शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कैसे करे?

आईये जानते है पेपर ट्रेडिंग क्या है? पेपर ट्रेडिंग कैसे करें
पेपर ट्रेडिंग क्या है?(What is Paper Trading in Hindi): पेपर ट्रेडिंग को ‘मॉक ट्रेडिंग’ के नाम से भी जाना जाता है। यह एक नकली गेम जैसे है जो निवेश की गुर सिखाता है। अर्थात निवेश कैसे किया जाए इस बात को सिखाता है। इसमे सीखने की प्रक्रिया में इस खेल में कई रूप होते हैं। पेपर ट्रेडिंग में स्टाक मार्किट, म्यूचुअल फंड, कमोडिटी, फ्यूचर सिम्युलेटेड ट्रेडिंग शामिल होता है। इस तरह से हम कह सकते हैं कि पेपर ट्रेडिंग हमें शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के वास्तविक अनुभव को देने के लिए एक सिम्युलेटेड सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन वाला ऑनलाइन प्लेटफॉर्म होता है। इसे वर्चुअल ट्रेडिंग के नाम से भी जाना जाता है।
इसमें ट्रेडिंग को सीखने के लिए प्रैक्टिस कर सकते हैं और यह पूरी प्रक्रिया वास्तविक ट्रेडिंग जैसी ही होती है। इसकी खासियत यह होती है कि पेपर ट्रेडिंग में किसी भी प्रकार के वास्तविक इन्वेस्टमेंट की जरूरत नहीं होती अर्थात वास्तविक रूप से पैसा इसमें नहीं लगाया जाता है। यह बस आप को सिखाती है कि शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कैसे करनी है। भारत में पेमेंट ट्रेडिंग के लिए कई सारे ऐप है। जहां पर रजिस्टर करके आप वर्चुअल मनी का इस्तेमाल करके ट्रेडिंग कर सकते हैं।
शेयर बाजार में शुरुआती निवेशक, जो लोग शुरुआती तौर से शेयर बाजार में पैसा लगाना चाहते हैं उनके लिए पेपर ट्रेडिंग को सीखने में यह अभ्यास बहुत मददगार होता है। पेपर ट्रेडिंग स्टॉक मार्केट के जैसा ही अनुभव देता है। पेपर ट्रेडिंग करने के लिए आपको एक निश्चित धनराशि को तय करना होता है। फिर जिस शेयर में निवेश करना चाहते हैं अपने पसंद के शेयरों का चयन करना होता है। लिस्ट के साथ उनके स्टाक की कीमत भी दर्ज होती है। पेपर ट्रेडिंग से ट्रेडिंग करना सीख कर आप वास्तव में शेयर मार्केट शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कैसे करे? में ट्रेडिंग कर के आप अच्छा पैसा कमा सकते हैं।
पेपर ट्रेडिंग कैसे करें (How to do Paper Trading in Hindi) –
आज ऑनलाइन कई सारे पेपर ट्रेडिंग (Paper Trading in hindi) ऐप और सॉफ्टवेयर उपलब्ध है जिसका उपयोग करके आप पेपर ट्रेडिंग सीख सकते है। भारत में पेपर ट्रेडिंग के लिए 2 सर्वश्रेष्ठ अच्छी रेटिंग वाले सॉफ्टवेयर मौजूद हैं – मनी भाई और पेपर ट्रेडिंग एमएससी । यह दोनों है पेपर ट्रेडिंग की सुविधा दे रहे हैं। इन्हें वर्चुअल ट्रेडिंग के नाम से भी जानते है।
क्या आप शेयर ट्रेडिंग के बारे में ये बातें जानते हैं?
आम तौर पर जब शेयर का भाव कम होता है या बाजार में कमजोरी होती है, तब शेयर खरीदने का सबसे अच्छा समय माना जाता है.
आपको यह ध्यान में रखना होगा कि शेयरों में निवेश से काफी जोखिम जुड़ा होता है. अगर आप खुद कंपनियों के नतीजे समझने, उसके शेयरों का मूल्यांकन करने और बाजार की चाल समझ सकते सकते हैं तभी आपको शेयरों में सीधे निवेश करना चाहिए.
किसी कंपनी के शेयर में निवेश करने से पहले उसके कारोबार, शेयरों की सही कीमत (मूल्यांकन) और उसके कारोबार की संभावनाओं को जानना जरूरी है. शेयर बाजार में शेयरों के भाव स्थिर नहीं रहते. आम तौर पर जब शेयर का भाव कम होता है या बाजार में कमजोरी शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कैसे करे? पर शेयर खरीदने के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है.
आपने जो शेयर खरीदा है, जब उसका दाम बढ़ जाए तो उसे आप बेच सकते हैं. शेयर मार्केट में ट्रेडिंग की शुरुआत बहुत कम रकम से की जा सकती है.
शेयर ट्रेडिंग कितने तरह के होते हैं?
1. इंट्रा-डे ट्रेडिंग (Intra Day Trading)
इंट्रा-डे ट्रेडिंग में एक ही दिन में शेयर खरीद कर उसे बेच दिया जाता शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कैसे करे? है. मार्केट खुलने के बाद आप शेयर खरीदते हैं और मार्केट बंद होने से पहले उसे बेच देते हैं.
इसे डे-ट्रेडिंग, MIS (Margin Intra day Square off) आदि भी कहते हैं.
Intra Day ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर आपके ट्रेडिंग अकाउंट में मौजूद रकम का 20 गुना आप को मुहैया कराता है. इसका मतलब यह है कि आप उधार रकम लेकर शेयर खरीद सकते हैं और उसी दिन बेच कर उसे वापस कर सकते हैं. यह वास्तव में वैसे निवेशकों के लिए जिन्हें बाजार की बहुत ज्यादा समझ होती शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कैसे करे? है.
2. स्कैल्पर ट्रेडिंग ( Scalper Trading)
यह शेयर ट्रेडिंग का ऐसा तरीका है, जिसमें शेयर को खरीदने के 5-10 मिनट के अंदर ही बेच दिया जाता है. स्कैल्पर ट्रेडिंग किसी कानून के आने या आर्थिक जगत की किसी बड़ी खबर आने पर की जाती है.
शेयर मार्केट के पुराने दिग्गज स्कैल्पर ट्रेडिंग करते हैं. इसमें जोखिम सबसे ज्यादा शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कैसे करे? होता है. स्कैल्पर ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर कंपनियां मार्जिन मुहैया कराती हैं.
3. स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) या शार्ट टर्म ट्रेडिंग
स्विंग ट्रेडिंग थोड़े लंबे समय के लिए किया जाता शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कैसे करे? है. इसमें आम तौर पर शेयर खरीदने के बाद उसकी डीमैट अकाउंट में डिलीवरी ले ली जाती है. स्विंग ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर कोई मार्जिन मुहैया नहीं कराता है.
अगर आप अपने निवेश के लक्ष्य के हिसाब से 5-10 % लाभ की उम्मीद पर शेयर बाजार में ट्रेडिंग कर रहे है, तो स्विंग ट्रेडिंग से आप पैसे कमा सकते हैं.
4. LONG TERM ट्रेडिंग
जब आप किसी शेयर को खरीद कर लंबी अवधि के लिए रख लेते हैं तो शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कैसे करे? उसे Long term ट्रेडिंग कहते हैं. स्टॉक मार्केट में ट्रेड करने के बाद अगर आप एक निवेशक के रूप में किसी शेयर में 6 महीने से लेकर कुछ साल तक बने रहें तो यह लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग है.
अगर आप किसी कंपनी के शेयर को एक, तीन या पांच साल या इससे ज्यादा अवधि के लिए खरीदते सकते हैं. कंपनी के कारोबार में अगर तेजी से वृद्धि हो शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कैसे करे? तो लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग में आप बहुत अच्छा लाभ कमा सकते हैं.
आप जिन बड़े निवेशकों के बारे में सुनते हैं वे सभी लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग से ही मुनाफा कमाते हैं. इनमें राकेश झुनझुनवाला, पोरिन्जू वेलियथ, डॉली खन्ना जैसे नाम शामिल हैं.
हिंदी में पर्सनल फाइनेंस और शेयर बाजार के नियमित अपडेट्स के लिए लाइक करें हमारा फेसबुक पेज. इस पेज को लाइक करने के लिए यहां क्लिक करें.