लाभ और रोक

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना एक केंद्रीय योजना है, जिसके जरिए केंद्र सरकार देश भर में पात्र भूमिधारक किसान परिवारों को 6,000 रुपये प्रति वर्ष की वित्तीय सहायता प्रदान करती है। यह वित्तीय सहायता तीन समान किस्तों में दी जाती है, जो सीधे किसान परिवारों के खातों में भेजी जाती हैं।
किसानों पर एक्शन, रोकी गई किसान सम्मान निधि; 800 मामले दर्ज
देवरिया जिले में किसानों के खिलाफ सख्त रवैया अपनाया गया है। नौ किसानों को पराली जलाए जाने पर नोटिस जारी किया गया है। साथ ही उन्हें मिलने वाली पीएम किसान सम्मान निधि रोक दी गई है। किसानों पर एक्शन उप कृषि निदेशक विकेश पटेल ने लिया है।
रोक दिए जाएंगे मिलने वाले लाभ
खबरों के अनुसार, धान की फसल तैयार होने के साथ ही पराली जलाने पर रोक लगा दी गई है। किसानों की जागरूता के लाभ और रोक लिए अभियान भी चले। साथ ही जुर्माने के बारे में भी बताया गया। पराली जलाने पर 2500 से 15000 रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। दर्जनभर से ज्यादा किसानों पर राजस्व विभाग की तरफ से जुर्माना भी लगाया गया है। इसके अलावा दोषी पाए जाने वाले किसानों को अन्य सरकारी लाभ लेने पर रोक लगा दी जाएगी।
PM Kisan योजना का लाभ लेने वाले किसान ध्यान दें, इस बहुत जरूरी काम पर लगी अस्थायी रोक
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Yojana) के लिए ओटीपी के जरिए आधार लाभ और रोक बेस्ड ईकेवाईसी पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी गई है। हालांकि लाभार्थियों के पास बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के लिए सीएससी केंद्र जाने का विकल्प है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थियों के लिए ईकेवाईसी कराना जरूरी है। लेकिन, फिलहाल ओटीपी के जरिए आधार बेस्ड ईकेवाईसी पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी गई है। ऐसे में जो लाभार्थी अभी ओटीपी के जरिए आधार बेस्ड ईकेवाईसी करने की योजना बना रहे थे, वह अपनी योजना के अनुसार ऐसा नहीं कर पाएंगे। हालांकि, लाभार्थियों के पास बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के लिए सीएससी केंद्र जाने का विकल्प अभी भी है।
दोहरा धर्म का लाभ लेने वालों पर रोक लगाए सरकार
मिहिजाम : सनातन धर्म से ईसाई धर्म अपनाने वाले युवक का संताल धर्म महासभा की पहल पर बुधवार को घर वापसी कराई गई। जानकारी के अनुसार केलाही निवासी मानवेल किस्कू ने लाभ और रोक करीब 5 वर्ष पूर्व ईसाई धर्म को अपना लिया था। बुधवार को मानवेल किस्कू के आवास पर आयोजित कार्यक्रम लाभ और रोक मे संताल धर्म महासभा सह हिन्दू जागरण मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश टुडू ने युवक का पांव पखार तथा पगड़ी पहनाकर स्वागत किया।
मौके पर मौजूद अन्य लोगों ने भी मानवेल किस्कू को तिलक लगाकर तथा माला पहनाकर स्वागत किया। रमेश टुडू ने मौके पर कहा कि काफी संख्या मे लोग भूलवश या किसी लोभ मे आकर अपनी सनातन धर्म को छोड़ ईसाई धर्म को अपना लिया है। ऐसे लोगों को घर वापसी करने का कार्य किया जा रहा है। टुडू ने कहा कि शिव-पार्वती हमारे पूज्य देवता है। संताल प्रकृति के पूजारी है हमारी सभ्यता संस्कृति इसाई धर्म से मेल नहीं खाता है। कुछ लोग भोले-भाले लोगों को बहला फुसलाकर धर्म परिर्वतन करा रहे हैं। इससे राष्ट्र की एकता तथा अखंडता को भी खतरा पैदा हो रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे लोग भी है जो सनातन धर्म से ईसाई धर्म को अपनाकर अल्पसंख्यक का लाभ तथा दूसरी तरफ एससी एसटी का लाभ भी सरकार से प्राप्त कर रहे है। उन्होंने केन्द्र सरकार से मांग किया कि दोहरा लाभ प्राप्त करने वाले पर रोक लगे। मौके पर गांव के जोग मांझी, अजीत हेम्ब्रम,परानिक बाबा, संजय मुर्मू, गोडेत बाबा, संदीप हेम्ब्रम, मांझी हडाम किस्तोरी हेम्ब्रम, नायके बाबा, विजय हांसदा, के अलावा महासभा के जोगेन्द्र शर्मा, सुंदर हेम्ब्रम,बैजनाथ प्रसाद, सुनील दता सहित काफी संख्या मे लोग मौजूद लाभ और रोक थे।
एपीडा प्रमुख ने कहा- गेहूं निर्यात पर रोक लगाकर किसानों की आय की रक्षा कर रही सरकार, लाभ देने की हो रही कोशिश
केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने 13 मई को गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया लाभ और रोक था. इस फैसले पर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करने वाले एपीडा के प्रमुख ने कहा है कि सरकार ने किसानों की आय की रक्षा करने के लिए गेहूं निर्यात (Wheat Export) पर रोक लगा दिया था. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिश किसानों को अधिक से अधिक लाभ देने की रही है. इस बार किसानों ने बहुत अधिक मात्रा में गेहूं की बिक्री न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से अधिक कीमत पर की है. उन्होंने कहा कि निर्यात पर प्रतिबंध घरेलू मांग को पूरा करने पर केंद्रित है.
मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए सरकारी बयान के मुताबिक, एपीडा के अध्यक्ष एम अंगमुथु ने कहा कि पिछले महीने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध की घोषणा के बाद भारत ने उन विकासशील देशों की खाद्य सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपने गेहूं निर्यात के विकल्प खुले रखे हैं, जिन्होंने भारत से गेहूं से आयात का अनुरोध किया है. भारत से गेहूं आयात करने के लिए कई देशों के अनुरोधों पर सरकारी स्तर पर कार्रवाई की जा रही है.
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ये दोनों निरंतर निर्माण व मनरेगा मजदूरों के खिलाफ फैसले ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में यूपीए-2 की सरकार ने मनरेगा में एक साल में 50 दिन काम करने वाले मनरेगा मजदूरों को राज्य श्रमिक कल्याण बोर्डों में सदस्य बनने का अधिकार दिया था, लेकिन 2017 में नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की सरकार ने पंजीकरण के लिए दिनों की शर्त 50 से बढ़ाकर 90 दिन कर दी थी। अब मनरेगा मजदूरों को बोर्ड का सदस्य बनने पर ही रोक लगा दी है। इससे हिमाचल प्रदेश (Himachal लाभ और रोक Pradesh) के चार लाख मजदूर सीधे तौर पर प्रभावित होंगे। इसमें सबसे अधिक प्रभाव सीएम के गृह जिला मंडी (Mandi) में पड़ेगा, जहां पर अभी तक 80 हजार मजदूर बोर्ड से पंजीकृत हुए हैं। इनमें से 52 हजार मनरेगा मजदूर हैं। राज्य अध्यक्ष और बोर्ड के सदस्य जोगिंदर कुमार ने बताया कि 20 सितंबर को मंडी में श्रम व रोजगार मंत्री विक्रम सिंह की अध्यक्षता में बोर्ड की मीटिंग हुई है।