निवेश उपकरण

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--> रखरखाव गतिविधि के कारण, ईपीएफओ की सभी सेवाएं 17-अप्रैल-2022 1800 बजे से 18-अप्रैल-2022 0600 बजे तक अनुपलब्ध रहेंगी। असुविधा के लिए खेद है। --> राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के श्रम मंत्रियों / श्रम सचिवों का राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन - 25 और 26 अगस्त, 2022 - तिरुपति, आंध्र प्रदेश "देश में महिला कर्मचारियों द्वारा दाखिल ई-नामांकन की कुल संख्या के मामले में शीर्ष 75 प्रतिष्ठान" "शीर्ष 75 एसएसए, शीर्ष 7 अनुभाग पर्यवेक्षक और शीर्ष 5 लेखा अधिकारी जिन्होंने शुद्ध संख्या के मामले में सबसे अधिक संख्या में महिला दावों को संसाधित किया है।" नियोक्ता ध्यान दें! आ.भा.रो.यो. के तहत पंजीकरण की अंतिम तिथि 31.03.2022 है। ईपीएफओ नियोक्ता पोर्टल पर लॉग इन करके अभी पंजीकरण करें। ई-नामांकन को अद्यतन करने की कोई अंतिम तिथि नहीं है। --> 'आजादी का अमृत महोत्सव' के तहत मन की बात में प्रधानमंत्री द्वारा घोषित तीन प्रतियोगिताओं की सूची --> स्वतंत्र भारत @ 75: सत्यनिष्ठा के साथ आत्मनिर्भरता --> उत्तर पूर्वी राज्यों के प्रतिष्ठानों और कुछ विशेष वर्ग के प्रतिष्ठानों के लिए UAN को आधार जोड़ने की समय सीमा 31.12.2021 तक बढ़ा दी गई है --> रखरखाव गतिविधि के कारण, सीएआईयू पोर्टल की सेवाएं 03-07-2021 00:00 बजे से 05-07-2021 00:00 बजे तक उपलब्ध नहीं होंगी। असुविधा के लिए खेद है। --> ईपीएफआईजीएमएस सेवाएँ रखरखाव गतिविधि के कारण 26.06.2021: 10:00 बजे से 27.06.2021: 17:00 बजे उपलब्ध नहीं हैं। असुविधा के लिए खेद है --> "आधार सत्यापित यूएएन के साथ ईसीआर दाखिल करने के लिए कार्यान्वयन की तारीख 1 सितंबर, 2021 तक बढ़ा दी गई है"। --> महत्वपूर्ण रखरखाव गतिविधि के कारण, एकीकृत पोर्टल सेवाएं निवेश उपकरण 08-06-2021 को 12:00 बजे से 18:00 बजे तक उपलब्ध नहीं होंगी। असुविधा के लिए खेद है --> रखरखाव गतिविधियों के कारण ईपीएफओ यूनिफाइड पोर्टल सेवाएँ 27.03.2021: 23:30 बजे से 28.03.2021: 04:00 बजे तक निवेश उपकरण उपलब्ध नहीं होंगी।। असुविधा के लिए खेद है --> नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर के नियोजित रखरखाव के कारण, EPFO सेवाएँ 04-04-2021, 21:00 HRS से 05-04-2021, 01:00 HRS तक उपलब्ध नहीं होंगी। असुविधा के लिए खेद है --> "वर्ष 2019-20 के लिए ब्याज 8.5% पर दिया गया है। ब्याज और क्रेडिट किए गए पीएफ खातों को देखने के लिए कृपया केवाईसी के साथ यूएएन खातों को सीड करें , यदि पहले से नहीं किया गया है तो ।" --> ईपीएफआईजीएमएस सेवाएँ रखरखाव गतिविधि के कारण 26.06.2021: 10:00 बजे से 27.06.2021: 17:00 बजे उपलब्ध नहीं हैं। असुविधा के लिए खेद है > आत्मनिर्भर भारत रोज़गार योजना - सब्सिडी का लाभ उठाने और पात्रता मानदंड को पूरा करने के लिए, नियोक्ताओं के लिए यह आवश्यक है कि वे सभी कर्मचारियों के लिए सितंबर - 2020 महीने का ईसीआर 15 दिसंबर 2020 तक या उस से पहले दाखिल करें। --> ईपीएफओ में सलाहकार की नियुक्ति के लिए प्रस्ताव आमंत्रण अनुरोध निवेश उपकरण --> ईपीएफआईजीएमएस सेवाएँ उमंग प्लेटफ़ॉर्म में उपलब्ध हैं । --> ईपीएफओ में जांच अधिकारी के रूप में पैनल के लिए सेवानिवृत्त अधिकारियों से आवेदन आमंत्रित --> ईपीएफओ हेल्पडेस्क सभी कार्य दिवसों में सुबह 07:00 बजे से शाम 09:00 बजे तक चालू है। कृपया ध्यान दें - ईपीएफओ संबंधित सेवाओं के लिए UMANG के अलावा कोई अन्य ऐप नहीं है । कृपया नकली वेबसाइटों से सावधान रहें जो क.भ.नि.सं. के बारे में गलत जानकारी दे रही हैं। https://www.epfindia.gov.in क.भ.नि.सं. की एकमात्र आधिकारिक वेबसाइट है। कृपया किसी भी व्यक्ति के साथ टेलीफ़ोन पर अपना व्यक्तिगत विवरण जैसे आधार/ पैन / यूएएन साझा न करें। --> ईपीएफओ एचआर सॉफ्टवेयर को एक्सेस करने के लिए इस लिंक का प्रयोग करें https://hr.epfindia.gov.in/hrm [कार्यालय उपयोग हेतु >> लॉगिन >> एचआर सॉफ्ट लॉगिन] --> पेंशनर कृपया ध्यान दें!! वर्ष 2019 के लिए डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र उमंग मोबाइल एप, किसी भी निकटतम कॉमन सेवा केंद्र, ईपीएफओ कार्यालय अथवा बैंक शाखा में 1.11.2018 से जमा करें। -->
बोर्ड के मुख्य कार्य
- बोर्ड में निहित शक्तियों के अंतर्गत संचित निधि का संचालन और उससे संबंधित अन्य कार्यों का निष्पादन
- योजनाओ के प्रभावी संचालन निवेश उपकरण हेतु जहाँ आवश्यक हो प्रशासकीय एवं वित्तीय शक्तियां प्रदान करना
- अधिकारियों और स्टाफ की नियुक्ति
- आय और व्यय खातों का निर्धारित प्रपत्र में उचित प्रकार से रखरखाव
- संगठन के कार्य निष्पादन पर वार्षिक रिपोर्ट और लेखा परीक्षित लेखों को (नियंत्रक एवं निवेश उपकरण महा लेखा परीक्षक की अभ्युक्ति सहित) सरकार को प्रेषित करना
केन्द्रीय न्यासी बोर्ड की उप समिति
वित्त एवं निवेश समिति
- कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के निधि प्रबंधको द्वारा किये जा रहे निवेश का निरीक्षण
- ध्यान रखना कि न्यास राशी का समय पर निवेश हो ताकि उस पर अधिकतम प्राप्ति हो सके
- सरकार द्वारा समय समय पर उपबंधित निवेश पद्धति के भीतर छुडाई गयी निधियों, ब्याज आदि के निवेश/पुनर्निवेश के सम्बन्ध में पोर्टफोलियो प्रबंधको को जैसा आवश्यक समझा जाये, निदेश जारी करना
- निवेश सम्बन्धी दिशा निदेशों में परिवर्तन तथा सुझावों के लिए केंद्रीय न्यासी बोर्ड को सिफ़ारिश करना
- केंद्रीय न्यासी बोर्ड, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के निधि के सदस्यों हेतु ब्याज दर की सिफ़ारिश करना
छूट प्रतिष्ठानों पर समिति
- छूट प्राप्त स्थापनाओं के कार्यो का निरिक्षण
- छूट प्राप्त स्थापनाओं की कार्य प्रणाली में सुधार हेतु बोर्ड के विचारार्थ सुझाव देना
- छूट /ढील प्रदान करने के लिए अतिरिक्त मार्गदर्शी सुझाव देना और विचार करना
पेंशन क्रियान्वयन समिति
- कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में कम्पूटरीकरण एवं पेंशन के वितरण के कार्य सहित कर्मचारी पेंशन योजना, १९९५ के कार्य की समीक्षा करना
- योजना में संशोधन / सुधार हेतु सुझाओं / प्रस्तावों पर विचार करना
आईटी सुधारों के कार्यान्वयन संबंधी समिति
- संगठन की व्यावसायिक आवश्यकताओं तथा उद्देश्यों के समरूप उपयुक्त सूचना तकनीक, संचार तकनीक, व्यापार प्रक्रिया, स्वचलन तकनीक, कार्यालय स्वचलन तकनीक तथा अन्य तकनीकी सम्बंन्धी विकल्पों एवं मॉडलों को अपनाने के लिए सुझाव, मूल्यांकन तथा सिफ़ारिश करना
- भारत में कर्मचारी भविष्य निधि का आधुनिकीकरण परियोजना के परामर्शदाताओं द्वारा की गयो सिफारिशों तथा प्रस्तावित आवश्यकताओं का आकार हार्डवेयर की विशिष्टता की पर्याप्तता साफ्टवेयर तथा नेटवर्क समाधान के विषय में तकनीकी मूल्यांकन करना
- हार्डवेयर, साफ्टवेयर तथा नेटवर्क निष्पादन, गणना उपकरण /मूल्यांकन तथा तल चिह्न (बैच मार्क ) का तकनीकी मूल्यांकन तथा सिफ़ारिश देना
- तकनीकी समाधान का अधिग्रहण /कार्यान्वयन से संबंधित निविदा दस्तावेजों का तकनीकी अनुमोदन
- संगठन से संबंधित अन्य तकनीकी मुद्दों पर सुझाव देना एवं सिफ़ारिश करना
- तकनीकी विकल्पों का तकनीकी वाणिज्यिक मूल्यांकन
© कर्मचारी भविष्य निधि संगठन, भारत अद्यतन तिथि : 15-नवम्बर-2022 आगंतुक संख्या (06-08-2016 से) : 7987048
डेली न्यूज़
रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा में वृद्धि
- 11 Sep 2020
- 6 min read
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टैग्स:
प्रिलिम्स के लिये:
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश,
मेन्स के लिये:
भारतीय रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में निजी कंपनियों और विदेशी निवेश की भूमिका
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रक्षा क्षेत्र के लिये एक नई प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति को मंज़ूरी दी है, इस नीति में ऑटोमैटिक रूट के तहत रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (Foreign Direct Investment- FDI) की सीमा को 49% से बढ़ाकर 74% कर दिया गया है।
प्रमुख बिंदु:
- नई नीति के तहत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को 74% करने के साथ इसमें ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ की शर्त को भी जोड़ा गया है।
- इस शर्त के अनुसार, रक्षा क्षेत्र में विदेशी निवेश राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security) के आधार पर जाँच के अधीन होगा साथ ही सरकार के पास रक्षा क्षेत्र में किसी भी ऐसे विदेशी निवेश की समीक्षा करने का अधिकार सुरक्षित होगा जो राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित कर सकता है।
- गौरतलब है कि मौजूदा नीति में रक्षा क्षेत्र से जुड़े उद्योगों में ऑटोमैटिक रूट के तहत 49% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को अनुमति दी गई है, जबकि इससे अधिक के निवेश के लिये सरकार की अनुमति लेनी आवश्यक होती है।
उद्देश्य:
- पिछले कुछ वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा रक्षा क्षेत्र में देश की स्थानीय विनिर्माण क्षमता को बढ़ावा देने के लिये कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए हैं।
- रक्षा क्षेत्र में विदेशी निवेश की शर्तों में छूट देकर केंद्र सरकार का लक्ष्य विदेशी मूल उपकरण निर्माता कंपनियों को भारत में विनिर्माण इकाइयों की स्थापना के लिये प्रोत्साहित करना और निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देना है।
- केंद्र सरकार द्वारा देश के रक्षा विनिर्माण क्षेत्र के लिये वर्ष 2025 तक 1.75 लाख करोड़ रुपए के कारोबार के साथ 35,000 करोड़ रुपए के निर्यात का लक्ष्य रखा गया है।
भारतीय रक्षा क्षेत्र:
- एक अनुमान के अनुसार, वर्ष 2019 तक एयरोस्पेस और जहाज़ निर्माण उद्योग के साथ रक्षा उद्योग का कारोबार लगभग 80,000 करोड़ रुपए का बताया गया था।
- हालाँकि इसमें लगभग 80% (63,000 करोड़ रुपए) हिस्सेदारी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (Public Sector Undertaking- PSU) की है।
सरकार के प्रयास:
- हाल ही में प्रधानमंत्री ने ‘रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत’ नामक एक ऑनलाइन सेमिनार को संबोधित करते हुए रक्षा क्षेत्र में उत्पादन को बढ़ाने, नवीन स्वदेशी तकनीकी विकसित करने और निजी क्षेत्र को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दोहराया था।
- सरकार द्वारा रक्षा उत्पादों की खरीद के संदर्भ में एक नकारात्मक आयात सूची (Negative Imports List) जारी करने के साथ घरेलू उद्योग से पूंजी अधिग्रहण के लिये एक समर्पित बजट घोषणा की गई थी।
- सरकार द्वारा अगस्त 2020 में जारी ‘ रक्षा उत्पादन और निर्यात संवर्द्धन नीति (Defence Production & Export Promotion Policy- DPEPP) 2020’ का मसौदा जारी किया गया था।
- इस मसौदे में विदेशी कंपनियों को रक्षा विनिर्माण क्षेत्र से जुड़ने के लिये प्रोत्साहित करने और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारत की भूमिका को मज़बूत करने के लिये रक्षा क्षेत्र में FDI शर्तों को आसान बनाने की बात कही गई थी।
निष्कर्ष:
हाल के वर्षों में भारतीय रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण प्रगति देखने को मिली है, परंतु आज भी देश के रक्षा क्षेत्र में सार्वजनिक कंपनियों का ही एकाधिकार रहा है। वर्तमान में वैश्विक बाज़ार में उपलब्ध अवसरों का लाभ उठाने के लिये रक्षा क्षेत्र में उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ नवोन्मेष को बढ़ावा देना बहुत ही आवश्यक है। रक्षा क्षेत्र में विदेशी निवेश और निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित कर इन लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता प्राप्त हो सकती है, हालाँकि वर्तमान में COVID-19 के कारण देश के आर्थिक क्षेत्र में आई गिरावट के बीच बड़े निवेश का लक्ष्य आसान नहीं होगा।
निवेश पोर्टफोलियो का गठन
एक निवेश पोर्टफोलियो का मुख्य उद्देश्य सबसे विश्वसनीय और लाभदायक निवेश के चयन के माध्यम से एक विकसित निवेश नीति की प्राप्ति के दायरे में एक इष्टतम परिणाम प्राप्त करना है । एक पोर्टफोलियो निवेश आस्तियों के विभिंन प्रकार के शामिल है ।
निवेश के प्रकारों का वर्गीकरण:
- भौतिकता की डिग्री से: गैर-सामग्री और सामग्री;
- निवेश की परिपक्वता अवधि तक: अल्पकालिक, मध्यम अवधि और लंबी अवधि;
- लाभप्रदता द्वारा: उच्च-उपज, मध्यम आय और लाभप्रद निवेश (सामाजिक और पर्यावरणीय परियोजनाओं में पूंजी का निवेश, जो लाभ की तलाश नहीं है);
- निवेश में भागीदारी की विशेषता द्वारा: प्रत्यक्ष निवेश (निवेशक सीधे निवेशक के चयन में हिस्सा लेता है), अप्रत्यक्ष निवेश (निवेश निधि, सलाहकार, म्यूचुअल फंड और अन्य निर्धारित करते हैं निवेशक);
- जोखिम की डिग्री से: उच्च जोखिम, मध्यम जोखिम, कम जोखिम और जोखिम मुक्त निवेश;
- एक के प्रकार से: रियल (रियल कैपिटल की खरीद), वित्तीय (स्टॉक्स, बांड और अंय प्रतिभूतियों में निवेश), सट्टा (संपत्ति की खरीद ( मुद्रा जोड़े, कीमती धातुओं, स्टॉक, आदि) भविष्य में उनकी कीमतों के संभावित परिवर्तन के माध्यम से लाभ बनाने के लिए असाधारण);
- तरलता के स्तर से: अत्यधिक तरल (समय वे नकदी में परिवर्तित किया जा सकता है की एक छोटी अवधि में), औसत रूप से तरल (वे 1 से 6 महीने नकदी में परिवर्तित किया जा सकता है), कम तरल (वे 6 महीने से नकदी में परिवर्तित किया जा सकता है ), तरल (वे अपने दम पर नहीं महसूस किया जा सकता है, लेकिन केवल संपत्ति के एक भाग के रूप में)
अपनी सक्रियता की प्रक्रिया में निवेशक विभिन्न विशेषताओं के साथ एक के चुनाव के संबंध में कठिनाइयों का सामना करते हैं । उनमें से ज्यादातर के एक निश्चित सेट के गठन, दूसरे शब्दों में मान-एक पोर्टफोलियो का निर्माण । कई लिखत जो एक निवेश पोर्टफोलियो फार्म, लेकिन मुख्य वाले हैं: स्टॉक्स, बांड, सोना, मुद्राओं और अचल संपत्ति ।
एक निवेश पोर्टफोलियो के गठन के चरणों
- विनिवेश नीति और पोर्टफोलियो के प्रकार का निर्धारण .
- पोर्टफोलियो प्रबंधन की रणनीति का निर्धारण. .निवेश उपकरण
- एक पोर्टफोलियो के आस्तियों का विश्लेषण और गठन निवेश पोर्टफोलियो में संपत्ति सहित के लिए सामांय मानदंड उनकी लाभप्रदता, जोखिम और तरलता के अनुपात हैं.
- तथ्यात्मक प्राप्त लाभप्रदता और जोखिम की तुलना के संदर्भ में पोर्टफोलियो की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करना.
- एक पोर्टफोलियो की लेखा परीक्षा आदेश में अपनी सामग्री को पहले से ही बदल आर्थिक स्थिति, प्रतिभूति के निवेश की गुणवत्ता और एक निवेशक के लक्ष्यों को नहीं बना .
लाभ पैदा करने की विधि द्वारा और जोखिम के स्तर से, निवेश पोर्टफोलियो निम्नलिखित प्रकारों में विभाजित किए जाते हैं: रूढ़िवादी, उदारवादी और आक्रामक.
- रूढ़िवादी पोर्टफोलियो एक मामूली जोखिम भरा है और इसलिए, कम मुनाफे अल्पकालिक ऋण, बांड और एक ंयूनतम जोखिम के साथ अंय उपकरणों से मिलकर पोर्टफोलियो है.
- आक्रामक पोर्टफोलियो एक बेहद जोखिम भरा और एक बेहद लाभदायक पोर्टफोलियो है, जो मुख्य रूप से शेयरों के होते हैं । इस तरह के पोर्टफोलियो सामान्यतः निवेशक , जो जोखिम लेने के लिए तैयार हैं और जो मनोवैज्ञानिक रूप से बड़े उतार-चढ़ाव के लिए प्रतिरोधी हैं, द्वारा प्रबंधित किए जाते हैं .
- मॉडरेट पोर्टफोलियो एक संतुलित पोर्टफोलियो है और, एक नियम के रूप में, यह दोनों उच्च उपज और कम आय के शामिल है, लेकिन एक ही समय में विश्वसनीय संपत्ति.
पोर्टफोलियो निवेश का मुख्य कार्य निवेश आस्तियों के सेट से प्राप्त करना है ऐसी विशेषताएँ, जो किसी पृथक रूप से ली गई वस्तु में धन निवेश करने के मामले में अप्राप्य हैं. पोर्टफोलियो बनाने का अंतिम लक्ष्य जोखिम और लाभप्रदता के अधिक इष्टतम संयोजन को प्राप्त करना है । जोखिम ज्यादातर कम है, जब विभिंन गैर संबंधित संपत्ति एक पोर्टफोलियो में शामिल हैं । दूसरे शब्दों में, विविधीकरण समग्र पोर्टफोलियो मूल्य के सप्ताह की कमी को जंम देना चाहिए, जब किसी भी परिसंपत्ति का मूल्य तेजी से गिरता है.
वित्तीय बाजारों में पोर्टफोलियो ट्रेडिंग
पर्सनल कम्पोजिट इंस्ट्रूमेंट्स के विकास के साथ PCI( geworko तरीका ), वहां व्यापार के बजाय वित्तीय बाजारों में आस्तियों के विभिंन विभागों के व्यापार के पोर्टफोलियो का एक सुविधाजनक अवसर दिखाई अलग से उपकरणों लिया । के माध्यम से इस प्रौद्योगिकी पोर्टफोलियो व्यापार अलग से लिया वित्तीय साधनों के व्यापार के समान दो विभागों के आधार पर महसूस किया है, जब एक परिसंपत्ति (बेस पोर्टफोलियो) आधार भाग के रूप में कार्य करता है, और अंय परिसंपत्ति (बोली पोर्टफोलियो) के रूप में कार्य करता है उद्धृत भाग. इसके अलावा, एक व्यापारी अपने अनूठे उपकरणों, जो बाजार में अस्थिरता के लिए प्रतिरोधी रहे हैं, लाभप्रदता और जोखिम के इष्टतम संयोजन की भविष्यवाणी और ऐतिहासिक डेटा के आधार पर अपने उपकरणों के व्यवहार का विश्लेषण के व्यापार का अवसर मिलता है . इस तकनीक के जरिए पोर्टफोलियो ट्रेडिंग केवल प्रोफेशनल ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर ही संभव है nettradex .
Where to invest in Hindi निवेश कहां करें
Where to invest in Hindi निवेश कहां करें इन विकल्पों के बारे में जानिए और समझिए कि पैसा कहां इन्वेस्ट करें जहां आप का पैसा सुरक्षित रहे और आपको उचित रिटर्न भी मिले। निवेश के विकल्प जो कि पोस्ट ऑफिस, बैंक खाते, शेयर बाजार, रियल स्टेट या म्यूचुअल फंड के माध्यम से उपलब्ध हैं। कहां निवेश करें कि हमारी बचत बढ़ सके और हमारे फायनैन्शल लक्षयों को पूरा कर सके फिर चाहे वो लक्ष्य घर बनाना हो, बच्चों की शिक्षा हो, बेटी की शादी या कोई अन्य। Where to invest in Hindi.
निवेश कहाँ करें
Where to invest in Hindi बचत और निवेश में अंतर
वित्तीय उद्योग में दो अवधारणाएं हैं जो अधिकांश लेनदेन गतिविधियों का आधार बनती हैं। एक बचत है और दूसरा निवेश। आम तौर पर लोग इनमें फर्क नहीं कर पाते हैं मगर दोनों अवधारणाओं के बीच एक बड़ा अंतर होता है। मैंने अपने एक लेख में बचत और निवेश में अंतर को अच्छे तरीके से समझाया है। वित्तीय संदर्भ के निवेश का मतलब है आज किसी भी धन को भविष्य के समय सीमा में वित्तीय लाभ की उम्मीद में व्यय करना। Understanding diffrance in saving and investment and Where to invest in Hindi.
Investment Meaning in Hindi निवेश का अर्थ
कोई भी निवेश एक उम्मीद के साथ संपत्ति खरीदने या बनाने का कार्य है कि इससे ब्याज कमाई या लाभांश या पूंजीगत बढ़ोतरी या किसी भी अन्य रिटर्न का लाभ मिलेगा जो प्रारंभ में रखे गए पैसे की तुलना में लाभदायक है। निवेश पर खर्च किए गए पैसे मुख्य रूप से किसी विशिष्ट अवधि में कुछ प्रकार की वापसी प्राप्त करने के उद्देश्य से किए जाते हैं।
Where to invest your Saving
कई बार लोग निवेश और बचत का अंतर नहीं समझ पाते हैं। बचत और निवेश एक दूसरे से अलग हैं। कह सकते हैं कि धन को सुरक्षित रखना बचत है पर उस बचत को आक्रामक रूप से इस तरह बचाना कि उस से रिटर्न प्राप्त हो सके उसे निवेश कहेंगे। यदि आप बचत और निवेश के अंतर को समझ लेते हैं तो अब यह भी समझिए कि आपके लिए कौन सा निवेश अच्छा रहेगा और अपनी आवश्यकता के अनुसार निवेश कहाँ करें। आज यहाँ विस्तार से निवेश के विकल्पों की चर्चा की जा रही है।
निवेश कहां करें Where to Invest
निवेश की श्रेणी में आने वाले काफी लोकप्रिय निवेश के विकल्प हैं फिक्स्ड डिपॉजिट, शेयर, म्यूचुअल फंड, बीमा और रियल एस्टेट इत्यादि। ये श्रेणियां निवेशकों के बीच काफी लोकप्रिय हैं क्योंकि आपके पैसे को बढ़ाने के लिए यह निवेश काफी सहयोग करते हैं। निम्नलिखित निवेश उत्पाद हैं जिनके बारे में जान कर आप निश्चय कर सकेंगे कि निवेश कहां करें, किस निवेश में जोखिम की मात्रा कितनी है और बेहतर रिटर्न के लिए और पैसा कहां इन्वेस्ट करें।
शेयर मार्केट Share Market
स्टॉक या इक्विटी शेयर हैं जो कंपनियों द्वारा जारी की जाती हैं और आम जनता द्वारा खरीदी जाती हैं। यह कंपनियों का धन जुटाने का तरीका है। स्टॉक एक कंपनी के स्वामित्व के हिस्से का अधिकार है। शेयर, स्टॉक और इक्विटी सभी का एक ही मतलब है। शेयर दुनिया में सबसे लोकप्रिय निवेश के साधनों में से एक हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि स्टॉक द्वारा मिलने वाला रिटर्न आमतौर पर किसी अन्य निवेश के साधन से अधिक होता हैं। हालांकि शेयरों में यदि उच्च रिटर्न मिलता है तो इनमें निवेश का जोखिम भी काफी अधिक है। शेयर बाजार में निवेश कहां करें यह जानने से पहले शेयर बाज़ार को जान लेना बहुत आवश्यक है।
लघु बचत योजनाएं Small Saving Schemes
भारतीय वित्तीय बाजार में लघु बचत योजनाएं लोकप्रिय बचत उपकरण हैं जिनसे सुरक्षित और निश्चित आय होती है। जैसा कि नाम से ही पता चलता है, ये योजनाएं छोटी मात्रा में पैसे बचाने के लिए हैं। इन निवेश योजनाओं के पीछे विचार लगभग सभी आर्थिक वर्गों से लोगों में बचत की आदत डालना है। छोटी बचतों में निवेश के लिए डाक घर बचत योजनाएं बहुत महत्वपूर्ण हैं। कुछ सबसे आम लघु बचत योजनाएं हैं सुकन्या समृद्धि योजना, ईपीएफ (कर्मचारी भविष्य निधि), एनपीएस (राष्ट्रीय पेंशन योजना), नेशनल सेविंग सर्टीफिकेट, किसान विकास पत्र, व्यक्तिगत भविष्य निधि (पीपीएफ) आदि। लगभग सभी लघु बचत योजनाएं सरकार द्वारा शुरू की जाती हैं ताकि देश में बचत योजनाओं के प्रसार को बढ़ाया जा सके। आइए इनमें से कुछ सबसे प्रमुख योजनाओं को देखें।
कर्मचारी भविष्य निधि EPF
कर्मचारी भविष्य निधि एक और लघु बचत योजना है जो मुख्य रूप से आपके एम्प्लॉअर द्वारा प्रदान की जाती है। इसमें निजी और सार्वजनिक दोनों संगठनों के वेतनभोगी व्यक्ति शामिल हैं। ईपीएफ योजना के लिए पंजीकरण करने के लिए 20 से अधिक कर्मचारी किसी भी कम्पनी में होना अनिवार्य है। प्रत्येक महीने लगभग 12% वेतन से कटौती की जाती है और कर्मचारी के ईपीएफ खाते में उसे जमा करवा दिया जाता है। यह ईपीएफ निवेश उपकरण खाता कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा रखा जाता है, जिसे आमतौर पर ईपीएफओ के नाम से जाना जाता है। ईपीएफ में जमा राशि पर आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत कर छूट मिलती है।
सुकन्या समृद्धि योजना Sukanya Smridhi Yojna
सुकन्या समृद्धि योजना एक विशेष योजना है जिसे बालिकाओं की वित्तीय कल्याण की सुविधा के लिए केंद्र सरकार द्वारा लॉन्च किया गया है। इस योजना को कन्या के माता-पिता या कानूनी अभिभावक द्वारा लिया जा सकता है और योजना के तहत कम से कम प्रति वर्ष 1000 रुपये की राशि जमा की जा सकती है। यह लड़की के 21 साल की उम्र तक पहुंचने के बाद परिपक्व हो जाती है। 18 साल की उम्र तक पहुंचने के बाद इस योजना से पैसे निकलने की अनुमति होती है यदि कन्या के लिए शादी या शिक्षा से संबंधित वित्तीय आवश्यकता होती है।
राष्ट्रीय पेंशन योजना NPS
यदि आप सोच रहे हैं कि रेटायर्मेंट के लिए निवेश कहां करें तो राष्ट्रीय पेंशन योजना आपके लिए है। राष्ट्रीय पेंशन योजना निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों में काम कर रहे व्यक्तियों को नियमित पेंशन राशि सुनिश्चित करने के लिए सबसे लोकप्रिय योजनाओं में से एक है। व्यक्तियों को या तो अपने कॉर्पोरेट भत्ते के हिस्से के रूप में एनपीएस की पेशकश की जाती है या वे स्वयं भी इस योजना में निवेश कर सकते हैं। एनपीएस में निवेश की गयी राशि आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत कर छूट के लिए पात्र है। इस योजना में खाता धारक के 60 वर्ष की आयु तक पहुंचने के बाद जमा राशि की वापसी की अनुमति है। परिपक्वता पर वापस निकाला गया कॉर्पस बिल्कुल कर मुक्त है।
म्यूचुअल फंड्स Mutual Funds
म्यूचुअल फंड वित्तीय उपकरण हैं जो व्यावसायिक रूप से प्रबंधित होते हैं और विभिन्न प्रतिभूतियों में किसी भी निवेशक की ओर से पैसा निवेश करते हैं। इन म्यूचुअल फंडों को विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है, जिन पर वे निवेश करते हैं। कुछ सबसे लोकप्रिय म्यूचुअल फंड संतुलित फंड, स्टॉक फंड, ओपन-एंड फंड आदि हैं। इन फंडों को उनके प्रतिशत आवंटन के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। इक्विटी फंड पूरी तरह से इक्विटी में निवेश करता है और अधिक जोखिम और अधिक रिटर्न देने वाला निवेश है जबकि डेट फंड पूरी तरह से ऋण और मनी मार्केट उपकरणों में निवेश करता है और इसलिए कम जोखिम वाला निवेश है। आप अपने जोखिम के अनुसार विभिन्न तरह के म्यूचुअल फंड्स में से सुनिश्चहित कर सकते हैं कि अपनी ज़रूरतों के अनुसार निवेश कहां करें।
सावधि जमा Fixed Deposit
सावधि जमा यानी फिक्स्ड डिपॉजिट पैसे बचाने के सबसे पुराने और सुरक्षित तरीकों में से एक हैं। ये आवश्यक रूप से सक्रिय निवेश उपकरण नहीं हैं, बल्कि रिटर्न बचाने और कमाई करने के लिए एक निष्क्रिय तरीका हैं। फिक्स्ड डिपॉजिट बैंक, पोस्ट ऑफिस, NBFC या अन्य कम्पनियों में किया जा सकता है। फिक्स्ड डिपॉजिट में निश्चित दिनों या महीनों या वर्षों के लिए एक निश्चित राशि को जमा किया जाता है। बदले में इस पैसे पर ब्याज अर्जित किया जाता है। ब्याज दर जमा अवधि के साथ और अलग अलग बैंकों में अलग अलग हो सकता ही।
रियल एस्टेट Real Estate
प्रॉपर्टी की क़ीमतें हर गुजरने वाले दिन के साथ बढ़ रही है जिसने रियल एस्टेट को निवेशकों के लिए निवेश का बेहतरीन मौका मिलता है। संपत्ति खरीदने और बेचने पर निवेशकों को पर्याप्त रिटर्न मिल सकता है। संपत्ति की की बढ़ती कीमतें इस अचल संपत्ति को एक अच्छा निवेश का विकल्प बनातीं है। शहरीकरण के तेजी से बढ़ने के साथ साथ रियल एस्टेट की कीमतें आसमान से ऊपर चढ़ रही हैं। इसने रियल एस्टेट निवेशकों के लिए अच्छे अवसर मिल रहे है। ज्यादातर निवेशक बैंकों से रियल एस्टेट खरीदने के लिए ऋण लेते हैं और फिर संपत्ति के मूल्य में बढ़ोतरी के कारण मुनाफा कमा कर बेच देते हैं।
Where to invest for Better Returns
यहाँ हमने आपके सामने कई विकल्प प्रस्तुत किए Where to invest in Hindi जिससे स्पष्ट हो सके कि निवेश कहां करें, निवेश के कौन कौन से विकल्प उपलब्ध हैं और अपनी निवेश करने की क्षमता और रिस्क लेने की क्षमता के अनुसार पैसा कहाँ इन्वेस्ट करें जिससे आप अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकें।
ब्रिटिश वाणिज्य और निवेश लाइफ साइंस रोड शो
ब्रिटेन के लाइफ साइंस उद्योग दुनिया के प्रबलतम और सबसे उत्पादक लाइफ साइंस उद्योगों में गिने जाते हैं जिनका योगदान रोगियों के स्वास्थ्य कल्याण से लेकर संवृद्धि में सहायक होने तक है। यह उद्योग उच्च तकनीकों से सम्पन्न, अभिनव आविष्कारों वाला एवं अत्यंत विविधतापूर्ण है जिसके दायरे में निम्नलिखित आते हैं:
- फर्मास्युटिकल्स
- चिकित्सा तकनीक (उपकरण और डायग्नोस्टिक्स)
- चिकित्सा जैव तकनीक
और इसके अनुप्रयोग बहुत से दूसरे क्षेत्रों में भी किए जाते हैं।
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ब्रिटिश लाइफ साइंस के विशेषज्ञ हैदराबाद, अहमदाबाद, वडोदरा और चंडीगढ़ में निम्नलिखित तारीखों पर मौजूद रहेंगे: