टेक्निकल एनालिसिस क्या है

टेक्नीकल एनालिसिस सिखाने का उद्देश ही उसकी उपयोग से मार्केट को पछाड़ना और ज्यादा मुनाफा कमाना होता है | अगर आपको लगता है की ये मुमकिन नहीं है तो आपको टेक्नीकल एनालिसिस और टेक्नीकल ट्रेडिंग के बार में बहोत कम जानते है |
मार्केट को पछाड़ना इतना भी सरल नहीं है | खुप सारे ट्रेडर्स मार्केट के उतार चढाव और मार्केट के नुसार रणनीति न बदलने से अपना सब कुछ मार्केट में खो चुके है | कुछ जो बचे थे वो हुशियार और लचीले थे जो मार्केट के अनुसार ट्रेडिंग की तकनीक , जोखिम और खुद को बदलकर छोटा या मोटा मुनाफा लेकर बाजु टेक्निकल एनालिसिस क्या है टेक्निकल एनालिसिस क्या है हो जाते थे |
तकनीकी विश्लेषण क्या है वर्णन करें?
इसे सुनेंरोकेंतकनीकी विश्लेषण अथवा टेक्निकल एनालिसिस (अंग्रेज़ी: Technical analysis,) विभिन्न प्रतिभूतियों (सिक्योरिटीज) (जैसे शेयर आदि) का विश्लेषण करने की विधा है। इसकी सहायता से भविष्य में इनके मूल्यों के बढ़ने-घटने के बारे में अनुमान लगाया जाता है।
आधारभूत विश्लेषण से आप क्या समझते हैं?
इसे सुनेंरोकेंआधारभूत विश्लेषण आर्थिक और वित्तीय घटकों के माध्यम से किसी परिसंपत्ति के आंतरिक मूल्य को खोजने का एक तरीका है। कई कारक हैं जिन्हें मौलिक विश्लेषक ध्यान देते हैं, जिसमें अर्थव्यवस्था और उद्योग की स्थिति सहित समष्टि अर्थव्यवस्था और साथ ही साथ कंपनी प्रबंधन संरचनाओं और दर्शन जैसे सूक्ष्म कारकों में भी ध्यान दिया जाता है।
मौलिक विश्लेषण और तकनीकी विश्लेषण क्या है?
इसे सुनेंरोकेंमौलिक विश्लेषण आमतौर पर एक दीर्घकालिक स्थिति व्यापारी के लिए सिफारिश की जाती है, जबकि तकनीकी विश्लेषण स्विंग व्यापारी या अल्पकालिक व्यापारी के लिए उपयुक्त है। जबकि तकनीकी विश्लेषण केवल टेक्निकल एनालिसिस क्या है पिछले आंकड़ों का विश्लेषण करता है, मौलिक विश्लेषण अतीत और भविष्य के विकास की संभावनाओं दोनों पर केंद्रित है ।
तकनीकी विश्लेषण डाउ सिद्धांत की व्याख्या क्या है?
इसे सुनेंरोकेंस्टॉक-मूल्य गतिविधि पर डाउ सिद्धांत एक तकनीकी विश्लेषण है जिसमें सेक्टर रोटेशन के कुछ पहलु शामिल हैं। इस सिद्धांत को चार्ल्स एच. डाउ (1851-1902) द्वारा लिखित वॉल स्ट्रीट जर्नल के 255 संपादकीय से निकाला गया था, वे वॉल स्ट्रीट जर्नल के पत्रकार, संस्थापक और प्रथम सम्पादक थे और डाउ जोन्स एंड कंपनी के सह-संस्थापक थे।
वित्तीय विश्लेषण से क्या समझते हैं?
इसे सुनेंरोकेंवित्तीय विश्लेषण एक फ़र्म की वित्तीय सुदृढ़ता एवं कमजोरियों को पहचानने का एक प्रक्रम है, जिसमें तुलन-पत्र तथा लाभ व हानि विवरण की मदों के बीच उचित संबंधों को देखा जाता है। एक वित्त प्रबंधक को निश्चित रूप से विश्लेषण के विभिन्न साधनों से सुसज्जित होना चाहिए ताकि फ़र्म के लिए विवेकपूर्ण निर्णय लिए जा सकें।
इसे सुनेंरोकेंतकनीकी विश्लेषण का मतलब होता है शेयर के भाव के चार्ट्स की समीक्षा करके भविष्य के उतार-चढ़ाव की जानकारी पता करना। तकनीकी विश्लेषण का मतलब होता है शेयर के भाव के चार्ट्स की समीक्षा करके भविष्य के उतार-चढ़ाव की जानकारी पता करना। यह समझना जरूरी है कि तकनीकी विश्लेषण पूरी तरह से शेयर की कीमतों पर आधारित होता है।
स्टॉक का तकनीकी विश्लेषण कैसे करें?
इसे सुनेंरोकेंस्टॉक के तकनीकी विश्लेषण स्पॉट मूल्य प्रवृत्तियों को पढ़ने के लिए चार्ट और ग्राफ का उपयोग करते है। एक चार्ट आपको मूल्य मूवमेंट की प्रवृत्ति के बारे में बहुत कुछ बताता है। जहां स्टॉक की वर्तमान कीमत शीर्षक है, चार्ट के माध्यम से आसानी से अनुमान लगाया जा सकता है। रुझान अवधि और प्रकार के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है।
Resistance Level- रेसिस्टैंस लेवल
क्या होता है रेसिस्टैंस (रेसिस्टैंस लेवल)?
Resistance Level: रेसिस्टैंस (प्रतिरोध) या रेसिस्टैंस लेवल एक कीमत है जिस पर किसी ऐसेट की कीमत को विक्रेताओं, जो उस कीमत पर बेचने के इच्छुक हैं, की बढ़ती संख्या के उद्भव द्वारा उसके रास्ते पर आने वाले दबाव का सामना करना पड़ता है। अगर कोई नई जानकारी सामने आती है जो ऐसेट के बारे में पूरे बाजार के दृष्टिकोण को बदल देती है तो वे अल्प कालिक हो सकते हैं या वे दीर्घ कालिक हो सकते हैं। टेक्निकल एनालिसिस के लिहाज से, साधारण रेसिस्टैंस लेवेल का समय अवधि के लिए उच्चतम हाई के साथ साथ एक पंक्ति ड्रॉ करने के द्वारा चार्ट बनाया जा सकता है। रेसिस्टैंस का विपरीत सपोर्ट हो सकता है। प्राइस एक्शन के अनुरूप, यह लाइन या पंक्ति सपाट या तिरछी हो सकती है। बहरहाल, बैंड, ट्रेंडलाइन और मूविंग एवरेज को शामिल करने के द्वारा रेसिस्टैंस की पहचान करने के लिए और अधिक उन्नत तरीके हैं।
मुख्य बातें
- रेसिस्टैंस लेवल उस प्राइस पॉइंट का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें किसी एसेट को विचार की जा रही समय अवधि से आगे बढ़ने में किसी प्रकार की परेशानी हुई है।
- रेसिस्टैंस को केवल हाई से जोड़ने वाली रेखा को ड्रॉ करने के बजाय विभिन्न टेक्निकल इंडीकेटरों द्वारा देखा जा सकता है।
-किसी चार्ट पर ट्रेंडलाइन लागू करने से रेसिस्टैंस का अधिक गतिशील दृश्य उपलब्ध हो सकता है।
रेसिस्टैंस लेवल आपको क्या बताता है?
रेसिस्टैंस लेवल और सपोर्ट लेवल स्टॉक प्राइस के टेक्निकल एनालिसिस की दो सबसे महत्वपूर्ण अवधारणाएं हैं। टेक्निकल एनालिसिस उन स्टॉक्स को एनालाइज करने की पद्धति है जो मानता है कि स्टॉक, बॉन्ड, कमोडिटी या करेंसी के बारे में उपलब्ध सूचना की बहुतायत बाजार ताकत द्वारा प्राइस में लगभग तत्काल समावेशित किया गया है। इसके बजाय, टेक्निकल ट्रेडर अतीत की ऐसी समान स्थितियों में बाजार के बर्ताव को देखते हुए यह बताने की कोशिश करते हैं कि स्टॉक किस प्रकार अल्प अवधि आधार पर मूव करेगा।
टेक्निकल ट्रेडर रेसिस्टैंस लेवल और सपोर्ट लेवल दोनों की पहचान करते हैं, जिससे कि वे किसी ब्रेकआउट या ट्रेंड रिवर्सल का लाभ उठाने के लिए स्टाॅक को बेचने या खरीदने का समय निर्धारित कर सकें।
Technical Analysis- 1st Post (Introduction & Basics – In Hindi)
टेक्निकल एनालिसिस पर पहली पोस्ट में आपका स्वागत है 🙂 । मेरे हिसाब से, ट्रेडिंग के लिए यह सबसे अच्छा टूल है। आज मैं आपके साथ टेक्निकल एनालिसिस के बारे में एक बुनियादी विचार साझा करुँगी। उदाहरण के लिए: – टेक्निकल एनालिसिस क्या है? आपको यह क्यों इस्तेमाल करना चाहिए? ट्रेडिंग में इसका इस्तेमाल कैसे करना चाहिए? और टेक्निकल एनालिसिस की मूल बातें (प्राइस, वॉल्यूम, ओपन इंटरेस्ट)। तो चलिए शुरू करें!!
टेक्निकल एनालिसिस क्या है?
यह अतीत मार्केट के डेटा, मुख्य रूप से प्राइस और वॉल्यूम के अध्ययन के द्वारा प्राइसिस की दिशा की भविष्यवाणी की विधि है।
आपको यह क्यों इस्तेमाल करना चाहिए?
आपको इसका इस्तेमाल प्राइसिस के पूर्वानुमान लगाने के लिए करना चाहिए। यह प्राइस मूवमेंट के संदर्भ में भविष्य में क्या होने जा रहा है, के बारे में एक स्पष्ट तस्वीर देता है, क्योंकि-
- एक मार्केट के वर्तमान ट्रेंड की चलते रहने की ज़्यादा संभावना है और रिवर्स होने की कम → प्राइसिस हमेशा डायरेक्शनली मूव करते हैं, जैसे, अप, डाउन, या साइडवेज़ (फ्लैट) और कुछ कॉम्बिनेशंस।
- इतिहास खुद को दोहराता है → अतीत में जो हुआ वह फिर से होगा क्योंकि मानव व्यवहार और साथ ही मानव साइकोलॉजी कभी नहीं बदलती।
ट्रेडिंग में इसका इस्तेमाल कैसे करें?
यह ट्रेडिंग में बहुत सी विधि लगा कर प्रयोग टेक्निकल एनालिसिस क्या है किया जाता है, साथ ही टूल्स और तकनीक लगाकर, जिनमे से एक टेक्निकल इंडीकेटर्स(लीडिंग और लैगिंंग), ओवेरलेज़ और कॉन्सेप्ट्स के साथ चार्ट का इस्तेमाल होता है। चार्ट के प्रयोग से हम प्राइस पैटर्न और मार्केट ट्रेंड की पहचान, टेक्निकल इंडीकेटर्स और मूविंग एवरेज के अध्ययन और कुछ संरचनाओं जैसे लाइन ऑफ़ सपोर्ट, रेजिस्टेंस, चैनल्स और अधिक अस्पष्ट संरचनाओं जैसे फ्लैग इत्यादि को देख सकते हैं और उनका फायदा उठा सकते हैं। इन इंडीकेटर्स का प्रयोग एक एसेट(शेयर) ट्रेंडिंग है या नहीं इसके आँकलन की मदद करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, और अगर ऐसा है, तो इसकी दिशा और निरंतरता की संभावना पता लगाने के लिए किया जाता है। हम प्राइस/वॉल्यूम इनडाईसिस और मार्केट इंडीकेटर्स के बीच संबंधों को भी देखते हैं।
टेक्निकल एनालिसिस की मूल बातें (प्राइस, वॉल्यूम और ओपन इंटरेस्ट)
प्राइस– यह किसी शेयर के लिए भुगतान की सबसे अधिक राशि, या इसे खरीदने के लिए दी जाने वाली सबसे न्यूनतम राशि है।
वॉल्यूम– वॉल्यूम एक कारोबारी दिन में ट्रेडिंग गतिविधियों और कॉन्ट्रैक्ट्स की कुल मात्रा के आदान-प्रदान को दर्शाती है। वॉल्यूम जितनी अधिक होगी उतना ही हम मौजूदा ट्रेंड के रिवर्स होने की बजाय जारी रहने की उम्मीद कर सकते हैं। वॉल्यूम हमेशा प्राइस से आगे चलती है।
ओपन इंटरेस्ट– ओपन इंटरेस्ट प्रत्येक दिन के अंत में मार्केट पार्टिसिपेंट्स द्वारा आयोजित बकाया ठेके की कुल संख्या है। यह वायदा बाजार में धन का प्रवाह मापती है। ओपन इंटरेस्ट बढ़ने का मतलब है की नया पैसा मार्केट में आ रहा है। परिणामस्वरुप जो भी वर्तमान ट्रेंड है (अप, डाउन, साइडवेज़), वह जारी रहेगा। ओपन इंटरेस्ट में गिरावट का मतलब है कि मार्केट ट्रेंड समाप्त हो रहा है, और दर्शाता है कि वर्तमान प्राइस ट्रेंड (अप, डाउन, साइडवेज़) बदलने की संभावना है या खत्म होने की संभावना है।
प्रचलित प्राइस ट्रेंड, वॉल्यूम और ओपन इंटरेस्ट के बीच के रिश्ते को निम्न तालिका द्वारा संक्षेप किया जा सकता है: –
क्या है टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस? शेयर बाजार में पैसा कमाने के लिए जरूरी है ये ज्ञान, जानें इसे कैसे सीखें
टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस में किसी भी शेयर या कंपनी के पिछले और वर्तमान प्रदर्शन के आधार पर भविष्य की संभावना का अंदाजा लगाया जाता है. इसके लिए कई तरह के टूल्स और जरूरी पहलुओं का अध्ययन किया जाता है.
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बाजार को पछाड़ने की संभावनाए
मार्केट को पछाड़ना मतलब मार्केट बेंचमार्क से ज्यादा लाभ कमना होता है उदारणार्थ, अगर आज मार्केट १% उपर है और आपने अगर २% मुनाफा कमाया तो इसका मतलब है आज आपने मार्केट को पछाड़ दिया| मगर ये इतना भी आसन नहीं होता |
इसका दूसरा उदहारण है, अगर स्टॉक मार्केट ने एक साल में २५% लाभ एक निवेशक को दिया है और आप एक साल में अपनी पूंजिपर २५% ज्यादा लाभ कमा लेते हो तो आप मार्केट के हराने वाले बड़े खिलाडियों में अपना स्थान बना लेते हो. दुनियाभर में हर रोज हजारो पेशेवर ट्रेडर्स मार्केट को टेक्नीकल एनालिसिसकी मदत से पछाड़ते रहते है |
( पढिये : टेक्निकल एनालिसिस काम करता है या नहीं ? )
टेक्नीकल एनालिसिस के मदत से बाजार को पछाड़े
टेक्नीकल एनालिसिस सिखाने का उद्देश ही उसकी उपयोग से मार्केट को पछाड़ना और ज्यादा मुनाफा कमाना होता है | अगर आपको लगता है की ये मुमकिन नहीं है तो आपको टेक्नीकल एनालिसिस और टेक्नीकल ट्रेडिंग के बार में बहोत कम जानते है |
मार्केट को पछाड़ना इतना भी सरल नहीं है | खुप सारे ट्रेडर्स मार्केट के उतार चढाव और मार्केट के नुसार रणनीति न बदलने से अपना सब कुछ मार्केट में खो चुके है | कुछ जो बचे थे वो हुशियार और लचीले थे जो मार्केट के अनुसार टेक्निकल एनालिसिस क्या है ट्रेडिंग की तकनीक , जोखिम और खुद को बदलकर छोटा या मोटा मुनाफा लेकर बाजु हो जाते थे |
कुशलता और अनुभव ही सबकुछ
एक सजे हुए ट्रेडर की तरह ट्रेडिंग के लिए विशिष्ट कुशलता , बहुत सारी ट्रेनिंग , अनुभव और गलतियों से सिखाने की क्षमता इन सभी की जरुरत होती है | ये इसी तरह है जैसे की एक अच्छा रेस्टोरंट चलने के लिए आपका एक अच्छा शेफ होना जरुरी है | मगर मार्केट में बहुत सारे ऐसे भी नए और नासमज़ ट्रेडर है जो सोचते है की मार्केट और किंमत ( पढिये : बाजार में किंमत ही सबकुछ ) जाने बिना ही उसको पछाड़ सकते है | जो की एक ग़लतफ़हमी है | अगर आपका सबसे बेहतर ट्रेडर बनना है तो आपकी ट्रेडिंग कौशल को तेज तरार बनाये और ट्रेडिंग को अपने जीने का तरीका बनाये. ट्रेडिंग एक ऐसा बिज़नेस है जो कठिन विकल्पों के साथ आता है | टेक्नीकल एनालिसिस या फिर दुसरे तरीके आपको १००% गारंटी तो नहीं देते है मगर सोचा समजा जोखिम और अनुभव आपको मार्केट को हराने में जरुर मदत करेगा | जैसे एक शेफ की स्पेशल रेसिपी होती है और उसके साथ स्पेशल टेस्ट होता है उसी तरह एक ट्रेडर का अपना अनोखा चार्ट ( पढिये : शेअर बाजार के चार्ट प्रकार ) रीडिंग सामर्थ्य होता है , उसके साथ जोखिम लेने की अनोखी ताकत होती है और मार्केट में पैसा लगाने की और मुनाफा लेने की अलग शक्ति होती है |
अनोखी और व्यक्तिगत ट्रेडिंग
ट्रेडिंग में अगर एक पध्दति एक ट्रेडर के लिए काम करती है तो वो दुसरे के लिए शायद काम न करे | क्योकि हर एक ट्रेडर की व्यक्तित्व , उसके लक्ष्य और अनुभव अलग अलग होते है | और कभी कभी अच्छी पध्दति ट्रेडर के काम नहीं आती क्योकि ट्रेडर ही आत्म विनाशकारी होता है और कभी भी जोखिम और पैसे प्रभंधन की नियम योग्य तरीके से पालन नहीं करता है |
सही टेक्नीकल अनालिसीस पध्दति जो आपके जोखिम नुसार हो ये बहोत कठिन काम होता है और उसके लिए समय की जरुरत होती है | इसीका परिणाम है की हर एक हरा हुआ ट्रेडर और निवेशक ( पढिये : टेक्निकल एनालिसिस का उपयोग निवेशक करे या ना करे ? ) हर एक नुकसान टेक्निकल एनालिसिस क्या है टेक्निकल एनालिसिस क्या है के बाद हमेशा टेक्नीकल एनालिसिस को ही कोसता है | और कभी कभी ज्यादा वैज्ञानिक तरीका अपना भी नुकसानदायक होता है |