स्टार्टअप में निवेश

इन कारणों से स्टार्टअप कंपनियों के निवेश में गिरावट
रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती, टेक स्टॉक वैल्यूएशन में स्टार्टअप में निवेश कमी, मुद्रास्फीति और जियो-पॉलिटिकल संकट जैसे कारणों को स्टार्टअप कंपनियों के निवेश में गिरावट के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है.’’
स्टार्टअप कंपनियों को मिलने वाले निवेश में आई कमी, अप्रैल-जून में 40% की गिरावट
बेंगलुरु, एनसीआर और मुंबई देश के प्रमुख स्टार्टअप केंद्र हैं.
पीडब्ल्यूसी इंडिया (PwC India) की रिपोर्ट ‘स्टार्टअप डील ट्रैकर-अप्रैल-जून तिमाही’ के मुताबिक, शुरुआती चरण के डील में कुल मिलाकर 60 फीसदी से अधिक का औसत आकार 50 लाख डॉलर रहा है.स्टार्टअप में निवेश
- पीटीआई
- Last Updated : July 10, 2022, 15:43 IST
नई दिल्ली. भारतीय स्टार्टअप (Indian Startups) कंपनियों में चालू कैलेंडर साल स्टार्टअप में निवेश की दूसरी अप्रैल-जून तिमाही के दौरान निवेश 40 फीसदी घटकर 6.8 अरब डॉलर रह गया. जियो-पॉलिटिकल संकट के कारण स्टार्टअप कंपनियों को मिलने वाले निवेश में कमी आई है. पीडब्ल्यूसी इंडिया (PwC India) की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है.
50 लाख डॉलर रहा फंडिंग का औसत आकार
पीडब्ल्यूसी इंडिया की रिपोर्ट ‘स्टार्टअप डील ट्रैकर-अप्रैल-जून तिमाही’ के मुताबिक, शुरुआती चरण के डील में कुल मिलाकर 60 फीसदी से अधिक का औसत आकार 50 लाख डॉलर रहा है. रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘लगातार तीन तिमाहियों में 10 अरब डॉलर से अधिक जुटाने के बाद भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में कुल निवेश चालू कैलेंडर वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान 40 फीसदी घटकर 6.8 अरब डॉलर तक आ गया.स्टार्टअप में निवेश स्टार्टअप में निवेश ’’
रतन टाटा ने 25 साल के युवा के स्टार्टअप पर लगाया दांव, जानिए क्या करती है कंपनी
उद्योग जगत के दिग्गज कारोबारी रतन टाटा ने वरिष्ठ नागरिकों को सेवा के रूप में सहयोग देने वाले स्टार्टअप गुडफेलोज में निवेश की घोषणा की है। हालांकि, निवेश की रकम के बारे में जानकारी नहीं दी गई है। आपको बता दें कि टाटा समूह से रिटायरमेंट के बाद से रतन टाटा, कई स्टार्टअप में पैसे लगा चुके हैं।
कौन है फाउंडर: अब रतन टाटा ने जिस नए स्टार्टअप में निवेश का ऐलान किया है, उसकी स्थापना शांतनु नायडू ने की है। स्टार्टअप में निवेश कॉर्नेल विश्वविद्यालय से पढ़ाई करने वाले 25 वर्षीय नायडू टाटा के कार्यालय में हैं और 2018 से टाटा की सहायता कर रहे स्टार्टअप में निवेश हैं। अब उन्होंने रतन टाटा की मौजूदगी में अपने स्टार्टअप-गुडफेलोज (goodfellows) की लॉन्चिंग की है।
यह स्टार्टअप कंपनी होने जा रही दिवालिया, पेटीएम के विजय शेखर शर्मा का है निवेश
Lido Learning bankruptcy: एडटेक स्टार्टअप लीडो लर्निंग (Lido Learning) दिवालिया होने जा रही है। कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) के साथ कंपनी की नियामक फाइलिंग के मुताबिक, लीडो लर्निंग ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की मुंबई बेंच को दिवालियापन के लिए आवेदन किया है। लीडो लर्निंग के निदेशक मंडल ने दिवाला और दिवालियापन (आईबीसी) कोड 2016 की धारा 10 के तहत एक आवेदन दायर करने के लिए एक विशेष प्रस्ताव पारित किया है।
दिग्गज निवेशकों ने लगाया था पैसा
आपको बता दें कि करीब सात महीने पहले इस एडटेक फर्म ने अचानक 1,200 कर्मचारियों को इस्तीफा देने के लिए कहा था और अब कंपनी के दिवालिया होने की खबर सामने आई है। बता दें कि इस स्टार्टअप में Upgrad के फाउंडर रोनी स्क्रूवाला, पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा (Vijay Shekhar Sharma) और शादी.कॉम के अनुपम मित्तल जैसे दिग्गज निवेशकों ने पैसा लगा रखा था।
रतन टाटा ने बुजुर्गों के लिए एक स्टार्टअप में किया निवेश, अनोखी सेवा उपलब्ध कराती है यह कंपनी
कारोबारी जगत के मजबूत स्तंभ रतन टाटा ने आज एक स्टार्टअप गुडफेलोज में स्टार्टअप में निवेश निवेश का ऐलान किया है. हालांकि निवेश की राशि का खुलासा नहीं हुआ है. (Image- IE)
कारोबारी जगत के मजबूत स्तंभ रतन टाटा (Ratan Tata) ने आज मंगलवार 16 अगस्त को एक स्टार्टअप गुडफेलोज (Goodfellows) में निवेश का ऐलान किया है. हालांकि निवेश की राशि का खुलासा नहीं हुआ है. यह स्टार्टअप बुजुर्गों को सेवा के रूप में कंपेयनशिप यानी साथ मुहैया कराती है. इस स्टार्टअप को शांतनु नायडू ने स्थापित किया है. रतन टाटा टाटा ग्रुप से जब से रिटायर हुए हैं, स्टार्टअप में सक्रिय तरीके से निवेश कर रहे हैं और अब तक 50 से अधिक कंपनियों में निवेश कर चुके हैं.
कौन हैं नायडू?
शांतनु नायडू तीस साल के हैं और उन्होंने कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है. वह टाटा के ऑफिस में जनरल मैनेजर हैं और स्टार्टअप में निवेश 2018 से उनकी सहायता कर रहे हैं. नायडू ने गुडफेलोज समेत चार कंपनियों की शुरुआत की है जिसमें एक पालतू जानवरों के लिए है.गुडफेलोज को लेकर रतन टाटा ने नायडू की प्रशंसा की है. 84 वर्षीय टाटा ने नायडू के विचार की सराहना करते हुए कहा कि जब तक आप वास्तव में बूढ़े नहीं हो जाते, तब तक किसी को भी बूढ़े होने का मन नहीं करता. उन्होंने यह भी कहा कि एक अच्छे स्वभाव वाला साथी प्राप्त करना भी एक चुनौती है.
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कैसे काम करती है Goodfellows
नायडू स्टार्टअप में निवेश ने टाटा को एक बॉस, एक संरक्षक और एक मित्र के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया में डेढ़ करोड़ बुजुर्ग हैं, जो अकेले हैं जोकि गुडफेलोज के लिए अवसर के समान है. इन बुजुर्गों के साथी के रूप में गुडफेलोज स्टार्टअप में निवेश में ऐसे युवा ग्रेजुएट्स को काम पर रखा जाता है जिनके पास संवेदना की उचित क्षमता और भावनात्मक बुद्धिमता हो. नायडू का कहना है कि सही साथी के चयन के लिए मनोवैज्ञानिक की मदद ली जएगी.
इनका काम बुजुर्गों के साथ रहना है, उनसे बातचीत करना है. इन्हें बुजुर्गों की जरूरतों के मुताबिक काम करना होगा जैसे कि उनके साथ कैरम खेलना, उनके लिए अखबार पढ़ना या उनके साथ झपकी लेना. एक साथी किसी बुजुर्ग क्लाइंट को एक हफ्ते में तीन बार विजिट करेगा और एक विजिट में उनके साथ चार घंटे बिताएगा. फीस की बात करें तो एक महीने की फ्री सर्विस के बाद बेस सब्क्रिप्शन के तौर पर एक महीने के लिए पांच हजार रुपये वसूलेगी.
गूगल ने इस भारतीय स्टार्टअप में किया निवेश, जानिए क्या करती है कंपनी
गूगल ने किया प्रोगकैप में निवेश (फोटो: रॉयटर्स)
अमेरिकी दी गई टेक्नोलॉजी कंपनी गूगल ने भारतीय स्टार्टअप प्रोगकैप (Progcap) में 40 मिलियन डॉलर का निवेश किया है। यह निवेश गूगल की ओर से स्टार्टअप में निवेश कंपनी की ओर से जुटाई जा रही सी सीरीज की फंडिंग के तहत किया गया है।
प्रोगकैप एक भारतीय फिनटेक स्टार्टअप है जो छोटे और मध्यम श्रेणी के व्यापारियों पर फोकस करता है। मौजूदा समय में कंपनी 7 लाख छोटे व्यापारियों के साथ जुड़ी हुई है और उन्हें 8 लाख से 10 लाख रुपए तक का ऋण उपलब्ध कराती है। इस कंपनी ने दुनिया ने स्टार्टअप निवेशकों जैसे क्रिएशन इन्वेस्टमेंट और टाइगर ग्लोबल ने निवेश किया हुआ है।