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क्या मुझे क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार करना चाहिए

क्या मुझे क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार करना चाहिए
    स्थान- राज्य या राष्ट्रीय नियमों के कारण आपकी लोकेशन आपको कुछ एक्सचेंजों पर क्रिप्टो खरीदने और बेचने से रोक सकती है। जैसे चीन ने नागरिकों के लिए क्रिप्टोकरेंसी खरीदने पर प्रतिबंध लगाया है। संयुक्त राज्य में कुछ राज्यों ने अपने स्वयं के नियम बनाए हैं। जैसे न्यूयॉर्क में एक्सचेंज के लिए बिटलाइसेंस प्राप्त करना आवश्यक है और केवल लाइसेंस प्राप्त कंपनियों को कुछ स्वीकृत सिक्कों की पेशकश करने की अनुमति है। अधिकांश अन्य राज्यों में न्यूयॉर्क की तरह सख्त नियम नहीं हैं।

(Top 5) क्रिप्टोकरेंसी से पैसे कैसे कमाए | Crypto Currency Se Paise Kaise Kamaye

Crypto Currency Se Paise Kaise Kamaye: क्रिप्टोकरेंसी आज के समय में सबसे ज्यादा चर्चा में बना विषय है, जिसके द्वारा कई लोग रातों – रात करोडपति बन गए तो कई लोगों को नुकसान भी झेलना पड़ा. लेकिन यदि आपके पास सही Strategy और अच्छी स्किल है तो आप क्रिप्टो करेंसी के द्वारा अच्छी कमाई कर सकते हैं.

क्रिप्टोकरेंसी से पैसे कमाये जा सकते हैं यह तो लगभग सभी लोगों को पता है लेकिन Cryptocurrency से पैसे कैसे कमायें यह बहुत कम लोग ही जानते हैं. क्योंकि अधिकतर लोगों को Crypto Currency से पैसे कमाने की सही प्रोसेस के बारे में जानकारी नहीं रहती है.

यदि आप भी Crypto Currency से पैसे कमाना चाहते हैं तो आप एकदम सही ब्लॉग पर आये हैं क्योंकि आज के इस ब्लॉग पोस्ट में हम आपको Crypto Currency से पैसे कमाने के Genuine तरीकों के बारे में बताने वाले हैं. क्रिप्टोकरेंसी से पैसे कमाने के लिए आप लेख को पूरा अंत तक जरुर पढ़ें.

तो चलिए आपका अधिक समय ना लेते हुए शुरू करते हैं आज का यह लेख और सबसे पहले जानते हैं Cryptocurrency क्या है.

क्रिप्टोकरेंसी पर लगाए गए तीस प्रतिशत कर के क्या मायने हैं

केंद्र सरकार द्वारा वर्चुअल डिजिटल एसेट्स से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर को हितधारकों ने निवेशकों को हतोत्साहित करने वाला बताया है. इनका मानना है कि आने वाला दौर डिजिटलीकरण और टेक्नोलॉजी का है, ऐसे में अगर भारत ने इसके लिए अनुकूल माहौल तैयार नहीं किया तो यह कुछ प्रमुख व्यवसायों और निवेशकों को खो देगा. The post क्रिप्टोकरेंसी पर लगाए गए तीस प्रतिशत कर के क्या मायने हैं appeared first on The Wire - Hindi.

केंद्र सरकार द्वारा वर्चुअल डिजिटल एसेट्स से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर को हितधारकों ने निवेशकों को हतोत्साहित करने वाला बताया है. इनका मानना है कि आने वाला दौर डिजिटलीकरण और टेक्नोलॉजी का है, ऐसे में अगर भारत ने इसके लिए अनुकूल माहौल तैयार नहीं किया तो यह कुछ प्रमुख व्यवसायों और निवेशकों को खो देगा.

(प्रतीकात्मक इलस्ट्रेशन: रॉयटर्स)

भारत में क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन के कर निहितार्थ के बारे में काफी अनिश्चितता के बाद केंद्र सरकार ने अंततः 2022-23 के केंद्रीय बजट में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (वीडीए) से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत के समग्र कर की घोषणा की.

क्रिप्टो रिसर्च एजेंसी क्रेबैको (CREBACO) ने बताया है कि 30% टैक्स लागू होने के बाद पहले दो दिनों में भारतीय एक्सचेंज में इसके वॉल्यूम में लगभग 55% की और डोमेन ट्रैफिक में 40% से अधिक की गिरावट देखी है. यह कई मायनों में इस बात का संकेत है कि भारतीय क्रिप्टो स्पेस नए कर दिशानिर्देशों पर कैसे प्रतिक्रिया दे रहा है.

दूसरी ओर, भारत सरकार ने ग्यारह क्रिप्टो एक्सचेंज से चुकाई नहीं गई जीएसटी के 95.86 करोड़ रुपये (958 मिलियन डॉलर) की वसूली की है. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने कई क्रिप्टो एक्सचेंज जैसे कॉइन डीसीएक्सम बाई यूकॉइन, कॉइन स्विच कुबेर, अनकॉइन और फ्लिटपे (Coin DCX, Buy Ucoin, Coin Switch Kuber, Unocoin , Flitpay) द्वारा बड़े पैमाने पर जीएसटी चोरी का पता लगाया था. हालांकि, ज़ानमाई लैब्स बड़ी चोरी का पता लगा था, जहां वज़ीरएक्स नाम का एक क्रिप्टो एक्सचेंज संचालित होता था.

जीएसटी की वसूली और क्रिप्टो लेनदेन से होने वाली आय पर 30% कर ने भारत में क्रिप्टो टैक्स पर चल रही बहस को बढ़ाया ही है.

30 प्रतिशत कर का नियम 1 अप्रैल, 2022 से प्रभावी हुआ है, लेकिन पिछले वित्तीय वर्ष (2021-22 की अवधि) के लिए क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन पर भी कर लगाया जाएगा. इसके लिए आयकर अधिनियम, 1961 में एक नई धारा 115 BBH जोड़ी गई है.

वीडीए पर लगे अन्य करों में ट्रांसफर पर एक प्रतिशत टीडीएस, कोई बुनियादी छूट नहीं, किसी नुकसान पर कोई सेट-ऑफ नहीं, होल्डिंग अवधि के बावजूद कोई इंडेक्सेशन लाभ नहीं है और उपहार का लगने वाला टैक्स भी शामिल हैं.

भारत में स्टॉक और इक्विटी फंड से होने वाले लाभ पर 10-15 प्रतिशत और गैर-इक्विटी विकल्प, संपत्ति और सोने पर 20 प्रतिशत या मामूली दर से कर लगाया जाता है. वर्चुअल संपत्तियों पर इतनी ऊंची दर पर टैक्स लगाने को उद्योग के हितधारकों ने आक्रामक कदम माना है.

वीडीए पर लगे नए कर में क्रिप्टो संपत्तियां जैसे बिटकॉइन, डॉगकोइन आदि, नॉन-फंजीबाल टोकन (एनएफटी) और ऐसी कोई भी संपत्ति जो भविष्य में विकसित हो सकती है, शामिल हैं. गौर करने वाली बात यह है कि महज क्रिप्टोकरेंसी परिसंपत्तियों पर टैक्स लगाने से वे भारत में वैध नहीं हो जाते हैं. यहां परिभाषा, कराधान और गणना (computation) जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर स्पष्टता का व्यापक अभाव है.

यहां तक कि कुछ समय पहले भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने भी केंद्र से यह स्पष्ट करने के लिए कहा था कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी व्यापार या वर्चुअल डिजिटल मुद्रा वैध है या नहीं.

सरकार ने स्पष्ट किया है कि भारत में वीडीए को विनियमित करने वाला एक कानून पेश किया जाएगा – लेकिन तब जब उनके विनियमन पर वैश्विक सहमति बन जाएगी. सरकार क्रिप्टोकरेंसी के संबंध में कानून पर काम कर रही है, लेकिन इसे तैयार होने में समय लग सकता है.

क्रेबैको के अनुसार, 105 मिलियन से अधिक लोग, जो भारत की कुल आबादी का 7.90 प्रतिशत है, वर्तमान में क्रिप्टोकरेंसी के मालिक हैं, जिनकी कुल संपत्ति 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है. उच्च कर दर बड़े निवेशकों को प्रभावित नहीं करेगी, जो थे पहले से ही 30 प्रतिशत टैक्स ब्रैकेट में थे लेकिन छोटे निवेशक और छात्र, जो अब तक क्रिप्टो निवेश पर टैक्स फ्री रिटर्न का लाभ ले रहे थे, अब प्रभावित होंगे.

देश के प्रमुख डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर ज़ेरोधा के संस्थापक और सीईओ नितिन कामथ का मानना ​​है कि ‘अन्य टोकन या कटौती के खिलाफ नुकसान को सेट-ऑफ करने के विकल्प के बिना 30% टैक्स टर्नओवर में गिरावट का कारण बन सकता है.’

1 जुलाई 2022 से नफे या नुकसान की स्थिति में किसी रेजिडेंट सेलर द्वारा वीडीए के ट्रांसफर पर एक प्रतिशत कर कटौती (टीडीएस) लागू होगा. हालांकि यह कटौती कुल देयता (क्या मुझे क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार करना चाहिए liability) के साथ एडजस्ट हो जाती है और टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय बाद में रिफंड का दावा किया जा सकता है. लेकिन हितधारकों की शिकायत है कि प्रावधान लिक्विडिटी को प्रभावित कर रहा है और ऐसे व्यापारी, जो ऐसी संपत्ति की लगातार खरीद-बिक्री में शामिल होते हैं, बड़े पैमाने पर प्रभावित होंगे. उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यापारी एक वर्ष में 300 बार ट्रेड कर रहा है, तो उसकी पूरी पूंजी टीडीएस में लॉक हो सकती है.

इस प्रावधान को विभिन्न कारणों से सबसे अधिक समस्याग्रस्त माना जा रहा है. पूंजी का ऐसे लॉक हो जाना और अनावश्यक अनुपालन आवश्यकताओं को बढ़ाने के अलावा यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि ‘ट्रांसफर’ के दायरे में क्या-क्या आता है.

उल्लेखनीय है कि क्रिप्टो को न केवल खरीदा और बेचा जाता है, बल्कि एयरड्रॉप, फोर्किंग, स्टेकिंग, पी2पी लेंडिंग और वॉलेट ट्रांसफर के माध्यम से भी लेन-देन होता है. इसे वस्तुओं और सेवाओं के बदले भुगतान के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है. ऐसे में सरकार को यह स्पष्ट करने की आवश्यकता है कि क्या ट्रांसफर के ये सभी तरीके उन ट्रांसफर जिन पर टीडीएस कटौती लागू होगी, के दायरे में आएंगे.

2022-23 के केंद्रीय बजट में कहा गया है कि टीडीएस काटने और जमा करने की जिम्मेदारी खरीदार पर होगी. हालांकि, खरीदार के पास विक्रेता डेटा जैसे पैन आदि की अनुपलब्धता सरीखी लॉजिस्टिक कठिनाइयों के कारण यह जिम्मेदारी एक्सचेंज पर आ सकती है.

भारत में वीडीए पर टैक्स देते समय अधिग्रहण की लागत को छोड़कर किसी भी व्यय के लिए कोई कटौती की अनुमति नहीं होगी. इसी तरह, ऐसी संपत्ति के ट्रांसफर से लाभ कमाने वाले व्यक्ति पर कर लगाते समय किसी भी छूट पर विचार नहीं किया जाएगा, चाहे उनकी आय या उम्र कुछ भी हो.

हितधारकों ने इन टैक्स प्रावधानों को निवेशकों को हतोत्साहित करने वाला बताया है. ऐसा कहा जा रहा है कि इंडेक्सेशन जैसे उपायों के माध्यम से निवेशकों को इस तरह के निवेश को लंबी अवधि के लिए प्रोत्साहित करने के बजाय सरकार एक प्रतिशत टीडीएस के नियम के जरिये बार-बार व्यापारियों को सजा-सी दे रही है.

ओकेएक्स डॉट कॉम (OKX.com) के सीईओ जय हाओ के अनुसार, ‘क्रिप्टोकरंसी एसेट्स से 30% पर लाभ का कर सभी हितधारकों को समान रूप से खुश नहीं कर सकता है. उच्च कर निवेशकों को क्रिप्टो को निवेश के तरीके के रूप में चुनने के लिए हतोत्साहित कर सकते हैं और इससे भारत में क्रिप्टो परिसंपत्तियों को बड़े पैमाने पर जनता द्वारा अपनाए जाने में भी देरी हो सकती है.’

उद्योग से जुड़े पर्यवेक्षकों को डर है कि इस तरह के कदम से उद्योग या तो अंडरग्राउंड हो जाएगा, या भारत से बाहर थाईलैंड, यूएई और जापान जैसे देशों, जिन्होंने क्रिप्टोकरेंसी हब बनने के लिए अपनी कर दरों को कम कर दिया है, में स्थानांतरित हो जाएगा. डिजिटलीकरण और प्रौद्योगिकी आगे चलकर अर्थव्यवस्था के हर पहलू को परिभाषित करेगी, और यदि भारत सुगम शासन के माध्यम से इस तरह के नवाचारों को अपनाने के लिए अनुकूल माहौल प्रदान नहीं करता है, तो यह प्रमुख व्यवसायों और निवेशों को खो सकता है.

(वैशाली बसु शर्मा रणनीतिक और आर्थिक मसलों की विश्लेषक हैं. उन्होंने नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल सेक्रेटरिएट के साथ लगभग एक दशक तक काम किया है.)

डिजिटल करेंसी: खरीदना चाहते हैं क्रिप्टोकरेंसी? तो जानिए क्या मुझे क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार करना चाहिए क्रिप्टो एक्सचेंज में क्या देखना है जरूरी

आप केवल अपने बैंक या निवेश फर्म से क्रिप्टो नहीं खरीद सकते। बिटक्वाइन, एथेरियम, या कोई अन्य क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए आपको क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर एक खाता बनाना होगा।

क्रिप्टोकरेंसी

अप्रैल में 64,600 अमेरिकी डॉलर (48.5 लाख रुपये) तक पहुंचने के बाद दुनिया की सबसे बड़ी और लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी, बिटक्वाइन की कीमत में भारी गिरावट देखने को मिली है। लेकिन भारत में अचानक क्रिप्टोकरेंसी की चर्चा बढ़ गई है। डिजिटल करेंसी की ट्रेडिंग में लोगों का रुझान बढ़ता जा रहा है। मौजूदा समय में बिटक्वाइन 32,640.73 डॉलर के करीब है। मालूम हो कि बिटक्वाइन क्रिप्टोकरेंसी की ऑलटाइम हाई कीमत 64,829.14 डॉलर रही है।

आप केवल अपने बैंक या निवेश फर्म से क्रिप्टो नहीं खरीद सकते। बिटक्वाइन, एथेरियम, या कोई अन्य क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए आपको क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर एक खाता बनाना होगा। सही क्रिप्टो एक्सचेंज चुनना बेहद अहम है।

क्या है क्रिप्टो एक्सचेंज?
क्रिप्टो एक्सचेंज एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां से आप क्रिप्टोकरेंसी खरीद और बेच सकते हैं। एक्सचेंज उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली क्रिप्टोकरेंसी की मौजूदा बाजार कीमतों को दर्शाते हैं। एक्सचेंज के जरिए आप एक क्रिप्टोकरेंसी के बदले दूसरी क्रिप्टोकरेंसी, जैसे बिटक्वाइन के बदले लाइटक्वाइन खरीद सकते हैं या क्रिप्टोकरेंसी को अमेरिकी डॉलर या कियी अन्य मुद्रा से भी खरीद सकते हैं। अपने खाते में पैसे रखने के लिए आप क्रिप्टो को दोबारा डॉलर में भी बदल सकते हैं।

क्रिप्टो एक्सचेंज में क्या देखना जरूरी?

  • स्थान- राज्य या राष्ट्रीय नियमों के कारण आपकी लोकेशन आपको कुछ एक्सचेंजों पर क्रिप्टो खरीदने और बेचने से रोक सकती है। जैसे चीन ने नागरिकों के लिए क्रिप्टोकरेंसी खरीदने पर प्रतिबंध लगाया है। संयुक्त राज्य में कुछ राज्यों ने अपने स्वयं के नियम बनाए हैं। जैसे न्यूयॉर्क में एक्सचेंज के लिए बिटलाइसेंस प्राप्त करना आवश्यक है और केवल लाइसेंस प्राप्त कंपनियों को कुछ स्वीकृत सिक्कों की पेशकश करने की अनुमति है। अधिकांश अन्य राज्यों में न्यूयॉर्क की तरह सख्त नियम नहीं हैं।
  • सुरक्षा- क्रिप्टोकरेंसी किसी भी केंद्रीय संस्थान द्वारा समर्थित नहीं है, और आपकी क्रिप्टोकरेंसी होल्डिंग्स बैंक में पैसा या पारंपरिक निवेश की तरह सुरक्षित नहीं हैं। कुछ एक्सचेंज, जैसे क्वाइनबेस और जेमिनी, एफडीआईसी बीमाकृत बैंक खातों में आपके द्वारा रखे गए अमेरिकी डॉलर में शेष राशि रखते हैं। लेकिन एफडीआईसी बीमा क्रिप्टोकरेंसी बैलेंस पर लागू नहीं होती है। क्रिप्टो की सुरक्षा के लिए, कुछ एक्सचेंजों के पास हैकिंग या धोखाधड़ी से एक्सचेंज के भीतर मौजूद डिजिटल मुद्राओं की सुरक्षा के लिए बीमा पॉलिसी होती हैं।
  • फीस- फीस पर विचार करना भी अहम है। एक्सचेंज आपके लिए क्रिप्टो खरीदना जितना आसान बनाते हैं, आपको उतने ही अधिक शुल्क का भुगतान करना पड़ सकता है। विनिमय शुल्क एक निश्चित मूल्य हो सकता है, लेकिन अक्सर यह आपके व्यापार का एक फीसदी होता है। कुछ एक्सचेंज, जैसे कैश एप का शुल्क मूल्य अस्थिरता के आधार पर घटता या बढ़ता है। शुल्क अक्सर प्रति लेन-देन के लिए लिया जाता है। यह भिन्न भी हो सकता है। इसलिए यह सुनिश्चित करें कि एक्सचेंज आपके क्रिप्टो लेनदेन के लिए आपसे कैसे और कब चार्ज करता है।
  • लिक्विडिटी- यदि आप अपने क्रिप्टो को खरीदने, बेचने या व्यापार करने की योजना बनाते हैं, तो आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपके द्वारा चुने गए एक्सचेंज में ट्रेड वॉल्यूम हो। इससे आपकी होल्डिंग की लिक्विडिटी पता चलेगी और आप जब चाहें क्रिप्टो बेच सकेंगे। अक्सर, अधिक लोकप्रिय एक्सचेंज वे होते हैं जिनके व्यापार की मात्रा सबसे अधिक होती है।

विस्तार

अप्रैल में 64,600 अमेरिकी डॉलर (48.5 लाख रुपये) तक पहुंचने के बाद दुनिया की सबसे बड़ी और लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी, बिटक्वाइन की कीमत में भारी गिरावट देखने को मिली है। लेकिन भारत में अचानक क्रिप्टोकरेंसी की चर्चा बढ़ गई है। डिजिटल करेंसी की ट्रेडिंग में लोगों का रुझान बढ़ता जा रहा है। मौजूदा समय में बिटक्वाइन 32,640.73 डॉलर के करीब है। मालूम हो कि बिटक्वाइन क्रिप्टोकरेंसी की ऑलटाइम हाई कीमत 64,829.14 डॉलर रही है।

आप केवल अपने बैंक या निवेश फर्म से क्रिप्टो नहीं खरीद सकते। बिटक्वाइन, एथेरियम, या कोई अन्य क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए आपको क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर एक खाता बनाना होगा। सही क्रिप्टो एक्सचेंज चुनना बेहद अहम है।

क्या है क्रिप्टो एक्सचेंज?
क्रिप्टो एक्सचेंज एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां से आप क्रिप्टोकरेंसी खरीद और बेच सकते हैं। एक्सचेंज उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली क्रिप्टोकरेंसी की मौजूदा बाजार कीमतों को दर्शाते हैं। एक्सचेंज के जरिए आप एक क्रिप्टोकरेंसी के बदले दूसरी क्रिप्टोकरेंसी, जैसे बिटक्वाइन के बदले लाइटक्वाइन खरीद सकते हैं या क्रिप्टोकरेंसी को अमेरिकी डॉलर या कियी अन्य मुद्रा से भी खरीद सकते हैं। अपने खाते में पैसे रखने के लिए आप क्रिप्टो को दोबारा डॉलर में भी बदल सकते हैं।

क्रिप्टो एक्सचेंज में क्या देखना जरूरी?

    स्थान- राज्य या राष्ट्रीय नियमों के कारण आपकी लोकेशन आपको कुछ एक्सचेंजों पर क्रिप्टो खरीदने और बेचने से रोक सकती है। जैसे चीन ने नागरिकों के लिए क्रिप्टोकरेंसी खरीदने पर प्रतिबंध लगाया है। संयुक्त राज्य में कुछ राज्यों क्या मुझे क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार करना चाहिए ने अपने स्वयं के नियम बनाए हैं। जैसे न्यूयॉर्क में एक्सचेंज के लिए बिटलाइसेंस प्राप्त करना आवश्यक है और केवल लाइसेंस प्राप्त कंपनियों को कुछ स्वीकृत सिक्कों की पेशकश करने की अनुमति है। अधिकांश अन्य राज्यों में न्यूयॉर्क की तरह सख्त नियम नहीं हैं।

Cryptocurrency और Digital Currency में क्या अंतर है? आसान शब्दों में समझिए

Cryptocurrency और Digital Currency में क्या अंतर है? आसान शब्दों में समझिए

Cryptocurrency Vs Digital Currency क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी दो अलग-अलग चीजें हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने खुद इस बात को स्पष्ट किया है कि क्रिप्टोकरेंसी कोई डिजिटल करेंसी है। डिजिटल करेंसी वो होता है जिसे केंद्रीय बैंक जारी करता है।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को अपने बजट 2022-23 के भाषण के दौरान डिजिटल संपत्ति, जिसमें क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) और अपूरणीय टोकन (NFTs) शामिल हैं, उनके हस्तांतरण से होने वाली किसी भी आय पर 30 प्रतिशत कर लगाने की घोषणा की। और, इसके तुरंत बाद वित्त मंत्री ने भारत की अपनी डिजिटल करेंसी का भी ऐलान कर दिया। वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) जल्द ही अपनी डिजिटल करेंसी जारी करेगा। सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) को वित्त वर्ष 2022-23 किसी समय जारी किया जा सकता है।

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डिजिटल संपत्ति के लिए कराधान की घोषणा के तुरंत बाद सीबीडीसी की घोषणा ने बहुत से लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या सीबीडीसी पर भी कर लगेगा। ऐसे इसीलिए हुआ क्योंकि ज्यादातर लोग क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी को एक ही मान रहे हैं। हालांकि, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात को साफ किया क्रिप्टोकरेंसी (उन्होंने सिर्फ क्रिप्टो ही बोला था, इसके आगे करेंसी नहीं जोड़ा था) कोई करेंसी नहीं है। करेंसी वो होती है, जिसे केंद्रीय बैंक जारी करता है, जिसे वह इस साल जारी करेगा।

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क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी में अंतर?

डिजिटल करेंसी अनिवार्य रूप से सरकार द्वारा जारी करेंसी का इलेक्ट्रॉनिक रूप है जबकि क्रिप्टोकरेंसी मूल्य का एक भंडार है, जो एन्क्रिप्शन के द्वारा सुरक्षित है। क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल संपत्ति कहलाती हैं जबकि डिजिटल करेंसी कोई डिजिटल संपत्ति नहीं है। लोगों ने विशेष रूप से महामारी के दौरान जिन डिजिटल वॉलेट का उपयोग करना शुरू किया, उनमें डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी, दोनों हो सकते हैं लेकिन यह दोनों वास्तव में एक दूसरे से अदली-बदली नहीं जा सकती हैं।

Air India to introduce premium economy class in certain long haul flights next month (Jagran File Photo)

डिजिटल करेंसी, मौजूदा पेपर मनी (नोट) का इलेक्ट्रॉनिक रूप है। यह संपर्क रहित लेनदेन में उपयोग की जा सकती है, जैसे- आपके बैंक खाते से इलेक्ट्रॉनिक रूप से किसी और को भुगतान करना। सभी ऑनलाइन लेनदेन में डिजिटल करेंसी शामिल होती है। हालांकि, जब आप उस पैसे को बैंक या एटीएम से निकाल लेते हैं, तो वह डिजिटल करेंसी, तरल नकदी में बदल जाती है।

क्रिप्टोक्यूरेंसी मूल्य का एक भंडार है, जो एन्क्रिप्शन द्वारा सुरक्षित है। क्रिप्टोक्यूरेंसी निजी स्वामित्व में हैं और इन्हें उन्नत ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करके बनाया गया है। अभी तक अधिकांश देशों में क्रिप्टोक्यूरेंसी को नियमित नहीं किया गया है। हालांकि, डिजिटल करेंसी केंद्रीय बैंक द्वारा नियमित होती है।

Nexus Select Trust Submit drhp to SEBI know Details (Jagran File Photo)

डिजिटल करेंसी को एन्क्रिप्शन की आवश्यकता नहीं है लेकिन हैकिंग और चोरी की संभावना को कम करने के लिए सभी उपयोगकर्ताओं को अपने डिजिटल वॉलेट और बैंकिंग ऐप को मजबूत पासवर्ड तथा बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के साथ सुरक्षित करने की आवश्यकता होती है। यही बात डेबिट और क्रेडिट क्या मुझे क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार करना चाहिए कार्डों पर भी लागू होती है, जिनसे डिजिटल करेंसी में लेनदेन किया जाता है।

क्रिप्टोकरेंसी को मजबूत एन्क्रिप्शन द्वारा संरक्षित किया जाता है और क्रिप्टो में व्यापार करने के लिए उपयोगकर्ताओं के पास बैंक अकाउंट होना चाहिए, जिससे वह डिजिटल करेंसी (बैंक खाते में पैसे) से बदले ऑनलाइन तरीके से संबंधित मूल्य की क्रिप्टोकरेंसी खरीदता है। इसे ऐसे समझिए कि आपके बैंक खाते में 100 रुपये हैं और आपने उन 100 रुपये का टिजिटल तरीके से कोई सामान (जिसकी मौजूदा कीमत 100 रुपये है) खरीदा है।

क्रिप्टोकरेंसी उद्योग ने सरकार से सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर दृष्टिकोण अपनाने की अपील की

नयी दिल्ली, 24 नवंबर (भाषा) क्रिप्टो करेंसी उद्योग ने बुधवार को सरकार से भारत में क्रिप्टो क्या मुझे क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार करना चाहिए परिसंपत्तियों को विनियमित करने के लिए सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए दृष्टिकोण अपनाने की अपील की और देश में निवेशकों को शांत रहने तथा जल्दबाजी में किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचने के लिए कहा।सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित विधेयक पेश कर सकती है। इसमें निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने तथा रिजर्व बैंक द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा को विनियमित करने के लिये ढांचा तैयार करने की बात कही गयी है। लोकसभा के क्या मुझे क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार करना चाहिए बुलेटिन के अनुसार, संसद के शीतकालीन

सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित विधेयक पेश कर सकती है। इसमें निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने तथा रिजर्व बैंक द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा को विनियमित करने के लिये ढांचा तैयार करने की बात कही गयी है।

लोकसभा के बुलेटिन के अनुसार, संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान निचले सदन में पेश किये जाने वाले विधेयकों की सूची में क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 सूचीबद्ध है।

इस विधेयक में भारतीय रिजर्ब बैंक द्वारा जारी आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के सृजन के लिये एक सहायक ढांचा सृजित करने की बात कही गयी है। इस प्रस्तावित विधेयक में भारत में सभी तरह की निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने की बात कही गयी है। हालांकि, इसमें कुछ अपवाद भी है, ताकि क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित प्रौद्योगिकी एवं इसके उपयोग को प्रोत्साहित किया जाए।

भारत में अभी क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग के संबंध में न तो कोई प्रतिबंध है और न ही कोई नियमन की व्यवस्था है।

बाय-यूक्वाइन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) शिवम ठकराल ने कहा कि कंपनी उम्मीद करती है कि विधेयक भारतीय क्रिप्टो धारकों, भारतीय क्रिप्टो उद्यमियों और निवेशकों की आकांक्षाओं को ध्यान में रखेगा, जिन्होंने भारत में क्रिप्टो करेंसी के विकास में अपना विश्वास रखा है।

उन्होंने कहा, "नयी ब्लॉकचेन परियोजनाओं के फलने-फूलने के लिए क्रिप्टो विधेयक में पर्याप्त लचीलापन होना चाहिए और हमारा मानना है कि व्यापार के लिए भारत में किसी भी एक्सचेंज में क्या मुझे क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार करना चाहिए सूचीबद्ध होने से पहले नयी क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक मानक प्रक्रिया होनी चाहिए।

ठकराल ने कहा, "मुझे लगता है कि बिटकॉइन और एथेरियम जैसी लोकप्रिय क्रिप्टो परिसंपत्तियों को एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने के लिए नियामकों द्वारा पूर्व-अनुमोदित किया जाएगा। हम सरकार से क्रिप्टो परिसंपत्तियों के कराधान और फाइलिंग पर तत्काल स्थिति स्पष्ट करने का भी अनुरोध करते हैं।"

कॉइनस्विच कुबेर के संस्थापक और सीईओ आशीष सिंघल ने कहा कि उद्योग निवेशकों की सुरक्षा को सबसे आगे रखते हुए सभी हितधारकों के साथ सक्रिय रूप से संवाद कर रहा है।

उन्होंने कहा, "पिछले कुछ हफ्तों में हमारी चर्चा से संकेत मिलता है कि ग्राहकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर एक व्यापक सहमति है, वित्तीय प्रणाली की स्थिरता को सुदृढ़ किया गया है और भारत क्रिप्टो प्रौद्योगिकी क्रांति का लाभ उठाने में सक्षम है।"

ब्लॉकचेन और क्रिप्टो एसेट्स काउंसिल (बीएसीसी) के सह-अध्यक्ष सिंघल ने कहा, "इस समय, मैं देश के सभी क्रिप्टो संपत्ति निवेशकों से शांत बने क्या मुझे क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार करना चाहिए रहने की अपील करता हूं, वे घबराहट में किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले अपनी तरफ से शोध करें।"

ओकेएक्सडॉटकॉम के सीईओ जय हाव ने कहा कि भारत में दुनिया में सबसे अधिक क्रिप्टो धारक हैं और देश में इतने सारे क्रिप्टो निवेशकों के हितों की रक्षा करने की जिम्मेदारी सरकार पर है।

उन्होंने कहा, "हम सरकार से भारत में क्रिप्टो परिसंपत्तियों को विनियमित करने के लिए एक सूक्ष्म दृष्टिकोण अपनाने की अपील करते हैं। क्रिप्टोकरेंसी विधेयक के सकारात्मक परिणाम के साथ, भारत क्रिप्टो, डेफी (विकेंद्रित वित्त) और एनएफटी (नॉन फंजिबल टोकन) में वैश्विक गुरु बनने की एक रोमांचक यात्रा शुरू करेगा।"

भारत में अभी क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग के संबंध में न तो कोई प्रतिबंध है और न ही कोई नियमन की व्यवस्था है।

इस पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी महीने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी और संकेत दिया था कि इस मुद्दे से निपटने के लिये सख्त विनियमन संबंधी कदम उठाए जाएंगे।

हाल के दिनों में काफी संख्या में ऐसे विज्ञापन आ रहे हैं जिसमें क्रिप्टोकरेंसी में निवेश में काफी फायदे का वादा किया गया और इनमें फिल्मी हस्तियों को भी दिखाया गया। ऐसे में निवेशकों को गुमराह करने वाले वादों को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही थी ।

पिछले सप्ताह वित्त मामलों पर संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष एवं भाजपा सांसद जयंत सिन्हा ने क्रिप्टो एक्सचेंजों, ब्लॉकचेन एवं क्रिप्टो आस्ति परिषद (बीएसीसी) के प्रतिनिधियों एवं अन्य लोगों से मुलाकात की थी और इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि क्रिप्टो करेंसी को प्रतिबंधित नहीं किया जाना चाहिए बल्कि इसका नियमन किया जाना चाहिए।

भारतीय रिजर्व बैंक ने बार बार क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ सख्त विचार व्यक्त किए हैं।

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी इस महीने के प्रारंभ में क्रिप्टोकरेंसी को अनुमति दिये जाने के खिलाफ सख्त विचार व्यक्त किये थे और कहा था कि ये वित्तीय प्रणाली के लिये गंभीर खतरा है।

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