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बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है

बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है
“ मेरा देश बदल रहा है आगे बढ़ रहा है ”

भारत में बिटकॉइन टैक्स के बारे में सब कुछ

बिटकॉइन एक प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी है, डिजिटल मुद्रा का दूसरा नाम जिसे भौतिक उत्पादों या सेवाओं के लिए व्यापारियों के साथ भुगतान के रूप में बदला जा सकता है। बिटकॉइन धारक एक केंद्रीकृत प्राधिकरण या बैंक को एक मध्यस्थ के रूप में कार्य करने की आवश्यकता के बिना सीधे एक दूसरे के साथ उत्पादों या सेवाओं की खरीद, बिक्री और व्यापार कर सकते हैं, इसके मूल में ब्लॉकचैन प्रौद्योगिकी के लिए धन्यवाद।

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Bitcoin क्या है | Bitcoin कैसे काम करता है

Bitcoin kya hai hindi me bataye

दुनिया में हर देश की अलग-अलग करेंसी होती है (जैसे-भारत की करेंसी रुपया है) जिसका यूज लोग सामान खरीदने के लिए करते हैं ठीक उसी तरह इंटरनेट में भी बिटकॉइन नाम की एक करेंसी होती है जिसका इस्तेमाल ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के लिए किया जाता है आज इस आर्टिकल में हम आपको बिटकॉइन के बारे में पूरी जानकारी देंगे जैसे- बिटकॉइन क्या होता है इसे कैसे और क्यों यूज किया जाता है और इसकी वैल्यू कितनी होती है.

Table of Contents

बिटकॉइन क्या है? (What is Bitcoin in Hindi?)

बिटकॉइन एक डिजिटल करेंसी है इसे वर्चुअल करेंसी भी कहते हैं क्युकी लोग इसे डिजिटल तरह से इस्तेमाल में लाते हैं और ये बाकि सब करेंसी से अलग होती है इसीलिए इसे वर्चुअल करेंसी कहते हैं बिटकॉइन को हम डॉलर या रुपया की तरह न छू सकते और न ही देख सकते हैं फिर भी इसका यूज पैसों के जैसे लेन-देन/ट्रांजेक्शन के लिए करते हैं इसे सिर्फ ऑनलाइन वोलेट में स्टोर किया जा सकता है.

Bitcoin kya hai hindi me bataye

बिटकॉइन बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है को सातोशी नाकामोटो ने 2008 में जारी किया था और 2009 में इसे ग्लोबल पेमेंट के रूप में शुरू किया गया था तब से लोगो में इसकी लोकप्रियता बढ़ रही है ये एक डिसेंट्रलाइसड करेंसी है क्युकी इसे कंट्रोल करने के लिए कोई बैंक या गवर्नमेंट अथॉरिटी नही है जिस तरह से हम सभी लोग इंटरनेट का यूज करते हैं

और इंटरनेट का कोई मालिक नही है बिटकॉइन भी ठीक सही तरह है जिसके पास बिटकॉइन होता है वो फिजिकल रूप से सामान की खरीदारी नही कर सकता है बल्कि इससे ऑनलाइन पेमेंट किया जा सकता हैं बिटकॉइन को दूसरी करेंसी में भी चेंज किया जा सकता है अगर आपके पास बिटकॉइन है

तो आप इसे अपने देश की बैंक अकाउंट में चेंज करके ट्रान्सफर कर सकते हैं आज के समय में ये दुनिया की सबसे महंगी करेंसी है कंप्यूटर नेटवर्क के द्वारा इस करेंसी को बिना किसी माध्यम के ट्रांजेक्शन किया जा सकता है डिजिटल करेंसी को डिजिटल वोलेट में रखा जा सकता है इसे क्रिप्टोकरेंसी भी कहते हैं

सिंपल करेंसी की तरह आप इसे भी प्रयोग में ला सकते हैं इसका प्रयोग आप सरकारी संगठनों बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है में दान करने, सामान खरीदने और उन्हें किसी और को भेजने के लिए भी प्रयोग में ला सकते हैं इसका इस्तेमाल कोई भी व्यक्ति कर सकता है कोई भी बैंक या सरकारी संस्था आपको ऑनलाइन बिटकॉइन भेजने से नही रोक सकती है

इसमें एक और दिक्कत होती है जैसे अगर आपके साथ कोई धोखा होता है तो आप किसी के पास इसकी शिकायत दर्ज नही करा सकते है लेकिन फिर भी दुनिया में बहुत से बड़े लोग और बड़ी-बड़ी कंपनियां इसका इस्तेमाल करती हैं.

बिटकॉइन का इस्तेमाल कहाँ और क्यों किया जाता है?

बिटकॉइन का इस्तेमाल ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने में या पेमेंट करने में किया जाता है बिटकॉइन पी टू पी पर नेटवर्क पर बेस्ड है मतलब कि दुनिया में लोग एक- दूसरे के साथ बिना किसी बैंक क्रेडिट कार्ड कंपनी के माध्यम के आसानी से ट्रांजेक्शन कर सकते हैं

आप डेबिट या क्रेडिट कार्ड से ट्रांजेक्शन करने में 2 से 3% लेन-देन शुल्क लगता है लेकिन इसमे ऐसा कुछ नही होता है इसीलिए इसकी लोकप्रियता बढ़ रही है और ये सुरक्षित भी रहता है इन्हीं सब कारणों से आज ज्यादा लोग इसे यूज में लाते है जैसे- इंटरप्रेनियुर्स, नॉट-प्रॉफिट आर्गेनाईजेशन, ऑनलाइन डेवेलोपर्स आदि इसीलिए पूरे वर्ल्ड में इसका इस्तेमाल ग्लोबल पेमेंट के जैसे किया जाता है

इसकी क्रेडिट लिमिट न होने के साथ ही आप इसे कही पर भी ले जाने में कोई दिक्कत नही होती है दुनिया में आप इसे कहीं भी यूज कर सकते हैं और ये बिलकुल सुरक्षित होता है.

बिटकॉइन की वैल्यू क्या है? (What is the value of Bitcoin?)

बिटकॉइन की वैल्यू समय-समय पर कम-ज्यादा होती रहती है क्युकी इसे कंट्रोल करने के लिए कोई बैंक या अथॉरिटी नही है इसलिए बिटकॉइन की वैल्यू उसकी मांग के अनुसार चेंज होती रहती है और सभी देशों में इसकी कीमत अलग-अलग इसकी डिमांड के अनुसार होती है.

बिटकॉइन को कैसे पाया जा सकता है?

बिटकॉइन (Bitcoin kya hai hindi me bataye) को आप दो तरीके से पा सकते हैं पहला आप पैसे देकर बिटकॉइन खरीद सकते हैं अगर आपके पास पैसे है तो, और अगर आपके पास इतने सारे पैसे नही है तो अगर आप एक बिटकॉइन नही खरीद सकते तो आप उसकी एक यूनिट सातोशी करीब सकते हैं जैसे-एक रूपये में 100 पैसे होते हैं ठीक उसी तरह इसके एक सातोशी में 10 करोड़ सातोशी होते है

इस तरह आप एक सातोशी से 1 बिटकॉइन या फिर उससे ज्यादा बिटकॉइन भी खरीद सकते हैं और आपके पास ज्यादा बिटकॉइन हो जाये तो आप उनको बेचकर ज्यादा पैसे कमा सकते हैं और आप बिटकॉइन खरीदकर उसमे इन्वेस्ट भी कर सकते हैं भारत में दो वेबसाइट ऐसी हैं जहाँ से बिटकॉइन खरीदा और बेचा जा सकता है

Zebpay.com और Unocoin.com, बिटकॉइन खरीदने के लिए आपको इनमे से किसी एक वेबसाइट पर अपना अकाउंट बनाना होता है और कुछ डॉक्यूमेंट जैसे- आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी, फोन नंबर, ईमेल और बैंक डिटेल्स भी सबमिट करना होता है

अकाउंट बनाने के बाद उस वेबसाइट से बिटकॉइन खरीदा और बेचा जा सकता है और दूसरा तरीका ये है कि बिटकॉइन माइनिंग, सिम्पली माइनिंग का मतलब होता है कि खुदाई करने पर निकले उत्पाद जैसे-सोना, कोयला आदि की माइनिंग, बिटकॉइन का कोई फिजिकल रूप नही होता है

इसलिए इसकी माइनिंग नही की जा सकती है इसीलिए नये बिटकॉइन के निर्माण करने को बिटकॉइन माइनिंग कहते हैं बिटकॉइन निर्माण कंप्यूटर पर ही सम्भव है बिटकॉइन माइनिंग बिटकॉइन मैनर्स करते है इसके लिए सिस्टम, हाई स्पीड प्रोसेसर और माइनिंग सॉफ्टवेयर की जरूरत होती है बिटकॉइन का यूज ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के लिए किया जाता है

ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने के बाद इसे वारिफाई किया जाता है और जो वारिफाई करते हैं उन्हें मैनर्स कहते है उनके पास हाई परफॉरमेंस कंप्यूटर और एक बेहतर/अच्छा हार्डवेयर होता है जिसके द्वारा ये ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को वारिफाई करते हैं मैनर्स एक अलग तरह का कंप्यूटर इस्तेमाल करके ट्रांजेक्शन को पूरा करते हैं और नेटवर्क को सुरक्षित करते हैं

इस काम के बदले में उनको कुछ कॉइन्स इनाम में मिलते हैं और इस तरह मार्केट में नये बिटकॉइन्स आते हैं ट्रांजेक्शन को वारिफाई करना आसान नही होता है इसमें बहुत से मैथमेटिकल कैलकुलेशन को हल करना काफी कठिन होता है बिटकॉइन माइनिंग कोई भी कर सकता है जिसके पास हाई स्पीड प्रोसेसर वाला कंप्यूटर होना चाहिये, माइनिंग का वर्क वो लोग कर सकते है

जिसके पास विशेष कैलकुलेशन करने वाले कंप्यूटर्स और बड़े कैलकुलेशन करने की क्षमता होती है इंडिया में भारतीय रिजर्व बैंक लोगों को इस करेंसी में निवेश करने से रोकता है क्युकी इसमें पहले से ही किसी भी प्रकार के निवेश को गैर कानूनी बताया जाता है फिर भी लोग इसमें निवेश कर रहे है

भारतीय रिज़र्व बैंक ने 24 दिसम्बर 2013 में बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी के बारे में कहा था कि इसके लेन-देन को कोई अधिकारिक अनुमति नही दी गयी है और कई स्तर पर इसका इस्तेमाल करना खतरनाक है 1 फरवरी 2017 और 5 दिसम्बर 2017 को भारतीय रिजर्व बैंक ने इसके बारे में सावधानी जारी की गयी है.

इसे भी पढ़े?

आज आपने क्या सीखा?

हम उम्मीद करते हैं कि हमारा ये आर्टिकल (Bitcoin kya hai hindi me bataye) आपको काफी पसंद आया होगा

आज इसमें हमने आपको बताया है कि बिटकॉइन क्या है कहाँ और क्यों इस्तेमाल करते हैं इसकी वैल्यू क्या है? आदि, आपको हमारी ये जानकारी कैसी लगी कमेंट करके जरुर बताइयेगा और जो इस बारे में जानना चाहते है उसके साथ भी इसे जरुर शेयर कीजियेगा.

“ मेरा देश बदल रहा है आगे बढ़ रहा है ”

आइये आप भी इस मुहीम में हमारा साथ दें और देश को बदलने में अपना योगदान दें.

बिटकॉइन क्या है? What is bitcoin in Hindi?

क्रिप्टोकरेंसी Cryptocurrency एक ऐसा डिजिटल एसेट है. जिसे सिर्फ़ वर्चुअल फॉर्म में ही देखा जा सकता है. क्रिप्टो करेंसी के ऊपर किसी का भी नियंत्रण नहीं होता है. इस क्रिप्टोकरंसी को डिजिटली फॉर्म में ही सेव किया जाता है. पिछले कई सालों बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है से क्रिप्टोकरेंसी Cryptocurrency का प्रचलन काफी बढ़ गया है.जिस समय क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत हुई थी उस समय यह सिर्फ एक आईडिया था लेकिन अब यह करोड़ों लोगों के द्वारा सबसे ज्यादा यूज की जाने वाली क्रिप्टोकरेंसी है. आज के इस आर्टिकल में हम आपको क्रिप्टोकरंसी से जुड़ी संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं.

Content At A Glance

क्रिप्टो करेंसी क्या होती है ?What is Cryptocurrency?

क्रिप्टो करेंसी एक ऐसी करेंसी है जो सिर्फ इंटरनेट पर ही मौजूद है. इस करेंसी पर किसी भी फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन या किसी व्यक्ति का कोई नियंत्रण नहीं होता है. क्रिप्टो करेंसी कंप्यूटर के एल्गोरिदम के अनुसार सिर्फ सेव की जा सकती है. आप इस करेंसी का छूकर एहसास नहीं कर सकते हैं. दुनिया भर में ऐसी ही कई सारी क्रिप्टोकरेंसीज मौजूद है जैसे बिटकॉइन, रेड कॉइन, सिया कॉइन, इथीरियम, Ripple (XRP) और मोनरो। इसमें मुनाफ़ा काफी होता हैं.कंप्यूटर नेटवर्किंग पर आधारित क्रिप्टो करेंसी पर आधारित भुगतान हेतु से निर्मित किया गया था.

बिटकॉइन क्या है ?What is bitcoin in Hindi?

बिटकॉइन(bitcoin) एक अंग्रेजी शब्द क्रिप्टो(crypto)का ही दूसरा फॉर्म है इसको साल 2008 में जापान के रहने वाले Santoshi Nakamoto ने बनाया था और फिर इस करेंसी को साल 2009 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में उतारा गया क्रिप्टोकरेंसी एक करेंसी है जो क्रिप्टोग्राफी के आधार पर चलती है. बिटकॉइन bitcoin को केवल इलेक्ट्रॉनिकली स्टोर किया जा सकता है. आज भी दुनिया भर में ऐसे बहुत लोग मौजूद हैं जिनके पास बैंकिंग सेवाएं मौजूद नहीं हैं. हालांकि, कई जगह पर इंटरनेट पहुंच चुका है तो इंटरनेट की वजह से ही इस क्रिप्टोकरंसी का अस्तित्व है.अब यह बिटकॉइन की वजह से ऐसा कर सकते हैं क्योंकि बिटकॉइन पर किसी व्यक्ति विशेष सरकार या कम्पनी का कोई स्वामित्व नहीं होता है।

बिटकॉइन माइनिंग क्या होता है ? What is bitcoin mining?

बिटकॉइन का निर्माण करना कंप्यूटर के जरिए ही संभव है. बिटकॉइन बनाने के तरीके को ही बिटकॉइन माइनिंग कहा जाता है बिटकॉइन माइनिंग बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है का साधारण मतलब होता है.कम्प्यूटिंग पावर का इस्तेमाल कर ट्रांजैक्शन प्रोसेस किया जाता है, नेटवर्क को सुरक्षित रखा जाता है साथ ही नेटवर्क को सिंक्रोनाइज भी किया जाता है। अर्थात जो बिटकॉइन बनाते हैं वह अकेला व्यक्ति ही बिटकॉइन को किसी भी हालत में कंट्रोल नहीं कर सकता है.इसके अलावा बिटकॉइन माइनिंग सॉफ्टवेयर की आवश्यकता होती है माइनरस अगर ट्रांजैक्शन को कंप्लीट कर लेते हैं तो उन्हें ट्रांजैक्शन फीस मिलती है यह ट्रांजैक्शन फीस बिटकॉइन के रूप में ही होती है एक नई ट्रांजैक्शन को कंफर्म होने के लिए उन्हें ब्लॉक में शामिल करना पड़ता है उसके साथ एक गणितीय प्रणाली होती है उससे हल करना होता है जो कि बहुत कठिन होता है।

बिटकॉइन में ट्रेड कैसे करते है ? How to Trade in bitcoin?

बिटकॉइन करेंसी को डिजिटल वॉलेट की मदद से सेव किया जा सकता है. बिटकॉइन करेंसी की कीमत दुनिया भर में एक समान होती है. क्रिप्टो करेंसी की कीमत में हर समय उतार-चढ़ाव आते रहते हैं. बिटकॉइन में ट्रेड करने के लिए सबसे पहले आपको अकाउंट बनाना होगा,ईमेल कन्फर्मेशन और एकाउंट verification के बाद आपको Trading Method का चुनाव करना है । Bitcoin Kya Hai ट्रेडिंग के लिए bitcoin trading cart है इसमें bitcoin की कीमत की हिस्ट्री होती है bitcoin में बदलाव अप्रत्याशित (unpredictable) है ।

बिटकॉइन का मूल्य (Cost is bitcoin)

बिटकॉइन का मूल्य घटता बढ़ता रहता है इसकी सबसे बड़ी दो वज़ह हैं. पहला बिटकॉइन सीमित संख्या में मौजूद है.2,10,00,000 बिटकॉइन ही माइन किया जा सकता है। ऐसे में अगर आपूर्ति से कम माँग हो तो बिटकॉइन का मूल्य घटता है और उल्टा होने पर इसका मूल्य बढ़ता है। भारत में बिटकॉइन का मूल्य फिलहाल 43,89,398.25INR है यह घटता बढ़ता रहता है.

बिटकॉइन कैसे खरीदें ? (How to buy a bitcoin?)

सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर बिटकॉइन कैसे खरीदा जाता है बिटकॉइन खरीदने के लिए दो सबसे पॉपुलर वेबसाइट है इन वेबसाइट से आप बिटकॉइन इंडियन रुपीस में खरीद सकते हैं.

Zebpay-आप बिटकॉइन की मदद से डीटीएच स्टॉप अब भी करा सकते हैं इससे ऐमेज़ॉन मेकमायट्रिप के बावजूद भी खरीद सकते हैं। किस तरीका है बिटकॉइन खरीदने का आप ऐप का इस्तेमाल कर कर भी इसे खरीद सकते हैं क्या करते हैं।

Unicoin नाम की इस वेबसाइट से अगर आप बिटकॉइन खरीदते हैं तो आपको इस वेबसाइट पर कोई भी शुल्क नहीं देना पड़ता है. आप जब चाहे यहां से बिटकॉइन खरीद सकते हैं और जब चाहे उसे सेल कर सकते हैं

बिटकॉइन के फायदे और नुकसान (Advantages and disadvantages of Bitcoin)

भारतीय रिजर्व बैंक ने 2013 में इस तरह की ट्रेडिंग को भारत में इल्लीगल बताया था हालांकि, साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट के कहने पर पुनः इसे फिर से शुरू कर दिया.

Advantages-बिटकॉइन को दुनिया भर में कहीं भी इस्तेमाल किया जा सकता है बिटकॉइन को किसी भी देश में बिना किसी कॉस्ट के उपयोग कर सकते हैं इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन में इसका उपयोग कर सकते हैं और इसमें ट्रांजैक्शन फीस भी नहीं लगती हैं।

Disadvantages– बिटकॉइन के बहुत सारे फायदे भी हैं तो उसके साथ ही इसके कई सारे नुकसान भी हैं अगर आप बहुत सारा बिटकॉइन स्टोर करते हैं और पासवर्ड भूल जाते हैं तो यह आपके लिए परेशानी बन जाती है. वही bitcoin बिटकॉइन पर किसी का नियंत्रण नहीं है तो इसका इस्तेमाल किसी भी गैरकानूनी चीज को खरीदने में किया जा सकता है।

FAQ: Frequently Asked Questions

Ans. सबसे साधारण भाषा में कहें तो बिटकॉइन एक डिजिटल करेंसी ( digital currency) है इसको सिर्फ डिजिटली ही उपयोग में लाया जा सकता है इस करेंसी पर किसी का भी नियंत्रण नहीं रहता है.

Ans. बिटकॉइन (Bitcoin) में सबसे छोटी यूनिट संतोषी होती है और 1 Bitcoin = 10,00,00,000 (करोड़) Santoshi होता है. जैसे Indian Currency में 1 रूपए = 100 पैसे होते है l बैसे ही 10 करोड़ Santoshi से मिलकर एक बिटकॉइन बनता है

Ans. क्रिप्टो करेंसी (Crypto currency) एक डिजिटल करेंसी है इसी डिसेंट्रलाइज सिस्टम के द्वारा कंट्रोल किया जाता है और क्रिप्टोग्राफी (Crystography) की मदद से उसका रिकॉर्ड रखा जाता है .

Ans. बिटकॉइन की शुरुआत 3 जनवरी साल 2009 में हुई थी इसकी शुरुआत करने वाले जापान के Santoshi Nakmoto हैं.

Ans. इसका बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है आसान जवाब है कि बिटकॉइन सीमित संख्या में मौजूद है एक आंकड़े के मुताबिक, अभी सर्कुलेशन में 18.7 मिलियन बिटकॉइन हैं और इसकी संख्या अधिक से अधिक 21 मिलियन तक जा सकती है.

Conclusion

बिटकॉइन (Bitcoin) के बढ़ते बाजार और उपयोग के कारण ये बहुत चर्चा में है हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी लेकर एक मीटिंग भी की और क्रिप्टोकोर्रेंसी (Cryptocurrency) के फायदे नुकसान के अलावा होने वाले रिस्क पर विस्तार से बात की है। What is Bitcoin in Hindi में हमने सभी बातों को ध्यान में रखकर पूरी जानकारी देने की कोशिश की है।

बिटकॉइन की बहार, आखिर क्या है वजह?

इन दिनों बिटकॉइन को लेकर चर्चा काफी तेज है. आए दिन खबर आती है कि बिटकॉइन की कीमत आसमान को छू रही है या इसे लेकर किसी बड़ी कंपनी ने कोई घोषणा की है. आखिर ऐसा क्या हुआ कि बिटकॉइन के दिन फिर गए.

कोरोना महामारी बिटकॉइन के लिए वरदान साबित हुई है. बिटकॉइन यानी डिजिटल करेंसी है जिस पर किसी बैंक या सरकार का नियंत्रण नहीं है. पिछले एक साल में बिटकॉइन ने गजब की तरक्की दिखाई है. मार्च 2020 में बिटकॉइन की कीमत $4,000 के नीचे थी, आज करीब $60,000 है और उम्मीद जताई जा रही है कि 2021 के अंत तक कीमत $1,00,000 को छू लेगी. इस तरक्की की एक बड़ी वजह ये है कि लोग निवेश के लिए विकल्प खोज रहे हैं. कोरोना महामारी के दौरान वर्क फ्रॉम होम आम हो चला और अपने मोबाइल पर एक क्लिक से बिटकॉइन खरीदने-बेचने का सिलसिला शुरू हो गया. कहा गया कि जब जिदंगी ही जूम और गूगल मीट पर डिजिटल हो चुकी है, तो करेंसी डिजिटल क्यों न हो.

इस बदलते ट्रेंड को बड़ी टेक कंपनियों ने कोरोना महामारी के शुरुआती दिनों में ही पहचान लिया था. हाल ही में दुनिया के सबसे अमीर शख्स और इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी टेस्ला के सीईओ इलॉन मस्क ने घोषणा की कि अब टेस्ला कार भी बिटकॉइन में खरीदी जा सकेगी. इसके पहले उन्होंने करीब डेढ़ अरब डॉलर का निवेश बिटकॉइन के लिए किया था. मस्क उन शख्सियतों में से रहे हैं जिन्होंने डिजिटल करेंसी का हमेशा से समर्थन किया है. तब भी जब बड़े अर्थशास्त्री और टेक कंपनियां इसके विरोध में थीं.

ब्लॉकचेन का इस्तेमालतस्वीर: Imago/Reporters/Eureka

बैंकों का समर्थन

डिजिटल करेंसी या क्रिप्टोकरेंसी के एक अन्य समर्थक ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी हैं. उन्होंने हाल ही में अपना पहला ट्वीट एनएफटी (नॉन फंजिबल टोकन--एक किस्म की डिजिटल करेंसी) के जरिए करीब 29 लाख डॉलर में बेचा है. यही नहीं, बैंकिग सिस्टम को खुली चुनौती देने वाली डिजिटल करेंसी को अब बैंकों का ही समर्थन हासिल होने लगा है. अमेरिकी बैंक गोल्डमैन सैक्स ने पिछले दिनों घोषणा की कि वह अपने खास क्लाइंट्स को बिटकॉइन ऑफर करेगी. एक साल पहले तक ऐसा सोचना नामुमकिन बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है था क्योंकि गोल्डमैन सैक्स का मानना था कि बिटकॉइन सिर्फ एक बुलबुला है जो जल्दी फूट जाएगा और इसे शेयर, बॉन्ड या सोने में निवेश के तौर पर न देखा जाए.

डिजिटल करेंसी को बड़ी टेक कंपनियों और बैंकों का समर्थन मिलना बताता है कि उन्होंने ब्लॉकचेन, यानि वह तकनीक जिस पर बिटकॉइन व अन्य डिजिटल करेंसी काम करती हैं, को समझा है. आसान भाषा में ब्लॉकचेन वह तकनीक है जिस पर डेटा सेव होता है और उससे छेड़छाड़ नामुमकिन है और इसलिए यह भरोसेमंद है. टेस्ला और ट्विटर के समर्थन ने बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है बिटकॉइन की इमेज बदल कर रख दी है.

डिजिटल करेंसी की छवि

बिटकॉइन के ट्रांजेक्शन के वक्त क्योंकि बैंक जैसा कोई बिचौलिया नहीं होता है, इसलिए इसकी छवि हमेशा से संदेह के दायरे में रहती थी. बिटकॉइन को डार्क वेब, आतंकी गतिविधियों, ड्रग्स के लेन-देन जैसे कारनामों में भी इस्तेमाल होते देखा गया है. इसके अलावा, टैक्स को लेकर कोई एक राय न बन पाने से सरकारें इसे रेगुलेट नहीं कर पा रही हैं.

इसके अलावा, जो सबसे चिंताजनक बात है, वह है बिटकॉइन के निर्माण के दौरान खर्च होने वाली बिजली. जिस तरह रुपये या डॉलर के नोट को सेंट्रल बैंक ईश्यू करता है, उसी तरह बिटकॉइन को भी क्रिएट किया जाता है. इसे बिटकॉइन माइनिंग कहते हैं. बिटकॉइन माइनिंग के दौरान अलग-अलग कंप्यूटरों पर एक खास किस्म के हार्डवेयर के साथ दुनियाभर में हो रहे बिटकॉइन ट्रांजेक्शन को वेरिफाई किया जाता है. इसे करने वाले आईटी एक्सपर्ट होते हैं जो करीब 10 मिनट के अंदर मैथमैटिकल प्रॉब्लम को सुलझा कर हर लेन-देन को वेरिफाई करते हैं. इसके बदले उन्हें पैसे मिलते हैं, जो बिटकॉइन में होते हैं. इस तरह, हर बिटकॉइन के लेन-देन बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है के वेरिफिकेशन के बाद कई अन्य बिटकॉइन पैदा होते हैं.

टेस्ला और बिटकॉइनतस्वीर: STRMX/STRF/STAR MAX/IP/picture alliance

पर्यावरण को नुकसान

यह प्रक्रिया सुनने में जितनी दिलचस्प लगती है, हकीकत में उतनी ही खर्चीली और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली होती है. बिटकॉइन के निर्माण में एक-दो नहीं बल्कि बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है हजारों कंप्यूटर एक साथ इस्तेमाल किए जाते हैं. कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के मुताबिक, बिटकॉइन माइनिंग इतनी बिजली खपाता है जितनी स्विट्ज़रलैंड एक साल में बिजली पैदा करता है.

क्लाइमेट चेंज और पर्यावरण को लेकर मुखर लोग बिटकॉइन के पूरी थ्योरी को ही नकारते हैं. उन्हें इसका इस्तेमाल समझ नहीं आता क्योंकि दुनियाभर में अमीरी-गरीबी की खाई इतनी गहरी है और समाज का एक हिस्सा ऐसा भी है जहां तक अभी तक बिजली जैसी बुनियादी जरूरत नहीं पहुंच पाई है. पर्यावरणविदों का मानना है कि डिजिटल करेंसी को लेकर ऐसा पागलपन और एक खास तबके का बिजली का यूं लापरवाही से इस्तेमाल करना, अन्याय है. इसमें कोई हैरानी नहीं होगी अगर अगले क्लाइमेट समिट में बिटकॉइन के विरोध में नारे लगें.

टेस्ला और बिटकॉइन का मेल

लेकिन पर्यावरणविदों के इन अभियान पर टेस्ला के मालिक इलान मस्क ने पानी फेर दिया है. इलेक्ट्रिक कार बनाने वाले कंपनी टेस्ला हमेशा से ग्रीन एनर्जी की समर्थक रही है. क्रिप्टो एक्सपर्ट प्रो. डेविड येरमैक का कहना है कि आज किसी भी करोड़पति का लगाव टेस्ला कार और बिटकॉइन दोनों के लिए है और वह दोनों को रखना चाहता है. उनका मानना है कि जल्द ही बिटकॉइन को लेकर आम लोगों की धारणा और बदलेगी. बिटकॉइन माइनिंग के लिए हाइड्रो इलेक्ट्रिक या जियो थर्मल पावर का इस्तेमाल बढ़ रहा है, जो सराहनीय है.

इसमें कोई शक नहीं है कि बिटकॉइन जिसे भविष्य की करेंसी कहा जाता है, अब अपने ऊंचाई की ओर बढ़ चला है. इसकी कीमत में तेजी से उछाल और ढलान ही इसकी खासियत है. आने वाले दिनों में टेक कंपनियों के दखल से इसे मुख्यधारा में आने का मौका मिलेगा और यह पारंपरिक बाजार के नक्शे को बदल सकता है.

बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है

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How to predict the biggest cryptocurrencies’ price

So now that you’re fully briefed on trading cryptocurrencies, it’s time to learn more about the currencies we offer.

Bitcoin

Bitcoin is the first digital currency, created back in 2009. Bitcoin is one of the most volatile and popular instruments among cryptocurrencies.

Bitcoin Cash

Bitcoin Cash, a fork of Bitcoin, is an altcoin that was issued in 2017. Intraday traders usually focus on Bitcoin Cash during the Tokyo and London trade sessions, when it’s most volatile.

Ethereum

Ethereum is a system that supports smart contract technologies to invest in the ICOs of new start-up companies. The more start-ups are interested in Ethereum, the more expensive it becomes. Technical analysis figures work well with Ethereum.

Litecoin

Litecoin was first issued in 2011 and is quite similar to Bitcoin. The Litecoin price greatly depends on Bitcoin. That makes it possible to use the pairs with Bitcoin as the main currency to successfully forecast Litecoin changes.

Ripple

Ripple, often referred to as XRP, was released in 2012 and since then it became one of the largest cryptocurrencies. It demonstrates decent volatility, which attracts many day traders.

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