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करेंसी किसे कहते हैं

करेंसी किसे कहते हैं
आधुनिक भारत के रुपये का इतिहास 1947 में आजादी के बाद से शुरू होता है. आजाद भारत का पहला नोट एक रुपये का था, जिसे1949 में जारी किया गया था. इस नोट पर सारनाथ का अशोक स्तंभ अंकित था. इसके बाद नोट में कई बदलाव हुए और उस पर गेटवे ऑफ इंडिया, बृहदेश्वर मंदिर के चित्र भी छापे गये. वर्ष 1953 में भारत सरकार द्वारा जो नोट छापा गया उस पर हिंदी भाषा में भी लिखा गया. इन नोटों के जारी होने के दशकों बाद 1996 और 2005 में जारी नोट पर महात्मा गांधी की फोटो छपनी शुरू हुई. इसके बाद रुपये की नकल को रोकने के लिए उसमें कई सारे सिक्योरिटी फीचर्स डाले गये. दृष्टिहीनों की सहूलियत के लिए भी आज के नोट में कई फीचर्स डाले गये हैं. आज की अगर बात करें, तो 5, 10, 20, 50, 100, 500 और 2000 के कागजी नोट चलन में हैं.

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क्रिप्टो करेंसी क्या है - what is crypto currency

क्रिप्टो करेंसी एक डिजिटल मुद्रा है जिसका उपयोग वस्तुओं और सेवाओं को खरीदने के लिए किया जा सकता है, लेकिन ऑनलाइन लेनदेन को सुरक्षित करने के लिए मजबूत क्रिप्टोग्राफी के साथ ऑनलाइन लेज़र का उपयोग करता है। इन अनियमित मुद्राओं में अधिकांश ब्याज लाभ के लिए व्यापार करना है, सट्टेबाजों के साथ कई बार कीमतें आसमान छूती हैं।

क्रिप्टोकरेंसी ऐसी प्रणालियाँ हैं जो ऑनलाइन सुरक्षित भुगतान की अनुमति देती हैं, जिन्हें वर्चुअल "टोकन" के रूप में दर्शाया जाता है, जो सिस्टम में आंतरिक लेज़र प्रविष्टियों द्वारा दर्शाए जाते हैं। "क्रिप्टो" विभिन्न एन्क्रिप्शन एल्गोरिदम और क्रिप्टोग्राफ़िक तकनीकों को संदर्भित करता है जो इन प्रविष्टियों की सुरक्षा करता है।

क्रिप्टो करेंसी के प्रकार

पहली ब्लॉकचेन-आधारित क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन थी, जो अभी भी सबसे लोकप्रिय और सबसे मूल्यवान बनी हुई है। आज, विभिन्न कार्यों और विशिष्टताओं के साथ हजारों वैकल्पिक क्रिप्टोकरेंसी हैं। इनमें से कुछ बिटकॉइन के क्लोन हैं, जबकि अन्य नई मुद्राएं हैं।

बिटकॉइन को 2009 में एक व्यक्ति द्वारा लॉन्च किया गया था, जिसे "सातोशी नाकामोतो" के नाम से जाना जाता है। 1 अगस्त 2021 तक, लगभग 858.9 बिलियन डॉलर के कुल मार्केट कैप के साथ 18.8 मिलियन से अधिक बिटकॉइन प्रचलन में थे। मुद्रास्फीति और हेरफेर दोनों को रोकने के लिए करेंसी किसे कहते हैं केवल 21 अरब बिटकॉइन मौजूद हैं।

बिटकॉइन की सफलता से उत्पन्न कुछ प्रतिस्पर्धी क्रिप्टोकरेंसी, जिन्हें "ऑल्टकॉइन" के रूप में जाना जाता है, में लिटकोइन, पीरकोइन और नेमकोइन, साथ ही एथेरियम, कार्डानो और ईओएस शामिल हैं। अगस्त 2021 तक, अस्तित्व में मौजूद सभी क्रिप्टोकरेंसी का कुल मूल्य 200.8 ट्रिलियन से अधिक है—बिटकॉइन वर्तमान में कुल मूल्य का लगभग 46.5% प्रतिनिधित्व करता है।

क्रिप्टोक्यूरेंसी के फायदे और नुकसान

किसी बैंक या क्रेडिट करेंसी किसे कहते हैं कार्ड कंपनी जैसे किसी विश्वसनीय तृतीय पक्ष की आवश्यकता के बिना, क्रिप्टोकरेंसी करेंसी किसे कहते हैं दो पक्षों के बीच सीधे फंड ट्रांसफर करना आसान बनाने का करेंसी किसे कहते हैं वादा करती है। इसके बजाय इन हस्तांतरणों को सार्वजनिक कुंजी और निजी कुंजी और विभिन्न प्रकार की प्रोत्साहन प्रणाली, जैसे कार्य के उपयोग द्वारा सुरक्षित किया जाता है।

क्रिप्टोक्यूरेंसी लेनदेन कई अवैध गतिविधियों, जैसे कि मनी लॉन्ड्रिंग और कर चोरी के लिए भी की जाती है। हालांकि, क्रिप्टोक्यूरेंसी अधिवक्ता अक्सर अपनी प्राइवेसी को अत्यधिक महत्व देते हैं, गोपनीयता के लाभों का हवाला देते हैं। कुछ क्रिप्टोकरेंसी दूसरों की तुलना में अधिक करेंसी किसे कहते हैं निजी होती हैं।

. अच्छा तो इसलिए डॉलर को कहते हैं दुनिया की सबसे 'ताकतवर' करेंसी, जरूर जानने चाहिए इससे जुड़े Facts

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Dollar-Rupee: डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया (Dollar-Rupee) लगातार कमजोर हो रहा है. डॉलर के करेंसी किसे कहते हैं मुकाबले 78 रुपए के नीचे फिसल चुका है. भारतीय रुपए (Indian Rupee) के अलावा दुनियाभर में दूसरी करेंसी का आकलन भी डॉलर के हिसाब से ही किया जाता है. इसलिए डॉलर को दुनिया की 'पावरफुल' करेंसी भी कहा जाता है. लेकिन, ऐसा क्यों है कि दुनिया की बाकी करेंसी की तुलना सिर्फ डॉलर से ही होती है. बहुत कम ही लोग जानते हैं कि इसके पीछे कई रोचक फैक्ट्स हैं. आइये जानते हैं.

What is a currency? करेंसी किसे कहते हैं?

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भारत में नोटों का इतिहास

पांच सौ और हजार के पुराने नोटों को हटा कर पांच सौ और दो हजार के नये नोटों का जारी होना भारत में कागजी मुद्रा के ढाई सदियों के इतिहास का नवीनतम चरण है. इस इतिहास में मुद्राओं के रंग-रूप और मूल्य कई बार बदले गये करेंसी किसे कहते हैं हैं तथा उनमें जालसाजी रोकने के लिए सुरक्षा के उपाय किये जाते रहे हैं. मौजूदा फेरबदल की पृष्ठभूमि में रुपये की लंबी यात्रा पर इन-डेप्थ की प्रस्तुति.

ब्रिटिश बैंकों ने पहले छापे नोट

मुद्रा के तौर पर आज हम जिस रुपये का प्रयोग करते हैं उसका चलन भारत में सदियों से है. फर्क सिर्फ इतना है कि तब भारत में मुद्रा के तौर पर चांदी और सोने के सिक्के चलन में थे. यह चलन 18वीं सदी के पूर्वार्ध तक बरकरार था. लेकिन जब यूराेपीय कंपनियां व्यापार के लिए भारत में आयीं तब उन्होंने अपनी सहूलियत के लिए यहां निजी बैंक की स्थापना की. और फिर इसके बाद से ही चांदी और सोने की मुद्रा की जगह कागजी मुद्रा का चलन शुरू हो गया. भारत की सबसे पहली कागजी मुद्रा कलकत्ता के बैंक ऑफ हिंदोस्तान ने 1770 में जारी की थी.

वॉलेट फीस

  • क्रिप्टो करेंसी को एक डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है. यह वॉलेट एक तरह से ऑनलाइन बैंक खाते के समान होता है जिसमें क्रिप्टो करेंसी को सुरक्षित रखा जाता है. अधिकतर वॉलेट में क्रिप्टो करेंसी के डिपॉजिट और स्टोरेज पर कोई फीस नहीं ली जाती है, लेकिन इसे निकालने या कहीं भेजने पर फीस चुकानी होती है. यह मूल रूप से नेटवर्क फीस है. अधिकतर एक्सचेंज इन-बिल्ट वॉलेट की सुविधा देते हैं.
  • क्रिप्टो वॉलेट्स सिस्टमैटिक क्रिप्टो करेंसी खरीदने का विकल्प देते हैं और इसके इंटीग्रेटेड मर्चेंट गेटवे के जरिए स्मार्टफोन व डीटीएस सर्विसेज को रिचार्ज कराया जा सकता है.
    (Article: Shivam Thakral, CEO, BuyUcoin)
    (स्टोरी में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दिए गए सुझाव लेखक के हैं. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन इनकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. निवेश से पहले अपने सलाहकार से जरूर परामर्श कर लें.)
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