविधा भी उपलब्ध है। यदि आपके वॉलेट में रुपये हो तो कभी भी किसी भी समय कहीं भी ऑनलाइन पेमेंट करके आप काम कर सकते हैं. आज हम एक खास विषय पर जानकारी साझा करने जा रहा हूं और वह है क्रिप्टो करेंसी. वैसे भी आजकल क्रिप्टो करेंसी कि काफी सुर्खियों में रहा है.
इस आर्टिकल में हम जाने वाले हैं:-

क्रिप्टो करेंसी क्या है?
यह कितने प्रकार का होता है?
यह कैसे काम करती है?
इसे नियंत्रित कौन करता है?
यह सुरक्षित है अथवा नहीं?
विश्व में इसका प्रचलन और लोकप्रियता?
भारत का क्रिप्टो करेंसी को लेकर स्टैंड् क्या है?
भारत में इसके लिए कानूनी प्रावधान क्या है?

इस तरह हम इस आर्टिकल में बहुत कुछ जानने वाले हैं तो बने रहिए हमारे साथ दिमाग की बत्ती जला कर.

what is cryptocurrency in hindi

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क्रिप्टोकरेंसी क्या है (Cryptocurrency in Hindi)?

जैसे अलग-अलग देशों की अपनी मुद्रा होती है जिससे उस देश की अर्थव्यवस्था चलती है और वह मुद्रा उस देश की सरकार द्वारा स्थापित किसी संस्था द्वारा जारी की जाती है.
उदाहरण के लिए कि भारत की मुद्रा रुपया है जो भारत सरकार द्वारा गठित भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की जाती है.
उसी तरह क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल मुद्रा है जिसे कोई भी सरकार जारी नहीं करती है अपितु यह कंप्यूटर एल्गोरिथम पर काम करती है.

types of cryptocurrency

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क्रिप्टोकरेंसी कितने प्रकार का होता है? (Types of Cryptocurrency)

वैसे तो क्रिप्टोकरेंसी कई प्रकार के होते हैं पर मैं कुछ मुख्य प्रकार के क्रिप्टो की बात करने जा रहा हूं.
Bitcoin, एथेरियम, tether, BNB, USD coin, solana, XRP, cardano, terra, dog coin, लाइट coin, Dia, Waves इत्यादि.
गौरतलब है कि इन सब में बिटकॉइन काफी प्रचलित है. इसकी लोकप्रियता कुछ इस कदर है कि क्रिप्टो का सीधा सा मतलब लोग बिटकॉइन से समझते हैं.

क्रिप्टोकरेंसी कैसे काम करती है? (cryptocurrency kaise kaam karta hai)

जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि क्रिप्टोकरेंसी किसी भी सरकार द्वारा जारी नहीं किया जाता। अर्थात क्रिप्टो करेंसी पर किसी देश, राज्य अथवा संस्था का नियंत्रण नहीं होता है . तो हम कह सकते हैं कि क्रिप्टो करेंसी एक स्वतंत्र मुद्रा है और इसके लिए क्रिप्टो ग्राफि का प्रयोग किया जाता है. वैसे जानकारी के लिए बता दूं कि क्रिप्टो करेंसी दरअसल वित्तीय लेनदेन का एक जरिया है और इससे कोई भी वस्तु खरीदी जा सकती है. इससे स्पष्ट होता है कि क्रिप्टो का काम ठीक वही है जो भारत में भारतीय रुपया, बांग्लादेश में टाका अथवा अमेरिकी डॉलर के समान ही है.किंतु फिर प्रश्न यह उठता हैं की :-


क्रिप्टोकरेंसी और बाकी देशों की मुद्राओं में क्या अंतर है?

व्यवहारिक तौर पर क्रिप्टो Cryptocurrency क्या है ये कैसे काम करती है और रुपया मैं कोई भी अंतर नहीं है अर्थात रुपयों से कोई भी सामान खरीदी अथवा बेची जा सकती है उसी प्रकार क्रिप्टो से भी सामान खरीदी अथवा बेची जा सकती है.

क्या देश में क्रिप्टो अब कानूनी हो गया? 30% टैक्स के बाद अगर आप भी इसे लीगल मान रहे हैं तो जानिए क्या है हकीकत

Cryptocurrency in India: वित्तमंत्री के बजट भाषण के बाद इतना तो साफ हो गया है कि भारत में अब वर्चुअल एसेट (Virtual Asset) से होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. इतना ही नहीं, क्रिप्टोकरेंसी के हर एक ट्रांजैक्शन (Transaction) पर अलग से 1% TDS (Tax deduction at source) सरकार को देना होगा.

Cryptocurrency: हम जिसे क्रिप्टोकरेंसी मान रहे हैं और वित्तमंत्री ने जिसे Virtual asset कहा उससे होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. बजट 2022 में यही एक प्वाइंट था, जिसने सबका ध्यान खींचा. बजट में ऐलान के बाद क्रिप्टो में निवेश करने वाले निराश हुए होंगे और इसके कारोबार से जुड़े कुछ लोग खुश भी हुए होंगे. खुशी इसलिए क्योंकि, कई लोग ये दावा कर रहे हैं कि अब क्रिप्टोकरेंसी देश में लीगल हो गई है. ये इस बात से भी साफ होता है कि बजट में ऐलान के ठीक बाद क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज WazirX, Coinswitchkuber की तरफ से रिएक्शन आए कि सरकार यह कदम अच्छा है. लेकिन, यहां थोड़ा सा कन्फ्यूजन है. पहले समझते हैं कि वित्तमंत्री ने क्या कहा और उसका इंटरप्रिटेशन करने वाले कहां चूक कर रहे हैं.

डिजिटल करेंसी नहीं एसेट पर लगा है टैक्स

सबसे पहले तो ये समझिए सरकार ने जो टैक्स लगाया है वो डिजिटल एसेट या यूं कहें क्रिप्टोकरेंसी (Cyrptocurrency) जैसे बिटकॉइन पर लगा है, जो फिलहाल लीगल नहीं है. गौर करने की बात ये है कि सरकार इसे करेंसी नहीं मान रही है. तो अब भारत में डिजिटल एसेट (Cryptocurrency) से Cryptocurrency क्या है ये कैसे काम करती है होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. मतलब अब अगर कोई व्यक्ति किसी डिजिटल एसेट (Digital Asset) में निवेश करके 100 रुपए का मुनाफा कमाता है, तो उसे 30 रुपए टैक्स के रूप में सरकार को देने होंगे.

ट्रांजैक्शन पर TDS भी वसूलेगी सरकार

क्रिप्टोकरेंसी के हर एक ट्रांजैक्शन (Transaction) पर अलग से 1% TDS (Tax deduction at source) सरकार को देना होगा. मान लीजिए, किसी ने कोई क्रिप्टोकरेंसी खरीदी हुई है. ये उसका निवेश है. मतलब उसका ये Asset हुआ. अब अगर खरीदने वाला इस एसेट को किसी और को ट्रांसफर करता है, तो उसे अलग से उस Asset की कुल कीमत पर 1% के हिसाब से TDS चुकाना होगा. TDS किसी Source पर लगाया जाता है. जैसे आपको हर महीने मिलने वाली तनख्वाह पर सरकार जो Cryptocurrency क्या है ये कैसे काम करती है टैक्स लेती है, वो TDS होता है. कुल मिलाकर सरकार डिजिटल करेंसी को एक इनकम सोर्स मान रही है. इसकी कमाई पर 30% टैक्स भी लगा दिया गया है.

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तो क्या क्रिप्टो करेंसी लीगल हो गई?

बजट में हुए इस ऐलान के बाद ज्यादातर लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या सरकार ने डिजिटल करेंसी पर टैक्स लगा कर इसे लीगल कर दिया है? जवाब है- नहीं. इसे ऐसे समझिए, सरकार सिर्फ उस डिजिटल करेंसी (Digital Currency) को लीगल यानी वैध मानती है, जिसे Reserve Bank of India-RBI जारी करता है या करेगा. मतलब अभी जो Bitcoin जैसी Crypto Currency हैं, वो वैध नहीं है. बजट भाषण के बाद पत्रकारों से सवाल-जवाब में वित्तमंत्री ने साफ किया कि क्रिप्टो की वैधता को लेकर सरकार में चर्चा जारी है लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क के बाहर जो भी क्रिप्टोकरेंसी हैं, वे करेंसी नहीं हैं. अगर कोई आपसे कहे कि ये लीगल हो गई हैं तो जब तक सरकार नहीं कहती, मानिएगा नहीं. यहां पर गौर करने की बात ये भी है कि सरकार अप्रैल से शुरू होने वाले कारोबारी साल में अपनी डिजिटल करेंसी लाने की भी तैयारी में है जिसका जिक्र वित्तमंत्री ने अपने भाषण में किया. जाहिर है ये करेंसी पूरी तरह लीगल होगी.

क्रिप्टो पर कन्फ्यूजन फैला क्यों?

वर्चुअल एसेट पर 30 परसेंट टैक्स का एलान होते ही कई लोगों ने ये मान लिया कि जो चीज टैक्स के दायरे में आ गई वो Cryptocurrency क्या है ये कैसे काम करती है तो लीगल हो गई. जबकि ऐसा नहीं है. इनकम टैक्स एक्ट के मुताबिक आपकी आय कहीं से भी हो, सरकार उस पर टैक्स वसूलती है. इससे आपके आय के लीगल होने की गारंटी नहीं मिल जाती. टैक्स एक्सपर्ट वेद जैन (Tax Expert Ved Jain) के मुताबिक, इनकम टैक्स प्रोविजन में साफ है कि आपकी कहीं से भी कमाई हुई है, उस पर टैक्स स्लैब के मुताबिक टैक्स की देनदारी बनेगी. चाहे इनकम सोर्स वैध हो या फिर अवैध. सुप्रीम कोर्ट ने भी काफी वक्त पहले स्मगलिंग बिजनेस के मामले में ऐसा ही फैसला सुनाया था. इसलिए ऐसी कोई एसेट पर लगने वाले टैक्स को लीगल कहना सही नहीं है.

वर्चुअल एसेट से वित्तमंत्री का मतलब क्या है?

आसान तरीके से समझें तो आप जो सोना खरीदते हैं या Cryptocurrency क्या है ये कैसे काम करती है जो घर खरीदते हैं, वो आपकी Assets होती है. मतलब आपकी सम्पत्ति, ना कि ये करेंसी है. ठीक इसी तरह Crypto Currency भारत सरकार के लिए एक Asset होगी और इस पर लोगों से टैक्स वसूला जाएगा. अगर आप ये सोच रहे हैं कि Bitcoin, Ethereum, Tether, Ripple जैसी डिजिटल करेंसी को लीगल माना गया है तो तकनीकी तौर पर बिल्कुल सही नहीं है. हालांकि, लोग इसमें निवेश कर सकेंगे.

इस टैक्स के पीछे क्या है सरकार की मंशा

सरकार के प्रतिनिधियों ने ये भी बताया कि देश में क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन साल 2017 से ही सरकार के राडार पर है. इस पर टैक्स लगाने से सरकारी खजाने में मोटी रकम पहुंचनी तय है. अभी अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, Netherlands और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) पर वहां की सरकारें टैक्स लगाती हैं. सरकार के इस फैसले के पीछे एक बड़ी वजह ये हो सकती है कि, हमारे देश में जितने लोगों ने CryptoCurrency में निवेश किया है, वो देश की आबादी का लगभग 8% हैं. RBI के आंकड़ों के मुताबिक, इन लोगों ने अपने 70 हजार करोड़ रुपए इस समय ऐसी Virtual Currency में लगाए हुए हैं. पूरी दुनिया में CryptoCurrency में ट्रेड करने के मामले में भारतीय सबसे आगे हैं. सरल शब्दों में कहें तो ये 30 प्रतिशत टैक्स, सीधे तौर पर 70 हजार करोड़ रुपए के निवेश को एक गारंटी देगा और हो सकता है कि भारत में इसका इस्तेमाल बढ़ जाए.

गिफ्ट पर भी लगेगा टैक्स, ऐसे होगा कैलकुलेट

बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने वर्चुअल एसेट्स (Virtual Assets) के ट्रांजैक्शन से हुई कमाई पर 30% टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया. क्रिप्टोकरेंसी गिफ्ट करने को भी ट्रांजेक्शन माना जाएगा. मतलब अगर आप क्रिप्टोकरेंसी किसी को गिफ्ट में देते हैं तब भी 30 फीसदी टैक्स की देनदारी बनेगी. गिफ्ट किए जाने के मामले में उस समय की वैल्यू पर टैक्स लगेगा. इस वैल्यू को Recipient का इनकम माना जाएगा और उसे वैल्यू पर टैक्स देना होगा.

कब से लगेगा नया टैक्स?

एक और बात जो नोटिस करने वाली है कि ये नया टैक्स आने वाले कारोबारी साल यानी 1 अप्रैल से लागू होगा. यानी क्रिप्टो में कारोबार करने वालों के पास फिलहाल 31 मार्च तक की मोहलत है. वित्त मंत्री ने यह भी प्रस्ताव किया कि डिजिटल एसेट्स के दायरे में क्रिप्टोकरेंसी के अलावा NFT समेत सारे टोकन आते हैं, जो सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क में नहीं हैं. वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि रिजर्व बैंक की डिजिटल करेंसी आने आने वाली है. ये सारे बदलाव बजट पर कैबिनेट की मुहर लगने के बाद 1 अप्रैल 2022 से लागू हो जाएंगे.

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