ट्रेडिंग विचार

करेंसी मार्किट

करेंसी मार्किट
पहली बार छोटे निवेश करने वाले व्यापारी आसानी से Forex Market में प्रवेश कर सकते करेंसी मार्किट हैं। फॉरेन एक्सचेंज के कई फायदों में से एक यह है कि ब्रोकर डेमो एकाउंट के प्रावधान की पेशकश करते हैं। इनका उपयोग करके, धोखेबाज़ व्यापारी किसी भी डील को करने से पहले मार्केट सिमुलेशन में अपने स्किल का टेस्ट कर सकते हैं।

क्या बिटकॉइन को लेकर सच होगी चीन की भविष्यवाणी?, 6 महीने 66 फीसदी घटा क्रिप्टो मार्किट

क्या बिटकॉइन को लेकर सच होगी चीन की भविष्यवाणी?, 6 महीने 66 फीसदी घटा क्रिप्टो मार्किट

एक बिटकॉइन का भाव 20,000 डॉलर के करीब पहुंच गया है। (फोटो : रॉयटर्स)

क्रिप्टो करेंसी मार्केट में गिरावट का दौर जारी है। छोटी क्रिप्टोकरेंसियों के साथ- साथ बड़ी क्रिप्टो करेंसी जैसे बिटकॉइन, एथेरियम, बीएनबी और एडीए ऊपरी स्तर पर टिकने में लगातार नाकामयाब हो रहे हैं और इनमें बड़ी गिरावट आ रही है। कॉइनमार्केटकैप (CoinMarketCap) के डाटा के अनुसार, पिछले 6 महीने से भारी बिकवाली का सामना कर रहे क्रिप्टो मार्केट का मूल्यांकन 3 ट्रिलियन डॉलर से गिरकर मंगलवार सुबह की गिरावट के बाद 7:30 बजे 924 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है।

About the Trainer

Kredent Academy

Kredent Academy is a pioneer of financial market education in India and has been at the forefront of the spreading financial education in India since its inception in 2008. Starting from basic finance to advanced concepts like stock market investing, fundamental and technical analysis, and options trading, we have courses that will teach you to save and invest money responsibly and grow your wealth steadily. These courses are taught by some of the best instructors and market experts and are highly practical focused to give the students a holistic understanding of the subjects.

Objective

यह पाठ्यक्रम निम्नलिखित वर्गों में प्रतिभागियों को सक्षम बनाएगा:

  • फाइनेंसियल बाजार और विशेष रूप से शेयर बाजार की मूल बातें
  • आईपीओ जैसे प्राइमरी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स, सेकेंडरी मार्किट के कामकाज और विभिन्न बाजार प्रतिभागियों की भूमिका
  • शेयर बाजार सूचकांक और इसकी गणना की अवधारणा
  • करेंसी , फिक्स्ड इनकम, सिक्योरिटीज और म्यूचुअल फंड्स की मूल बातें
  • टाइम वैल्यू ऑफ़ मनी की अवधारणा
  • शेयर बाजार पर विभिन्न कॉरपोरेट एक्शन्स के प्रभाव की व्याख्या
  • डीमैट अकाउंट खोलने की प्रक्रिया
  • शेयर ट्रेडिंग की प्रक्रिया,रिस्क मैनेजमेंट सिस्टम , ट्रेड लाइफ साइकिल, कॉन्ट्रैक्ट नोट्स आदि की व्याख्या
  • भारतीय कैपिटल मार्किट में रेगुलेटरी फ्रेमवर्क , रेगुलेटर्स, इन्वेस्टर रेड्रेसाल मेकनिसिस की जानकारी

Benefits

इस कोर्स से विद्यार्थिओं को करेंसी मार्किट अनेक लाभ होंगे| इस कोर्स के अंत में दिए गए टेस्ट्स को सॉल्व करके विद्यार्थी अपने नॉलेज लेवल को चेक कर पाएंगे | सामग्री से संबंधित किसी भी प्रकार की संदेह निकासी के लिए एक ईमेल क्वेरी समर्थन, प्रश्न और उत्तर सामुदायिक मंच भी विद्यार्थिओं द्वारा लिया जा सकता है।

किसी भी प्रकार की कोर्स रिलेटेड दुविधा के लिए विद्यार्थी हमारे ईमेल सपोर्ट सुविधा, या फिर डिस्कशन फोरम प्लेटफार्म की मदद ले सकते है | ये प्लेटफार्म पैर आप २४*७ अपने प्रशन दाल सकते है और हमारा टीम आपको जल्द से जल्द इसके उत्तर देने को प्रयास करेगा |

Benefits of Currency Trading: करेंसी ट्रेडिंग से कमा सकते है खूब पैसा, यहां जानिए इसके 10 फायदें

Benefits of Currency Trading: करेंसी ट्रेडिंग से कमा सकते है खूब पैसा, यहां जानिए इसके 10 फायदें

Benefits of Currency Trading in Hindi: अगर सही तरह से करेंसी ट्रेडिंग की जाए तो आप ढेर सारा पैसा कमा सकते करेंसी मार्किट है। लेकिन नए निवेशकों में करेंसी मार्केट को लेकर अभी भी भ्रम की स्थिति बनी हुई है। यह लेख आपके भ्रम को मिटाने का प्रयास करेगा क्योंकि यहां करेंसी ट्रेडिंग के 10 फायदे बताएं गए है।

Benefits of Currency Trading in Hindi: फॉरेन एक्सचेंज मार्केट दुनिया में सबसे बड़े फाइनेंसियल मार्केट के रूप में उभरा है, इसकी पहुंच, तरलता और अंतरराष्ट्रीय प्रकृति के कारण यह तेजी से फलफूल रहा है। आप प्रॉफिट कमाने के लिए काउंटर पर करेंसी खरीद और बेच सकते हैं, क्योंकि अन्य बाजारों के विपरीत, इस तरह के व्यापार के लिए कोई फिजिकल एक्सचेंज मौजूद नहीं है। अगर सही तरह से करेंसी ट्रेडिंग की जाए तो आप ढेर सारा पैसा कमा सकते है। लेकिन नए निवेशकों में करेंसी मार्केट को लेकर अभी भी भ्रम की स्थिति बनी हुई है। यह लेख आपके भ्रम को मिटाने का प्रयास करेगा क्योंकि यहां करेंसी ट्रेडिंग के 10 फायदे (Benefits of Currency Trading in Hindi) बताएं गए है।

Crypto Currency में निवेश का है इरादा, तो जान लें इनकी ट्रेडिंग पर लगती है कौन-कौन सी फीस

Crypto Currency में निवेश का है इरादा, तो जान लें इनकी ट्रेडिंग पर लगती है कौन-कौन सी फीस

जिस तरह से स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, वैसे ही क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर एक निश्चित प्राइस पर क्रिप्टोकरेंसी खरीद सकते हैं और जब मुनाफा मिले तो इसे बेच सकते हैं. (Representative Image)

Trading in Crypto Currencies: दुनिया भर में निवेशकों के बीच क्रिप्टो करेंसी में निवेश को लेकर आकर्षण बढ़ रहा है. इसमें क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज के जरिए ट्रेडिंग होती है. इस एक्सचेंज पर मौजूदा मार्केट वैल्यू के आधार पर क्रिप्टो करेंसीज को खरीदा-बेचा जाता है. जहां इनकी कीमत मांग और आपूर्ति के हिसाब से तय होती है. जिस तरह से स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, वैसे ही क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज पर एक निश्चित प्राइस पर क्रिप्टो करेंसी खरीद सकते हैं और जब मुनाफा मिले तो बेच सकते हैं. स्टॉक एक्सचेंज की तरह ही क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज पर भी ट्रेडिंग के लिए फीस चुकानी होती है. इसलिए अगर आपने क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो पहले इनकी ट्रेडिंग पर लगने वाली तीन तरह की ट्रांजैक्शन फीस के बारे में जरूर जान लें.

एक्सचेंज फीस

  • क्रिप्टो खरीद या बिक्री ऑर्डर को पूरा करने के लिए एक्सचेंज फीस चुकानी होती है. भारत में अधिकतर क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज का फिक्स्ड फीस मॉडल है, लेकिन ट्रांजैक्शन की फाइनल कॉस्ट उस प्लेटफॉर्म पर निर्भर होती है जिस पर ट्रांजैक्शन पूरा हुआ है. ऐसे में इसे लेकर बेहतर रिसर्च करनी चाहिए कि कौन सा क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज सबसे कम ट्रांजैक्शन फीस ले रहा है.
  • फिक्स्ड फीस मॉडल के अलावा क्रिप्टो एक्सचेंज में मेकर-टेकर फी मॉडल भी है. क्रिप्टो करेंसी बेचने वाले को मेकर कहते हैं और इसे खरीदने वाले को टेकर कहते हैं. इस मॉडल के तहत ट्रेडिंग एक्टिविटी के हिसाब से फीस चुकानी होती है.
  • क्रिप्टोकरेंसी माइन करने वालों को नेटवर्क फीस चुकाई जाती है. ये माइनर्स शक्तिशाली कंप्यूटर्स के जरिए किसी ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करते हैं और ब्लॉकचेन में जोड़ते हैं. एक तरह से कह सकते हैं कि कोई ट्रांजैक्शंन सही है या गलत, यह सुनिश्चित करना इन माइनर्स का काम है. एक्सचेंज का नेटवर्क फीस पर सीधा नियंत्रण नहीं होता है. अगर नेटवर्क पर भीड़ बढ़ती है यानी अधिक ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करना होता है तो फीस बढ़ जाती करेंसी मार्किट है.
  • आमतौर पर यूजर्स को थर्ड पार्टी वॉलेट का प्रयोग करते समय ट्रांजैक्शन फीस को पहले से ही सेट करने की छूट होती है. लेकिन एक्सचेंज पर इसे ऑटोमैटिक एक्सचेंज द्वारा ही सेट किया जाता है ताकि ट्रांसफर में कोई देरी न हो. जो यूजर्स अधिक फीस चुकाने के लिए तैयार हैं, उनका ट्रांजैक्शन जल्द पूरा हो जाता है और जिन्होंने फीस की लिमिट कम रखी है, उनके ट्रांजैक्शन पूरा होने में कुछ समय लग सकता है. माइनर्स को इलेक्ट्रिसिटी कॉस्ट और प्रोसेसिंग पॉवर के लिए फीस दी जाती है.

वॉलेट फीस

  • क्रिप्टो करेंसी को एक डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है. यह वॉलेट एक तरह से ऑनलाइन बैंक खाते के समान होता है जिसमें क्रिप्टो करेंसी को सुरक्षित रखा जाता है. अधिकतर वॉलेट में क्रिप्टो करेंसी के डिपॉजिट और स्टोरेज पर कोई फीस नहीं ली जाती है, लेकिन इसे निकालने या कहीं भेजने पर फीस चुकानी होती है. यह मूल रूप से नेटवर्क फीस है. अधिकतर एक्सचेंज इन-बिल्ट वॉलेट की सुविधा देते हैं.
  • क्रिप्टो वॉलेट्स सिस्टमैटिक क्रिप्टो करेंसी खरीदने का विकल्प देते हैं और इसके इंटीग्रेटेड मर्चेंट गेटवे के जरिए स्मार्टफोन व डीटीएस सर्विसेज को रिचार्ज कराया जा सकता है.
    (Article: Shivam Thakral, CEO, BuyUcoin)
    (स्टोरी में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दिए गए सुझाव लेखक के हैं. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन इनकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. निवेश से पहले अपने सलाहकार से जरूर परामर्श कर लें.)

(1) अंतरराष्ट्रीय स्टॉक वाले म्यूचुअल करेंसी मार्किट फंड्स में निवेश

विदेशों में निवेश का दूसरा तरीका सेक्टोरल या थीमैटिक फंड हैं. सेक्टोरल या थीमैटिक म्यूचुअल फंड्स की होल्डिंग में भारतीय और विदेशी शेयरों का मिश्रण हो सकता है. यानी इस तरह के फंड्स में ऐपल, गूगल सहित भारतीय कंपनियां शामिल हो सकती हैं.

(2) इंडेक्स फंड

एक और तरीका है जिसे इंडेक्स फंड कहा जाता है…. जिस तरह भारतीय शेयर बाजारों के अलग-अलग इंडेक्स के लिए इंडेक्स फंड उपलब्ध हैं उसी तरह वैश्विक शेयर बाजारों के लिए भी इंडेक्स फंड हैं… वैश्विक करेंसी मार्किट बाजारों में निवेश करने वाले इंडेक्स फंड भी दुनिया के किसी एक शेयर बाजार के किसी एक इंडेक्स को ट्रैक करके निवेश करते हैं… मोतीलाल ओसवाल एसएंडपी 500 इंडेक्स फंड इसका एक उदाहरण है.

वैश्विक बाजारों में निवेश का एक और तरीका इंटरनेशनल एक्सचेंज ट्रेडेड फंड या ईटीएफ भी हैं, ये ईटीएफ सामान्य तौर पर 2 तरह हो सकते हैं- Country specific और Country neutral. Country specific ईटीएफ आपको किसी चुनिंदा देश में निवेश करने की अनुमति देते हैं. उदाहरण के लिए, वैनएक्क वेक्टर्स वियतनाम ईटीएफ आपको वियतनाम इक्विटी बाजार में निवेश करने की अनुमति देता है. दूसरी ओर, Country neutral ईटीएफ आपको पूरी दुनिया में निवेश करने की अनुमति देते हैं.

(4) सीधा निवेश

ऐसा नहीं है कि सिर्फ फंड्स या ईटीएफ के जरिए ही आप अमेरिकी या अन्य विदेशी बाजारों में निवेश कर सकते हैं, बल्कि सीधे निवेश का तरीका भी है, जैसे भारतीय शेयर बाजार में निवेश के लिए आप ब्रोकर के जरिए ट्रेडिंग कर सकते हैं, ठीक उसी तरह अमेरिकी बाजारों में भी कर सकते हैं, बशर्ते अमेरिकी ब्रोकर हायर करना होगा या फिर भारत में जो ब्रोकर अमेरिकी बाजारों में निवेश की सुविधा दे रहे हैं उनसे संपर्क करना होगा… दोनों ही परिस्थितियों में आपको इंटरनेशनल ट्रेडिंग खाता भी खोलना पड़ेगा और ट्रेडिंग के लिए करेंसी को डॉलर में बदलवाना होगा.. ऐसा करके आप सीधे ऐपल, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट जैसी अमेरिकी कंपनियों के शेयर खरीद सकते हैं.

(5) इंडियन डिपॉजिटरी रिसीट्स (IDRs)

आप इंडियन डिपॉजिटरी रिसीट्स यानी आईडीआर के जरिए भी विदेशी बाजारों में निवेश कर सकते हैं. आईडीआर मूल रूप से भारतीय करेंसी में होता है और सेबी रजिस्टर्ड डिपॉजिटरी इसे तैयार करता है. आईडीआर को कंपनी की इक्विटी के बदले जारी किया जाता है ताकि विदेशी कंपनियों को भारत से धन जुटाने में सक्षम बनाया जा सके. चूंकि विदेशी कंपनियों को भारतीय शेयर बाजार में लिस्टिंग कराने की अनुमति नहीं है, आईडीआर उन कंपनियों के शेयरों को खरीदने का एक तरीका है.

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