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शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है?

शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है?

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शेयर मार्किट में स्टॉक स्प्लिट का मतलब होता हे की। किसी भी कंपनी को अपनी शेयर प्राइज की कीमत कम करनी हो तो वो शेयर्स को स्प्लिट करता हे। यानि अपनी शेयर प्राइज घटाता हे। लेकिन उसका शेयर्स होल्डर की वैल्यू पर कोई फरक नहीं पड़ता। इसेही शेयर का स्प्लिट होना कहते हे।

नमस्ते दोस्तों आज हम देखने वाले हे की stock split kya hota hai क्या होता हे। और कंपनी शेयर्स को स्प्लिट क्यों कराती हे। और शेयर्स के स्प्लिट होने के क्या क्या फायदे हे। और रिवर्स स्टॉक स्प्लिट क्या होता हे। ये सब हम आज देखने वाले हे।

stock split kya hota hai

स्टॉक स्प्लिट क्या होता है ?

स्टॉक स्प्लिट होना एक कॉर्पोरेट एक्शन हे। जिसमे कंपनी अपने रेश्यो को अलग अलग हिस्सों में विभाजन करती हे। इससे कंपनी के शेयर की मात्रा बढ़ जाती हे। और उसी रेशो में कंपनी की शेयर कीमत और फेस वैल्यू कम हो जाती हे, जिस रेशो में स्टॉक स्प्लिट हुआ हे। लेकिन इसका शेयर होल्डर के मूल्य पर कोई असर नहीं होता। क्यूंकि शेयर्स होल्डर के शेयर की मात्रा भी बढ़ जाती हे।

जैसे की एक उदहारण से समझते हे -किसी कंपनी की शेयर प्राइज १०० रुपये चल रही हो। और फेस वैल्यू १० रुपये चल रही हे। हमारे पास १०० शेयर हे उस कंपनी के। हमारा कुल मूल्य १०००० रु हे। उस कंपनीने स्टॉक को स्प्लिट किया २:१ के रेशो में। तो उस कंपनी के शेयर की मात्रा बढ़ जाएगी। मतलब हमारे पास अभी १०० की जगह २०० शेयर हो जाएंगे।

लेकिन उसकी शेयर कीमत ५० रु हो जाएगी। और कंपनी की फेस वैल्यू ५ रुपाए हो जाएगी। हमारी वैल्यू ५० * २०० =१०००० ही रहेगी। इसका हमरे कुल मूल्य पर कोई असर नहीं होता हे।जैसे स्टॉक स्प्लिट का रेशो रहेगा उसी तरह से कंपनी का फेस वैल्यू और शेयर के कीमत का रेशो रहेगा।

company stock split kyu karavati he

कंपनी स्टॉक स्प्लिट क्यों करवाती हे ?

कंपनी का शेयर प्राइज अगर ज्यादा उपर (हाई ) हे। और उसके जैसे कंपनी की प्राइज कम हे। तो ऐसे में कंपनी अपना स्टॉक स्प्लिट करती हे। इससे उसकी शेयर प्राइज कम हो जाती हे। और उसके जैसे कंपनी के शेयर प्राइज के आसपास प्राइज उसकी प्राइज ले आती हे। क्युकी हाई प्राइज पर एक सामान्य निवेशक निवेश नहीं कर सकता हे। इसीलिए कंपनी स्टॉक स्प्लिट करके शेयर प्राइज को कम करती हे। और इससे सामान्य निवेशक निवेश कर सकते हे।

उदाहरन के तौर पर समझते हे – समझो किसी आईटी कंपनियों की शेयर प्राइज ५०० रुपये हे। और एक आईटी कंपनी की शेयर प्राइज १००० रुपये हे। तो इसमें ये कंपनी अपना स्टॉक स्प्लिट करके अपनी प्राइज ५०० रुपये कर सकती हे। ऐसे में सामन्य निवेशक उसमे निवेश कर सकते हे।

stock split ke kya fayde he

स्टॉक स्प्लिट के फायदे

कंपनी का स्टॉक स्प्लिट होने से समान्य निवेशक उसमे निवेश करने लगते हे। इससे उस शेयर की डिमांड बढ़ जाती हे। और शेयर की प्राइज बढ़ने लगती हे। स्टॉक स्प्लिट होना ये एक कंपनी की सकारात्मक संकेत दर्शाता हे। इससे शेयर में निवेश बढ़ जाता हे। और डिमांड बढ़ कर शेयर प्राइज बढ़ने लगाती हे।

reverse stock split

रिवर्स स्टॉक स्प्लिट

इसका मतलब होता हे की कंपनी। स्टॉक स्प्लिट के पूरा उल्टा कराती हे। रिवर्स स्टॉक स्प्लिट जे रेशो के हिसाब से शेयर की प्राइज बढाती हे। और फेस वैल्यू भी बढाती हे। लेकिन शेयर होल्डर की कुल शेयर्स की मात्रा रेशो के हिसाब से कम हो जाती हे। लेकिन इसका शेयर होल्डर के कुल मूल्य पर कोई असर नहीं होता।

रिवर्स स्टॉक स्प्लिट होना एक नकारात्मक संकेत रहता हे। क्युकी कंपनी की शेयर शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है? प्राइज बढ़ नहीं रही थी। तो कंपनी अपना रिवर्स स्टॉक स्प्लिट करवाती हे। इससे प्राइज तो बढाती हे। लेकिन को कुल शेयर की मात्रा काम हो जाती हे।

निष्कर्ष

तो इस तरह stock split kya hota hai ये हमने समझा। और स्टॉक स्प्लिट से क्या असर होता हे। और क्या फायदे होते हे। ये हमने देखा। एक तरह से स्टॉक स्प्लिट होना ये शेयर होल्डर के लिए अच्छा ही होता हे। क्युकी स्टॉक स्प्लिट होने से निवेशकों को लगता हे की शेयर की प्राइज सतत बढ़ रही थी। तो आगेभी बढाती रहेगी।

यकीन हे की आपको आजकी ये हमारी पोस्ट stock split kya hota hai पसंद आयी हो। और आपको महत्वपूर्ण जानकारी देने में हम सफल रहे हो। आपको हमारी ये पोस्ट पसंद आये तो कृपया इसे अपने फॅमिली या दोस्तों के साथ शेयर जरूर कीजियेगा।

और अगर आपको शेयर मार्किट सम्बन्धी कोई भी जानकारी चाहिए हो तो आप हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर भेज सकते हे। धन्यवाद !शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है?

Stock Split क्या है?

स्टॉक स्प्लिट क्या है? [What is Stock Split? In Hindi]

Stock Split तब होता है जब शेयरों की संख्या गुणा हो जाती है। धारित शेयरों की संख्या में 'Split' होता है। तकनीकी रूप से कंपनी द्वारा कोई नया शेयर जारी नहीं किया जा रहा है। शेयरों की मौजूदा संख्या को विभाजित या विभाजित किया जा रहा है। मान लीजिए कि कोई कंपनी 1:2 के अनुपात में स्टॉक विभाजन की घोषणा करती है। इसका मतलब है कि धारित प्रत्येक 1 शेयर के लिए, यह 2 शेयर बन जाएगा, धारित प्रत्येक 100 शेयरों के लिए, शेयर की संख्या 200 शेयर हो जाएगी।

रिवर्स स्टॉक स्प्लिट या स्टॉक मर्ज क्या है? [What is Reverse Stock Split or Stock Merge?In Hindi]

शेयरों के संबंध में कंपनियां एक और कदम उठाती हैं, वह है रिवर्स स्टॉक स्प्लिट। इस उदाहरण में, कंपनी बकाया शेयरों की कुल संख्या को गुणक से कम कर देती है और इस तरह स्टॉक के शेयर की कीमत को बहुत अधिक बढ़ा देती है। शेयरों के मूल्य में परिवर्तन के साथ कंपनी का बाजार पूंजीकरण वही रहता है। यदि आपके पास INR 200 प्रत्येक के 10 शेयर हैं और कंपनी ने दो के लिए एक का रिवर्स स्टॉक विभाजन करने का निर्णय लिया है, तो आप INR 400 प्रति शेयर के 5 शेयरों के साथ समाप्त होंगे।

यह बिल्कुल वैसा ही है जैसे कोई आपको दो रुपये 200 रुपये के नोटों के बदले चार रुपये 100 रुपये के नोटों का भुगतान करता है। आप एक के बजाय दो नोटों के साथ समाप्त होते हैं लेकिन मूल्य वही रहता है।

स्टॉक विभाजन के कारण [Due to stock split] [In Hindi]

कोई कंपनी अपने बकाया स्टॉक शेयरों को दोगुना या तिगुना क्यों करना चाहेगी यदि उसका बाजार पूंजीकरण प्रभावित नहीं होगा?

स्टॉक विभाजन के कई कारण हैं। हालांकि, दो ऐसे हैं जो सबसे आम हैं। पहले कथित कंपनी तरलता के साथ क्या करना है। प्रत्येक शेयर की कीमत में एक निश्चित प्रतिशत की गिरावट के साथ - कंपनी द्वारा उपयोग किए जाने वाले अनुपात के आधार पर - निवेशक कंपनी के स्टॉक को अधिक किफायती मानते हैं, और इसलिए शेयर खरीदने की अधिक संभावना हो सकती है। शेयर की कीमत जितनी कम होगी, शेयर उतना ही कम जोखिम भरा लगता है।

Stock Split क्या है?

स्टॉक स्प्लिट स्टॉक शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है? को अधिक निवेशकों के लिए अधिक किफायती बनाता है और इस प्रकार नए निवेशकों को आकर्षित करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है जो अनिच्छुक हो सकते हैं या स्टॉक को अपने उच्च, पूर्व-विभाजन मूल्य पर खरीदने में असमर्थ हो सकते हैं। Stock क्या है?

यह कदम एक उपयोगी रणनीति है जब किसी कंपनी के शेयर की कीमत उस स्तर तक बढ़ जाती है, जो कई निवेशकों की कीमत होती है, या जब कीमत अपने प्रतिस्पर्धियों के स्टॉक से काफी अधिक बढ़ जाती है।

स्टॉक स्प्लिट अच्छा है या बुरा? [Is Stock Split Good or Bad?In Hindi]

Stock Split आम तौर पर तब किया जाता है जब किसी कंपनी के शेयर की कीमत इतनी अधिक बढ़ जाती है कि यह नए निवेशकों के लिए एक बाधा बन सकती है। इसलिए, विभाजन अक्सर विकास या भविष्य के विकास की संभावनाओं का परिणाम होता है, और यह एक सकारात्मक संकेत है। इसके अलावा, एक स्टॉक की कीमत जो अभी-अभी विभाजित हुई है, उसमें तेजी देखी जा सकती है क्योंकि नए निवेशक अपेक्षाकृत बेहतर कीमत वाले शेयरों की तलाश करते हैं।

क्या स्टॉक स्प्लिट कंपनी को कम या ज्यादा मूल्यवान बनाता है? [Does a stock split make the company more or less valuable?In Hindi]

नहीं, विभाजन तटस्थ क्रियाएं हैं। Split से बकाया शेयरों की संख्या बढ़ जाती है, लेकिन इसका समग्र मूल्य नहीं बदलता है। इसलिए शेयरों की कीमत कंपनी के वास्तविक बाजार पूंजीकरण को दर्शाने के लिए नीचे की ओर समायोजित होगी। यदि कोई कंपनी लाभांश का भुगतान करती है, तो नए लाभांश को वस्तु के रूप में समायोजित किया जाएगा। स्प्लिट्स भी नॉन-डिल्यूटिव होते हैं, जिसका अर्थ है कि शेयरधारक वही वोटिंग अधिकार बनाए रखेंगे जो उनके पास विभाजन से पहले थे।

शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है?

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स्टॉक स्प्लिट क्या होता है और क्यों लाया जाता है ?

  • Post last modified: September 12, 2020
  • Post author: Yogesh Singh
  • Post category: Share Market
  • Post comments: 0 Comments

दोस्तों हमने अपने पहले के पोस्ट में बोनस शेयर का जिक्र किया की बोनस शेयर क्या होते है ,निवेशकों पर उसका क्या प्रभाव पड़ता है ,आज हम उसी से मिलता जुलता एक Corporate Action stock split के बारे में जानेंगे ,ये Stock Split क्या है ? कैसे काम करता है ,क्या इसका निवेशकों पर प्रभाव पड़ता है ,आज हम इस पोस्ट के माध्यम से इन सभी सवालों के उत्तर देंगे आइए जानते है –

Stock Split क्या है – What Is Stock Split In Hindi

स्टॉक स्प्लिट का मतलब होता शेयर्स का विभाजन, जिस तरह split का हिंदी में मतलब किसी चीज़ का विभाजन होता है ठीक उसी तरह शेयर मार्किट में स्टॉक स्प्लिट का मतलब शेयर्स का विभाजन होता है ,यह एक Corporate Action है ,जो स्टॉक मार्किट में लिस्टेड कंपनियों द्वारा इच्छानुसार किया जाता है ,इसका मतलब जरुरी नहीं है की स्टॉक मार्किट में लिस्टेड हर एक कंपनी अपने स्टॉक स्प्लिट करेगी ,स्टॉक स्प्लिट करने का फैसला कंपनी का निजी फैसला होता है

Stock Split कैसे काम करता है ?

कंपनियों द्वारा स्टॉक स्प्लिट शेयर्स को तोड़ने तथा बाजार में अपनी कंपनी के शेयर्स की संख्या को बढ़ाने के काम में आता है ,कंपनिया अपने शेयर्स को किसी भी अनुपात 1,2,3,4 इत्यादि में स्प्लिट कर सकती है ,

जैसे हम stock split example से समझते है ,अगर कोई ABC कंपनी अपने स्टॉक को 1 :1 अनुपात में स्प्लिट करती है तो प्रत्येक व्यक्ति जो उस कंपनी का निवेशक है उसके शेयर्स का 1 :1 अनुपात में विभाजन हो जायगा और उसके प्रत्येक शेयर अब दो शेयर्स में तब्दील हो जायँगे

क्या Stock Split करने से कंपनी के मार्किट कैप पर कोई असर होता है ?

जी नहीं स्टॉक स्प्लिट करने से कंपनी के मार्किट कैप में कोई असर नहीं पड़ता ,जब कंपनी अपने स्टॉक को किसी अनुपात में स्प्लिट करती है ,तो उसी अनुपात में उसके प्रत्येक शेयर्स की मार्किट वैल्यू कम हो जाती है जैसे की हमने अपने पिछले उदाहरण में देखा की कंपनी ABC ने अपने शेयर्स को 1 :1 अनुपात में विभाजन करने का निर्णय लिया ,

मान लीजिये कंपनी के पास 10,000 शेयर्स है जिनमे प्रत्येक शेयर्स की मार्किट वैल्यू 1000 रूपए है ,इसी तरह कंपनी का मार्किट कैप 10,000*1000 =100,00000 यानी 1 करोड़ रूपए है ,अब जब कंपनी 1:1 अनुपात में शेयर्स को स्प्लिट करती है ,तो उसके शेयर्स की संख्या 20,000 हो जाएगी ,और प्रत्येक शेयर की मार्किट वैल्यू 1:1 अनुपात में घटकर 500 रूपए हो जाएगी , 20,000*500=100,00000 लेकिन उसका मार्किट कैप 1 करोड़ रूपए ही रहेगा

अब स्प्लिट से पहले जिस व्यक्ति के पास ABC कंपनी के 500 शेयर्स थे ,अब उसके शेयर्स की संख्या बढ़कर 1000 हो जाएंगी ,और उसके प्रत्येक शेयर्स की फेस वैल्यू भी अब आधी हो जाएगी

क्यों लाया जाता है Stock Split क्या इससे कंपनी या निवेशक को कोई फायदा होता है ?

कंपनी स्टॉक स्प्लिट क्यों करती है ,इसके दो कारण हो सकते है ,जैसे की अपने कंपनी के शेयर्स को बढ़ाना ताकि और और लोग कंपनी के शेयर्स ले सके और दूसरा liquidity ,

जैसे जैसे कंपनी के शेयर्स के दाम बढ़ते है वैसे ही उसमे liquidity की दिक्कत आने लगती है ,liquidity का मतलब होता है शेयर्स को बेचना ,क्योंकि ज्यादातर लोग महंगे शेयर्स को नहीं ले सकते है ,जिस तरह MRF कंपनी का एक शेयर 60,000 शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है? रूपए का है अब हर कोई 60,000 रूपए का शेयर्स नहीं ले सकता ,जिस कारण MRF के शेयर्स में liquidity की दिक्कत रहती है क्योंकि उनके निवेशक को खरीदार मिलना मुश्किल हो जाता है ,

ठीक इसी प्रकार कंपनी liquidity की समस्या कम करने और शेयर्स की संख्या को बढ़ाने के लिए कंपनी अक्सर अपने स्टॉक को स्प्लिट करती है ,ताकि छोटे निवेशक भी इन कंपनियों के शेयर्स में निवेश कर सके

निवेशक को स्टॉक स्प्लिट्स से क्या फायदा होता ?,देखिये अब स्टॉक स्प्लिट्स के बाद निवेशक के शेयर्स की संख्या बढ़ जाती है और शेयर्स के दाम घट जाते है ,जिससे की नए निवेशक को कम दाम में कंपनी के शेयर्स मिल जाते है

स्टॉक स्प्लिट्स से liquidity भी बढ़ जाती है ,जिसका फायदा ये होता है की अब आप अपने कंपनी के शेयर्स आसानी से बेच सकते है ,और आपको खरीददार ढूंढ़ने या शेयर्स को बेचने में दिक्कत नहीं आती और liquidity बढ़ने से स्टॉक मार्किट में कंपनी के शेयर्स का वॉल्यूम भी बढ़ता है, और अगर डिमांड सप्लाई के साथ कंपनी की ग्रोथ भी अच्छी हो है तो पहले के मुकाबले अब आपके पास ज्यादा शेयर्स भी होते है और उनके दाम बढ़ने की दर स्टॉक स्प्लिट्स के पहले के मुकाबले अब अच्छी होती है

Note :वॉल्यूम शेयर्स के लेन देन को कहा जाता है अगर कोई एक बार शेयर खरीदता और बेचता है तो उसे 2 वॉल्यूम कहते है एक बेचने और दूसरा खरीदने के लिए अगर एक दिन में कंपनी के शेयर्स का वॉल्यूम शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है? 1000 है तो उसका मतलब उस कंपनी के शेयर्स को उस दिन 500 बार खरीदा और 500 बार बेचा गया है

Reverse stock split क्या होता है ?

Reverse स्टॉक स्प्लिट ,स्टॉक स्प्लिट के बिलकुल विपरीत होता है जिसमे शेयर्स को merge किया जाता है ,जिससे की कंपनी अपने शेयर्स के दाम बढ़ा सके और बाजार में अपने शेयर्स की सँख्या को कम कर सके

बोनस शेरस और स्टॉक स्प्लिट्स में क्या अंतर है ?

बोनस शेयर्स और स्टॉक स्प्लिट्स में दो अंतर है –

  1. बोनस शेयर्स में कंपनी के शेयर्स को बढ़ाया जाता है ,जबकि स्टॉक स्प्लिट्स में मौजूदा शेयर्स को विभाजित किया जाता है
  2. बोनस शेयर्स लाने से कंपनी के शेयर्स की फेस वैल्यू कम नहीं होती वही स्टॉक स्प्लिट्स में फेस वैल्यू को कम किया जाता है

निष्कर्ष

आज के हमारी पोस्ट में स्टॉक स्प्लिट्स से जुडी ध्यान देनी वाली बाते यह है ,

  • Stock Split द्वारा कंपनी के कुल शेयर की संख्या में बढ़ोतरी की जाती है,
  • कंपनी द्वारा Stock Split किए जानेसे कंपनी के मार्केट कैप पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा
  • Stock Split करने से कंपनी के शेयर का फेस वैल्यू कम हो जाता है,

Disclaimer : हम यहाँ पर किसी भी कंपनी का कोई प्रचार नहीं कर रहे है ,और न ही आपको इनमे निवेश करने की कोई सलाह दे रहे है,निवेश करने का फैसला आपका अपना निजी होना चाहिए

तो दोस्तों आज हमने जाना की व्यापार में Stock Split क्या है ? What Is Stock Split In Hindi और इसका निवेशको पर क्या प्रभाव पड़ता है ,आशा है आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई होगी ,अगर आपका कोई सुझाव है तो हमे हमे जरूर बताये

Face Value Meaning in Hindi

Face Value Meaning in Hindi फेस वैल्यू क्या है शेयरों के संदर्भ में यह जानना और समझना बहुत आवश्यक है कि फेस वैल्यू क्या है किसी शेयर की वैल्यूएशन अथवा बाजार भाव से इसका क्या सम्बन्ध है. यहाँ हम यह भी समझेंगे की किस तरह यदि शेयर स्प्लिट Split होता है तो इसका शेयर की फेस वैल्यू पर क्या असर पड़ता है और शेयर के स्प्लिट होने पर उसके बाजार भाव पर क्या असर पड़ सकता है.

Face Value Meaning In Hindi

Face Value Meaning In Hindi

शेयर की वास्तविक कीमत होती है जो कि शेयर प्रमाण पत्र पर अंकित रहती है उसे अंकित मूल्य यानी Face Value कहते हैं। यदि अबस कंपनी की कुल शेयर पूँजी दो करोड़ रुपये है और वह दस रुपये प्रति शेयर के बीस लाख शेयर जारी करती है तो दस रुपये अबस कंपनी के शेयर की Face Value यानी अंकित मूल्य होगी. Face Value को पार वैल्यू Par Value या केवल पार भी कहते हैं.

Face Value Meaning In Hindi – Above Par, Below Par और At Par

अब यदि अबस कंपनी का शेयर बाजार में सूचिबध होने के बाद मांग बढ़ने के कारण शेयर बाजार में बढ़ कर रुपये 15 हो जाता है तो अब इसे प्रीमियम वैल्यू या अबव पार Above Par कहेंगे. और यदि शेयर की बाजार कीमत घट कर आठ रुपये रह जाती है तो इसे डिस्काउंट वैल्यू या बिलो पार Below Par कहेंगे. दस रुपये के शेयर की कीमत यदि बाजार में भी दस रुपये ही है तो इसे एट पार At Par कहेंगे. इसे भी पढ़ें IPO क्या है।

निवेश से पहले Face Value ज़रूर देखें

अक्सर शेयर खरीदते समय खरीददार शेयर की Face Value चैक नहीं करते. ध्यान दीजिये की यदि ए कंपनी का एक रुपये Face Value का शेयर बीस रुपये में बिक रहा है और बी कंपनी का दस रुपये Face Value का शेयर बीस रुपये में बिक रहा है तो इसका क्या मतलब होगा? इसका मतलब यह होगा कि ए कंपनी का शेयर अपनी Face Value से बीस गुना कीमत पर बिक रहा है और बी कंपनी का शेयर अपनी फेस वैल्यू से दो गुना कीमत पर बिक रहा है. यानि ए कंपनी का शेयर बी कंपनी के मुकाबले अधिक प्रीमियम पर बिक रहा है.

Face Value बदल भी सकती है

कंपनी अपने शेयर की Face Value को बदल भी सकती है. कम्पनियां अपने शेयर को स्प्लिट Split यानी विभाजित कर उसके फेस वैल्यू को बदल सकती है. कल्पना कीजिये की यदि आपके पास अबस कंपनी के दस रुपये फेस वैल्यू के सौ शेयर हैं और उनका बाजार भाव पचास रुपये प्रति शेयर है. कंपनी अपने शेयरों को स्प्लिट करके उनकी फेस वैल्यू को पांच रुपये प्रति शेयर कर देती है. ऐसी स्थिती में कम्पनी आपके दस रुपये फेस वैल्यू वाले सौ शेयरों को पांच रुपये फेस वैल्यू के दो सौ शेयरों में परिवर्तित कर देगी. अब आपके शेयर का बाजार भाव भी कम हो कर पच्चीस रुपये प्रति शेयर के आस पास हो जाने की संभावना है.

शेयर Split का फेस वैल्यू पर असर

अधिकतर स्प्लिट होने के बाद शेयरों का बाजार भाव उसी अनुपात में नहीं घटता जिस अनुपात में Face Value घटती है. इसीलिए संभावना है की इस उदहारण में स्प्लिट होने के बाद शेयर की बाजार कीमत पच्चीस रुपये से अधिक होगी. अक्सर कम्पनियाँ अपने शेयरों की बाजार में कीमत बहुत अधिक हो जाने पर शेयरों को स्प्लिट करतीं हैं जिससे उनके शेयरों की कीमत छोटे निवेशकों की पहुँच में रहे और वे इन शेयरों में निवेश कर सकें.

फेस वैल्यू क्या है Face Value meaning in Hindi और इसका क्या महत्व है यह मैंने यहाँ आसान हिंदी में समझाने की कोशिश की है.

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