Share market क्या होता है

stock market : Share Market क्या है ? सम्पूर्ण जानकारी
stock market का अर्थ हिन्दी मे share market (शेयर बाजार ) होता है जोकी अपने बहुत लोगों के मुहू से सुना होगा की मे शेयर मार्केट मे अपने पेसे investment या trading करता हु जिससे बहुत पैसे हर रोज कमाता हु तो आपको बात दु की आपको इस आर्टिकल मे stock market या share market की सम्पूर्ण जानकारी मेलेगी
हम आज जानेगे share market के बारे मे
- शेयर मार्केट Share market क्या होता है क्या होता है
- शेयर कितने प्रकार के होते है
- शेयर मार्केट कैसे काम करता है
- आप कैसे कर सकते हैं शेयर बाजार में निवेश की शुरूआत?
Table of Contents
stock market शेयर बाजार क्या होता है ?
Stock Market या Share Market वह जगह होती हैं जहाँ पर Equity, Debentures, Mutual Funds, Derivatives और अन्य प्रकार की Securities (प्रतिभूतियों) को Stock Exchange के माध्यम से ख़रीदा और बेचा जाता हैं|
आसान शब्दों मे बोला जाए stock market शेयर मार्केट जो शेयर का मतलब होता है हिस्सा. बाजार उस जगह को कहते हैं जहां आप खरीद-बिक्री कर सकें आपको यह जानना जरूरी है की
भारत मे दो सबसे बड़े stock exchanger है
-
(Bombay Stock Exchange) (National Stock Exchange)
BSE या NSE में ही किसी लिस्टेड कंपनी के शेयर ब्रोकर के माध्यम से खरीदे और बेचे जाते हैं. शेयर बाजार (Stock Market) में हालांकि बांड, म्युचुअल फंड और डेरिवेटिव का भी व्यापार होता है.
स्टॉक बाजार या शेयर बाजार में बड़े रिटर्न की उम्मीद के साथ घरेलू के साथ-साथ विदेशी निवेशक (FII या FPI) भी काफी निवेश करते हैं.
शेयर कितने प्रकार के होते है
- Equity Share (इक्विटी शेयर)
- Preference Share (परेफरेंस शेयर )
- DVR Share (डी वी आर शेयर )
Equity Share (इक्विटी शेयर)
स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड कंपनी जब अपना शेयर इशू करती है तो उन शेयर को equity share कहा जाता है .
बंकि अन्य शेयर कि तुलना में equity share सबसे ज्यादा ट्रेड किये जाते है क्योंकि यह शेयर लगभग सभी कंपनी के द्वारा इशू किये जाते है .
स्टॉक एक्सचेंज में लोग सबसे ज्यादा इक्विटी शेयर्स पर ही इन्वेस्ट और ट्रेडिंग करते है इस कारण से इन्हें लोग इक्विटी शेयर कि जगह सिर्फ शेयर कहना पसंद करते है .
Preference Share (परेफरेंस शेयर )
शेयर बाजार में इक्विटी शेयर के बाद परेफरेंस शेयर का नाम बहुत चलता है , परेफरेंस शेयर और इक्विटी शेयर इन दोनों में ज्यादा अंतर नहीं है .
क्योंकि यह दोनों है तो शेयर ही , लेकिन कुछ बाते है जो इक्विटी शेयर से परेफरेंस शेयर को अलग बनती है .
जैसे कि परेफरेंस शेयर होल्डर कभी भी कंपनी कि मीटिंग में वोटिंग नहीं कर सकता . क्योंकि Share market क्या होता है परेफरेंस शेयर होल्डर के पास इसका अधिकार नहीं होता .
और परेफरेंस शेयर होल्डर को कंपनी से मिलने वाला मुनाफा पहले ही तय कर दिया जाता है जो कि उसे साल के अंत में मिलने वाला है, इस Share market क्या होता है प्रकार से परेफरेंस शेयर इक्विटी से अलग है .
DVR Share (डी वी आर शेयर )
DVR Share Full Form is : Share With Differential Voting Rights.
डी वी आर शेयर इक्विटी और परेफरेंस शेयर से अलग है ये इस लिए अलग है कि डी वी आर शेयर होल्डर को इक्विटी शेयर कि तरह लाभ तो मिलता है लेकिन उसकी तरह वोटिंग राइट्स नहीं मिलते .
ऐसा नहीं है कि डी वी आर शेयर होल्डर वोटिंग नहीं कर सकता , डी वी आर होल्डर वोटिंग कर सकता है लेकिन उसके voting rights सुनिश्चित होते है . यही कि उसको जहाँ वोटिंग करने का अधिकार दिया जाएगा वही डी वी आर शेयर होल्डर वोटिंग कर पायेगा .
शेयर मार्केट कैसे काम करता है
शेयर मार्केट क्या है यह समझने के बाद जानते है की यह कैसे काम करता है|
यह बड़ा ही आसान है आपको इन चार चीजो को समझना होगा –
- लिस्टेड कम्पनियां
- शेयर धारक
- डिमांड और सप्लाई
- मार्केट Share market क्या होता है की परिस्थिति आदि
इसे सरल तरीके से एक एक करके समझते है >>>
मान लीजिये कि NSE में सूचीबद्ध किसी कंपनी ने कुल 10 लाख शेयर जारी किए हैं. आप उस कंपनी के प्रस्ताव के अनुसार जितने शेयर खरीद लेते हैं आपका उस कंपनी में उतने हिस्से का मालिकाना हक हो गया. आप अपने हिस्से के शेयर किसी अन्य खरीदार को जब भी चाहें बेच सकते हैं.
कंपनी जब शेयर जारी करती है उस वक्त किसी व्यक्ति या समूह को कितने शेयर देना है, यह उसके विवेक पर निर्भर है. शेयर बाजार (Stock Market) से शेयर खरीदने/बेचने के लिए आपको ब्रोकर की मदद लेनी होती है.
ब्रोकर शेयर खरीदने-बेचने में अपने ग्राहकों से कमीशन चार्ज करते हैं.
किसी लिस्टेड कंपनी के शेयरों का मूल्य BSE/NSE में दर्ज होता है. सभी सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों का मूल्य उनकी लाभ कमाने की क्षमता के अनुसार घटता-बढ़ता रहता है. सभी शेयर बाजार (Stock Market) का नियंत्रण भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी या SEBI) के हाथ में होता है.
Sebi की अनुमति के बाद ही कोई कंपनी शेयर बाजार (Stock Market) में लिस्ट होकर अपना प्रारंभिक निर्गम इश्यू (आईपीओ या IPO) जारी कर सकती है.
प्रत्येक तिमाही/छमाही या सालाना आधार पर कंपनियां मुनाफा कमाने पर हिस्साधारकों को लाभांश देती है. कंपनी की गतिविधियों की जानकारी SEBI और BSE/NSE की वेबसाइट पर भी उपलब्ध होती है
कोई कंपनी BSE/NSE में कैसे लिस्ट होती है?
शेयर बाजार (Stock Market) में लिस्ट होने के लिए कंपनी को शेयर बाजार से लिखित समझौता करना पड़ता है. इसके बाद कंपनी पूंजी बाजार नियामक SEBI के पास अपने सभी जरूरी दस्तावेज जमा करती है. SEBI की जांच में सूचना सही होने और सभी शर्त के पूरा करते ही कंपनी BSE/NSE में लिस्ट हो जाती है.
इसके बाद कंपनी अपनी हर गतिविधि की जानकारी शेयर बाजार (Stock Market) को समय-समय पर देती रहती है. इनमें खास तौर पर ऐसी जानकारियां शामिल होती हैं, जिससे निवेशकों के हित प्रभावित होते हों.
शेयरों के भाव में उतार-चढ़ाव क्यों आता है?
किसी कंपनी के कामकाज, ऑर्डर मिलने या छिन जाने, नतीजे बेहतर रहने, मुनाफा बढ़ने/घटने जैसी जानकारियों के आधार पर उस कंपनी का मूल्यांकन होता है. चूंकि लिस्टेड कंपनी रोज कारोबार करती रहती है और उसकी स्थितियों में रोज कुछ न कुछ बदलाव होता है, इस मूल्यांकन के आधार पर मांग घटने-बढ़ने से उसके शेयरों की कीमतों में उतार-चढाव आता रहता है.
अगर कोई कंपनी लिस्टिंग समझौते से जुड़ी शर्त का पालन नहीं करती, तो उसे सेबी BSE/NSE से डीलिस्ट कर देती है.
शायद आपको पता न हो, विश्व के सबसे अमीर व्यक्तियों में शामिल वारेन बफे भी शेयर बाजार (Stock Market) में ही निवेश कर अरबपति बने हैं.
आप कैसे कर सकते हैं शेयर बाजार में निवेश की शुरूआत?
आपको सबसे पहले किसी ब्रोकर की मदद से डीमैट अकाउंट खुलवाना होगा. इसके बाद आपको डीमैट अकाउंट को अपने बैंक अकाउंट से लिंक करना होगा.
बैंक अकाउंट से आप अपने डीमैट अकाउंट में फंड ट्रांसफर कीजिये और ब्रोकर की वेबसाइट से खुद लॉग इन कर या उसे आर्डर देकर Share market क्या होता है किसी कंपनी के शेयर खरीद लीजिये.
इसके बाद वह शेयर आपके डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर हो जायेंगे. आप जब चाहें उसे किसी कामकाजी दिन में ब्रोकर के माध्यम से ही बेच सकते हैं.
Stock Market Tips: शेयर बाजार Share market क्या होता है में करना चाहते हैं निवेश, इन गलतियों को करने से बचें, नहीं होगा कई नुकसान
Investment Tips: कई बार निवेशक जब पैसे लगाते हैं तो उस समय मार्केट ऊपर रहता है लेकिन, उसके बाद गिरावट (Stock Market Down) के दौर पर वह बुरी तरह से घबराने लगते हैं. यह सोच बिल्कुल सही नहीं है.
By: ABP Live | Updated at : 07 Feb 2022 12:54 PM (IST)
Stock Market Investment Tips: कहते हैं कि शेयर बाजार में करोड़ों अरबों की पूंजी है लेकिन, इन पैसों को कमाना कोई आसान काम नहीं है. जब भी लोग शेयर बाजार (Share Market) में पैसे लगाने का सोचते हैं तो उनके दिमाग में यही ख्याल आता है कि वह कुछ ही दिनों में करोड़पति बन जाएंगे. लेकिन, यह सोच बिल्कुल गलत है. ज्यादातर छोटे और रिटेल निवेशक (Retail Investors in Share Market) सही तरीके से शेयर बाजार में पैसे नहीं लगाते हैं और कुछ ही दिनों में उनके पैसे डूब जाते हैं. जल्दी पैसे कमाने के चक्कर में अपनी जमा पूंजी भी गंवा देते हैं. ऐसे में यह बहुत जरूरी है कि आप सही तरीके से शेयर बाजार में पैसे लगाएं (Invest in Share Market). तो चलिए हम आपको बताते है कि रिटेल निवेशक क्या ऐसी गलतियां कर देते हैं (Mistakes Done bY retail Investors) जिसके कारण उनके पैसे डूब जाते हैं. उन्हें ऐसी गलतियों से कैसे बचना चाहिए-
1. किसी के कहने Share market क्या होता है पर कभी न करें निवेश
कई बार रिटेल निवेशक बिना सही जानकारी के शेयर बाजार में निवेश कर देते (Right Information of Stock Market) हैं. इसमें ज्यादातर दूसरे के सुझाव पर निवेश करते हैं. बिना स्टॉक मार्केट को समझे (Understanding of Stock Market) पैसे लगाना बहुत बड़ी गलती साबित हो सकती है. ऐसी गलती करने से आप बिल्कुल बचें. पैसे स्टॉक मार्केट (Stock Market) को अच्छी तरह से समझें उसके बाद ही पैसे कमाने का सोचें.
2. मार्केट की गिरावट से घबरा जाना
कई बार निवेशक जब पैसे लगाते हैं तो उस समय मार्केट ऊपर रहता है. लेकिन, उसके बाद गिरावट (Stock Market Down) के दौर पर वह बुरी तरह से घबराने लगते हैं. यह सोच बिल्कुल सही नहीं है. ऐसा सोचना की आपके पैसे डूब जाएंगे बिल्कुल सही नहीं है. कई लोग नुकसान के डर से कई बार अपने शेयरों को सस्ते में बेच देते हैं. वहीं बड़े निवेशक शेयर को गिरावट के दौर में खरीदते हैं और बाद में बढ़ोतरी पर बेचते हैं. इससे उन्हें बड़ा लाभ होता है.
3. ज्यादा कमाई के चक्कर में शेयर्स को रोक कर रखना
आपको बता दें कि कई बार यह देखा गया है कि बड़े निवेशक जब शेयर्स में 5 से 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी होती है तो वह शेयर्स को बेच देते हैं. लेकिन, छोटे निवेशक उन शेयर्स को अपने पास रखते हैं. वह ऐसा सोचते हैं कि इससे बड़ी कमाई करेंगे. बाद में उन शेयर के दाम गिरने पर उन्हें बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है. ऐसे में इस तरह की गलती करने से बचें. अगर आपके शेयर के दाम अगर 10 प्रतिशत तक भी बढ़ गए है तो उसे बेच दें.
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4. सस्ते शेयरों पर पैसा लगाना
यह अक्सर देखा गया है कि रिटेल निवेशक उन शेयर्स का चुनाव करते हैं तो सस्ते होते हैं. उन्हें लगता है कि बाद में इन शेयरों के दाम बढ़ Share market क्या होता है जाएंगे. लेकिन, यह सोच बिल्कुल गलत है. कई बार निवेशक इस कारण पेनी स्टॉक (Penny Stock) में फंस जाते हैं. इससे वह अपनी जमा पूंजी भी गंवा देते हैं. हमेशा कंपनी की ग्रोथ (Company Shares) देखकर ही पैसे लगाना समझदारी भरा काम है.
5. बिना किसी एक्सपर्ट की सलाह के पैसे निवेश कर देना
पैसे निवेश करते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि आप एक सही मार्केट एक्सपर्ट्स से सुझाव के बाद ही पैसों का निवेश करें. कई बार लोग सोशल मीडिया के बहकावे में आकर निवेश कर देते हैं. सोशल मीडिया (Social Media) पर लोग आपको लखपति-करोड़पति बनने का सपना दिखाते हैं. ऐसा करने से बिल्कुल बचना चाहिए. सही तरीके से पैसा निवेश करने से आपका पैसे डूबने का जोखिम (Loss of Money) कम हो जाता है.
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Published at : 07 Feb 2022 12:42 PM (IST) Tags: Stock Market investment tips Stock Market Tips हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
शेयर मार्केट क्या है – What Is Share Market ?
हम इस Article में जानेंगे कि Share Market क्या होता है, Share वास्तव में क्या होता है, और साथ ही साथ जानेंगे Share Market क्या होता है?
आइये पहले देखते है-
शेयर क्या है ?
शेयर्स को कुछ दुसरे नामो से भी जाना जाता है – जैसे
STOCK -स्टॉक, और
EQUITY -एकुइटी,
STOCK, SHARE, या EQUITY तीनो एक ही होता है ,
शेयर – Meaning of Share
“Share का मतलब ,किसी कंपनी की पूंजी को, छोटे-छोटे बराबर हिस्से में बांटने पर, जो पूंजी का सबसे छोटा हिस्सा आता है , उस हिस्से को शेयर (SHARE) कहते है .”
जैसे – एक ABC कंपनी की कुल पूंजी 1 करोड़ है, और कंपनी अपनी 1 करोड़ की पूंजी को, 1 लाख अलग-अलग, बराबर मूल्य के हिस्से में बाँट देती है, अब बांटा गया हर एक हिस्सा, कंपनी की पूंजी का एक सबसे छोटा भाग है जिसकी कीमत अब 100 रूपये है, पूंजी के इसी छोटे भाग को ही SHARE कहा जाता है,
इस तरह ABC कंपनी की पूंजी SHARE में बाँट दिए जाने पर अब कंपनी की पूंजी SHARE CAPITAL कहलाएगी, जो इस प्रकार से होगी –
TOTAL NO of SHARE X SHARE PRICE = SHARE CAPITAL
1,00,000 (एक लाख SHARE) X 100 (एक शेयर) = 1,00,00,000 (1 करोड़ कुल शेयर कैपिटल)
शेयर – कंपनी की पूंजी का एक हिस्स्सा
अब आप समझ गए की SHARE का अर्थ है, कंपनी की पूंजी का एक भाग , यानी जब भी आप SHARE खरीदते है, और पैसे चुकाते है, तो आप SHARE खरीद कर उस कंपनी को ख़रीदे गए SHARE के मूल्य के बराबर पूंजी दे रहे है,
और BUSINESS में पूंजी लगाने वाला BUSINESS का मालिक होता है,इस तरह आपके पास किसी कंपनी के जितने शेयर होते है, आप उन SHARES की कीमत के बराबर ,उस कंपनी में मालिक बन जाते है,
जैसे –
अगर आपके पास State Bank of India का 100 शेयर है और एक शेयर की कीमत अगर 300 रूपये है तो इसका अर्थ है की आपने State Bank of India में 100 शेयर X 300 = 30,000 /- (तीस हजार रूपये ) पूंजी के रूप में दिया हुआ है, और इस 30 हजार रूपये के ऊपर होने वाले लाभ और हानी में आप हिस्सेदार है,
यानी आप 30 हजार रूपये के बराबर State Bank of India में मालिक है.
SHARE से लाभ –
आइये ये भी जाने की शेयर खरीदने और बेचने से किस तरह लाभ कमाया जाता है-
SHARE से पैसे बनाने के दो मुख्य तरीके है, वे है लाभांश (Dividend) कमाना, और Shares की कीमत बढ़ जाने पर उसे बेच कर लाभ कमाना यांनी Value Growth Income,
1. लाभांश – DIVIDEND
किसी भी BUSINESS में दो स्थिति हो सकती है लाभ और हानी, आपके पास जिस कंपनी के SHARE है, वो कंपनी भविष्य में जितना लाभ कमाएगी, उस लाभ यानी PROFIT में , कंपनी के मैनेजमेंट निर्णय के अनुसार, आपको लाभ के हिस्से के रूप में, लाभांश (DIVIDEND) प्राप्त होगा, और इस तरह आप कंपनी के SHARES में INVEST करके आप लाभांश के रूप में INCOME कम सकते है.
2. SHARE VALUE GROWTH
अगर कंपनी लगातार अच्छा BUSINESS कर रही है और लाभ कमा रही है तो इस से कंपनी की कुल वैल्यू बढ़ जाती है और इस तरह उस के पूंजी बढ़ने से SHARES की कीमत भी बढ़ जाती है और हानि की स्थिति में कंपनी की कुल कीमत में कमी आने की वजह से आपके SHARES की कीमत भी कम हो जाती है, और आप SHARE के भाव बढ़ जाने पर SHARES को STOCK MARKET में बेच कर आप SHARE VALUE बढ़ने से लाभ कमा सकते है.
SHARE एक प्रमाण पत्र Certificate होता है,
Share एक प्रमाण पत्र है , SHARES वास्तव में हमारे द्वारा पूंजी के रूप में कम्पनी को दिए गए AMOUNT का प्रमाण पत्र होता है , हम शेयर्स को शेयर्स सर्टिफिकेट भी कह सकते है .
पूंजी को छोटे छोटे हिस्से यानी Share में बांटे से सबसे बड़ा लाभ ये होता है, कि जिसके पास बहुत कम पैसे है वो भी कुछ SHARE खरीद सकता है और इस तरह कंपनी को आम जनता से पैसा मिल जाता है,
आइए अब देखते है,
मार्केट क्या है ?
हम सभी मार्केट शब्द से अच्छी तरह से परिचित है, हिंदी में मार्केट को बाजार कहते है ,
मार्केट ऐसी जगह है जहा कुछ ख़रीदा और बेचा जाता है , जहा कई तरह के दूकानदार अपना – अपना सामान अपने दुकान पे लेके बैठे रहते है और खरीददार अपनी जरुरत का सामान खरीदने के लिए बाजार में आता है और दुकानदार से मोल भाव करके खरीदता है,
जैसे – आपके शहर या गाँव Share market क्या होता है या गली का बाजार,
मार्केट में दो लोगो का होना जरुरी है ,
पहला – खरीदने वाला , दूसरा – बेचने वाला
आइये अब देखते है-
SHARE MARKET या STOCK MARKET क्या है?
बि लकुल आसन शब्दों में कहा जाये तो STOCK MARKET एक ऐसा MARKET PLACE है जहा SHARES की खरीद और बिक्री होती है,
SHARE MARKET एक ऐसा MARKET PLACE है जहां शेयरों के खरीदार और विक्रेता एक साथ, PHYSICAL या VIRTUAL रूप से SHARES खरीदने और बेचने आते हैं,
निवेशक कोई भी शेयर BUY या SELL के ORDERS एक सिस्टम दारा STOCK EXCHANGE को देते हैं, और STOCK MARKET खरीद या बिक्री के ORDERS को पूरा कर देता है।
आज सभी ORDERS COMPUTERIZED SYSTEM से ही पुरे किये जाते है और सभी ORDERS को BEST POSSIBLES OFFERS से MATCH किया जाता है और TRADE को कम्पलीट किया जाता है.
STOCK TRADING की यह ELECTRONIC SYSTEM प्रणाली अधिक पारदर्शिता प्रदान करती है क्योंकि यहाँ सभी BUY और SELL ORDERS को COMPUTER SCREEN पे दिखाती है।
भारतीय शेयर बाजार , (INDIAN SHARE MARKET)
पुराने ज़माने में शेयर्स की खरीद और बिक्री प्रत्यक्ष रूप से MARKET में जाकर की जाती थी, लेकिन अभी COMPUTERS आने के बाद सब कुछ INTERNET द्वारा घर या कही भी बैठे-बैठे कर लिया जाता है, आज SHARES की सभी खरीद और विक्री द्वारा ऑनलाइन ही की जाती है,
आपको SHARE खरीदने या बेचने जाने Share market क्या होता है के लिए मुंबई जाने की कभी जरूरत नहीं होती , आप अपने ऑनलाइन बैंकिंग और किसी भी स्टॉक ब्रोकर के पास एक ट्रेडिंग और DEMAT ACCOUNT की मदद से दुनिया के किसी भी कोने से आप बैठ कर SHARES खरीद और बेच सकते है,
आशा है आप समझ पाए होंगे की शेयर क्या है, और शेयर मार्केट क्या होता है ,
आगे हम SHARE के बारे में कुछ और INTERESTING बात करेंगे और आप SHARE कैसे खरीद Share market क्या होता है और बेच सकते है, इन सबके बारे में भी बात करेंगे,
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Trading क्या है Trading कितने प्रकार कि होती है?
Trading क्या है? यह प्रश्न ज्यादातर स्टॉक मार्केट में नए लोगों को परेशान करता है। आज कई small retailers स्टॉक मार्केट में है जो trading और investment में अंतर नहीं समझ पाते है। अगर आपको भी ट्रेडिंग शब्द का मतलब नहीं पता है। तो आज कि लेख में हम आपको trading meaning in hindi के बारे में बारीकी से समझाएंगे। इसलिए आज का पोस्ट आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है इसलिए इस अंत तक पढ़े। तो फिर आइए जानते हैं।
Trading क्या है?
Trading को आसान शब्दों में व्याख्या करें तो हिंदी में इसे " व्यापार " कहा जाता है। यानी कि किसी वस्तु या सेवा का आदान प्रदान करके मुनाफा कमाना।
Stock Market Trading भी इसी तरह होता है। जैसे कि हम किसी वस्तु को खरीद और बिक्री करके मुनाफा कमाते हैं। बिल्कुल वैसे ही स्टॉक मार्केट में वस्तु की जगह कंपनियों के शेयर कि खरीद और बिक्री करके मुनाफा कमाया जाता है। ट्रेडिंग कि समय अवधि 1 साल की होती है। मतलब यह हुआ कि 1 साल के अंदर शेयर को खरीदना और बेचना है। अगर एक साल के बाद शेयर को बेचते हैं तो यह निवेश कहलाता है। यह एक तरह का ऑनलाइन पर आधारित बिजनेस होता है।
उदाहरण के तौर पर अगर हम share market में शेयर खरीद रहे हैं तो हमारे जैसे कोई अन्य व्यक्ति होगा जो उन शेयर को बेच रहा होगा। चलिए इसे अब अपने डेली लाइफ से जोड़ते हैं। मान लीजिए आपने होलसेल स्टोर से कोई सामान ₹50 खरीदा और उसे बाद में ₹60 लगा कर कस्टमर्स को बेच दिया। अगर यह आप रोजाना करते हैं तो इसे ट्रेडिंग कहा जाता है।
बिल्कुल ऐसे ही शेयर बाजार में भी होता है। आप शेयर को खरीदते हैं और 1 साल के अंदर खरीदे हुए शेयर को प्राइस बढ़ने के बाद बेच देते है। तो यह Stock Market Trading कहलाता है।
Trading को काफी रिस्की कहा जाता है क्योंकि इसमें यह कोई नहीं जानता कि कुछ समय बाद शेयर के भाव में क्या मूवमेंट आयेगा। अगर शेयर से जुड़ी न्यूज़ अच्छी आती है तो शेयर के भाव में तेजी दिखाई देगी। वहीं इसका उल्टा करे Share market क्या होता है तो शेयर से जुड़ी न्यूज़ खराब आती है तो शेयर के भाव में मंदी देखने को मिल सकती है।
Stock Market Trading कितने प्रकार के होते हैं?
- Scalping Trading
- Intraday Trading
- Swing Trading
- Positional Trading
Scalping Trading क्या है?
Scalping Trading वह trade जो कुछ सेकंड या मिनट के लिए trade किया जाए। यानी मतलब यह हुआ कि वह traders जो केवल कुछ सेकंड या मिनट के लिए शेयर की खरीद और बिक्री करते हैं। ऐसे ट्रेडर्स को scalpers कहा जाता है। बता दू कि scalping trading को सबसे जायदा रिस्की होता है।
Intraday Trading क्या है?
Intraday Trading वह trade जो 1 दिन के लिए trade किया जाए। यानी मतलब यह हुआ कि वह traders जो Market (9:15 am) के खुलने के बाद शेयर खरीद लेते हैं। और मार्केट बंद(3:30 pm) होने से पहले शेयर को बेच देते है। ऐसे ट्रेडर्स को Intraday ट्रेडर्स कहा जाता है। बता दू कि Intraday ट्रेडिंग scalping trading से थोड़ा कम रिस्की होता है। इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए गए पोस्ट को पढ़े।
Swing Trading क्या है?
Swing Trading वह trade जो कुछ दिनों के लिए शेयर को खरीदते और बेचते है। यानी मतलब यह हुआ कि वह traders जो एक दो हफ़्ते के लिए शेयर को खरीदने के बाद बेच देते हैं। इसमें ट्रेडर को पूरे दिन चार्ट को देखना नहीं पड़ता है। यह उन लोगो ( जॉब, स्टूडेंट्स आदि) के लिए बेहतर होता है जो ट्रेडिंग में अपना पूरा दिन नहीं दे सकते हैं।
Positional Trading क्या है?
Positional Trading वह ट्रेड जो कुछ महीने के लिए होल्ड किए जाएं। यह मार्केट का long term movement को कैप्चर करने के लिए किया जाता है। ताकि एक अच्छा मुनाफा हो सके। शेयर बाजार की रोजाना के up-down से इन पर जायदा असर नहीं होता है। यह बाकी सभी trading से कम रिस्की होता है।
Trading और Investment में क्या अंतर है?
- Trading में शेयर को short term के लिए खरीदा जाता है। वहीं Investment में शेयर को लंबे समय के लिए खरीद लिया जाता है।
- Trading में टेक्निकल एनालिसिस की जानकारी होना जरूरी होता है। वहीं Investment में fundamental analysis की जानकारी प्राप्त होनी चाहिए।
- Trading कि अवधि 1 साल तक की होती है। वहीं निवेश कि अवधि 1 साल से ज्यादा कि होती है।
- Trading करने वाले लोगों को traders कहा जाता है। वहीं निवेश (Investment) करने वाले लोगों को निवेशक (Invester) कहां जाता है।
- Trading short term मुनाफे को कमाने के लिए किया जाता है वहीं निवेश लंबी अवधि के मुनाफे को कमाने के लिए किया जाता है।
आपने क्या जाना
जैसे कि आपने हमारी आज के लेख में trading kya hai के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की है। आज आपने ट्रेडिंग के साथ साथ ट्रेडिंग के प्रकार और निवेश से ट्रेडिंग किस तरह अलग होता है यह भी जाना है। अगर आपको भी share market में trade करना है तो सबसे पहले इसके बारे में विस्तार से जानकारी अवश्य ले। नहीं तो आपको अच्छा खासा नुकसान झेलना पड़ सकता है।