करेंसी किसे कहते हैं

डिजिटल मुद्रा क्या है?
मुद्रा एक साधन है जिसके मूल्य से आप सामान और सेवाओं को खरीद सकते हैं। रुपया एक कागज़ी मुद्रा है जो भारतीय रिज़र्व बैंक छापता है जिससे हम रोज़मर्राह की चीजें इत्यादि खरीदते हैं। रुपैये का मूल्य रिज़र्व बैंक द्वारा तय होता है |
दूसरी ओर डिजिटल मुद्राएं हैं जो केंद्रीय बैंकों द्वारा जारी नहीं की जाती हैं। ये मुद्राएं हालांकि लोगों द्वारा दुनिया भर में सामान और सेवाओं के भुगतान के लिए स्वीकार की जा रही हैं |
एक पारंपरिक बैंक में आपका एक बैंक खाता होता है और बैंक आमतौर पर लेनदेन की प्रक्रिया के लिए कुछ चार्जेस लेता है।
डिजिटल मुद्रा का लेनदेन मूल्यतः इंटरनेट पर होता है | डिजिटल वॉलेट एक तरह का अकाउंट है जिसमे आप अपनी डिजिटल मुद्रा रखते हैं | इंटरनेट के माद्यम से डिजिटल मुद्रा का एक डिजिटल वॉलेट से दूसरे डिजिटल वॉलेट में ट्रांसफर होता है। इस प्रक्रिया में हमें बैंक के माध्यम से जाने की ज़रूरत नहीं पड़ती। डिजिटल वॉलेट को फोन, कंप्यूटर या अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के माध्यम से इस्तेमाल किया जा सकता है |
आप डिजिटल मुद्रा को किसी भी अन्य मुद्रा जैसे रुपया, डॉलर आदि के बदले में डिजिटल मुद्रा एक्सचेंजों पर खरीद सकते हैं |
डिजिटल मुद्रा को क्रिप्टो करेंसी (मुद्रा ) भी कहा जाता है। लाइटकोइन, जैकैश, एथ्यूरम, बिटकॉइन आदि सभी डिजिटल मुद्राओं का उदाहरण हैं जिनमें से बिटकॉइन सबसे लोकप्रिय है जिसे हम अगले भाग में विस्तार से समझेंगे।
क्या होते हैं Crypto Token, आप खुद भी बनाकर बेच सकते हैं अपना टोकन, जानिए कैसे
Crypto Tokens and Crypto Coin: एक तरह की डिजिटल करेंसी होती होती है, जो कॉइन या टोकन किसी भी रूप में हो सकती है. ये दोनों ही चीजें एक-दूसरे से काफी अलग होती हैं. इस आर्टिकल में हम यह जानेंगे कि अपना खुद का क्रिप्टो टोकन कैसे बनाया जा सकता है और यह क्रिप्टो कॉइन से अलग कैसे होता है.
Cryptocurrency Explainer : क्रिप्टो टोकन और क्रिप्टो कॉइन में है बड़ा फर्क. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
आप अपनी खुद की क्रिप्टोकरेंसी (how to make cryptocurrency) कैसे बना सकते हैं? इस सवाल का काफी सीधा जवाब हो सकता है, जो आपको चौंका सकता है. पिछले कुछ सालों में ढेरों क्रिप्टोकरेंसी डेवेलप की गई हैं, जिनमें से सबसे पॉपुलर बिटकॉइन, इथीरियम, डॉजकॉइन और लाइटकॉन जैसी करेंसीज़ हैं. सीधे शब्दों में कहें तो क्रिप्टोकरेंसी एक तरह की डिजिटल करेंसी होती होती है, जो कॉइन या टोकन (token) किसी भी रूप में हो सकती है. ये दोनों ही चीजें एक-दूसरे से काफी अलग होती हैं. इस आर्टिकल में हम यह जानेंगे कि अपना खुद का क्रिप्टो टोकन कैसे बनाया जा सकता है और क्रिप्टो कॉइन से अलग कैसे होता है.
क्रिप्टो टोकन क्या होते हैं?
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कॉइन और टोकन दोनों ही क्रिप्टोकरेंसी हैं, लेकिन फर्क ये होता है कि कॉइन्स अपनी खुद की ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर चलती हैं. ब्लॉकचेन एक डिजिटल बहीखाता होता है, जिसपर ब्लॉक पर होने वाले ट्रांजैक्शन का डेटा स्टोर होता है. हर ब्लॉक अपने पिछले ब्लॉक से एक यूनीक हैश कोड के जरिए जुड़ा होता है.
टोकन डिजिटल संपत्ति के वर्ग में रखे जाते हैं और ये पहले से मौजूद करेंसी किसे कहते हैं किसी अन्य ब्लॉकचेन पर काम करते हैं. उदाहरण के लिए इथीरियम एक ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म है और इसका अपना टोकन ईथर है. लेकिन ईथर की ही तरह कई दूसरे टाइप के टोकन्स भी हैं, जो इथीरियम प्लेटफॉर्म पर रन करते हैं.
कॉइन्स अपने खुद के डिजिटल बहीखाते पर चलते हैं और उनकी वैल्यू उनकी वेल्थ ट्रांसफर करने को लेकर है यानी कि वो दरअसल, पूंजी हैं. वहीं, टोकन का अपना कोई प्लेटफॉर्म नहीं होता है, ये किसी और प्लेटफॉर्म पर रन करते हैं. कॉइन्स, जोकि बस डिजिटल ही हो सकती है, टोकन किसी फिजिकल यानी असली चीज को भी दर्शा सकते हैं. यानी कि टोकन एक तरीके के ऑनलाइन कॉन्ट्रैक्ट होते हैं, जिन्हें ऑफलाइन भी किसी चीज से असाइन किया जा सकता है, जैसे कि कोई टिकट, या कूपन या ऐसे ही कोई रिडीम किए जा सकने वाले पॉइंट्स.
क्रिप्टो टोकन रिलीज कैसे किए जाते हैं?
जिस तरह शेयर मार्केट में IPO यानी इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग खुलते हैं, वैसे ही टोकन्स को इनीशियल कॉइन्स ऑफरिंग (ICO) के जरिए रिलीज किया जाता है. टोकन को क्राउडसेल्स के जरिए इंट्रोड्यूस किया जाता हैै. निवेशक ICO खत्म हो जाने के बाद भी सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध टोकन खरीद सकते हैं. अगर कोई नया टोकन बनाना है तो यह क्राउडसेल्स पर बनेगा और इन्हें कोई भी बना सकता है. जिनकी दिलचस्पी होगी, वो टोकन में निवेश करेंगे या फिर उस टोकन को पहले से मौजूद कॉइन्स के जरिए फंड करेंगे. हालांकि, यह एक जोखिम भरा कदम हो सकता है, क्योंकि टोकन वाला निवेशक पैसे लेकर भाग सकता है.
क्रिप्टो टोकन कैसे लॉन्च कर सकते हैं?
आमतौर पर धारणा यह है कि अपना क्रिप्टो टोकन बनाना बहुत ही जटिल और लंबी प्रक्रिया है और इसके लिए बहुत ही बारीक तकनीकी जानकारियां और कोडिंग आनी चाहिए. हालांकि, अब यह बात बहुत सही नहीं है. अब ऐसे बहुत से प्लेटफॉर्म हैं, जहां लोग अपना खुद का टोकन बना सकते हैं. उदाहरण के लिए- एक यूजर-फ्रैंडली ऐप्लीकेशन, CoinTool, है जो लोगों को अपना खुद का क्रिप्टो कॉइन बनाने का मौका देता है. इस ऐप पर आप अपने टोकन का नाम और सिंबल चूज़ कर सकते हैं.
जैसाकि हम पहले बता चुके हैं टोकन एक तरीके के कॉन्ट्रैक्ट होते हैं, जो असल में किसी भी चीज को रिप्रेजेंट कर सकते हैं. ऐसा भी हो सकता है कि एक यूजर बिना किसी ICO के कोई क्रिप्टो कॉइन शुरू करे और उसे अपनी छोटी कम्युनिटी तक सीमित रखे, जिसमें उसके दोस्त और परिचित निवेश कर सकते हैं. कॉइन्स की तुलना में टोकन बनाने में ज्यादा आसान होते हैं- कॉइन्स को ऑपरेट करने के लिए उनका अपना ब्लॉकचेन होता है, जबकि टोकन पहले से ही मौजूद नेटवर्क पर काम करते हैं, इससे उन्हें जल्दी और आसानी से बनाया जा सकता है और कॉइन के मुकाबले ये कम खर्चीले होते हैं.
साथ ही, टोकन बनाने पर आपको कोई जुर्माना भी नहीं देना पड़ेगा. यानी कि अगर आप बस जिज्ञासावश क्रिप्टो टोकन बनाते हैं तो आपको कोई नुकसान नहीं होगा. टोकन्स किसी भी चीज का प्रतिनिधित्व करते हैं, ऐसे में उनका खुद का कोई मॉनेटरी वैल्यू नहीं होता है. हालांकि, यह बात ध्यान में रखिए कि अगर आप जिज्ञासा के चलते अपना टोकन बना रहे हैं तो इसे क्राउडसेल पर मत बेचिए, इसमें कई बार गुमराह करने या धोखाधड़ी करने जैसे आरोप लगने की संभावना रहती है.
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डिजिटल करेंसी क्या होती है आइए इसे समझते हैं ।
digital currency in india बहुत जल्द आने वाली है भारत की डिजिटल करेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित होगी।
भारतीय करेंसी को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी ( सी बी डी सी ) का नाम दिया जाएगा। सीबीडीसी करेंसी को भारतीय रिजर्व बैंक ( R B I ) द्वारा जारी किया जाएगा । इस करेंसी को आरबीआई द्वारा रेगुलेट किया जाएगा । वर्ष 2022-23 में लॉन्च कर दी जाएगी ।
1. डिजिटल करेंसी किसे कहते हैं।
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डिजिटल करेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित एक आभासी करेंसी होती है। यह करेंसी डिजिटल रूप में मौजूद होती है। डिजिटल करेंसी , इलेक्ट्रॉनिक मुद्रा , ई – कैश , इंटरनेट मनी आदि सभी आभासी धन जैसी संपत्ति है जो कंप्यूटर सिस्टम पर विशेष रूप से इंटरनेट पर संग्रहीत तथा प्रतिबंधित और विनिमय की जाती है ।
आइए कुछ उदाहरण से समझते हैं जैसे वर्तमान में क्रिप्टो करेंसी ( Bitcoin ) ( ethereum ) , NFT जैसी आदि विद्यमान है जो कि ब्लॉक चैन टेक्नोलॉजी पर आधारित है इसको कोई रेगुलेट नहीं करता है । जबकि भारत में लांच होने वाली भारतीय डिजिटल करेंसी को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेगुलेट किया जाएगा । डिजिटल करेंसी को इंटरनेट पर एक वितरित डेटाबेस , किसी कंपनी या बैंक के स्वामित्व वाले एक केंद्रीकृत इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर डेटाबेस , डिजिटल फाइलों के अंदर संग्रहित किया जा सकता है ।भारत में आरबीआई ने डिजिटल करेंसी लांच करने की घोषणा की है जो कि जल्द ही लांच कर दी जाएगी ।जिसका ( CBDC ) डिजिटल रुपैया नाम दिया जाएगा। digital currency in india
2. भारतीय डिजिटल करेंसी ।
भारतीय डिजिटल करेंसी india digital currency
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा डिजिटल करेंसी वर्ष 2022-23 लाई जाएगी । 1 February के बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने डिजिटल करेंसी को लेकर बहुत बड़ी घोषणा की है करेंसी किसे कहते हैं । इसमें कहा गया है की भारत की जल्द ही डिजिटल करेंसी लांच की जाएगी । केंद्रीय वित्त मंत्री ने संसद में बजट घोषणा पत्र में स्पष्ट रूप से कह दिया है कि इसी साल भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा डिजिटल करेंसी को लांच कर दी जाएगी । जो कि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित होगी । डिजिटल करेंसी का पूरा नाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करंसी है। इसे सरकारी की मान्यता होगी । यह सेंट्रल बैंक की बैलेंस शीट में शामिल होगी । digital currency in india
3. डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर।
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डिजिटल करेंसी सरकारी मान्यता प्राप्त करेंसी होती है इससे उस देश का केंद्रीय बैंक जारी करता है। जबकि क्रिप्टोकरंसी पर किसी सरकार का अधिकार नहीं होता है । digital currency in india
Bitcoin , ethereum जैसी क्रिप्टो करेंसी डिसेंट्रलाइज्ड हैं । इसे पर किसी सरकार , संस्था या किसी व्यक्ति का स्वामित्व नहीं होता है भारत मैं मार्च से शुरू होने वाले फाइनेंसियल वर्ष से क्रिप्टो करेंसी कमाई पर 30% टैक्स वसूल करेगी भारत सरकार । भारत में अब कागज नोट से पेमेंट करने की जरूरत नहीं पड़ेगी आप डिजिटल करेंसी से भी पेमेंट कर सकेंगे । digital currency in india
4.ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी कैसे काम करती है ।
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ब्लॉकचेन को आसान शब्दों में समझा जाए , ब्लॉकचेन एक तरह से सूचनाओं को रिकॉर्ड करने की एक प्रणाली है जिसमें सिस्टम में सेव डाटा को बदलना , डिलीट करना , हैक करना या धोखा देना मुश्किल और असंभव हो जाता है । ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी अनिवार्य रूप से लेनदेन का एक डिजिटल खाता बुक है जिसे ब्लॉकचेन पर कंप्यूटर सिस्टम के पूरे नेटवर्क में डुप्लीकेट और वितरित किया जाता है । ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी से होने वाले लेनदेन रिकॉर्ड अनेकों कंप्यूटर में सेव हो जाते हैं । जिससे बदलना नामुमकिन है । इससे डेटा और अधिक सुरक्षित हो जाता है । ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी डाटा सिक्योरिटी पर काम करती है जिससे हर ब्लाक इंक्रिप्टेड होते हैं और एक दूसरे से इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर सिस्टम से जुड़े होते हैं यह एक तरह से एक्सचेंज प्रोसेस में काम करती है ।
5. डिजिटल करेंसी से सुविधा ।
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यह अन्य करेंसी की तुलना में कम खर्चीली होती है। इसका ट्रांजैक्शन तेज गति से होता है । इसके मुकाबले प्रिंटिंग करेंसी नोटों पर लेन-देन और प्रिंटिंग का खर्च अधिक आता है । डिजिटल करेंसी के लिए किसी व्यक्ति को बैंक अकाउंट की जरूरत नहीं होती है । डिजिटल करेंसी को मैनेज करना आसान होगा । इसे आरबीआई द्वारा मैनेज किया जाएगा ।
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6. खासियते ।
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इसकी खासियत यह होती है इसे देश की सोवरेन करेंसी मैं बदला जा सकता है । इसे हम डिजिटल रुपैया कह सकते हैं डिजिटल करेंसी दो प्रकार की होती है रिटेल और होलसेल करेंसी । रिटेल करेंसी का करेंसी किसे कहते हैं इस्तेमाल आम लोग और कंपनियां करती है । होलसेल डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल वित्तीय संस्थाओं के जरिए किया जाता है । digital currency in india
Crypto Currency: क्रिप्टो करेंसी क्या है, इसे कहां से खरीदें?
Crypto currency: आप अपनी मर्जी से किसी भी क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर सकते हैं, मगर निवेश करने से पहले उस डिजिटल करेंसी की हिस्ट्री, मौजूदा कीमत और पिछले कुछ महीनों में आए उतार-चढ़ाव के बारे में आवश्यक जानकारी हासिल करें ताकि निवेश से पहले आप उससे जुड़े हर प्रकार के जोखिम को भली-भांति समझ सकें
Crypto Currency पर ज्यादा रिटर्न मिलने के कारण स्कैम भी बढ़ गए है, ऐसे में निवेशकों को थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है
- क्रिप्टो करेंसी नेटवर्क पर आधारित डिजिटल मुद्रा है, जिसका डिस्ट्रीब्यूशन कंप्यूटरों के एक विशाल नेटवर्क के माध्यम से किया जाता है.
- कंप्यूटर नेटवर्क और ब्लॉकचेन पर आधारित यह विकेंद्रीकृत संरचना क्रिप्टो करेंसी को सरकारों और किसी भी वित्तीय नियंत्रण से बाहर रखती है.
- क्रिप्टो करेंसी के बारे वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि ब्लॉकचेन पर आधारित इस तकनीक के कारण दुनिया भर में फाइनेंशियल और कानूनी पेचीदगियां पैदा होंगी.
- क्रिप्टो करेंसी का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह अन्य परंपरागत मुद्राओं के मुकाबले में बेहद सस्ता और तेज मनी ट्रांसफर है.
- क्रिप्टो करेंसी का सिस्टम डिसेंट्रलाइज होने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि किसी एक जगह से इस मुद्रा करेंसी किसे कहते हैं पर नेगेटिव असर नहीं होगा.
- क्रिप्टो करेंसी की कुछ मुश्किलें भी हैं, जिनमें कीमत में होने वाला उतार-चढ़ाव, माइनिंग के लिए ऊर्जा की ज्यादा खपत और इसका आपराधिक गतिविधियों में इस्तेमाल है.
ब्लॉकचेन की इसी खूबी की वजह से क्रिप्टो करेंसी के लेन-देन के लिये एक भरोसेमंद थर्ड पार्टी जैसे-बैंक की आवश्यकता नहीं पड़ती है. इस तरह से देखें तो ब्लॉकचेन एक टेक्नोलॉजी है जिसका लाभ आने वाले समय में वित्तीय क्षेत्र में सबसे ज्यादा होगा. उम्मीद की जा रही है कि ब्लॉकचेन की मदद से आने वाले समय में लेन-देनों की लागत में भी कमी आएगी. इससे वित्तीय पारदर्शिता बढ़ेगी और फर्जी लेन-देन से भी छुटकारा मिलेगा.
क्रिप्टो करेंसी कितने प्रकार की होती है?
मौजूदा समय में क्रिप्टो करेंसी के बहुत सारे रूप हैं। यहां पर हम कुछ लोकप्रिय क्रिप्टो करेंसी की चर्चा कर रहे हैं. बिटकॉइन (Bitcoin) को दुनिया की सबसे पहली क्रिप्टो करेंसी माना जाता है. इसे सातोशी नाकामोतो ने 2009 में बनाया था. यह एक डि-सेंट्रलाइज़ करेंसी है, यानी कि इस पर किसी सरकार या संस्था का नियंत्रण नहीं है. कीमत में लगातार होने बढ़ोतरी की वजह से लोगों में इस मुद्रा के प्रति बहुत आकर्षण है.
इथेरियम (Ethereum) भी एक ओपन सोर्स, डी-सेंट्रलाइज्ड और ब्लॉकचेन पर आधारित डिजिटल करेंसी है. इसके संस्थापक का नाम है Vitalik Buterin. इसके क्रिप्टो करेंसी टोकन को ‘Ether’ भी कहा जाता है. बिटकॉइन के बाद ये दूसरी सबसे प्रसिद्ध क्रिप्टो करेंसी है.
लाइटकॉइन (Litecoin) भी एक डिसेंट्रलाइज तकनीक से उपजी डिजिटल मुद्रा है, जिसे एक ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर की मदद से तैयार किया गया है. इसके संस्थापक चार्ल्स ली (Charles Lee) हैं जो गूगल में काम कर चुके हैं. इसके बहुत सारे फीचर Bitcoin से मिलते-जुलते हैं.
डॉग कॉइन (Dogecoin) बनने की कहानी काफी रोचक है. बिटकॉइन का मजाक उड़ाने के लिए कुत्ते से उसकी तुलना की गई, जिसने आगे चलकर एक Cryptocurrency का रूप ले लिया. डॉग कॉइन के संस्थापक का नाम है बिली मार्कुस (Billy Markus). इन दिनों इस करेंसी की मार्केट वैल्यू बहुत अच्छी है.
टीथर (Tether) एक बड़ी और स्थिर मुद्रा है. यह क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने के इच्छुक लोगों के लिए सबसे लोकप्रिय विकल्पों में से एक है.
क्रिप्टो करेंसी कैसे और कहां से खरीदें?
हमें उम्मीद है कि ईटी हिंदी के इस लेख से आपको क्रिप्टो करेंसी के बारे में बुनियादी जानकारी मिल गई होगी. अगर आप क्रिप्टो करेंसी में निवेश करना चाहते हैं तो एक डिजिटल करेंसी होने की वजह से आपको ऑनलाइन ही इसमें निवेश करना होगा. ऐसे बहुत सारे प्लेटफॉर्म हैं जहां पर जाकर आप क्रिप्टो करेंसी की मौजूदा कीमत का पता लगा सकते हैं और उसे खरीद या बेच सकते हैं.
कुछ प्रमुख क्रिप्टो करेंसी खरीदने बेचने वाली ऑनलाइन वेबसाइट के बारे में हम आगे बता रहे हैं. इन सभी वेबसाइट पर आप अपना अकाउंट बनाकर क्रिप्टो करेंसी खरीद या बेच सकते हैं. इनमें से कुछ ने अपना मोबाइल ऐप भी लॉंच कर रखा है, जिसे इंस्टॉल करके आप अपने मोबाइल से भी क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर सकते हैं.
1. कॉइनस्विच (CoinSwitch)
2. वजीरएक्स (Wazirx)
3. यूनोकॉइन (Unocoin)
4. जेबपे (Zebpay)
5. कॉइनबॉक्स (Coinbox)
6. बीटीसीएक्सइंडिया (BTCxIndia)
7. लोकलबिटकॉइन (LocalBitcoin)
क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) खरीदने से पहले जरूरी एहतियात
ध्यान रखें अगर आप किसी ऐप के जरिये क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर रहे है तो इस बात की पड़ताल अवश्य कर लें कि जिस ऐप में आप निवेश कर रहे है वह सुरक्षित है या नहीं. इसकी एक वजह यह है कि हैकर्स मिलते-जुलते नामों वाली बहुत से स्पैमिंग वाले ऐप भी बना देते हैं, जिनकी वजह से आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है.
आप अपनी मर्जी से किसी भी क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर सकते हैं, मगर निवेश करने से पहले उस डिजिटल करेंसी की हिस्ट्री, मौजूदा कीमत और पिछले कुछ महीनों में आए उतार-चढ़ाव के बारे में आवश्यक जानकारी हासिल करें ताकि निवेश से पहले आप उससे जुड़े हर प्रकार के जोखिम को भली-भांति समझ सकें.
क्रिप्टो करेंसी पर भारत सरकार की कोई स्पष्ट पॉलिसी नहीं है, ऐसी स्थिति में वित्तीय जोखिम आपको ही लेना होगा. इसलिए बेहतर होगा कि आप निवेश से पहले इसके जोखिम का मूल्यांकन कर लें और उसी के अनुसार निवेश करें.
क्रिप्टो करेंसी पर ज्यादा रिटर्न मिलने के कारण स्कैम भी बढ़ गए है, ऐसे में निवेशकों को थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है. क्रिप्टो करेंसी और क्रिप्टो एक्सचेंज का संचालन कौन कर रहा करेंसी किसे कहते हैं है, इस बारे में भी जानकारी हासिल करें. सोशल मीडिया और ऑनलाइन ओपिनियन व रिव्यू के माध्यम से विश्वसनीयता परखी जा सकती है.
इस बात का ध्यान रखें कि अपने पोर्टफोलियो में क्रिप्टो करेंसी की हिस्सेदारी सीमित ही रखें. यह भी समझते और सीखते रहें कि किन फैक्टर का क्रिप्टो करेंसी की कीमतों पर असर पड़ता है.