ब्रोकर को लाभ

स्क्रैच से फॉरेक्स ब्रोकर कैसे बनाएं?
फ़ोरेक्ष और क्रिप्टोकरेंसी बाजार लाभ कमाने के कई अवसर पेश करते हैं। कई उद्यमी और स्टार्ट-अप तेजी से तरीकों की तलाश में हैं कि बिटकॉइन ब्रोकरेज कैसे शुरू करें या फ़ोरेक्ष ब्रोकर कैसे बनाएं। जबकि कोई भी फ़ोरेक्ष ब्रोकर व्यवसाय बना सकता है, इसके लिए धन, समय और प्रयास की आवश्यकता होती है। अपने व्यवसाय को शामिल करने के अलावा, आपको उस देश की कानूनी आवश्यकताओं से परिचित होना चाहिए जहां आप काम करेंगे।
ब्रोकरेज फर्म शुरू करने की प्रक्रिया को नेविगेट करने में आपकी मदद करने के लिए, हमने नीचे दिए गए चरणों की रूपरेखा तैयार की है।
फ़ोरेक्ष ब्रोकर कैसे बनें?
पर्याप्त स्टार्ट अप पूंजी होने के अलावा, फ़ोरेक्ष ब्रोकर बनाने के लिए आपको कई अन्य घटकों की आवश्यकता होती है। पहला है बाजार पर शोध करना और आपके द्वारा दी जाने वाली सेवाओं के दायरे का निर्धारण करना। क्या आपका प्लेटफॉर्म केवल फिएट ट्रेडिंग का समर्थन करने वाला है या क्या आप क्रिप्टोकरेंसी को भी शामिल करने की योजना बना रहे हैं? यह एक नया और गतिशील बाजार है जो कई व्यापारियों को अपनी अस्थिरता के कारण आकर्षित करता है। मार्जिन ट्रेडिंग के बारे में क्या?
आपके द्वारा चुने गए उत्पादों का दायरा आपकी ब्रोकरेज फर्म के पंजीकरण के स्थान के लिए एक निर्णायक कारक होगा। कुछ क्षेत्राधिकार ब्रोकरेज के प्रति अधिक उदार हैं। चूंकि अलग-अलग देशों में लाइसेंसिंग आवश्यकताएं अलग-अलग हैं, इसलिए आमतौर पर अपतटीय क्षेत्रों और क्रिप्टो-फॉरवर्ड देशों जैसे एस्टोनिया, साइप्रस और ब्रिटिश वर्जिन द्वीप समूह की ओर देखने की सिफारिश की जाती है।
पंजीकरण प्रक्रिया के हिस्से के रूप में, आपको कॉर्पोरेट बैंक खाते स्थापित करने और विश्वसनीय पेमेंट सेवा प्रदाता खोजने की आवश्यकता होगी। यदि आप मार्जिन ट्रेडिंग का समर्थन करने की योजना बना रहे हैं, तो आपको क्रेडिट लाइन के बारे में बैंक से बातचीत करनी होगी। कुछ बैंकों में लंबी और जटिल सत्यापन और अनुमोदन प्रक्रियाएं होती हैं। आगे की योजना बनाएं और इस प्रक्रिया के लिए पर्याप्त समय दें। आपको KYC/AML सत्यापन प्रक्रियाओं के लिए व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने की आवश्यकता हो सकती है या सभी औपचारिक मामलों में आपका प्रतिनिधित्व करने के लिए एक स्थानीय वकील को एक अनुचर पर रखने की आवश्यकता हो सकती है।
एक फ़ोरेक्ष ब्रोकर बनने और बिना किसी समस्या के मंच चलाने के लिए, आपको IT पेशेवर, लेखाकार, कानूनी और सहायक कर्मियों की एक टीम की आवश्यकता होगी। यह सुनिश्चित करने के लिए न्यूनतम है कि आप डेटा सुरक्षा कानूनों का अनुपालन कर रहे हैं और आप सभी तकनीकी और कानूनी मुद्दों को समय पर हल करने में सक्षम हैं। ब्रोकरेज कंपनियों को अक्सर साइबर अपराधियों द्वारा लक्षित किया जाता है क्योंकि वे बड़ी मात्रा में वित्तीय लेनदेन की प्रक्रिया और भंडारण करते हैं। इसलिए आपको अपने सॉफ़्टवेयर, वेबसाइट और भुगतान प्रसंस्करण गेटवे की सुरक्षा के लिए एक ठोस ढांचे की आवश्यकता है। भले ही शुरुआत में आपके पास भौतिक कार्यालय स्थान न हो, आपका वर्चुअल कार्यालय पूरी तरह कार्यात्मक और सुरक्षित होना चाहिए।
फ़ोरेक्ष ब्रोकर क्यों बनें?
फ़ोरेक्ष ब्रोकरेज शुरू करने से निष्क्रिय आय अर्जित करने के लिए एक नया स्थान खुल सकता है। फ़ोरेक्ष और क्रिप्टो बाजार लाभ के लिए बड़ी संभावनाओं के साथ बहुत प्रतिस्पर्धी और गतिशील हैं।
यदि आप ब्रोकरेज फर्म शुरू करने का कोई तरीका ढूंढ रहे हैं, तो एक व्हाइट लेबल पार्टनर एक बेहतर विकल्प हो सकता है जब आप अभी शुरुआत कर रहे हों। एक नई ब्रोकरेज के लिए, इसका मतलब है कम परिचालन खर्च, कानूनी आवश्यकताओं में ढील और एक तेज सेट अप प्रक्रिया। पहले महीनों में, जब आप अभी भी एक ग्राहक आधार बनाने की कोशिश कर रहे हैं, तो व्हाइट लेबल पार्टनर सभी व्यापारिक कार्यों को संभालेगा। एक बार जब आप अपना ब्रांड और ग्राहक आधार स्थापित कर लेते हैं, तो आप संचालन और लाभ पर पूर्ण नियंत्रण लेने के बारे में सोचना शुरू कर सकते हैं। एक ब्रांड और ग्राहक आधार स्थापित करने के बाद, आपके ब्रोकरेज के लिए अतिरिक्त वित्तपोषण प्राप्त करना बहुत आसान है।
एक व्हाइट लेबल ब्रोकरेज प्रदाता के साथ काम करने से खर्च कम से कम रहता है। इसका मतलब है कि आप केवल वेबसाइट और ब्रोकरेज के 'फ्रंट एंड' के लिए जिम्मेदार होंगे, व्हाइट लेबल व्यवसाय बैकएंड संचालन का ख्याल रखेगा। अलग-अलग व्हाइट लेबल प्रदाताओं की अलग-अलग फीस होती है, इसलिए आपको एक साथी चुनने से पहले तुलना और शोध करने की आवश्यकता होती है। सामान्यतया, एक व्हाइट लेबल प्रदाता के साथ साझेदारी करने पर अपने आप से ब्रोकरेज स्थापित करने की तुलना में कम लागत आती है।
क्या आपको अपनी संपत्ति बेचने के लिए एक रियल एस्टेट एजेंट को नियुक्त करना चाहिए?
यह एक सर्वविदित तथ्य है कि अधिकांश खरीदार और विक्रेता ब्रोकरेज शुल्क पर पैसा खर्च करना पसंद नहीं करते हैं। ऐसे लोग सोचते हैं कि वे अपने दम पर काम कर सकते हैं और उनमें से कई अक्सर उसमें सफल भी हो जाते हैं। हालांकि, जब कोई बड़ी तस्वीर देखता है, तो संपत्ति बेचने की बात आती है, तो ब्रोकर को काम पर रखने से ज्यादा फायदे होते हैं। नीचे सूचीबद्ध, एक रियल्टी एजेंट की सेवाओं को काम पर रखने के लाभ हैं।
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ऐक्सिस पर ब्रोकर उत्साहित
ऐक्सिस बैंक का शेयर शुक्रवार को बीएसई पर 905 रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया और कारोबारी सत्र के दौरान शेयर में 9.5 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई। सितंबर तिमाही में बैंक ने हर मानक पर बाजार की उम्मीदों ब्रोकर को लाभ से बेहतर प्रदर्शन किया है। अंत में यह शेयर बीएसई पर 8.9 फीसदी की बढ़त के साथ 900 रुपये पर बंद हुआ जबकि बेंचमार्क एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स में 0.2 फीसदी का इजाफा हुआ।
बैंक का शेयर 25 अक्टूबर, 2021 के पिछले उच्चस्तर 866.80 रुपये के पार निकल गया। अहम ब्रोकरेज फर्मों ने बैंक के शेयर की लक्षित कीमत में इजाफा किया है और उन्हें शेयर में 28 फीसदी की बढ़त की उम्मीद है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने कहा, ऐक्सिस बैंक की दूसरी तिमाही (वित्त वर्ष 23) की आय बड़े मार्जिन के साथ अच्छी रही और शुद्ध लाभ 5,329.7 करोड़ रुपये रहा, जो तिमाही आधार पर 29 फीसदी ज्यादा और सालाना आधार पर 70 फीसदी ज्यादा है।
बैंक ने खास तौर से शुद्ध ब्याज मार्जिन के मामले में अनुमान को मात देते हुए उसमें ब्रोकर को लाभ तिमाही आधार पर 36 आधार अंकों की बढ़ोतरी दर्ज करते हुए 3.96 फीसदी पर पहुंचा दिया। इसके अतिरिक्त शुद्ध ब्याज आय सालाना आधार पर 31 फीसदी व तिमाही आधार पर 10 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 10,360 करोड़ रुपये पर पहुंच गई।
ब्रोकरेज ने कहा कि ऐक्सिस बैंक का दूसरी तिमाही का प्रदर्शन बैलेंस शीट में मजबूती के चरण के बाद केंद्रित आय की डिलिवरी की झलक देता है। इसे देखते हुए ब्रोकरेज ने वित्त वर्ष 23 व वित्त वर्ष 24 के लिए आय में क्रमश: 13 फीसदी व 8 फीसदी का अपग्रेड किया है।
मार्जिन में उम्मीद से बेहतर विस्तार, परिचालन खर्च की स्थिरता और क्रमिक आधार पर चालू व बचत खाते में बढ़ोतरी के कारण बैंक आय के मोर्चे पर अनुमान को पीछे छोड़ने में कामयाब रहा।
नूवामा इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज ने कहा, बैंक ने हर मोर्चे पर बेहतर प्रदर्शन किया है और परिसंपत्ति पर रिटर्न दूसरी तिमाही में सुधरकर 1.9 फीसदी पर पहुंच गया, जो पिछली तिमाही में 1.4 फीसदी रहा था। बैंक में जोखिम प्रतिफल काफी अनुकूल है क्योंकि हालिया उम्दा प्रदर्शन के बावजूद शेयर वित्त वर्ष 24 के अनुमान के 1.7 गुना बुक वैल्यू पर कारोबार कर रहा है। हम इसकी और बेहतर रेटिंग की उम्मीद कर रहे हैं।
यह शेयर उनके पसंदीदा शेयरों में है क्योंकि उसका मानना है कि ऐक्सिस बैंक जैसा मजबूत जमा फ्रैंचाइजी ब्याज दरों में बढ़ोतरी वाले माहौल में ज्यादा मूल्यवान बन गया है।
बैंक की कुल जमाओं में सालाना आधार पर 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और तिमाही आधार पर उसमें 1 फीसदी का इजाफा हुआ। बैंक का कर्ज सालाना आधार पर 18 फीसदी और तिमाही आधार पर 4 फीसदी बढ़ा।
ट्रेडिंग अकाउंट में लाखों रुपए के नुकसान से बचना है तो गलती से भी न भूलें इन टिप्स को
हाल के दिनों में फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और आपको इनसे बचकर रहने की जरूरत है। अगर आप थोड़ी सी भी चूक होगी तो आपको लाखों रुपए का चूना लग सकता है। आजकल शेयर मार्केट में ट्रेडिंग में सभी लोगों.
हाल के दिनों में फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और आपको इनसे बचकर रहने की जरूरत है। अगर आप थोड़ी सी भी चूक होगी तो आपको लाखों रुपए का चूना लग सकता है। आजकल शेयर मार्केट में ट्रेडिंग में सभी लोगों की दिलचस्पी होती है और आप में से बहुत लोग शेयर बाजार में ट्रेडिंग भी करते होंगे, आपके ट्रेडिंग अकाउंट में काफी स्टॉक्स होंगे और उनकी वैल्यू भी काफी होगी। ऐसे में अगर आप सावधानी नहीं रखेंगे तो आपको लाखों रुपए का नुकसान होने की आशंका है। हम आपको बता रहे हैं, शेयर बाजार में ट्रेडिंग करते समय किन बातों को गलती से भी नहीं भूलना चाहिए-
> केवल रेजिस्टर्ड स्टॉक ब्रोकर के साथ ही व्यवहार/अनुबंध करें - जिस ब्रोकर के साथ आप लेन-देन कर रहे हों, उसके रेजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की जाँच कर लें।
> फिक्सड/गारंटीकृत/नियमित रिटर्न/कैपिटल प्रोटेक्शन प्लान्स से सावधान रहें। ब्रोकर या उनके औथोरइज्ड व्यक्ति या उनका कोई भी प्रतिनिधि/कर्मचारी आपके इन्वेस्ट पर फिक्सड/गारंटीकृत/नियमित रिटर्न/कैपिटल प्रिजरवेसन देने के लिए औथोरइज्ड नहीं है या आपके द्वारा दिये गए पैसो पर ब्याज का भुगतान करने के लिए आपके साथ कोई लोन समझौता करने के लिए औथोरइज्ड नहीं है। कृपया ध्यान दें कि आपके खाते में इस प्रकार का कोई व्यवहार पाए ब्रोकर को लाभ जाने पर आपका दिवालिया/निष्कासित ब्रोकर संबंधी दावा निरहन कर दिया जाएगा।
> कृपया आपने 'केवाईसी' (KYC) पेपर में सभी जरूरी जानकारी खुद भरें और ब्रोकर से अपने 'केवाईसी' पेपर की नियम अनुसार साइन की हुई प्रति प्राप्त करें। उन सभी शर्तों की जांच करें जिन्हें आपने सहमति और स्वीकृति दी है।
> सुनिश्चित करें कि आपके स्टॉक ब्रोकर के पास हमेशा आपका नया और सही कांटैक्ट डिटेल हो जैसे ईमेल आईडी/मोबाइल नंबर। ईमेल और मोबाइल नंबर जरूरी है और एक्सचेंज रिकॉर्ड में अपडेट के लिए आपको अपने ब्रोकर को मोबाइल नंबर देना होगा। यदि आपको एक्सचेंज/डिपॉजिटरी से नियमित रूप से संदेश नहीं मिल रहे हैं, तो आपको स्टॉक ब्रोकर/एक्सचेंज के पास इस मामले को उठाना चाहिए।
> इलेक्ट्रॉनिक (ई-मेल) कॉन्ट्रैक्ट नोट्स/फाइनेंशियल डिटेल्स का चयन सिर्फ तभी करें जब आप खुद कंप्यूटर के जानकार हों और आपका अपना ई-मेल अकाउंट हो और आप उसे प्रतिदिन/नियमित देखते हो।
> आपके द्वारा किए गए ट्रेड के लिए एक्सचेंज से प्राप्त हुए किसी भी ईमेल/एसएमएस को अनदेखा न करें। अपने ब्रोकर से मिले कॉन्ट्रैक्ट नोट/अकाउंट के डिटेल से इसे वेरिफ़ाई करें। यदि कोई गड़बड़ी हो, तो अपने ब्रोकर को तुरंत इसके बारे में लिखित रूप से सूचित करें और यदि स्टॉक ब्रोकर जवाब नहीं देता है, तो एक्सचेंज/डिपॉजिटरी को तुरंत रिपोर्ट करें।
> आपके द्वारा निश्चित की गई अकाउंट के सेटलमेंट कि फ्रिक्वेन्सी की जांच करें। यदि आपने करेंट अकाउंट (running account) का ऑप्शन चुना है, तो कृपया कन्फ़र्म करें कि आपका ब्रोकर आपके ब्रोकर को लाभ अकाउंट का नियमित रूप से सेटलमेंट करता है और किसी भी स्थिति में 90 दिनों में एक बार ( यदि आपने 30 दिनों के सेटलमेंट का विकल्प चुना है तो 30 दिन) डिटेल्स भेजता है । कृपया ध्यान दें कि आपके ब्रोकर द्वारा डिफॉल्ट होने की स्थिति में एक्सचेंज द्वारा 90 दिनों से अधिक की अवधि के दावे एक्सैप्ट नहीं किए जाएंगे।
> डिपॉजिटरी से प्राप्त जॉइंट अकाउंट की जानकारी (Consolidated Account Statement- CAS) नियमित रूप से वेरिफ़ाई करते रहें और अपने ट्रेड/लेनदेन के साथ सामंजस्य स्थापित करें।
> कन्फ़र्म करें कि पे-आउट की तारीख से 1 वर्किंग डे के भीतर आपके खाते में धनराशि/सिक्योरिटी (शेयर) का पेमेंट हो गया हो। कन्फ़र्म करें कि आपको अपने ट्रेड के 24 घंटों के भीतर कॉन्ट्रैक्ट नोट मिलते हों।
> एनएसई की वेबसाइट पर ट्रेड वेरिफिकेशन की सुविधा भी उपलब्ध है जिसका उपयोग आप अपने ट्रेड के वेरिफिकेशन के लिए कर सकते हैं।
> ब्रोकर के पास अनावश्यक बैलेंस न रखें। कृपया ध्यान रहे कि ब्रोकर के दिवालिया निष्कासित होने पर उन खानों के दावे स्वीकार नहीं होंगे जिनमें 90 दिन से कोई ट्रेड ना हुआ हो।
> ब्रोकर्स को सिक्यूरिटि के ट्रांसफर को मार्जिन के रूप में स्वीकार करने की अनुमति नहीं है। मार्जिन के रूप में दी जाने वाली सिक्योरिटी ग्राहक के अकाउंट में ही रहनी चाहिए और यह ब्रोकर को गिरवी रखी जा सकती हैं। ग्राहकों को किसी भी कारण से ब्रोकर या ब्रोकर के सहयोगी या ब्रोकर के औथोरइज्ड व्यक्ति के साथ कोई सिक्यूरिटी रखने की अनुमति नहीं है। ब्रोकर केवल कस्टमर द्वारा बेची गई सिक्योरिटी के डिपोजिट करने के लिए ग्राहकों से संबंधित सिक्योरिटी ले सकता है।
> भारी मुनाफे का वादा करने वाले शेयर/सिक्योरिटी में व्यापार करने का लालच देकर ईमेल और एसएमएस भेजने वाले धोखेबाजों के झांसे में न आएं। किसी को अपना यूजर आईडी और पासवर्ड ना दें। आपके सारे शेयर या बैलेंस शून्य हो सकता है। यह भी हो सकता है कि आपके खाते में बड़ी राशि की वसूली निकल आए।
> पीओए (पावर ऑफ अटॉर्नी) देते समय सावधान रहें - सभी अधिकार जिनका स्टॉक ब्रोकर प्रयोग ब्रोकर को लाभ कर सकते हैं और समय सीमा जिसके लिए पीओए मान्य है, इसे स्पष्ट रूप से बताएँ। यह ध्यान रहे कि सेबी/एक्सचेंजों के अनुसार पीओए अनिवार्य / आवश्यक नहीं है।
> ब्रोकर द्वारा रिपोर्ट किए गए फंड और सिक्योरिटी बैलेंस के बारे में साप्ताहिक आधार पर एक्सचेंज द्वारा भेजे गए मैसेजों की जांच करें और यदि आप इसमें कोई अंतर पाते हैं, तो तुरंत एक्सचेंज को शिकायत करें।
> किसी के साथ पासवर्ड (इंटरनेट अकाउंट) शेयर न करें। ऐसा करना अपने सुरक्षित पैसे शेयर करने जैसा है।
> कृपया सेबी के रेजिस्टर्ड स्टॉक ब्रोकर के अलावा किसी औथोरइज्ड व्यक्ति या ब्रोकर के सहयोगी सहित किसी को भी ट्रेडिंग के उद्देश्य से फंड ट्रांसफर न करें।
डिस्क्लेमर- जानकारी आपको एनएसई से मिली सूचना के आधार पर है।
Stock Broker Meaning in Hindi | स्टॉक ब्रोकर क्या होता है?
स्टॉक ब्रोकर क्या होता है ? (Stock Broker kya hai):
एक स्टॉक ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज जैसे NSE यानि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और BSE यानि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सदस्य होता है।
कोई भी स्टॉक ब्रोकर अपने client यानि कोई निवेशक या ट्रेडर तथा स्टॉक एक्सचेंज के बिच की कड़ी की तरह होता है।
वह निवेशक और ट्रेडर को स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर खरीदने और बेचने की पूरी व्यवस्था करता है।
Stock Broker kya hai और का उसका काम क्या है ?
शेयर बाजार में निवेश या ट्रेडिंग करने के लिए किसी भी व्यक्ति को ट्रेडिंग और डीमैट खाता खुलवाने की जरुरत होती है।
एक ब्रोकर यह दोनों खाते खोल कर निवेश और ट्रेडिंग करने की सुविधा देता है।
कई Banks जैसे SBI और HDFC भी एक ब्रोकर की तरह रजिस्टर्ड होते है।
ऐसी बैंक आपको Bank Account, Demat Account और Trading Account तीनो खाते एक साथ खुलवाने की सुविधा देती है।
नई टेक्नोलॉजी की वजह से अब सभी ब्रोकर अपने client को सीधा खरीद और बिक्री का प्लेटफॉर्म देती है।
इन प्लेटफॉर्म की वजह से अब लोगो को ब्रोकर को कॉल कर के अपना ऑर्डर देने की जरुरत नहीं पड़ती।
बल्कि वह खुद सिर्फ अपने मोबाइल से भी अपना शेयर खरीद बिक्री का ऑर्डर सीधे स्टॉक एक्सचेंज को भेज सकते है।
इन सभी प्लेटफॉर्म की वजह से ही आज शेयर बाजार में हर सेकंड से भी कम समय में शेयर के दाम बदलते रहते है।
इन सारी सुविधाओं के बदले में वह हर एक खरीद बिक्री पर कुछ ब्रोकरेज लेता है।
अलग अलग तरह के ब्रोकर अलग अलग ब्रोकरेज चार्ज करते है। Stock Broker kya hai
स्टॉक ब्रोकर के प्रकार (Types of StockBroker) :
स्टॉक ब्रोकर द्वारा दी जाने वाली सुविधा और ब्रोकरेज लेने के अनुसार उसके दो प्रकार है।
1) Full Service या Regular Broker :
इस प्रकार के ब्रोकर पुराने तरह के ब्रोकर है। Meaning of StockBroker
यह ब्रोकर खरीद बिक्री की सुविधा के साथ साथ निवेशको और ट्रेडरो को और भी बहुत सी सेवाए देते है।
- निवेश या ट्रेडिंग की सलाह देना , Stock Broker kya hai
- IPO भरने की सुविधा और उसके बारे में सलाह देना ,
- शेयर बाजार के संबंध में आने वाली खबरों के बारे में अवगत करवाना ,
- कॉल कर के शेयर की खरीद-बिक्री का ऑर्डर देने की सुविधा देना ,
- कि जाने वाली खरीद बिक्री के Contract Note की कॉपी देना।
और भी बहुत सुविधाए देता है। Stock Broker kya hai
यह सब सुविधा देने के कारण इस तरह के ब्रोकर का खर्च थोड़ा ज्यादा होता है।
इस वजह से इस तरह के ब्रोकर अपने क्लाइंट (निवेशको और ट्रेडरो) से ज्यादा ब्रोकरेज लेते है।
2) Discount StockBroker : Meaning of StockBroker
डिस्काउंट ब्रोकर के नाम से ही पता चलता है, की वह regular broker से काफी कम ब्रोकरेज लेते है।
जैसे Upstox जो Intraday Trading पर कुल टर्नओवर के 0.05 % या फिर हर एक ऑर्डर के 20 रूपए दोनों में से जो कम हो उतना ब्रोकरेज लेता है। जबकि डिलीवरी ले कर ट्रेडिंग करने पर तो 0 ब्रोकरेज लेते है।
इनका मुख्य उद्देश्य निवेशकों और ट्रैडरो को कम से कम ब्रोकरेज पर खरीद बिक्री करने की सुविधा देना होता है।
इस वजह से ऐसे ब्रोकर निवेशको को सिर्फ खरीद के लिए जरुरी सुविधाए ही देते है .
- ऐसे ब्रोकर निवेश या ट्रेडिंग की सलाह नहीं देते।
- IPO के बारे में सलाह या सुविधा भी नहीं देते।
- कॉल कर के ट्रेडिंग की सुविधा भी नहीं देते और देते है तो उसके लिए अलग चार्ज लेते है।
- कागज़ पर Contract Note चाहिए तो इसके लिए भी अलग चार्ज लेते है।
- हलाकि ईमेल पर Electronic Contract Note मिलता है।
यह सभी सुविधाए न देने के कारण उनका खर्च Regular Broker से बहुत कम हो जाता है।
और इस वजह से वह बहुत कम ब्रोकरेज में शेयर की खरीद बिक्री करने की सुविधा देते है।
दोनों तरह के ब्रोकर के अपने अपने लाभ और हानी है। Stock Broker kya hai
आप अपनी जरुरत के हिसाब से अपने लिए इन दोनों में से अपने लिए ब्रोकर चुन सकते है।
तो दोस्तों यह था स्टॉक ब्रोकर का मतलब (Meaning of StockBroker).
उम्मीद करता हु की आपको StockBroker के बारे में सब समझ आ गया होगा।
दोस्तों अभी Upstox जो की एक Discount Broker है, उसमे Trading और ब्रोकर को लाभ Demat अकाउंट free मे खोलने का offer चल रहा है।
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By Gaurav
Gaurav Popat एक निवेशक, ट्रेडर और ब्लॉगर है, जो की शेयर बाज़ार मे बहुत रुचि रखता है। वह ब्रोकर को लाभ साल 2015 से शेयर बाज़ार मे है। पिछले 7 साल मे खुद अलग अलग जगह से सीख कर और अनुभव के आधार पर शेयर बाज़ार और निवेश के विषय मे यहा पर जानकारी देता है।