टर्म ट्रेडिंग

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डिलीवरी ट्रेडिंग क्या है ? [निवेश करने के प्रक्रिया की जानकारी]
दोस्तों, क्या आप शेयर बाजार में निवेश करना चाहते है लेकिन बाजार के प्रतिदिन उतर चढ़ाव का जोखिम नहीं लेना चाहते है ? आपके लिए डिलीवरी ट्रेडिंग (Delivery Trading) एक बेहतर विकल्प है। यह निवेशकों में बहुत लोकप्रिय और सुरक्षित है।
डिलीवरी ट्रेडिंग
डिलीवरी ट्रेडिंग क्या है ?
डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेशक शेयर को अपने डीमैट खाता में जमा करता है। डीमैट खाता (Demat Account) में निवेशक बिना किसी समय अवधि तक होल्ड करके रख सकता है और फिर इच्छानुसार टर्म ट्रेडिंग कभी भी अपने शेयर को बेच सकता है। जैसे इंट्राडे ट्रेडिंग में, ट्रेडर्स को एक दिन के अंदर ही शेयर खरीदने या बेचने की प्रतिबद्धता है, लेकिन डिलीवरी ट्रेडिंग में शेयर खरीदने या बेचने के लिए कोई परिसीमा नहीं है। निवेशक दो दिन के अंदर या दो वर्षो बाद भी अपने शेयर को बेच सकता है।
निवेशक के पास पूर्ण अधिकार होता है की वह अपने इच्छा के अनुसार अपने शेयर को होल्ड या बेच सकता है। डिलीवरी आधारित ट्रेडिंग ऐसे निवेशकों के लिए अच्छा होता है जो ज्यादा जोखिम नहीं लेना चाहते है और लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट स्टॉक में मुनाफा बनाना चाहते हैं। डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेशक को शेयर खरीदने से पहले उस कीमत के बराबर पैसे तैयार रखने होते है।
उदाहरण : यदि आप XYZ कंपनी के 100 शेयर खरीद रहे है जिसकी कीमत ₹ 15000 है तो आपके डीमैट खाता में ₹ 15000 की कैश रखना होगा। और यदि आप XYZ कंपनी के 110 शेयर बेचना (Sell) चाहते है तो 110 शेयर आपके डीमैट खाता में होना चाहिए।
डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेशक विभिन्न प्रकार से निवेश कर सकता है जो निम्नलिखित है
- इक्विटी
- फॉरेक्स
- कमोडिटी
- डेरीवेटिव
- म्यूच्यूअल फंड्स
डिलीवरी ट्रेडिंग के नियम
आप डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेश करना चाहते है तो आपको कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान देना आवश्यक है। यह आपको सही शेयर खरीदने में मदद करेगा। आप शेयर बाजार में नए है और किसी निपुण निवेशक सलाहकार की मदद चाहिए तो आप CapitalVIa Global Research Limited से संपर्क कर सकते है। आईये जानते है कुछ बुनियादी नियम के बारें में जिसका पालन शेयर खरीदते समय करना चाहिए।
- सबसे पहले आपको कुछ कंपनी के fundamental Analysis के अध्यन करने के बाद एक सूचि तैयार करे।
- भविष्य में उसके विकास, बैलेंस शीट आदि को ध्यान में रखकर अपने wishlist में शामिल करे।
- अपने निवेश के जोखिम के अनुसार अपने डीमैट खाता में उतना धन संचित करे।
- सही शेयर की कीमत देखकर शेयर को ख़रीदे।
- बेचने के लिए सही समय की प्रतीक्षा करे ताकि आपको नुकसान नहीं हो।
- टारगेट और स्टॉप लॉस अवश्य लगाए।
- आपको पैसे अलग -2 कंपनियों में निवेश करे जिससे आपका जोखिम काम और रिटर्न्स अच्छा प्राप्त होगा।
डिलीवरी ट्रेडिंग कैसे करें?
कोई भी निवेशक डिलीवरी ट्रेडिंग को प्रक्रिया टर्म ट्रेडिंग टर्म ट्रेडिंग का चयन तभी करता है जब उसको long term के लिए निवेश करना है। डिलीवरी ट्रेडिंग में अपने कंपनियों के शेयर कोई खरीदते है और अपने डीमैट खाता में होल्ड करते है। आप अपने शेयर को जब अपने डीमैट खाता में रखना चाहे तो रख सकते है और जब आपको अपने शेयर कर अच्छा रिटर्न्स मिल रहा है तो आप उसको बेच सकते है। शेयर बेचने का निर्णय आप पर निर्भर है। अन्य इंट्राडे ट्रेडिंग के तरह आप बाध्य नहीं है।
डिलीवरी ट्रेडिंग में, आपके पास पर्याप्त धनराशि होनी चाहिए तभी आप शेयर को खरीद सकते है और बेचने के लिए भी आपके पास उतने शेयर होने चाहिए। डिलीवरी ट्रेडिंग में यदि आपका रणनीत अच्छी है तो आपको एक निश्चित अंतराल के बाद अच्छा रिटर्न्स प्राप्त होगा।
यदि आप शेयर बाजार में नए और आप सही शेयर खरीदने का निर्णय नहीं सकते है तो आपको सेबी रजिस्टर्ड निवेशक सलाहकार के परामर्श से आपको शेयर को खरीदने चाहिए। इससे शेयर बाजार के जोखिम काम हो सकता है।
डिलीवरी ट्रेडिंग के फायदे
डिलीवरी आधारित ट्रेडिंग सरल और सुरक्षित निवेश है इसके साथ -2 अन्य सुविधाएं है।
लॉन्ग टर्म निवेश
डिलीवरी आधारित ट्रेडिंग का सबसे बड़ा फ़ायदा है की आप शेयर को होल्ड कर सकते है, आप किसी समय अंतराल में बाध्य नहीं है।
उदाहरण : मान लीजिए कि अपने किसी कंपनी के शेयर में निवेश किया है और इसे होल्ड रखते हैं। कुछ समय बाद वह कंपनी या व्यवसाय आपको पॉजिटिव रिटर्न्स देता है, तो आप उस इन्वेस्ट में बने रह सकते हैं। लेकिन आपको कोई लाभ दिखाई नहीं देता है, तो आप उस शेयर को कभी भी बेचकर अपने टर्म ट्रेडिंग पोजीशन से बाहर हो सकते हैं।
सुरक्षित
जब डिलीवरी आधारित ट्रेडिंग के माध्यम से शेयर खरीदते है तो आप वह शेयर बेचने के लिए समय के बाध्य नहीं है। यह आपके जोखिम की संभावना को काम करता है और आपके निवेश को सुरक्षित रखता है।
उदाहरण : मान लीजिए कि अपने किसी कंपनी के शेयर में निवेश किया है और किसी भी कारन से शेयर का दाम अगले दिन गिर जाता है। आप वह शेयर होल्ड रख कर सही समय का इंतज़ार कर सकते हैं। जब शेयर के दाम आपके निवेश किये राशि से ज्यादा है तो आप शेयर बेचकर मुनाफा अर्जित कर सकते है। इसलिए यह शेयर सुरक्षित है।
डिलीवरी आधारित ट्रेडिंग में, आप स्टॉक खरीदने के बाद बोनस के लिए योग्य है। जब भी कंपनी कुछ बोनस शेयरों को रोल आउट करती है, तो निवेशक बोनस का दावा कर सकते हैं।
उच्च लाभ
डिलीवरी आधारित ट्रेडिंग में निवेशकों को शेयर के रिटर्न्स के साथ बोनस भी मिलता है । इसलिए कुछ शेयर में आपके रिटर्न्स से भी टर्म ट्रेडिंग ज्यादा रिटर्न्स मिलता है।
डिलीवरी ट्रेडिंग के नुकसान
शेयर बाजार में ट्रेडिंग या निवेश पूर्णतः परिपक्व नहीं होता है डिलीवरी ट्रेडिंग में कुछ नुकसान भी है। आपको निवेश करने से पहले अन्य संभावना का विश्लेषण करना आवश्यक है। यहां डिलीवरी ट्रेडिंग के कुछ नुकसान निम्नलिखित हैं:
पहले से भुगतान
डिलीवरी ट्रेडिंग में, आपको शेयर खरीदने से पहले आपके पास शेयर के दाम का पर्याप्त धनराशि होना चाहिए। निवेशक टर्म ट्रेडिंग के लिए कई बार उतना धनराशि रखना मुश्किल हो जाता है और आप अच्छे शेयर खरीदने से वंचित हो जाते है।
अधिक ब्रोकरेज शुल्क
डिलीवरी ट्रेडिंग में आपको ब्रोकरेज शुल्क देना होता है। हालांकि कुछ ब्रोकर कंपनियां ब्रोकरेज शुल्क नहीं लेती है।
दोस्तों, डिलीवरी ट्रेडिंग एक लॉन्ग टर्म निवेश का विकल्प है। निवेशक शेयर को खरीदकर अपने डीमैट खाता में बिना समय अवधि के होल्ड करके रख सकता है और कभी भी बेच सकता है।
डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेश करने के लिए कुछ मुलभुत नियमों का पालन करना आवश्यक है यदि आप सही शेयर खरीदने का निर्णय नहीं ले सकते है तो आपको सेबी रजिस्टर्ड निवेशक सलाहकार के परामर्श से निवेश कर सकते है। निवेशक को सदैव अलग-2 कंपनियों के शेयर में निवेश करना चाहिए यह आपके जोखिम को कम करता है।
अपने निवेश करने के चयन प्रक्रिया के बारें में जानकारी प्राप्त किया और साथ ही डिलीवरी ट्रेडिंग के फ़ायदे और नुकसान के बारें में विस्तृत रूप से समझे।
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Muhurat Trading: दिवाली के दिन भी कमाई का मौका, ये है मुहूर्त ट्रेडिंग का समय
वैसे तो दिवाली के दिन यानी 4 नवंबर को शेयर बाजार बंद रहेंगे लेकिन इसके बावजूद निवेशकों को स्टॉक खरीदने का मौका मिलेगा। दरअसल, दिवाली के मौके पर मुहूर्त ट्रेडिंग के लिए शेयर बाजार (बीएसई और एनएसई) एक.
वैसे तो दिवाली के दिन यानी 4 नवंबर को शेयर बाजार बंद रहेंगे लेकिन इसके बावजूद निवेशकों को स्टॉक खरीदने का मौका मिलेगा। दरअसल, दिवाली के मौके पर मुहूर्त ट्रेडिंग के लिए शेयर बाजार (बीएसई और एनएसई) एक घंटे तक खुले रहेंगे। इस मौके पर आप शेयर की खरीदारी कर सकते हैं।
क्यों एक घंटे होता है कारोबार: असल में दिवाली का दिन मां लक्ष्मी का होता है। इस मौके पर स्टॉक खरीदना शुभ माना जाता है। यही वजह है कि शेयर बाजार में एक घंटे के लिए कारोबार होता है। इस साल, गुरुवार को मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र शाम 6:15 बजे शुरू होकर शाम 7:15 बजे समाप्त हो जाएगा।
बेहद खास है मुहूर्त ट्रेडिंग: हर साल मुहूर्त ट्रेडिंग के लिए एक खास समय तय होता है। इस मौके पर लॉन्ग टर्म में बेहतर रिटर्न देने वाले अच्छे स्टॉक खरीदे जाते हैं। विशेष मुहूर्त में स्टॉक खरीदने को शुम माना जाता है। कई लोग इस खास ट्रेडिंग सेशन के दौरान शेयर बाजार में अपना पहला निवेश करते हैं। पिछले साल, विशेष मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र 14 नवंबर को आयोजित किया गया था। मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र में बीएसई सेंसेक्स 43,638 अंक पर समाप्त हुआ, जबकि एनएसई 12,771 पर बंद हुआ था।
बता दें कि शेयर बाजार (बीएसई और एनएसई) गुरुवार और शुक्रवार, यानी दो दिन के लिए बंद रहेंगे। बीएसई के स्टॉक मार्केट हॉलिडे कैलेंडर टर्म ट्रेडिंग टर्म ट्रेडिंग के मुताबिक इन दिनों इक्विटी, डेरिवेटिव और एसएलबी सेगमेंट में कोई कार्रवाई नहीं होगी।
ट्रेडिंग क्या है | ऑनलाइन ट्रेडिंग और ऑफलाइन ट्रेडिंग की जानकारी
शेयर बाजार में शेयरों की खरीद और बिक्री करने की क्रिया को ट्रेडिंग कहते हैं स्टॉक मार्केट में कोई भी शेयर सस्ते दामों पर खरीदना और भाव बढ़ने पर उसे बेच देने की क्रिया को ही ट्रेडिंग कहते हैं और शेयर खरीदने और बेचने वाले व्यक्ति को निवेशक या ट्रेडर कहते हैं निवेशक और ट्रेडर के बीच बहुत कम ही अंतर होता है निवेशक एक तरह से किसी भी शेयर को खरीदकर कर उसमें निवेश करता है उसे लंबे अंतराल के बाद भाव बढ़ने पर बेचता है किंतु ट्रेडर को निवेशक नहीं कहा जा सकता ट्रेडर एक ही दिन में शेयरों को खरीद बेच कर पैसे कमाता है शेयर बाजार में ट्रेडर हो या निवेशक यदि पैसा कमाना है तो ट्रेडिंग करना ही पड़ेगा निवेशक हफ्ते में 15 दिन में या 1 महीने में ट्रेड करता है किंतु ट्रेडर सुबह से शाम तक ट्रेडिंग करके पैसे कमाता है
ट्रेडिंग क्या है | ऑनलाइन ट्रेडिंग और ऑफलाइन ट्रेडिंग की जानकारी हिंदी में
अब हम बात करेंगे कि ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है
ट्रेडिंग मुख्यतः तीन प्रकार की होती है
1 इंट्राडे ट्रेडिंग ( intraday trading)
2 पोजीशनल ट्रेडिंग ( positional trading)
3 शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग ( short term treading)
इंट्राडे ट्रेडिंग ( intraday trading) क्या है
सुबह पैसे लगाओ शाम तक कमाई करने के फंडे को इंट्राडे ट्रेडिंग कहते हैं शेयरों की ट्रेडिंग एक ही दिन के लिए करने की क्रिया को इंट्राडे ट्रेडिंग कहते हैं शेयर बाजार में इंट्राडे ट्रेडिंग का चलन इन दिनों चल रहा है आप सुबह से शाम तक शेयरों इंट्राडे ट्रेडिंग के माध्यम से पैसे कमा सकते हैं इंट्राडे ट्रेडिंग में कुछ सुविधाएं भी है जैसे कि आपको एक तिहाई दामों पर ही शेयर को खरीदने और बेचने का अधिकार 1 दिन के लिए दे दिया जाता है सरल शब्दों में यदि आपके पास डीमेट अकाउंट के वॉलेट में ₹10000 हैं तो आप इंट्राडे ट्रेडिंग में (अनुमान) ₹30000 की वैल्यू के शेयर 1 दिन के लिए खरीद और बेच सकते हैं यदि आप ज्यादा क्वांटिटी में शेयरों की ट्रेडिंग करेंगे तो आपको लाभ भी ज्यादा हो सकता है इंट्राडे ट्रेडिंग में आप खरीदे गए शेयरों को होल्ड नहीं कर सकते आपको मार्केट बंद होने से पहले ही शहरों को खरीदना या बेचना पड़ेगा
पोजीशनल ट्रेडिंग ( positional trading) क्या है
पोजीशनल ट्रेडिंग एक तरह से निवेशकों के द्वारा की जाती है निवेशक अधिकतर उस कंपनी के शेयर में निवेश के नजरिए से ट्रेड करते हैं खरीदे गए शेयरों को एक लंबे अंतराल के बाद भाव बढ़ने पर बेचते हैं लंबी अवधि के नजरिए से खरीदे गए शेयरों की ट्रेडिंग को पोजीशनल ट्रेडिंग कह सकते हैं ऐसे निवेशक जो किसी शेयर को 6 महीने 1 साल या 2 साल के लिए होल्ड करते हैं या शेयर पोजीशन बनाने के नजरिए से ट्रेड करते हैं इसे ही पोजीशनल ट्रेडिंग कहते हैं
शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग ( short term treading) क्या है
शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग को निवेशक या ट्रेडर दोनों ही करते हैं खरीदे गए शेयरों को 1 हफ्ते 2 हफ्ते या 1 या 2 दिन के बाद ही उनको भाव मिलने पर बेच दिया जाए कुछ ही दिनों के बाद शेयरों को बेच देने के उद्देश्य से की गई ट्रेडिंग को शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग कहा जाता है इस प्रकार की ट्रेडिंग में आपके पास डिमैट अकाउंट में जितने रुपए होंगे उतने ही रुपए के शेयर खरीद या बेच सकते हैं खरीदे गए शेयरों को आप अपनी मनमर्जी से जब चाहे तब बेच सकते हैं
ट्रेडिंग कैसे करते हैं
स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करने के लिए आपको डीमैट अकाउंट या ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता होती है जो मुख्यतः बड़ी बैंके और सेबी रजिस्टर्ड ब्रोकर डीमेट अकाउंट या ट्रेडिंग अकाउंट ओपन कराते हैं अकाउंट ओपन होने के बाद आप स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेडिंग कर सकते हैं
ट्रेडिंग मुख्यतः दो प्रकार से की जाती है
1ऑनलाइन ट्रेडिंग online treading
2 ऑफलाइन ट्रेडिंग offline treading
ऑनलाइन ट्रेडिंग online treading क्या है
ऑनलाइन ट्रेडिंग में निवेशक या ट्रेडर स्वयं शेयर बाजार में ट्रेडिंग करता है शेयरों की खरीद और बिक्री करने के लिए उसे किसी तीसरे व्यक्ति की जरूरत नहीं पड़ती वह ऑनलाइन ही मोबाइल या लैपटॉप पीसी आदि के माध्यम से स्वयं ट्रेडिंग करता है ट्रेडिंग करने के इस विकल्प को ऑनलाइन ट्रेडिंग कहते हैं
ऑफलाइन ट्रेडिंग offline treading क्या है
ऑनलाइन ट्रेडिंग निवेशक या ट्रेडर स्टॉक मार्केट में स्वयं ट्रेडिंग नहीं करता है उसे ट्रेडिंग करने के लिए किसी तीसरे व्यक्ति की मदद लेनी पड़ती है यदि उसको कोई भी शेयर खरीदना और बेचना हो तो वह किसी तीसरे व्यक्ति की मदद से स्टॉक एक्सचेंज में अपना आर्डर डालेगा और शेयरों पर हुए नफा नुकसान की जिम्मेदारी निवेशक या ट्रेडर की ही रहती है ट्रेडिंग करने के इस तरीके को ऑफलाइन ट्रेडिंग कहते हैं उदाहरण के तौर पर कॉल ऑन ट्रेड . ब्रोकर के माध्यम से ट्रेड यह सब ऑफलाइन ट्रेडिंग के उदाहरण है
कॉल ऑन ट्रेड coll on traid के बारे में जानकारी
आपका डीमैट अकाउंट या ट्रेडिंग अकाउंट जिस ब्रोकर या कंपनी के माध्यम से खुला है उस कंपनी के माध्यम से ही कॉल ऑन ट्रेड की सुविधा प्रदान की जाती है आप उन्हें कॉल करके अपना गोपनीय कोड अकाउंट आईडी बताकर स्टॉक एक्सचेंज में किसी भी शेयर को खरीदने और बेचने का आर्डर कर सकते हैं कॉल ऑन ट्रेड में आपके द्वारा की गई फोन कॉल को रिकॉर्ड किया जाता है
यदि आप शेयर बाजार में ट्रेडिंग की शुरुआत करने जा रहे हैं तो ट्रेडिंग संबंधित नियम और स्टॉक एक्सचेंज की शर्तों के बारे में जानकारी अवश्य रखें
ट्रेडिंग में क्या ना करें
यदि आप इंट्राडे ट्रेड करने की सोच रहे हैं या इंट्राडे ट्रेड कर रहे हैं तो आप कॉल ऑन ट्रेड ना करें इससे आपको नुकसान होने के चांसेस ज्यादा रहते हैं क्योंकि कॉल ऑन ट्रेड से शेयर का भाव नहीं मिल पाता है उदाहरण के तौर पर यदि आपने कोई भी शेयर खरीदा और उसको भाव आने पर तुरंत बेचना है या stop-loss को कम या ज्यादा करना हो तो आपको कम से कम 5 मिनट लग सकते हैं क्योंकि आप कस्टमर केयर को कॉल करेंगे और वह कॉल रिसीव करेगा और फिर आपका ऑर्डर डालेगा इतने समय में शेयर का भाव कम या ज्यादा हो सकता है
इन 5 बातों का रखेंगे ध्यान तो Intraday Trading मे मिल सकता है बेहतर मुनाफा, जानिए कैसे
जो लोग शेयर बाजार में एक ही दिन में पैसा लगाकर मुनाफा कमाना चाहते हैं उनके लिए इंट्रा डे ट्रेडिंग बेहतर विकल्प है. इसमें पैसा लगाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
Soma Roy | Edited By: मनीष रंजन
Updated on: May 14, 2021 | 10:32 PM
लोग अक्सर कहते हैं कि शेयर बाजार से मोटा कमाया जा सकता है लेकिन ये इतना आसान भी नहीं है. हालांकि अगर आप बेहतर रणनीति बनाकर लॉन्ग टर्म में सोच कर निवेश करेंगे तो यहां से कमाई की जा सकती है. वहीं इक्विटी मार्केट में इंट्रा डे के जरिए कुछ घंटों में ही अच्छा पैसा बनाया जा सकता है. इंट्रा डे में डिलवरी ट्रेडिंग के मुकाबले पैसा जल्दी बनाया जा सकता है लेकिन इसके जोखि से बचने के लिए आपको बेहतर रणनीति, कंपनी के फाइनेंशियल और एक्सपर्ट की सलाह जैसी चीजों का ध्यान रखना होता है.
क्या है इंड्रा डे ट्रेडिंग
शेयर बाजार में कुछ घंटो के लिए या एक ट्रेडिंग सेशन के लिए पैसा लगाने को इंट्रा डे कहा जाता है. मान लिजिए बाजार खुलने के समय आपने एक शेयर में पैसा लगाया और देखा की आपको आपके मन मुताबिक मुनाफा मिल रहा है तो आप उसी समय उस शेयर को बेचकर निकल सकते है. इंट्रा डे में अगर आप शेयर उसी ट्रेंडिग सेशन में नही भी बेचेंगे तो वो अपने आप भी सेल ऑफ हो जाता है. इसका मतलब आपको मुनाफा हो या घाटा हिसाब उसी दिन हो जाता है. जबकि डिलवरी ट्रेडिंग में आप शेयर को जबतक चाहे होल्ड करके रख सकते हैं. इंट्रा डे में एक बात यह भी है कि आपको ब्रोकरेज ज्यादा देनी पड़ती है. हां लेकिन इस ट्रेडिंग की खास बात यह है कि आप जब चाहे मुनाफा कमा कर निकल सकते है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
बाजार के जानकारों के मुताबिक शेयर बाजार में इंट्रा डे में निवेश करें या डिलिवरी ट्रेडिंग करें आपको पहले इसके लिए अपने आप को तैयार करना होता कि आप किसलिए निवेश करना चाहते हैं और आपका लक्ष्य क्या है. फिर इसके बाद आप इसी हिसाब से अपनी रणनीति और एक्सपर्ट के जरिए बाजार से कमाई कर सकते हैं. एंजल ब्रोकिंग के सीनियर एनालिस्ट शमित चौहान के मुताबिक इंट्रा डे में रिस्क को देखते हुए आपकी रणनीति बेहतर होनी चाहिए. इसके लिए आपको 5 अहम बाते ध्यान मं रखनी चाहिए.
1. इंट्रा डे ट्रेडिंग में सिर्फ लिक्विड स्टॉक में पैसा लगाना चाहिए. जबकि वोलेटाइल स्टॉक से दूरी बनानी चाहिए.
2. इंट्रा डे में बहुत ज्यादा स्टॉक की जगह अच्छे 2-3 शेयर्स का चुनाव करना चाहिए.
3. शेयर चुनते वक्त बाजार का ट्रेंड देखना चाहिए. इसके बाद कंपनी की पोर्टफोलियो चेक करें. आप चाहे तो शेयर को लेकर एक्सपर्ट की राय भी ले सकते हैं.
4. इंट्रा डे ट्रेडिंग में स्टॉक में उछाल और गिरावट तेजी से आते है, इसलिए ज्यादा लालच नहीं करना चाहिए और पैसा लगाने के पहले उसका लक्ष्य और स्टॉप लॉस जरूर तय कर लेना चाहिए. जिससे टारगेट पूरा होते देख स्टॉक को सही समय पर बेचा जा सके.
5.इंट्रा डे में अच्छे कोरेलेशन वाले शेयरों की खरीददारी करना बेहतर होता है.
डीमैट अकाउंट से कर सकते हैं ट्रेडिंग
अगर शेयर बाजार में ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होगा. आप ऑनलाइन खुद से ट्रेडिंग कर सकते हैं या ब्रोकर को ऑर्डर देकर शेयर का कारोबार कर सकते हैं. इंट्रा डे में किसी शेयर में आप जितना चाहे उतना पैसा लगा सकते हैं.
डिस्क्लेमर : आर्टिकल में इंड्रा डे ट्रेडिंग को लेकर बताए गए टिप्स मार्केट एक्सपर्ट्स के सुझावों पर आधारित हैं. निवेश से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.