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एक सिर और कंधे पैटर्न क्या है

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शिशु विकासात्मक माइल्सटोन चार्ट: 1 से 6 महीने

ये शिशु विकास माइल्सटोन चार्ट आपको इस बात का अंदाजा देते हैं कि जन्म के बाद शुरुआती छह महीनों में हर चरण पर आप शिशु से क्या उम्मीद कर सकती हैं। ध्यान में रखें कि हर शिशु का विकास अलग तरीके से होता है। यदि आपको शिशु के विकास के बारे में कोई चिंता हो तो डॉक्टर से सलाह लें।

शिशु माइल्सटोन: 1 महीना

  • पेट के बल लेटने पर सिर उठाता है
  • आवाज पर प्रतिक्रिया करता है
  • चेहरों को घूरकर देखना
  • रोशनी की तरफ सिर घुमाता है
  • काले व सफेद पैटर्न देख सकता है
  • चीजों का अनुकरण करता है
  • ऊह-आह की आवाज करता है
  • मुस्कुराता है
  • सिर को 45 डिग्री के कोण तक उठाता है

शिशु माइल्सटोन: 2 महीने

  • अब धीमी सी प्यारी आवाजें निकाल सकता है
  • चेहरे के पास लाने पर चीजों और चेहरों का अनुकरण करता है
  • थोड़े समय के लिए सिर को ऊपर उठाता है
  • आपकी आवाज को पहचानता है
  • मु​स्कुराकर प्रतिक्रिया देता है
  • सिर को 45 डिग्री के कोण तक उठाता है
  • हरकतें या गतिविधियां काफी सहज हो जाती हैं
  • सिर को स्थिरता से उठाता है
  • टांगों पर अपना वजन संभाल पाता है
  • सिर और कंधे भी उठा सकता है (मिनी-पुश अप)

शिशु माइल्सटोन: 3 महीने

  • स्थिरता से सिर उठा लेता है
  • आपके चेहरे को पहचानता है
  • छोटे पुश-अप करता है
  • हंसता और मुस्कुराता है
  • ऊंची आवाज की तरफ पलटकर देखता है
  • दोनों हाथों को एक साथ मिला सकता है और खिलौनों पर मार एक सिर और कंधे पैटर्न क्या है सकता है
  • पेट से पीठ के बल पलट सकता है

शिशु माइल्सटोन: 4 महीने

  • स्थिरता से सिर ऊपर उठाता है
  • टांगों पर वजन संभाल सकता है
  • आप जब बात करते हैं तो प्यार भरी आवाज निकालता है
  • छोटे पुश-अप करता है
  • हाथ बढ़ाकर चीजों या खिलौनों को पकड़ सकता है
  • आवाजों की नकल करता है, बा..बा, दा..दा, डा..डा जैसी आवाजें निकाल सकता है
  • पेट से पीठ के बल पलट सकता है

शिशु माइल्सटोन: 5 महीने

  • गहरे और स्पष्ट रंगों को पहचान सकता है
  • पेट से पीठ के बल पलट सकता है
  • अपने हाथों और पैरों के साथ खेलकर खुश होता है
  • नई आवाजों की तरफ मुड़कर देखता है
  • कुछ क्षणों के लिए बिना सहारे बैठ सकता है
  • पीठ से पेट के बल पलट सकता है
  • चीजों को मुंह में लेता है
  • अनजान व्यक्ति को देखकर व्याकुल हो सकता है

शिशु माइल्सटोन: 6 महीने

  • आवाजों और ध्वनि की ओर पलटता है
  • आवाजों की नकल करता है, फूंक मारकर बुलबुले बनाता है खाने के लिए तैयार होता है
  • चीजों तक पहुंच कर उन्हें मुंह में लेता है
  • दोनों दिशाओं में पलट सकता है
  • अपना नाम पहचानता है
  • आगे की तरफ बढ़ सकता है या घुटनों के बल चलना शुरु कर सकता है
  • बड़बड़ा सकता है या अक्षरों को जोड़कर बोल सकता है
  • चीजों को अपनी तरफ घसीट सकता है
  • बिना सहारे के बैठ सकता है

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हरियाणा की पारंपरिक वेशभूषा

हरियाणा की पारंपरिक पोशाक जीवंत और रंगीन है जो उनकी संस्कृति, परंपरा और जीवन शैली को व्यक्त करती है। पुरुषों के लिए, हरियाणा की पारंपरिक पोशाक धोती-कुर्ता-पगड़ी है और राज्य की महिलाएं कुर्ती-घाघरा-ओढ़नी पहनती हैं। नीचे उनकी संस्कृति और परंपरा को प्रदर्शित करने के लिए हरियाणा के पारंपरिक परिधानों के बारे में विवरण दिए गए हैं।

पुरुषों के लिए हरियाणा की पारंपरिक पोशाक
धोती हरियाणवी पुरुषों के लिए शुद्ध पारंपरिक पोशाक है। यह कपड़े का एक लंबा टुकड़ा होता है जिसे कमत के चारों ओर लपेटकर पहना जाता है। अधिकांश समय, धोती का रंग सफेद होता है। धोती के साथ-साथ पुरुष सफेद रंग का कुर्ता पहनते हैं। हरियाणवी पुरुषों के लिए सफेद धोती और कुर्ता पहनना स्टेटस सिंबल है। पगड़ी पुरुषों के लिए एक एक टोपी है। यह लंबे कपड़े का टुकड़ा होता है, जिसे सिर के चारों ओर लपेटा जाता है। हालांकि, हाल के दिनों में, केवल पुराने ग्रामीण पगड़ी पहनते हैं। पुरुषों के लिए हरियाणा के पारंपरिक जूते जूटी हैं। जट्टी मोजरियों के समान हैं। यह केवल आधे पैरों के सामने तक जूते बंद है और इस तरह इसे पहनना आसान है। सर्दियों के दौरान, हरियाणा के पुरुषों को चद्दर नामक कंबल मिलते हैं, जिन्हें उनके एक कंधे पर लपेटा जाता है।

महिलाओं के लिए हरियाणा की पारंपरिक पोशाक
हरियाणवी महिलाएं कुर्ती-घाघरा-ओढ़नी पहनती हैं। कुर्ता एक शर्ट की तरह होता है, जो कपास से बना होता है और आस्तीन आमतौर पर लंबे होते हैं। कुर्ती आमतौर पर सफेद रंग की होती है। घाघरा को मुख्य रूप से हरियाणा में दमन कहा जाता है। यह एक लंबी, मुफ्त, भड़कीली स्कर्ट है, जिस पर विभिन्न पैटर्न और डिजाइन हैं। उन पर विभिन्न प्रकार के चमकीले रंगों का उपयोग किया जाता है। उनके निचले सिरे पर एक सीमा भी हो सकती है। ओढ़नी या चंदर कपड़े का एक लम्बा टुकड़ा होता है जिसे महिलाएं अपने परिधान में पहनती हैं। चुंदर्स में विभिन्न सीमाओं के साथ रंगीन सीमाएं हैं। महिलाएं अपने सिर को ढकने के लिए एक छोर का उपयोग करती हैं और दूसरा छोर सामने की तरफ उनकी कमर में टिक जाता है। अहीर एक सिर और कंधे पैटर्न क्या है समुदाय से संबंधित महिलाएँ अंगिया को लेहंगों के साथ पहनती हैं। एंगिया एक तंग फिटिंग ब्लाउज है जो महिलाओं को अपने टॉरोस को कवर करने के लिए था। ब्लाउज धड़ पर सिर्फ आधा आता है।

सिर के पिछले हिस्से में दर्द के क्या कारण हो सकते हैं? डॉक्टर से जानें क्यों खतरनाक है इसे नजरअंदाज करना

Anju Rawat

Written by: Anju Rawat Updated at: Jan 07, 2022 14:55 IST

 सिर के पिछले हिस्से में दर्द के क्या कारण हो सकते हैं? डॉक्टर से जानें क्यों खतरनाक है इसे नजरअंदाज करना

headache back of head : आजकल अधिकतर लोग सिर दर्द की समस्या का सामना कर रहे हैं। सिर दर्द छोटी उम्र से लेकर अधिक उम्र तक के लोगों को परेशान करता है। वैसे तो सिर में दर्द, माथे में दर्द, कनपटी में दर्द या फिर पूरे सिर में कही भी दर्द हो जाता है। यानी सिर दर्द कई तरह का होता है। लेकिन आज हम बात कर रहे हैं, सिर के पिछले हिस्से एक सिर और कंधे पैटर्न क्या है में होने वाले दर्द के बारे में (Headache in Back of Head )-

नींद पूरी न हो पाना, आंखें कमजोर होना, स्ट्रेस या तनाव में रहना, अधिक शोर में रहना सामान्य सिर दर्द का कारण होता है। लेकिन अगर आप बार-बार सिर के पिछले हिस्से में होने वाले दर्द से परेशान हैं, तो इसे नजरअंदाज न करें। क्योंकि सिर के पिछले हिस्से में होने वाले दर्द के पीछे कई गंभीर कारण हो सकते हैं। बालाजी सुपरस्पेशलिटी अस्पताल, गाजियाबाद, ब्रेन एंड स्पाइन इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर डॉक्टर अभिनव गुप्ता से जानें सिर के पिछले हिस्से में क्यों दर्द होता है? (sir ke pichle hisse me dard)

1. क्लस्टर सिरदर्द (cluster headache in hindi)

क्लस्टर सिरदर्द अलग-अलग पैटर्न में हो सकता है। कई बार क्लस्टर सिरदर्द दिन में कई बार हो जाता है, तो कुछ स्थिति में किसी विशेष समय पर ही यह दर्द उठता है। यह सिरदर्द कुछ महीने के अंतराल में भी हो सकता है। क्लस्टर सिर दर्द आंख के आस-पास के हिस्से, कनपटी या फिर सिर के पिछले हिस्से में हो सकता है। क्लस्टर सिरदर्द में अधिकतर लोग सिर के पीछे वाले हिस्से में दर्द का अनुभव करते हैं।

stress headache

2. तनाव सिरदर्द (stress headache symptoms in hindi)

जब कोई व्यक्ति लगातार लंबे समय तनाव, स्ट्रेस में रहता है, तो वह तनाव सिरदर्द का अनुभव कर सकता है। आजकल लोगों में तनाव सिरदर्द के मामले बढ़ते जा रहे हैं। तनाव सिरदर्द में सिर के पिछले हिस्से में दर्द होता है। इसके अलावा यह गर्दन में दर्द का भी कारण बनता है। इसके अलावा लंबे समय तक मोबाइल चलाना, झुककर बैठे रहना भी तनाव सिरदर्द का कारण होता है। इसमें गर्दन और कंधे में भी दर्द हो सकता है। इस तरह के सिरदर्द में मांसपेशियों में तनाव पैदा होता है।

3. साइनसाइटिस (sinusitis symptoms)

वैसे तो साइनसाइटिस का दर्द माथे पर होता है। लेकिन साइनस की समस्या बढ़ने या सूजन आने पर रोगी को सिर के पिछले हिस्से में भी दर्द होने लगता है। दरअसल, इस दौरान व्यक्ति को सांस लेने के लिए अधिक जोर लगाना पड़ता है। इस दौरान सिर दर्द होने लगता है। यह दर्द सिर के पीछे, माथे, नाक के आस-पास महसूस किया जा सकता है।

4. ऑक्सीपिटल नेयुरेल्जिया (occipital neuralgia causes)

यह दर्द सिर के ऑक्सीपिटल नर्व्स से संबंधित होता है। यह दर्द बेहद पीड़ादायक होता है। इस स्थिति में सिर के पिछले हिस्से में दर्द उठता है। यह दर्द आंखों तक महसूस हो सकता है। इसलिए इस दर्द के महसूस होने पर आपको तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए।

5. लिम्फ नोड्स में सूजन (swollen lymph nodes in neck)

लिम्फ नोड्स में सूजन के वजह से भी सिर के पिछले हिस्से में दर्द हो सकता है। दरअसल, कान के पीछे लिम्फ नोड होते हैं, जब ये नोड्स सूज जाते हैं तो दर्द का अहसास होता है। यह दर्द काफी कष्टदायक होता है।

6. वर्टिब्रल आर्टरी डाईसेक्शन (vertebral artery dissection symptoms)

वर्टिबल आर्टरी गर्दन की मुख्य आर्टरी होती है। जब इस आर्टरी पर दबाव पड़ता है, तो दर्द का अनुभव होता है। यह दर्द सिर के पिछले हिस्से के दर्द का कारण भी बन सकता है। धीरे-धीरे यह सिर से पीछे हिस्से से होते हुए जबड़े तक आता है।

अगर आप भी किसी तरह के सिर दर्द से परेशान हैं, तो इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें। क्योंकि सिर दर्द सामान्य से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं। ऐसे में डॉक्टर सिर दर्द की जांच से पता लगाते हैं कि सिर दर्द किसी गंभीर समस्या के कारण तो नहीं है। कुछ दिनों तक लगातार सिर के पीछे हिस्से में दर्द होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

(main image source: helpguide.org)

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Right position to sleep: सोने का सही पोजिशन क्या है? खर्राटे से लेकर कमर दर्द तक से बचने के लिए जानिए कैसे लेटें

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नींद न आने से लेकर खर्राटे और कमर दर्द की समस्या केवल आपके सोने के पैटर्न की वजह से भी हो सकती है। सोने का गलत तरीका जहां आपको कई बीमारियों का शिकार बनाता है, वहीं सोने का सही एक सिर और कंधे पैटर्न क्या है तरीका आपकी गंभीर समस्याओं को दूर करने वाला भी होता है। तो क्या आप सही पोजिशन में सो रहे हैं?

सोने का सही पोजिश क्या है?- Good Sleeping Position
अगर आप पेट के बल सोते हैं तो ये सोने की सबसे खराब पोजिशन मानी जाती है। पेट के बल सोने से पीठ से लेकर कमर और पैर दर्द तक की समस्या हो सकती है। करवट सोना भी कई बीमारियों के लिए बेस्ट है, लेकिन, लेकिन ये बेस्ट पोजिशन नहीं है। बेस्ट पोजिशन है पीठ के बल सोना वह भी जमीन पर। पीठ सीधी करके सोना आपकी रीढ़ को सही कोण में रखता है। करवट लेकर सोना कूल्हों पर दबाव डालता है। पीठ के बल सोते हुए अगर आप घुटनों के नीचे नरम तकिया या मुड़ा हुआ कंबल रखकर सोएं तो ये आपकी कई समस्याएं दूर कर सकता है।

खर्राटों से मुक्ति के लिए- अगर आप खर्राटे लेते हैं तो आपके लिए सही पोजिशन करवट लेकर सोना होगा। हालांकि, दोनों ही करवट सोना चाहिए, ताकि किसी एक तरफ के अंग पर विशेष दबाव न पड़े। खर्राटे लेने वालों के लिए पीठ के बल सोना सही नहीं होता, क्योंकि बल लेटने से जीभ और अन्य कोमल ऊतक गले की ओर चले जाते हैं जिससे वायुमार्ग संकुचित होने लगती है और खर्राटे आ सकते हैं।

कमर दर्द से बचाव के लिए- करवट लेकर सोने से कमर दर्द भी कम होता है। इसके अतिरिक्त यदि आप करवट लेकर सोते हैं, तो अपनी रीढ़ को भी आराम मिलता है। सोने की यह मुद्रा भी कंधे के दर्द से छुटकारा पाने में भी मदद करती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक बाईं तरफ करवट लेकर सोने की आदत आपके लिए कई स्तर से फायदेमंद हो सकती है।

पाचन प्रक्रिया में सुधार के लिए- पीठ के बल सोने से ज्यादा करवट लेकर सोने की आदत आपके पाचन शक्ति को बढ़ाने में भी मददगार हो सकती है। करवट लेकर सोना, पेट के एसिड को बढ़ने से रोककर पाचन को बढ़ावा देने में सहायक हो सकता है। करवट सोने से यह सुनिश्चित होता है कि गुरुत्वाकर्षण आपके पेट के एसिड को ऊपर की ओर बहने से रोकेगा।

सिर और गर्दन दर्द से राहत -पीठ के बल सोने या फिर लेटने से आपका शरीर एकदम सीधा रहता है जिसकी वजह से गर्दन की मांसपेशियों पर प्रेशर नहीं होता। इससे गर्दन में खिंचाव या गर्दन के कारण सिर में होने वाला दर्द भी नहीं होता।

एसिडिटी से बचाव के लिए- यह सोने की वह अवस्था है जिसमें आपके पेट की स्थिति ठीक रहती है। इससे पेट में एसिडिटी नहीं बढ़ती।

डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए दिए गए हैं और इसे आजमाने से पहले किसी पेशेवर चिकित्सक सलाह जरूर लें। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने, एक्सरसाइज करने या डाइट में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

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