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क्रिप्टो करंसी

क्रिप्टो करंसी

क्रिप्टो बैन: सही कदम या भूल

भारत में इन दिनों क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चर्चा हरेक की जुबान पर है भले ही उसने इसमें कभी निवेश किया हो या नहीं. अब सरकार इस पर कानून लाने वाली है, लेकिन यह काम भी बड़ा उलझन भरा है. जाानिए क्यों?

भारतीय संसद के इस हफ्ते शुरू हुए शीतकालीन सत्र की खास बात कृषि या विकास संबंधी परियोजनाएं न होकर एक ऐसी करेंसी या मुद्रा क्रिप्टो करंसी रही जो न देखी जा सकती है, न छुई जा सकती है और जिसकी कीमत तेजी से घटती-बढ़ती रहती है. इसे क्रिप्टोकरेंसी या डिजिटल करेंसी कहते हैं, जिस पर सरकार या बैंक का नियंत्रण नहीं होता है. यह करेंसी ब्लॉकचेन तकनीक पर बनी होती है, जो किसी डेटा को डिजिटली सहेजता है.

अब जो करेंसी किसी के नियंत्रण में नहीं है, उस पर सरकार कानून कैसे ला सकती है? इसका जवाब हां और ना दोनों है. भले ही सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई कानून न बनाया हो, लेकिन भारत का आयकर विभाग क्रिप्टो निवेश पर होने वाली इनकम पर टैक्स लेता है. हालांकि क्रिप्टो टैक्स के नियम ज्यादा साफ नहीं हैं, लेकिन अगर किसी निवेश पर टैक्स लिया जा रहा है तो इसका मतलब है कि सरकार उसे आय का स्रोत मान रही है.

दूसरा पक्ष यह है कि सरकार इसे पेमेंट का माध्यम मानने से इनकार कर रही है. हाल ही में संसद की ओर से जारी एक बुलेटिन में कहा गया कि बिटकॉइन या इथेरियम जैसी अन्य क्रिप्टोकरेंसी को करेंसी का दर्जा नहीं दिया जा सकता है. यानि इनसे कोई भी दूसरा सामान नहीं खरीदा जा सकेगा.

नुकसानदेह हो सकता है सरकार का रवैया

सरकार की यह हिचक लंबे अर्से में नुकसान ही कराएगी क्योंकि कई छोटे-बड़े देशों ने क्रिप्टोकरेंसी को पेमेंट का माध्यम मान लिया है. मसलन, अमेरिका स्थित दुनिया के सबसे बड़े मूवी थिएटर चेन एएमसी ने कुछ क्रिप्टोकरेंसी से पेमेंट किए जाने को मंजूरी दे दी है. वहीं, कोरोना महामारी से बुरी तरह तबाह हो चुके टूरिज्म बिजनेस को दोबारा खड़ा करने के लिए थाइलैंड ने क्रिप्टो निवेशकों का स्वागत करते हुए कहा है कि वे उनके यहां आकर क्रिप्टो के जरिए सामान खरीद सकते हैं.

प्राइवेट बैंकों ने तो एटीएम भी लगा रखा हैतस्वीर: Christian Beutler/picture alliance/KEYSTONE/dpa

हालांकि, भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी को एसेट क्लास यानि स्टॉक, बॉन्ड जैसा मानने को तैयार दिख रही है. इसका मतलब है कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी को करेंसी न मानकर निवेश का माध्यम मानने को तैयार है. संसद की ओर से जारी बुलेटिन की एक अन्य टिप्पणी भी भ्रम पैदा करने वाली है. सरकार ने कहा है कि वह प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगा देगी. यह प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी आखिर है क्या? सरकार ने इसे लेकर कोई व्याख्या नहीं दी है. क्रिप्टो जगत में प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी जैसी कोई चीज होती ही नहीं है क्योंकि सारी क्रिप्टोकरेंसी ‘प्राइवेट' ही हैं, ‘पब्लिक' या सरकार के नियंत्रण में तो हैं नहीं.

ब्लॉकचेन तकनीक से परहेज नहीं

एक अन्य मुद्दा जिस पर सरकार का रुख कन्फ्यूज कर रहा है वह है डिजिटल रुपये. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को ब्लॉकचेन तकनीक भा गई है क्योंकि इसकी वजह से रिकॉर्ड को सहेजना और करेंसी को जारी करना आसान है. सरकार को भले क्रिप्टोकरेंसी से दिक्कत हो, लेकिन वह खुद रुपये को डिजिटली जारी करना चाहती है. यानि हो सकता है कि भारतीय रुपया जल्द ही बिटकॉइन या डॉजकॉइन की तरह डिजिटल हो जाए.

हाल के दिनों में सरकार के रवैये ने आम भारतीय क्रिप्टो निवेशकों को खूब छकाया. भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज जैसे वजीरएक्स और कॉइनडीसीएक्स पर निवेशकों ने जल्दबाजी में अपनी करेंसी बेच डाली. पुराने और मंझे हुए क्रिप्टो निवेशकों ने इसका फायदा उठाया और गिरे हुए भाव पर दाव लगाकर क्रिप्टोकरेंसी को अपनी झोली में डाल लिया. ऐसा ही होता है क्रिप्टोकरेंसी बाजार में, जहां कीमत के गिरने का इंतजार कर रहे निवेशक झट से पैसे लगाकर प्रॉफिट लेकर चले जाते हैं.

कंपनियों को सरकार के फैसले का इंतजार

भारत में स्थित क्रिप्टो कंपनियां फिलहाल सरकार के बिल लाने का इंतजार कर रही हैं. वह कई वर्षों से सरकार के साथ बातचीत कर रही थीं क्योंकि उन्हें मालूम है कि रेगुलेशन और कानून आने से उन्हीं का फायदा होगा और क्रिप्टो को लेकर आम लोगों में विश्वास जगेगा. यही वजह है कि क्रिप्टो बिल को लेकर तमाम अटकलों के बावजूद अरबों की संपत्ति वाला क्रिप्टो एक्सचेंज कॉइनडीसीएक्स अब अपना आईपीओ शेयर बाजार में लाने वाला है. आईपीओ के जरिए उसे विस्तार मिलेगा और वह आम लोगों में अपने शेयर बेचकर धन की उगाही कर सकेगा.

कई देशों में बिटकॉइन के प्रचार की कोशिशें हो रही हैंतस्वीर: Salvador Melendez/AP Photo/picture alliance

भारत को लेकर बड़ी कंपनिया आश्वस्त हैं कि यहां चीन की तरह क्रिप्टो पर बैन लगाकर तानाशाही नहीं चलेगी. एनालिटिक फर्म चेनएनालिसिस ने भी भारत को क्रिप्टो का हब करार दिया है, जो बिना किसी गाइडलाइंस के देश ने हासिल किया है. यह बड़ी उपलब्धि है और सरकार को इसे गंवाना नहीं चाहिए.

फिलहाल सरकार को ब्लॉकचेन तकनीक से कोई दिक्कत नहीं, न ही क्रिप्टोकरेंसी इनकम पर मिलने वाले टैक्स से. लेकिन विडंबना यह है कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने को भी आतुर है. यह वही बात हो गई है कि कमरे में हाथी रखा है और सबने उसकी अपनी तरह से व्याख्या की है. भारत सरकार को क्रिप्टोकरेंसी पर व्यापक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए. एक ऐसा देश जो आईटी सेक्टर का हब हो, जहां 50 करोड़ इंटरनेट यूजर्स हो और जिसने डिजिटल इंडिया का ख्बाव देखा हो, वह ब्लॉकचेन और क्रिप्टोकरेंसी के उदय के दौर में पिछड़ कर रह जाएगा.

ये भी देखिए: बिटकॉइन कैसे काम करता है और यह किस काम आता है

क्रिप्टो करेंसी बाजार गुलजार, 20 हजार डॉलर के ऊपर पहुंचा बिटकॉइन, रइथेरियम में भी बढ़त

सबसे फेमस क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन आज बढ़त के साथ 20 हजार डॉलर के ऊपर तक पहुंच गया था. बिटकॉइन के साथ इथेरियम भी बढ़त बनाए हुए है. अभी भारतीय समय के अनुसार दिन के 1 बजे बिटकॉइन 1.66 फीसदी बढ़ते के साथ कारोबार कर रहा है.

बिटकॉइन

बीते दिनों की गिरावट के बाद आज क्रिप्टो करंसी बाजार में तेजी का रुख दिखाई दे रहा है. क्रिप्टो करंसी बाजार आज गुलजार होकर हरे निशान पर कारोबार कर रहा है. बात करें बिटकॉइन की तो, सबसे फेमस क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन आज बढ़त के साथ 20 हजार डॉलर के ऊपर तक पहुंच गया था. बिटकॉइन के साथ इथेरियम भी बढ़त बनाए हुए है. अभी भारतीय समय के अनुसार दिन के 1 बजे बिटकॉइन 1.66 फीसदी बढ़ते के साथ कारोबार कर रहा है. वहीं, इथेरियम 2.70 फीसदी की बढ़त पर है.

Gadgets360.com के आंकड़ो के मुताबिक, दिन के करीब 1 बजे (भारतीय समयानुसार) बिटकॉइन में 1.66 फीसदी की बढ़त, इथेरियम (Ethereum) में 2.70 फीसदी की बढ़त दिखाई दे रही है. इसके अलावा टेथर लाल निशान में कारोबार कर रहा है. यूएसडी कॉइन 0.80 फीसदी घाटे में कारोबार कर रहा है. इसके अलावा बिनेंस कॉइन 1.53 फीसदी की बढ़त के साथ हरे निशान पर कारोबार कर रहा है. बिनेंस यूएसए, रिपल, कारडानो हरे निशान पर कारोबार कर रहा है.

गौरतलब है कि इन दिनों भारत समेत पूरी दुनिया में क्रिप्टो करेंसी के प्रति निवेशकों का रुझान बढ़ा है. दुनिया के कई देशों के निवेश ज्यादा रिटर्न के लिए क्रिप्टोकरेंसी पर निवेश कर रहे हैं. भारत में भी डिजिटल कॉइन में बड़ी संख्या में लोग निवेश करते है. जानकारों के मुताबिक, देश के करीब 10 करोड़ लोग क्रिप्टो करेंसी में पैसा लगाते हैं. भारत में दुनिया में सबसे ज्यादा लोग है जो क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करते हैं.

क्या है क्रिप्टो करेंसी: बता दें, हर देश की मुद्रा अलग-अलग नाम से जानी जाती है, जैसे भारत में रुपया, अमेरिका में डॉलर, यूरोपीय देशों में यूरो, सऊदी अरब में रियाल, जापान में येन आदि. उसी तरह क्रिप्टोकरेंसी भी एक तरह की मुद्रा है, लेकिन यह बाकी सभी मुद्राओं से बिलकुल अलग है. यह एक ऐसी मुद्रा है जिसे आप देख या छू नहीं सकते हैं. यानी यह एक डिजिटल करेंसी (डिजिटल मुद्रा) है.

डिजिटल करेंसी की शुरुआत सबसे पहले 2009 में हुई जब पहली क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन प्रकाश में आया. अभी पूरी दुनिया में हजारों क्रिप्टोकरेंसी हैं जिनमें कारोबार हो रहा है. बिटकॉइन, इथेरियम, टेथर, कारडेनो, बिनान्स कॉइन, पोलका डॉट जैसी कई क्रिप्टोकरेंसी में हैं जहां भारतीय अपना पैसा लगा रहे हैं.

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अपनी क्रिप्टोकरेंसी को कैश में कैसे बदलें? (How To Convert Your Cryptocurrency Into Cash?)

How to convert your cryptocurrency into cash - WazirX

क्रिप्टोकरेंसी ने फिएट मनी के लोकप्रिय विकल्प के रूप में निवेशकों और वित्तीय सेवा की फर्म्स में बड़े पैमाने पर रुचि हासिल की है। हालांकि, ब्लॉकचेन-आधारित डिजिटल करेंसी की अवधारणा में एक चुनौतीपूर्ण समस्या है। वास्तव में इस करेंसी क्रिप्टो करंसी को नियमित फिएट करेंसी की तरह खर्च करना कठिन हो सकता है। लेकिन हॉराइज़न पर ऐसे तरीके हैं जो लोगों को अपने दिन-प्रतिदिन के वित्त के लिए अधिक मुख्यधारा के तरीकों में बिटकॉइन और इथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग करने में मदद कर सकते हैं। क्रिप्टो दौर में ज्वलंत प्रश्नों में से एक यह है कि 2022 में क्रिप्टो को कैश में कैसे बदला जाए?

डिजिटल करेंसी बहुत अधिक अस्थिर होती हैं, और उनके मूल्यों में प्रभावशाली तरीके से उतार-चढ़ाव होता है। एक जोखिम-प्रतिकूल निवेशक डिजिटल करेंसी के आस-पास की अनिश्चितता के प्रकाश में अपने डिजिटल मनी को फिएट करेंसी में बदलने पर विचार कर सकता है। हालांकि, क्रिप्टो को कैश में बदलने के सभी तरीकों में लाभ पर कर शामिल होगा। इस लेख में, हम आपके इस सवाल का जवाब देंगे कि 2022 में क्रिप्टो को कैश में कैसे बदला जाए।

भारत में क्रिप्टो को कैश में बदलने के तरीके पर गाइड

क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म के माध्यम से

हमारी गाइड में भारत में क्रिप्टो को कैश में कैसे बदला जाए का पहला तरीका, WazirX जैसे क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म के माध्यम से है। उसके बाद, आप किसी भी क्रिप्टोकरेंसी को एक्सचेंज प्लेटफॉर्म या ब्रोकर के माध्यम से कैश में बदल सकते हैं। यह विदेशी एयरपोर्ट्स पर करेंसी एक्सचेंज सिस्टम के समान है।

  • आपको अपनी क्रिप्टोकरेंसी WazirX जैसे एक्सचेंज में जमा करनी होगी।
  • फिर आपको अपनी पसंद की करेंसी में निकासी के लिए अनुरोध करना होगा।
  • कुछ समय के बाद पैसा आपके बैंक खाते में जमा कर दिया जाएगा।

यह तरीका सबसे सुरक्षित माना जाता है, लेकिन कभी-कभी आपके खाते में पैसे आने में 4-6 दिन लग जाते हैं। इसके अलावा, क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज ट्रांजै़क्शन शुल्क चार्ज करता है, जो एक एक्सचेंज प्लेटफॉर्म से दूसरे में भिन्न होता है।

पीयर-टू-पीयर नेटवर्क के माध्यम से

हमारी गाइड में अगला, भारत में क्रिप्टो को कैश में कैसे बदला जाए, यह एक पीयर-टू-पीयर प्लेटफॉर्म के माध्यम से है। आप अपनी क्रिप्टोकरेंसी को केवल बेचकर कैश में बदलने के लिए पीयर-टू-पीयर प्लेटफॉर्म का उपयोग कर सकते हैं। यह विधि आपको तेज और अधिक अस्पष्ट निकासी प्रदान करती है। इस विधि के अन्य फायदों में कम शुल्क और थर्ड-पार्टी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म की तुलना में बेहतर एक्सचेंज रेट की संभावना शामिल है।

  • सबसे पहले, आपको पीयर-टू-पीयर एक्सचेंज प्लेटफॉर्म के लिए साइन अप करना होगा और अपने आदर्श खरीदार के स्थान की खोज करनी होगी।
  • फिर, मार्केटप्लेस में खरीदारों की तलाश करें। अधिकांश पीयर-टू-पीयर प्लेटफॉर्म एस्क्रो सेवा प्रदान क्रिप्टो करंसी करते हैं। इसका मतलब है कि जब तक आप भुगतान प्राप्त होने की पुष्टि नहीं करते, तब तक खरीदार द्वारा आपकी क्रिप्टोकरेंसी तक पहुंच नहीं होगी।

पीयर-टू-पीयर सेलिंग विधि का उपयोग करते समय स्कैमर्स से सावधान रहना महत्वपूर्ण है। उन्हें अपनी क्रिप्टोकरेंसी जारी करने से पहले आपको खरीदार की पहचान को सत्यापित करना होगा। पीयर-टू-पीयर प्लेटफॉर्म का उपयोग करने की भी दृढ़तापूर्वक सलाह दी जाती है जो आपको खरीदार द्वारा भुगतान किए जाने तक अपने क्रिप्टो एसेट्स को लॉक रखने की अनुमति देता है।

क्रिप्टोकरेंसी बैंकिंग के साथ फिएट की तरह अपनी क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग करें

क्रिप्टोकरेंसी बैंकिंग लोगों को अपने डिजिटल एसेट्स को उसी तरह खर्च करने की अनुमति देती है जैसे वे ट्रेडिशनल पैसे खर्च करते हैं। क्रिप्टो बैंकिंग लोगों को अपने डिजिटल कॉइंस को डिजिटल वॉलेट में स्टोर करने की भी अनुमति देती है। इस प्रकार की बैंकिंग के माध्यम से, आपकी क्रिप्टोकरेंसी डेबिट कार्ड तक पहुंच प्राप्त होती है। ये कार्ड आपको अपने डिजिटल कॉइन बैलेंस का उपयोग करने में सक्षम बनाते हैं क्योंकि आप रोज़मर्रा की खरीदारी करने के लिए किसी अन्य करेंसी का उपयोग करते हैं या इसे निवेश के रूप में रखने के बजाय नकद के रूप में निकालते हैं।

क्रिप्टो डेबिट कार्ड क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म द्वारा जारी किए जाते हैं। इन कार्ड को क्रिप्टोकरेंसी के साथ लोड किया जा सकता है और उन मर्चेंट से ऑनलाइन और इन-स्टोर खरीदारी करने के लिए उपयोग किया जा सकता है जो डिजिटल करेंसी स्वीकार नहीं करते हैं।

इन डेबिट कार्ड की उपलब्धता से पहले, आप केवल उन रिटेलर्स पर अपनी क्रिप्टोकरेंसी खर्च कर सकते थे जिन्होंने क्रिप्टोकरेंसी को भुगतान विधि के रूप में स्वीकार करना चुना था या क्रिप्टो को कैश में बदलने के तरीकों की खोज कर ली थी। वर्तमान में, फिनटेक फर्म्स इन क्रिप्टो कार्ड को प्रदान करने के लिए चार्टर्ड बैंक और डेबिट कार्ड जारीकर्ताओं के साथ साझेदारी कर रही हैं, वे अपने साझेदारों के लॉजिस्टिक और नियामक ढांचे का उपयोग करके आपकी क्रिप्टोकरेंसी को स्वचालित रूप से बेचते हैं, उन्हें कैश में बदलते हैं और रिटेलर्स को उन्हें स्वीकार करने की अनुमति देते हैं। इसका मतलब क्रिप्टो बैंकिंग के माध्यम से है; जहां भी ट्रेडिशनल डेबिट कार्ड स्वीकार किए जाते हैं, वहां आप अपने डिजिटल फंड का उपयोग कर सकते हैं।

हालांकि क्रिप्टो बैंकिंग एक उभरती हुई अवधारणा है, लेकिन इसे ट्रेडिशनल बैंक की तरह लोकप्रिय होने में समय लगेगा। इसलिए, भारत में बिटकॉइन को कैश में कैसे बदला जाए , इसकी खोज जारी रहेगी। इस पोस्ट ने आपको क्रिप्टो/बिटकॉइन को कैश में बदलने के तरीकों के बारे में गाइड करने का प्रयास किया। हालांकि, इस बात को ध्यान में रखना आवश्यक है कि क्रिप्टोकरेंसी मार्केट अस्थिर है। इसलिए, आपको क्रिप्टो के दौर में व्यापार के जोखिम को कम करने के लिए आवश्यक निवारक उपाय लेने चाहिए।

PS: केवल विश्वसनीय क्रिप्टो प्लेटफॉर्म से अपने क्रिप्टो को कैश में बदलें!

अस्वीकरण: क्रिप्टोकुरेंसी कानूनी निविदा नहीं है और वर्तमान में अनियमित है। कृपया सुनिश्चित करें कि आप क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार करते समय पर्याप्त जोखिम मूल्यांकन करते हैं क्योंकि वे अक्सर उच्च मूल्य अस्थिरता के अधीन होते हैं। इस खंड में दी गई जानकारी किसी निवेश सलाह या वज़ीरएक्स की आधिकारिक स्थिति का प्रतिनिधित्व नहीं करती है। वज़ीरएक्स अपने विवेकाधिकार में इस ब्लॉग पोस्ट को किसी भी समय और बिना किसी पूर्व सूचना के किसी भी कारण से संशोधित करने या बदलने का अधिकार सुरक्षित रखता है।

क्रिप्टो करेंसी की कब हुई थी शुरुआत, क्या हैं इसके फायदे और नुकसान, समझिए पूरा हिसाब

इन दिनों जिस क्रिप्टो करेंसी का जलवा है, ये डिजिटल करेंसी है. इसे आप छू नहीं सकते, लेकिन हां अमीर जरूर हो सकते हैं. आमतौर पर इसका इस्तेमाल किसी सामान की खरीदारी या कोई सर्विस खरीदने के लिए किया जा सकता है.

क्रिप्टो करेंसी की कब हुई थी शुरुआत, क्या हैं इसके फायदे और नुकसान, समझिए पूरा हिसाब

TV9 Hindi | Edited By: रोहित ओझा

Updated on: Dec 23, 2020 | 9:13 AM

डिजिटल होती दुनिया में हर चीज वर्चुअल होती जी रही है. डिजिटल पेंमेट की सुविधा ने लोगों की लाइफ को काफी आसान बना दिया है. डिजिटल होते इस वर्ल्ड में क्रिप्टो करेंसी का क्रेज बढ़ गया है. दुनिया के हर एक देश की अपनी मुद्रा है. जैसे-भारत में रुपया, अमेरिका में डॉलर और ब्रिटेन में पाउंड. लेकिन इन दिनों जिस क्रिप्टो करेंसी का जलवा है, ये डिजिटल करेंसी है. इसे आप छू नहीं सकते, लेकिन हां अमीर जरूर हो सकते हैं. आइए अब समझ लेते हैं इस क्रिप्टो करेंसी का पूरा हिसाब.

कंप्यूटर एल्गोरिथ्म पर बनी क्रिप्टो करेंसी एक इंडिपेंडेंट मुद्रा है. यह करेंसी किसी भी एक अथॉरिटी के काबू में भी नहीं होती. जैसे रुपया, डॉलर, यूरो या अन्य मुद्राओं का संचालन देश की सरकारें करती हैं, लेकिन क्रिप्टो करेंसी का संचलान कोई भी अथॉरिटी नहीं करती. यह एक डिजिटल करेंसी होती है. इसके लिए क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग किया जाता है. आमतौर पर इसका प्रयोग किसी सामान की खरीदारी या कोई सर्विस खरीदने के लिए किया जा सकता है.

जापान के एक इंजीनियर ने की थी शुरुआत

सबसे पहले साल 2009 में क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत हुई थी, जो बिटकॉइन थी. जापान के इंजीनियर सतोषी नाकमोतो ने इसे बनाया था. शुरुआत में इसे कोई खास सफलता नहीं मिली, लेकिन धीरे-धीरे इसकी कीमत आसमान छूने लगी और ये पूरी दुनिया में छा गया.

क्रिप्टो करेंसी के क्या हैं फायदे और नुकसान

क्रिप्टो करेंसी के कई फायदे हैं और इसके नुकसान भी हैं. पहला फायदा ये है कि डिजिटल करेंसी होने के कारण धोखाधड़ी की गुंजाइश ना के बराबर है. दूसरा ये कि इसकी कोई नियामक संस्था नहीं है. इसलिए नोटबंदी या करेंसी के अवमूल्यन जैसी स्थितियों असर इसपर नहीं पड़ता. क्रिप्टोकरेंसी में मुनाफा अधिक होता है और ऑनलाइन खरीदारी से लेन-देन आसान होता है. इसका सबसे बड़ा नुकसान है कि वर्चुअल करेंसी में भारी उतार-चढ़ाव आपके माथे पर पसीना ला देगा.

एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच साल में बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी एक ही दिन में बिना किसी चेतावनी के 40 से 50 प्रतिशत गिर गई थी. इसका सबसे बड़ा नुकसान ये होता है कि वर्चुअल करेंसी होने के कारण इसमें सौदा जोखिम भरा होता है. इस करेंसी का इस्तेमाल ड्रग्स सप्लाई और हथियारों की अवैध खरीद-फरोख्त जैसे अवैध कामों के लिए किया जा सकता है. , इसका एक और नुकसान यह है कि यदि कोई ट्रांजेक्शन आपसे गलती से हो गया तो आप उसे वापस नहीं मंगा सकते हैं.

क्रिप्टो करेंसी से क्या भारत में होता है लेनदेन

भारत में क्रिप्टो करेंसी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया था और वर्चुअल करेंसी के माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी में लेन देन की इजाजत दी थी. साल 2018 में इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने भारतीय रिजर्व बैंक के सर्कुलर पर आपत्ति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. बिटकॉइन के अलावा भी रेड कॉइन, सिया कॉइन, सिस्कोइन, वॉइस कॉइन और मोनरो कॉइन जैसी अन्य क्रिप्टो करेंसी बाजार में उपलब्ध हैं.

क्रिप्टो करेंसी क्या है

प्रत्येक देश की अपनी एक करेंसी अर्थात मुद्रा होती हैं और उसका एक निश्चित नाम भी होता है, जैसे कि भारत में रूपया, अमेरिका में डालर, अरब का रियाल आदि | किसी भी देश की करेंसी के माध्यम से उस देश की अर्थव्यवस्था संचालित होती है |

इन सभी करेंसी को आप देख सकते है, अपनें पास एकत्र कर सकते है परन्तु आज की इस डिजिटल दुनिया में एक नई तरह की करेंसी आ गयी है, जिसे न ही हम देख सकते है और ना ही हम छू सकते है, क्योंकि यह डिजिटल फॉर्म में होती हैं | इस डिजिटल करेंसी का नाम क्रिप्टोकरेंसी है | क्रिप्टो करेंसी क्या है, क्रिप्टो करेंसी के प्रकार व नाम के बारें में आपको यहाँ पूरी जानकारी विधिवत रूप से दे रहे है |

क्रिप्टो करेंसी का क्या मतलब होता है ?

Table of Contents

क्रिप्टो करेंसी एक ऐसी मुद्रा है, जो कंप्यूटर एल्गोरिथ्म पर बनी होती है | यह एक ऐसी मुद्रा है, जिसे किसी भी देश की सरकार लागू नहीं करती है | इस मुद्रा पर किसी देश, राज्य या किसी अथॉरिटी का नियंत्रण नहीं होता है अर्थात यह एक स्वतंत्र मुद्रा है, जो डिजिटल रूप में होती है इसके लिए क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग किया जाता है। क्रिप्टो करेंसी द्वारा आप किसी भी तरह की वस्तु या सेवाएं खरीद या बेच सकते हैं।

क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत सबसे पहले जापान के सतोषी नाकमोतो नामक इंजीनियर नें वर्ष 2009 में की थी और पहली क्रिप्टो करेंसी का नाम बिटकॉइन है | हालाँकि शुरुआत में इसे कोई खास सफलता नहीं मिली परन्तु कुछ समय बाद यह काफी प्रचलित हुई और इसकी कीमत आसमान छूने लगी और धीरे-धीरे यह पूरी दुनिया में फ़ैल गयी |

क्रिप्टो करेंसी के प्रकार (Types Of Crypto Currency)

वर्तमान समय में लगभग 1 हजार से अधिक क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में उपलब्ध हैं, परन्तु इनमें से कुछ क्रिप्टो करेंसी ऐसी है, जिनका उपयोग सबसे अधिक किया जा रहा है, इनके नाम इस प्रकार है-

बिटकाइन (Bitcoin)

बिटकॉइन दुनिया की सबसे महंगी क्रिप्टोकरेंसी है, मुख्य रूप से इसका उपयोग बड़े-बड़े सौदो में किया जाता है|

सिया कॉइन (Sia Coin)

सिया कॉइन को एससी के नाम से भी जाना जाता है, ग्रोथ करने के मामले में बिटकॉइन के बाद सियाकॉइन का नंबर आता है |

लाइटकॉइन (Lite Coin)

लाइटकॉइन का अविष्कार वर्ष 2011 में चार्ल्स ली द्वारा किया गया था, यह क्रिप्टोकरेंसी भी बिटकॉइन की तरह ही हैं, जोकि डीसेंट्रलाइज्ड भी हैं और साथ ही पीर टू पीर टेक्नोलॉजी के तहत कार्य करती हैं |

डैश (Dash)

यह दो शब्दों डिजिटल और कैश को मिलकर बनाया गया है | इस क्रिप्टोकरेंसी को बिटकॉइन की तुलना में अधिक विशेषताओं के साथ शुरू किया गया है | अन्य क्रिप्टोकरेंसी की अपेक्षा इसमें सुरक्षा को अधिक महत्व दिया जाता है | इसमें एक विशेष प्रकार की एल्गोरिथम और टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाता है |

रेड कॉइन (Red Coin)

रेड कॉइन एक ऐसी क्रिप्टो करेंसी हैं, जिसका उपयोग विशेष अवसरों पर लोगों को टिप देने के लिए किया जाता है।

एसवाईएस कॉइन (SYS Coin)

एसवाईएस कॉइन एक ऐसी क्रिप्टो करेंसी हैं, जो अन्य क्रिप्टो करेंसी की अपेक्षा बहुत ही तेज गति से कार्य करती है | मुख्य रूप से इसका प्रयोग पैसों के लेनदेन में जैसे संपत्ति को खरीदने या बेचने आदि में किया जाता है | एसवाईएस कॉइन, बिटकॉइन का एक भाग है जो डीप वेब में कार्य करता है।

ईथर और ईथरम (Ether Or Etherm)

इस करेंसी का प्रयोग इंटरचेंज करेंसी के रूप में किया जाता है | यह प्रकार का टोकन होता है, जिसका प्रयोग ईथरम ब्लाक चैन के अंतर्गत लेन-देन के लिए किया जाता है |

मोनेरो (Monero)

मोनेरो एक अलग तरह की क्रिप्टोकरेंसी है, जिसमें एक विशेष प्रकार की सिक्यूरिटी का प्रयोग किया जाता क्रिप्टो करंसी है, जिसे रिंग सिग्नेचर का नाम दिया गया है | इसका सबसे अधिक प्रयोग डार्क वेब और ब्लॉक मार्केट में किया जाता है | इस करेंसी की सहायता से स्मगलिंग, ब्लैक मार्केटिंग आदि की जाती है |

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